धनिया में कौन सा विटामिन मिलता है? - dhaniya mein kaun sa vitaamin milata hai?

भारतीय भोजन में धनिया पत्ती का इस्तेमाल मुख्यरूप से खाने को सजाने के लिए किया जाता है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल किसी दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर सब्जी बनाने में भी करते हैं. धनिया की पत्ती को चटनी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.

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भारत समेत लगभग संपूर्ण विश्व में ये शौक से इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इसे इस्तेमाल करने से पूर्व इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि पत्तियां अच्छी तरह से साफ की गई हों . वरना इसमें मिट्टी के कण लगे रह जाएंगे. जो कई बीमारियों को न्योता दे सकते हैं.

धनिया की पत्ती से प्राप्त पोषण
धनिया के बीज में कई phytonutrients पाए जाते हैं. ये डाइट्री फाइबर्स का भी एक प्रमुख सोर्स है. इसके अलावा इसमें मैगनीज, आयरन, मैग्न‍िशियम भी भरपूर मात्रा में होता है. ये विटामिन सी, विटामिन के और प्रोटीन का भी अच्छा सोर्स है. इसमें बहुत कम मात्रा में कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, थायमिन और कैरोटीन भी पाया जाता है.

धनिया के पत्ते से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
1. ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल को कम करने और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है.

2. पाचन तंत्र के लिए भी ये विशेष रूप से फायदेमंद है. ये लीवर की सक्रियता को बढ़ाने में मदद करता है.

3. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी ये काफी फायदेमंद होता है. ये ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है.

4. इसमें मिलने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स रेडिकल डैमेज में सुरक्षा प्रदान करने का काम करते हैं.

5. इसमें मौजूद विटामिन के अल्जाइमर की बीमारी में फायदेमंद होता है.

6. धनिया पत्ती में anti-inflammatory गुण पाया जाता है. जिसकी वजह से ये अर्थराइटिस में भी बहुत उपयोगी होता है.

7. मुंह के घाव को ठीक करने में भी ये काफी कारगर होता है. इसमें मौजूद एंटी-सेप्ट‍िक गुण मुंह के घाव को जल्दी भरने का काम करता है.

8. नर्वस सिस्टम को सक्रिय बनाए रखने में भी धनिया की पत्ती काफी फायदेमंद होती है.

9. त्वचा संबंधी कई रोगों जैसे पिंपल्स होने की समस्या, ब्लैकहेड्स और सूखी त्वचा में इसके इस्तेमाल से काफी फायदा होता है.

10. हरी धनिया को सुबह के वक्त पानी में उबालकर, छान लें. इस पानी को सुबह खाली पेट पीने से पेट की पथरी यूरीन के माध्यम से निकल जाती है.

दाल हो या सब्जी, अगर ऊपर से धनिये के पत्ते काटकर डाल दिए जाएं, तो खाने का स्वाद बढ़ना तय है। इसलिए, धनिये के पत्ते और धनिया के बीज का उपयोग हर रसोई में किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्वाद के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी धनिया के फायदे कई सारे हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम सेहत के लिए धनिये के पत्ते के फायदे पर चर्चा करेंगे। साथ ही धनिये के उपयोग और संभावित नुकसान से जुड़ी जानकारी भी साझा करेंगे। लेख शुरू करने के पहले बता दें कि धनिया के फायदे हमें स्वस्थ रख सकते हैं। ये बीमारी की अवस्था में कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी की अवस्था में डॉक्टरी इलाज ही सही निर्णय है।

शुरू करें

सबसे पहले हम बता रहे हैं कि धनिया के औषधीय गुण हमारी सेहत के लिए क्यों खास है।

विषय सूची

  • हरा धनिया शरीर के लिए क्यों जरूरी है?
  • धनिये के पत्ते के फायदे – Benefits of Coriander Leaves in Hindi
  • धनिये के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Nutrition Facts of Coriander Leaves in Hindi
  • हरा धनिया का उपयोग – How to Use Coriander Leaves in Hindi
  • धनिये के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Coriander Leaves in Hindi
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हरा धनिया शरीर के लिए क्यों जरूरी है?

हरा धनिया एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट समेत एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला), एंटी-डिस्लिपिडेमिक (रक्त में लिपिड्स कम करने वाला), एंटी-हाइपरटेंसिव (रक्तचाप कम करने वाला), न्यूरोप्रोटेक्टिव (तंत्रिका को सुरक्षा देने वाला) और मूत्रवर्धक जैसे गुण होते हैं। साथ ही, यह मधुमेह, मिर्गी, चिंता और अवसाद दूर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों की सफाई करने में भी मदद कर सकता है (1)।

इसके अलावा, धनिया के फायदे लीवर से जुड़ी बीमारियों और कैंसर के उपचार में भी मदद कर सकते हैं। वहीं, हरा धनिया में इथेनॉल अर्क (CSE) भी होता है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों त्वचा को सुरक्षा प्रदान कर सकता है (2)। ऐसे में इन गुणों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वास्थ्य के लिए धनिया के फायदे कई सारे हैं।

आगे पढ़ें

अब हम धनिये के पत्ते के फायदे के बारे में बता रहे हैं।

इस भाग में हम हरा धनिया के फायदे विस्तार से बता रहे हैं। ध्यान रखें कि यहां बताए गए धनिये के पत्ते के फायदे घरेलू इस्तेमाल से जुड़े हैं। यह कुछ हद तक बीमारियों के लक्षण कम कर सकता है। इसे पूर्ण इलाज न समझें।

1. प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करे

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय के तौर पर धनिया की पत्तियों का सेवन किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि धनिया के पत्ते के इथेनॉल अर्क में कई फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं। ये यौगिक इम्यूनोमॉड्यूलेटर की तरह काम करते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार हो सकता है (3)।

2. स्वस्थ हृदय के लिए धनिये के पत्ते के फायदे

धनिया के पत्ते सेहत के साथ-साथ हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, कई संस्थाओं ने एक संयुक्त शोध में पाया कि धनिया के पत्तों में क्वेरसेटिन (Quercetin) नामक कंपाउंड के साथ-साथ अन्य फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) भी पाए जाते हैं। ये कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (हानिकारक एलडीएल) के स्तर को कम करने के साथ ही हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं (4)।

3. मधुमेह में धनिये के पत्ते के फायदे

धनिया के पत्ते का सेवन मधुमेह के खतरा को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है। इस संबंध में हुए एक शोध के अनुसार, धनिये के पत्तों में एंटीडायबिटिक यानी ब्लड शुगर को कम करने वाला गुण हाेता है। इसके अलावा, धनिये के पत्ते एंटीडायबिटिक गुण के कारण पैंक्रियाज सेल्स यानी अग्न्याशय में इंसुलिन का प्रवाह बढ़ा सकते हैं (5)। इस प्रकार धनिया के पत्ते की गिनती मधुमेह को नियंत्रित करने के उपाय में कर सकते हैं।

4. अच्छे पाचन तंत्र के लिए

धनिये के पत्ते का उपयोग पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर इस संबंध में प्रकाशित एक शोध में इसकी पुष्टि की गई है। शोध में माना गया है कि धनिया का सेवन पाचन के लिए फायेमंद हो सकता है। इसमें लिनालूल (Linalool) नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो कार्मिनेटिव (पेट फूलने से राहत देने वाली दवा) की तरह काम करता है (6)। इस आधार पर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए धनिये के पत्तों के उपयोगी माना जा सकता है।

5. प्यास लगने की समस्या दूर करे

कई लोग बार-बार लगने वाली प्यास को कम करने के लिए भी धनिया के पत्तियों का रस पीते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनिया के पत्तों का रस या जूस पीने से प्यास कम लगती है। हालांकि, इस तथ्य को लेकर वैज्ञानिक शोध कम हैं। इसलिए अगर किसी को अत्यधिक प्यास लगने की समस्या है, तो इस बारे में उन्हें डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

6. संक्रमण को दूर करे

धनिया के पत्ते के उपयोग से कई प्रकार के संक्रमण से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, धनिया के पत्ते के तेल में एंटीफंगल और एंटी अधेरेंट (Anti Adherent) गुण पाए जाते हैं। ये गुण कई प्रकार के फंगल इंफेक्शन की समस्या कम कर सकते हैं। साथ ही ये दांतों के संक्रमण भी दूर करने में प्रभावकारी हो सकते हैं (7)।

7. सर्दी-जुकाम के लिए

सामान्य सर्दी-जुकाम की समस्या में घरेलू तौर पर धनिया का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। पारंपरिक चिकित्सा में सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू तौर पर धनिए के इस्तेमाल का जिक्र मिलता है। यह सर्दी-जुकाम के साथ ही मौसमी बुखार के उपचार में भी प्रभावकारी माना गया है (8)। लेकिन, अगर सर्दी की समस्या किसी गंभीर एलर्जी या बीमारी से जुड़ी है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टरी इलाज को ही प्राथमिकता देनी चाहिए।

8. वजन कम करने के लिए

धनिये के पत्ते का उपयोग वजन कम करने के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में कई संस्थाओं ने जानवरों पर कई दिनों तक शोध किया और उस शोध को एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। शोध के अनुसार, धनिये के पत्ते में क्वेरसेटिन (Quercetin) नामक फ्लेवोनोइड पाया जाता हैं। क्वेरसेटिन में एंटीओबेसिटी गुण होते हैं, जो शरीर के वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं (9 )।

9. भूख बढ़ाए

ईरानी पारंपरिक चिकित्सा में इसका जिक्र मिलता है कि धनिया पत्ता पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे अपच, ऐंठन के साथ भूख न लगने की समस्या भी दूर कर सकता है। चूहों पर किए गए एनसीबीआई के शोध से इस बात की पुष्टि होती है​। शोध में माना गया कि धनिये का हाइड्रोक्लोरिक अर्क (Hydroalcoholic) भूख बढ़ा सकता है (8)। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि अगर किसी को भूख कम लगती है या खाने की इच्छा नहीं होती है, तो इस समस्या को दूर करने में हरा धनिया का सेवन लाभकारी हो सकता है।

10. आंखों के लिए

आंखों के लिए धनिया के पत्ते के फायदे की बात करें, तो यह आंखों से संबंधित कई परेशानीयों के इलाज में फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में आंखों के लिए धनिया का इस्तेमाल अच्छा बताया गया है। इसके अलावा, आंखों में खुजली और जलन को शांत करने के लिए धनिया का इस्तेमाल उपयोगी हो सकता है। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों से जुड़ी बीमारियों और समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं। साथ ही, आंख आने (Conjunctivitis) के घरेलू उपचार के तौर पर भी धनिया का इस्तेमाल लाभकारी बताया गया है (10)। इसलिए, धनिये के पत्तों को आंखों के स्वास्थ्य के लिए गुणकारी माना गया है।

11. मुंह की दुर्गंध करे दूर

लगभग 50 फीसदी आबादी मुंह की दुर्गंध (Halitosis) की समस्या से परेशान हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे – ओरल कैविटी, खराब ओरल हाइजीन, पीरियडोंटल डिजीज, जीभ पर परत जमना, फूड इंफेक्शन, गंदे डेन्चर (नकली दांत या जबड़ा), ओरल कैंसर या गले में संक्रमण (11)। वहीं, एक रिसर्च पेपर में इसका जिक्र मिलता है कि धनिया का इस्तेमाल मुंह से आने वाली बदबू (Halitosis) को दूर करने में प्रभावकारी हो सकता है (12)। यही वजह है कि धनिये को ओरल केयर के लिए भी उपयोगी माना गया है।

12. मासिक धर्म के लिए

मासिक धर्म के दौरान गर्भाशय में संकुचन होता है। जिस वजह से महिलाओं को पेट और कमर में असहनीय दर्द हो सकता है (13)। वहीं, अध्ययनों के अनुसार, धनिया में दर्द को कम करने वाला (Sedative) और मांसपेशियों को आराम देने वाला प्रभाव (Muscle Relaxant Effects) होता है (14)। इसके अलावा, धनिये के अर्क में एंटी इंफ्लामेटरी व दर्द कम करने वाला एनाल्जेसिक (Analgesic) प्रभाव भी होता है। धनिये के ये सभी प्रभाव पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द से काफी हद तक राहत दिला सकते हैं (15)। ऐसे में मासिक धर्म के दौरान होने वाले ऐंठन को कम करने में भी हरा धनिया कुछ हद तक मददगार हो सकता है।

13. गर्भावस्था के लिए

धनिया के फायदे गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं। दरअसल, गर्भावस्था के पहले चरण में लगभग 70 से 80 फीसदी महिलाओं में मतली और उल्टी की समस्या देखी जा सकती है। यह समस्या चयापचय और हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकती है (16)। ऐसे में इससे राहत पाने के लिए गर्भवती धनिया के पत्तों का सेवन कर सकती हैं। अध्ययनों के अनुसार, पारंपरिक रूप से मतली और उल्टी के उपाचर में धनिया का इस्तेमाल किया जाता रहा है (8)।

इसके अलावा, ऊपर हम बता चुके हैं कि हरा धनिया मधुमेह के उपचार में मदद कर सकता है (5)। इसके साथ ही यह गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes) के उपचार में भी लाभकारी हो सकता है। इसकी पुष्टि इंटरनेशनल जरनल ऑफ फार्मास्युटिकल और फाइटोफार्माकोलॉजिकल रिसर्च से की जा सकती है (17)।

14. बवासीर के लिए

कई बार गुदा के आसपास की नसों पर अधिक दबाव पड़ने के कारण नसों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण बवासीर की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में गुदा के आसपास या मलाशय के निचले हिस्से की नसों में सूजन बनी रहती है (18)। अगर किसी को बवासीर की समस्या है, तो वे घरेलू तौर पर धनिया की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च पेपर में इसका साफ जिक्र मिलता है कि धनिया के पत्तों का इस्तेमाल बवासीर (Piles) के इलाज में भी किया जा सकता है (5)।

15. मूत्रपथ के संक्रमण के लिए

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या यूटीआई, मूत्रपथ का संक्रमण होता है। कुछ तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो मूत्रमार्ग से मूत्राशय में प्रवेश कर सकते हैं और मूत्रपथ के संक्रमण का कारण बन सकते हैं (19)। इसके उपचार में हरा धनिया प्रभावकारी हो सकता है। धनिया में कीटाणुओं को खत्म करने वाला एंटी बैक्टीरियल (Antibacterial) प्रभाव होता है। साथ ही इसमें मूत्रवर्धक (Diuretic) प्रभाव भी होता है, जो मूत्र का उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकता है। शायद यही वजह है कि इसका इस्तेमाल मूत्रपथ के संक्रमण (Urinary Tract Infections) के उपचार में मदद कर सकता है (10)।

16. खून की कमी दूर करे

एनीमिया एक रक्त विकार है, जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है (20)। धनिये का सेवन एनीमिया के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, धनिया की पत्तियों में एस्कॉर्बिक एसिड (Ascorbic Acid) यानी विटामिन-सी होता है। यह शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ा कर एनीमिया की रोकथाम में मदद कर सकता है (21)। इसके अलावा, धनिया में आयरन भी होता है, जो सीधे तौर पर शरीर में खून की पूर्ति करने में मदद कर सकता है और एनीमिया की समस्या दूर कर सकता है (10)।

17. त्वचा के लिए फायदेमंद

सेहत के साथ ही धनिया के पत्ते त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। कई शोध में पाया गया है कि धनिया पत्ते के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके ये गुण हानिकारक यूवी किरणों त्वचा की सुरक्षा करने व घाव भरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही मॉइस्चराइजर के रूप में भी त्वचा पर धनिया के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है (2)।

इसके अलावा एक अन्य शोध में पाया गया कि धनिया में कीटाणुनाशक, डिटॉक्सिफाइंग, एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो एक्जिमा, त्वचा के सूखेपन और फंगल संक्रमण जैसे त्वचा के विकार ठीक करने में प्रभावकारी हो सकते हैं (22)।

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धनिया के औषधीय गुण और हरा धनिया के फायदे जानने के बाद पढ़ें इसके पौष्टिक तत्व।

धनिये के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Nutrition Facts of Coriander Leaves in Hindi

प्रति 100 ग्राम धनिये के पत्ते में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व और उनकी मात्रा के बारे में नीचे चार्ट में विस्तार से बताया गया है (23):

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी 92.21 g
कैलोरी 23 kcal
ऊर्जा 95 kJ
प्रोटीन 2.13 g
फैट 0.52 g
कार्बोहाइड्रेट 3.67
फाइबर 2.8 g
शुगर 0.87 g
मिनरल्स
कैल्शियम 67 mg
आयरन 1.77 mg
मैग्नीशियम 26 mg
फास्फोरस 48 mg
पोटेशियम 521 mg
सोडियम 46 mg
जिंक 0.5 mg
मैंगनीज 0.426 mg
कॉपर 0.225 mg
सिलेनियम 0.9 µg
विटामिन
विटामिन सी 27 mg
थियामिन 0.067 mg
राइबोफ्लेविन 0.162 mg
नियासिन 1.114 mg
विटामिन बी6 0.146 mg
फोलेट 62 µg
कोलीन 12.8 mg
विटामिन ए 337 µg
बीटा कैरोटिन 3930 µg
विटामिन ए IU 6748 IU
विटामिन ई 2.5 mg
विटामिन के 310 µg
लिपिड
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.014 g
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.275 g
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.04 g

पढ़ते रहें

हरा धनिया के पोषक तत्व जानने के बाद हम धनिये के पत्ते के उपयोग के बारे में बात करेंगे।

हरा धनिया का उपयोग – How to Use Coriander Leaves in Hindi

धनिये के पत्ते का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां पर हम इसके कुछ खास और आसान तरीके बता रहे हैं।

  • धनिये के पत्ते को सलाद में मिला कर उसके स्वाद और पोषण को बढ़ा सकते हैं।
  • धनिया की चटनी बना कर भी खाने के साथ इसका सेवन किया जा सकता है।
  • हरा धनिया बारीक काटकर सब्जी और दाल के ऊपर टॉपिंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
  • लेमन राइस का स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए बारीक कटा हुआ हरे धनिये को ऊपर से डालकर उपयोग किया जा सकता है।

खाने की मात्रा: धनिया पत्ते की खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और अन्य स्थितियों पर निर्भर कर सकती है। फिर भी इसे सुखाकर पाउडर के रूप में 1 से 3 ग्राम तक इसका सेवन किया जा सकता है (24)। इसकी सही मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।

अंत तक पढ़ें

हरा धनिया पत्ते के उपयोग के बाद जानें धनिये के पत्ते के नुकसान।

धनिये के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Coriander Leaves in Hindi

धनिया पत्ते के फायदे और उपयोग के साथ ही इससे होने वाले अनुमानित नुकसान के बारे में जानना भी जरूरी है। यहां हम धनिये के पत्ते के नुकसान के बारे में विस्तार से बता रहे हैं (24)।

  • धनिया फोटोसेंसेटिव होता है, इसलिए कुछ संवेदनशील लोगों को इससे सनबर्न व त्वचा के कैंसर का खतरा हो सकता है। इससे दाने, खुजली, चक्कर आना या सांस लेने में परेशानी सहित एलर्जी भी हो सकती है।
  • धनिया रक्तचाप को कम कर सकता है, जिससे निम्न रक्तचाप वाले लोगों को समस्या हो सकती है।
  • अधिक मात्रा में हरा धनिया नुकसानदायक हो सकता है। इससे नशीला (मादक) प्रभाव हो सकता है।
  • अधिक मात्रा में हरा धनिया का सेवन करने से लीवर को नुकसान हो सकता है।
  • कुछ मामलों में धनिया के पत्ते एलर्जी का कारण बन सकते हैं (25)।

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि साधारण दिखने वाला हरा धनिया असाधारण गुणों से भरपूर होता है। अगर इसे सही मात्रा और सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। आर्टिकल के माध्यम से आपने धनिये के पत्ते के उपयोग और फायदों के बारे में जाना। साथ ही धनिये के पत्ते के नुकसान की जानकारी भी प्राप्त की। अगर आप अपनी डाइट में इसे शामिल करना चाहते हैं, तो अच्छा होगा कि इससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

धनिया का मुख्य कार्य क्या है?

आमतौर पर धनिया का मुख्य उपयोग भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। वहीं, इसमें कई औषधीय गुण मौजूद हैं, जिस वजह से इसका इस्तेमाल घरेलू औषधीय के तौर पर भी किया जा सकता है (1)।

क्या हरा धनिया पत्ता किडनी के लिए अच्छा है?

हां, धनिया पत्ते का इस्तेमाल किडनी स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है (26)।

थायराइड में धनिया का पानी पीने से क्या होता है?

थायराइड के उपचार के लिए घरेलू तौर पर धनिया के बीज का पानी पीना लाभकारी हो सकता है (27)।

धनिया की तासीर क्या है?

धनिया की तासीर ठंडी होती है।

धनिया की पत्ती खाने से क्या होता है?

धनिया की पत्ती खाने से मधुमेह नियंत्रित होने के साथ ही चिंता और अवसाद जैसी मानसिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है (1)।

धनिया पत्ती में कौन सा विटामिन होता है?

धनिया पत्ती में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन के भी होता है (23)।

संदर्भ (Sources)

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  1. Coriander (Coriandrum sativum L.): a potential source of high-value components for functional foods and nutraceuticals–a review
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23281145/
  2. Coriander Leaf Extract Exerts Antioxidant Activity and Protects Against UVB-Induced Photoaging of Skin by Regulation of Procollagen Type I and MMP-1 Expression
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4152784/
  3. The Effect of Coriander Ethanol Extract (Coriandrum sativum L.) Against Phagocytosis Activity and Capacity of the Macrophage Cells and the Percentage of Leukocyte Cells in White Male Mice
    https://phcogj.com/sites/default/files/PJ-11-6-164_1.pdf
  4. CHARACTERIZATION OF POLYPHENOLS FROM CORIANDER LEAVES (CORIANDRUM SATIVUM)
    RED AMARANTHUS (A. PANICULATUS) AND GREEN AMARANTHUS (A. FRUMENTACEUS) USING PAPER CHROMATOGRAPHY: AND THEIR HEALTH IMPLICATIONS
  5. Comparative study of bioactive compounds in curry and coriander leaves: An update
    https://www.researchgate.net/profile/Palanivel-Ganesan/publication/279554918_Comparative_study_of_bioactive_compounds_in_curry_and_coriander_leaves_An_update/links/5653e72b08aefe619b197812/Comparative-study-of-bioactive-compounds-in-curry-and-coriander-leaves-An-update.pdf
  6. Prevention and Treatment of Flatulence From a Traditional Persian Medicine Perspective
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4893422/#__ffn_sectitle
  7. Coriandrum sativum L. (Coriander) Essential Oil: Antifungal Activity and Mode of Action on Candida spp. and Molecular Targets Affected in Human Whole-Genome Expression
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4047076/
  8. The effect of hydroalcoholic extract of Coriandrum sativum on rat appetite
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4075695/
  9. Molecular Mechanisms of the Anti-Obesity and Anti-Diabetic Properties of Flavonoids
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4849025/
  10. Chemical composition and biological activity of Coriandrum sativum L.: A review
    http://nopr.niscair.res.in/bitstream/123456789/43357/1/IJNPR%208%283%29%20193-203.pdf
  11. Halitosis: From diagnosis to management
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3633265/
  12. Coriander
    https://www.bioversityinternational.org/fileadmin/_migrated/uploads/tx_news/Coriander__Coriandrum_sativum_L._375.pdf
  13. Period pain: Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279324/
  14. Coriandrum sativum: evaluation of its anxiolytic effect in the elevated plus-maze
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  15. CORIANDRUM SATIVUM ON PAIN AND INFLAMMATION
    http://www.ijrpc.com/files/25-4196.pdf
  16. Nausea and Vomiting of Pregnancy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3676933/
  17. Antidiabetic Activity of Coriander (Coriandrum Sativum L) Leaves’ Ethanolic Extract
    https://eijppr.com/storage/models/article/OYz70wh5AhHDjaGyKX8R1SzUtftx3XQkyzh2zLd2yQBdwzPwFbUnn6aaJdqR/antidiabetic-activity-of-coriander-coriandrum-sativum-l-leaves-ethanolic-extract.pdf
  18. Hemorrhoids
    https://medlineplus.gov/hemorrhoids.html
  19. Urinary tract infection – adults
    https://medlineplus.gov/ency/article/000521.htm
  20. Anemia
    https://medlineplus.gov/anemia.html
  21. Guidelines for Control of Iron Deficiency Anaemia
    http://www.nhm.gov.in/images/pdf/programmes/child-health/guidelines/Control-of-Iron-Deficiency-Anaemia.pdf
  22. Medicinal benefits of coriander (Coriandrum Sativum L)
    https://pdfs.nutramedix.ec/Coriandrum%20sativum%20-%20Broad%20Spectrum%20(benifits).pdf
  23. Coriander (cilantro) leaves raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169997/nutrients
  24. AN OVERVIEW ON CORIANDER
    https://www.academia.edu/14401155/AN_OVERVIEW_ON_CORIANDER
  25. Characterization of allergens in Apiaceae spices: anise
    fennel
  26. Leaves ofCoriandrum sativum as an Indigenous Medicinal Spice Herb of India: A Mini Review
    https://www.researchgate.net/publication/319182195_Leaves_of_Coriandrum_sativum_as_an_Indigenous_Medicinal_Spice_Herb_of_India_A_Mini_Review
  27. TREATMENT OF THYROID WITH THE HELP OF CORIANDER SEED
    https://storage.googleapis.com/journal-uploads/wjpps/article_issue/1546493188.pdf

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पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more

धनिया में कौन कौन से विटामिन होते हैं?

हरा धनिया शरीर को पोषण देने में ख़ास भूमिका निभाता है. दरअसल, हरे धनिये की पत्तियों में मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन सी और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

धनिया की तासीर क्या होती है?

बता दें कि धनिये के बीज की तासीर ठंडी होती है. ऐसे में इसका सेवन सर्दियों में किया जा सकता है. लेकिन सीमित मात्रा में लोग गर्मियों में भी धनिये के बीज के पानी का सेवन कर सकते हैं.

धनिया कब खाना चाहिए?

सेहतमंद रहने के लिए रोजाना हरा धनिया या धनिया के बीजों का सेवन करना लाभदायक होता है। थायराइड और वजन कम करने जैसी समस्याओं में धनिया रामबाण का काम करता है। धनिया के सेवन का एक बेहतर तरीका रोजाना सुबह धनिया के पानी को खाली पेट पीना हो सकता है।

धनिया का शरीर में क्या काम है?

धनिया का पानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में सहायक होता है। क्योंकि धनिया में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में फ्री रैडिकल को कम करने, संक्रमण और कई अन्य बीमारियों से बचाने और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। त्वचा के लिए धनिया का पानी पीने का बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि धनिया आयरन से भरपूर होता है।