कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति चलते-चलते जल्दी थक जाता है या उसे चक्कर आने लगते हैं। ये समस्याएं कमजोरी की वजह से हो सकती हैं। देखा जाता है कि कई लोग कमजोरी को साधारण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यह किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इस पर समय रहते ध्यान दिया जाए और कमजोरी के कारण और कमजोरी के लक्षण के बारे में पता लगाया जाए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में पढ़िए कमजोरी के कारण और इससे संबंधित डॉक्टरी इलाज के बारे में। इसके अलावा, इस लेख में कमजोरी से बचाव के टिप्स भी शामिल किए गए हैं। Show
सबसे पहले जानते हैं कमजोरी क्या है? विषय सूची
कमजोरी क्या है – What is Weakness in Hindiसाधारण शब्दों में कहा जाए तो शरीर की थकावट ही कमजोरी है। इसमें एक या कई मांसपेशियों में ताकत की कमी का एहसास होने लगता है। हो सकता है कि कमजोरी पूरे शरीर में या शरीर के किसी एक भाग में महसूस हो। इसमें व्यक्ति को थकान महसूस होने लगती है (1) (2)। कमजोरी के बारे में और जरूरी जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख। अब बारी आती है कमजोरी के कारण जानने का। कमजोरी का इलाज तभी अच्छी तरह से हो सकता है, जब कमजोरी के कारण ठीक तरह से पता हों। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि कमजोरी पूरे शरीर या किसी एक अंग में भी हो सकती है। ऐसे में अगर शरीर के किसी एक भाग या अंग में कमजोरी हो तो उसपर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। इस तरह की कमजोरी नीचे दिए गए कारणों से हो सकती है (2)।
नोट : कमजोरी की अगर बात की जाए तो कई बार व्यक्ति कमजोर तो महसूस करता है, लेकिन उनमें ताकत की कमी नहीं होती है। इस स्थिति को सबजेक्टिव कमजोरी (Subjective Weakness) कहते हैं। यह फ्लू या संक्रमण के कारण हो सकती है। वहीं, कुछ तरह की कमजोरी में व्यक्ति अपनी ताकत खो देता है, जिसे ऑब्जेक्टिव कमजोरी (Objective Weakness) कहा जाता है। कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी कमजोरी की वजह बन सकती हैं। इसके बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है। चयापचय (मेटाबॉलिज्म) से जुड़ी समस्याएं
मस्तिष्क / तंत्रिका संबंधी समस्याएं
मांसपेशियों की बीमारी के कारण
कुछ जहरीली चीजों के कारण
कुछ अन्य कारण
आगे की जानकारी के लिए स्क्रॉल करें। आगे जानते हैं कमजोरी के लक्षणों के बारे में। कमजोरी के लक्षण – Symptoms of Weakness in Hindiकमजोरी के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति की उम्र और स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके साथ ही कमजोरी के लक्षणों के बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं। ऐसे में नीचे बताए गए लक्षण अनुमान के आधार पर दिए गए हैं।
आगे की जानकारी के लिए स्क्रॉल करें। कमजोरी के जोखिम कारकों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये यह लेख। कमजोरी के जोखिम कारक – Risk Factors of Weakness in Hindiकमजोरी के जोखिम कारक, कमजोरी के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि कमजोरी पूरे शरीर या किसी एक अंग में हो सकती है। ऐसे में इसके जोखिम कारक अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, इसलिए अनुमान के तौर पर इन कारकों की जानकारी दी जा रही है।
और जानकारी के लिए करें स्क्रॉल। कमजोरी के इलाज के बारे में जानकारी के लिए पढ़ते रहिये यह लेख। कमजोरी का इलाज – Treatment of Weakness in Hindiअगर कमजोरी के इलाज की बात करें तो यह कमजोरी के पीछे के कारण पर निर्भर करता है कि कमजोरी का इलाज किस प्रकार किया जा सकता है। सामान्य कारण – हम ऊपर बता चुके हैं कि ज्यादा व्यायाम करना या ठीक तरह से नींद न लेने से कमजोरी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर कुछ दवाइयां दे सकता है और साथ ही सलाह दे सकता है कि नींद पूरी लें और किसी ट्रेनर की देखरेख में व्यायाम करें। पानी की कमी – इसमें डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दे सकता या अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट कर सकता है (4)। गंभीर बीमारी – किसी गंभीर बीमारी जैसे मधुमेह या उच्च रक्तचाप की वजह से भी कमजोरी हो सकती है, ऐसे में डॉक्टर समस्या के इलाज को आगे बढ़ाएंगे (2)। मानसिक समस्या – चिंता या पैनिक अटैक के कारण भी कमजोरी हो सकती है (5)। ऐसे में मरीज साइकोलॉजिकल काउंसलिंग ले सकता है। अज्ञात कारण – कमजोरी के पीछे कई अज्ञात कारण भी हो सकते हैं, इसके लिए डॉक्टर सही से जांच कर इलाज की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। नोट – ऊपर बताए गए कमजोरी के इलाज अनुमान के तौर पर बताए गए हैं, इसके इलाज की सही जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह लेख। आगे जानते हैं कमजोरी से बचाव कैसे किया जा सकता है। कमजोरी से बचने के उपाय – Prevention Tips for Weakness in Hindiनीचे पढ़ें कमजोरी से बचने के उपाय क्या-क्या हो सकते हैं।
नोट : अगर सही आहार लेने के बाद भी कमजोरी की समस्या काफी दिनों तक बनी हुई है तो बेहतर है कि इस बारे में डॉक्टरी सलाह लें। कमजोरी के लक्षण को अनदेखा न करते हुए इन पर वक्त रहते ध्यान देना जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि लेख में बताए गए कमजोरी के कारण और कमजोरी से बचाव के तरीके आपको समझ आ गए होंगे। ऐसे में जब भी आपको कमजोरी का एहसास हो तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें। खासकर, वो लोग जो लंबे समय से कमजोरी का सामना कर रहे हैं, डॉक्टरी इलाज को नजरअंदाज न करें। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। डॉक्टर की सलाह और दवाइयों के साथ स्वस्थ आहार का सेवन भी जरूर करें। और पढ़े:
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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine,... more शरीर में कमजोरी के लक्षण क्या है?body weakness symptoms in hindi
जैसा कि हमने पहले भी बताया सांस फूलने की समस्या, काम करने में परेशानी होना, शारीरिक काम ना कर पाना, थकान महसूस करना, आदि शारीरिक कमजोरी के लक्षण हैं. इससे अलग उबासी, चक्कर आना, उलझन महसूस करना, मांसपेशियों में ताकत महसूस ना करना, अनियमित दिल की धड़कन भी इन लक्षणों में से एक हैं.
शरीर में थकान कमजोरी क्यों होती है?शरीर में कमजोरी अन्य कई बीमारियों की वजह से या खान पान सही ना होने के कारण भी हो सकती है, जिससे थकान के अलावा सिर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों आदि में दर्द हो सकता है. थाइरॉयड होने की वजह से हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है और कम काम करने के बावजूद थकान होने लगती है. थायराइड के शिकार लोगों को कमजोरी महसूस हो सकती है.
क्या कमजोरी से घबराहट होती है?जब शरीर में विटामिन डी की कमी आती है तो इसका प्रभाव आपके ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर बिगड़ने की वजह से आपको सुबह-सुबह घबराहट जैसी समस्या होती है। इसकी कमी से आप में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होने लगती है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन भी इसी की कमी की वजह से ही होता है।
थकान का सबसे बड़ा संकेत क्या है?नींद की कमी : मनुष्य की उम्र के अनुसार नींद के निश्चित घंटे होते हो। बड़ी मशीनों से संबंधित कार्य करने वाले कर्मचारी की नींद में यदि कोई कमी होती है तो थकान शीघ्र ही होती है, साथ में उत्पादन का ह्रास भी होने लगता है। दुर्घटनाओं की भी संभावनाएं अधिक रहती हो। कम नींद के अलावा अधिक नींद भी थकान का कारण होती है।
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