काली सिल जरा से लाल केसर से की जैसे धुल गयी हो में कौन सा अलंकार है? - kaalee sil jara se laal kesar se kee jaise dhul gayee ho mein kaun sa alankaar hai?

जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में कौन सा अलंकार है?

(A) यमक अलंकार
(B) उत्प्रेक्षा अलंकार
(C) श्लेष अलंकार
(D) मानवीकरण अलंकार

Answer : उत्प्रेक्षा अलंकार

Explanation : जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में उत्प्रेक्षा अलंकार है। उत्प्रेक्षा का शाब्दिक अर्थ है ‘देखने की उत्कट इच्छा’। जिस वाक्य में उपमेय और उपमान भिन्न होने पर भी समानता का भाव उत्पन्न करता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार माना जाता है। जहां रूप गुण आदि समान प्रतीत होने के कारण उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाए और उसे व्यक्त करने के लिए मनु, मानो, जानो, जनु, ज्यों आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाए, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार माना जाता है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार

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काली सिल जरा से लाल केसर से की जैसे धुल गयी हो में कौन सा अलंकार है *?

जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो में उत्प्रेक्षा अलंकार है।

ज़रा ज़रा में कौन सा अलंकार है?

Answer: Answer. 'जरै बिरह ज्यों दीपक बातों' पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है।