केले के पेड़ का क्या महत्व है? - kele ke ped ka kya mahatv hai?

पुराणों में अगहन को पवित्र महीना बताया गया है। ये श्री कृष्ण का प्रिय महीना है। इसलिए मार्गशीर्ष मास में भगवान विष्णु और केले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा बताई गई है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं में भी पेड़-पौधों को पूजने का बहुत महत्व है। इन वृक्षों में केले का पेड़ भी पूजनीय है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए अगहन महीने में केले की जड़ में पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं।

केले के पेड़ की पूजा से पूरी होती मनोकामना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में साक्षात देव गुरु बृहस्पति वास करते हैं तो कि भगवान विष्णु के ही अंश माने जाते हैं। इसलिए अगहन महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद भक्त केले की जड़ में फूल, चंदन और जल चढ़ाकर केले की पूजा करते हैं।
पिछले महीने की 21 तारीख से देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन हो चुका है। गुरु, मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसलिए सर्वकार्य सिद्धि के लिए इस पूजा का भी महत्व है।

दुर्वासा ऋषि से जुड़ी है पौराणिक कथा
ऋषि दुर्वासा बहुत क्रोधी ऋषि थे। ऋषि अंबरीष की बेटी कंदली से उनका विवाह हुआ था। एक बार कंदली से ऋषि दुर्वासा की आज्ञा की अवहेलना हो गई। इससे वे कंदली पर बहुत क्रोधित हुए और उन्हें भस्म होने का श्राप दे दिया। शाप से कंदली राख बन गईं। बाद में ऋषि भी इस घटना पर दुखी हुए।

जब कंदली के पिता ऋषि अंबरीश आए तो अपनी पुत्री को राख बना देखकर बहुत दुखी हुए। तब दुर्वासा ऋषि ने कंदली की राख को वृक्ष में बदल दिया और वरदान दिया कि अब से हर पूजा व अनुष्ठान में इसका विशेष महत्व होगा। इस तरह केले के वृक्ष का जन्म हुआ और केले का फल हर पूजा का प्रसाद बना। वृक्ष पूजनीय मान्य हुआ।

केले को प्राचीन समय से ही पूज्य और पवित्र माना गया है। सनातन धर्म में केले का पौधा पूजनीय माना गया है। केले के फल, तना और पत्तों को हमारे पूजा विधान में अनेक तरह से उपयोग किया जाता है। यह शुभ और पवित्रता का प्रतीक है। केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। केले का पेड़ भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसीलिए हिंदू केले के पेड़ की पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 


मांगलिक दोष वाले व्यक्ति की अगर केले के पेड़ से शादी की जाए तो उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। किसी पूजा में या मांगलिक कार्यों में दरवाजे पर केले के पत्तों को लगाना बहुत शुभ होता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख व समृद्धि आती है। वैवाहिक जीवन सुखी होता है। अगर आप पुखराज रत्न धारण नहीं कर सकते तो केले की जड़ पहन लें, इससे भी उतना ही लाभ होगा। 


केले के पौधे और पत्तों का महत्त्व / Importance of banana plants and leaves

कदली व्रत में इस पेड़ की पूजा होती है तो कथा-पूजन में केले के पत्ते सजाए जाते हैं। ऋषि पंचमी के दिन केले के पत्ते पर चंदन से सप्त ऋषियों के प्रतीक-चिह्न बनाकर उनकी पूजा की जाती है। श्री सत्यनारायण की कथा में भी केले के पत्तों का मंडप बनाया जाता है। दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है।

केले का पत्ता भगवान लक्ष्मी नारायण को अति प्रिय है. कहते हैं कि केले के पेड़ में श्री हरि साक्षात वास करते हैं. इसीलिए केले का पेड़ ने केवल आपके घर में शुभता लाता है, बल्कि आपकी धन संबंधी समस्या को भी दूर करता है. केले के फल को शास्त्रों में रंभा फल भी कहा गया है. साथ ही केले के पेड़ के उपाय कुंडली में देव गुरू बृहस्पति की प्रसन्नता भी दिलाते हैं.

केले के पौधे का महत्व-
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो केले के पौधे का पूजन करने वाले व्यक्ति का जीवन धीरे-धीरे समस्याओं से मुक्त हो जाता है. और श्रीहिर की कृपा से शुभता और संपन्नता का वरदान भी मिलता है. तो आइए जानते हैं कि धर्म और ज्योतिष में केले का पौधा क्यों इतना महत्वपूर्ण है.

  • शास्त्रों में तुलसी के बाद केले के पौधे को विशेष शुभ माना गया है 
  • इसका सम्बन्ध बृहस्पति ग्रह से जोड़ा जाता है 
  • शुभ कार्यों में केले के पौधे का मंडप और तोरण बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है
  • देव कार्यों में या देवताओं के लिए केले के पत्ते पर ही भोजन का नियम है 
  • केले की जड़ को पीले धागे में बांधकर धारण करने से बृहस्पति मजबूत होता है 

केले का पौधा लगाने के लाभ-
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो केले के पौधे का संबंध बृहस्पति से है. इसलिए केले के पौधे से बृहस्पति की लगभग हर समस्या का समाधान हो सकता है. अगर आपकी कुंडली का बृहस्पति कमजोर है और आपको तरह-तरह की समस्याएं दे रहा है. तो घर में केले का पौधा लगाने से आपको लाभ मिल सकता है.

  • बृहस्पति सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं 
  • घर में संतान पक्ष हमेशा सुखी और संपन्न रहता है 
  • घर में शादी में देरी की समस्या भी नहीं होती है
  • दाम्पत्य जीवन में भी कठिनाइयां नहीं आती हैं
  • कुंडली का बृहस्पति मज़बूत होता है 
  • जीवन में हर ओर से संपन्नता आती है

कैसे करें केले के पौधे की पूजा-
मान्यता है कि केले के पौधे में श्रीहरि का वास होता है और गुरु ग्रह बृहस्पति से भी केले का संबंध है. इसलिए इस दिव्य पौधे के पूजन की विधि भी विशेष है. तो क्या है केले के पौधे के पूजन की उत्तम विधि. खुद ही देख लीजिए...

  • बृहस्पतिवार को सुबह नहाकर पीले कपड़े पहनें
  • केले के पौधे में जल डालें और केले के पौधे की 9 बार परिक्रमा करें
  • केले के पौधे के सामने गुड़ और चने का भोग लगाएं 
  • फिर वहीं बैठकर बृहस्पति या श्री हरि विष्णु के मन्त्रों का जाप करें 
  • स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों को भी प्रसाद बांटें 

 मान्यता है कि घर की सुख समृद्धि के लिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाया जाता है. इससे परिवार में संपन्नता आती है. शुभ कार्यों में केले का मंडप और तोरण बनाने की परंपरा है. शास्त्रों में देवताओं को केले के पत्ते में ही भोग लगाने का प्रावधान है. दक्षिण भारत के कई हिस्सों में केले के पत्तों पर ही भोजन की परंपरा है. मान्यता है केले की जड़ में पीला धागा बांधने से बृहस्पति मजबूत होता है. 

केले के पौधे का विशेष प्रयोग-
इस पौधे की पूजा उपासना जन्म-जन्मांतर के कष्ट दूर कर सकती है. केले के पौधे की उपासना से बृहस्पति ग्रह भी शुभ फल देता है.
केले के पत्ते पर भोजन करने से भोजन की पवित्रता बनी रहती है 

  • केले के पत्ते पर बैठकर मंत्र जप करने मंत्र तत्काल प्रभावशाली हो जाते हैं 
  • केले के पत्ते के मंडप में किए हुए कार्यों के परिणाम बहुत शुभ होते हैं 
  • केले के पौधे की जड़ को पीले धागे में गले में धारण करने से बृहस्पति मजबूत होता है 
  • बृहस्पतिवार को केले के पौधे की पूजा करने से शादी से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं
  • केले के पौधे में नियमित जल डालें, इससे संतान की तमाम समस्याएं हल होती हैं 
  • बृहस्पतिवार को व्रत करने और केले का पूजन करने से जीवन में संपन्नता आती है

केले के पौधे की पूजन विधि-
बृहस्पतिवार के व्रत में भगवान विष्णु को केले के फल का भोग लगाया जाता है. और इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है. व्रत में केले की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन केला नहीं खाया जाता है. केले की पवित्रता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पुराने समय में इसके तने से निकाले गए पानी से ही उपवास के लिए पापड़ आदि पदार्थ बनाए जाते थे. तो आइए अब केले के पौधे की विशेष पूजन विधि आपको बताते हैं.

  • सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें 
  • केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं
  • हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ समर्पित करें
  • अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजें चढ़ाएं 
  • केले के पेड़ की परिक्रमा करें
  • घर के आंगन के केले के वृक्ष को छोड़ किसी दूसरे पेड़ की ही पूजा करना चाहिए

कहते हैं केले के वृक्ष में साक्षात भगवान विष्णु का वास होता है. भगवत पूजा में इसका उपयोग करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि और शांति का वर प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

केले के पौधे का क्या महत्व है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। यह वृक्ष शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। गुरुवार को केले के पेड़ पर जल और कच्चा दूध चढ़ाने से गुरु ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं।

केले के पेड़ में कौन से भगवान का वास होता है?

-हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, केले के पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और गुरुदेव बृहस्पति का वास होता है.

केले का पेड़ घर में लगाना शुभ होता है क्या?

नई दिल्ली, Vastu Tips For Banana Tree: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की तरह ही केले के पेड़ को पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। इसलिए इसे घर में लगाना काफी शुभ माना जाता है।

केले के पेड़ की पूजा क्यों करते हैं?

यह शुभ और पवित्रता का प्रतीक है। केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। केले का पेड़ भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसीलिए हिंदू केले के पेड़ की पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं