क्या आप मानते हैं कि हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्म-निर्भर बना दिया है? कैसे? Show हाँ हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्म निर्भर बना दिया है। खाद्यान्न में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के लिए भारत ने कृषि में एक नई रणनीति अपनाई जिससे 1960 के दशक में हरित क्रांति हुई। यह क्रांति विशेषकर गेहूँ और चावल के उत्पादन में हुई। पंजाब और हरियाणा में सर्वाधिक वृद्धि पर दर्ज की गई। इन राज्यों में खाद्यान्नों का उत्पादन तेजी से बढ़कर 1964-65 के 72.3 लाख टन की तुलना में 1995-96 में 303.03 लाख टन पर पहुँच गया। जबकि बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तरी-पूर्वी राज्यों में उत्पादन धीमी गति से बढ़ा। दूसरी ओर, तमिलनाडु ओर आंध्र प्रदेश में चावल की उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 1. देश भर में विविध प्रकार की फसलें उपजाई जाने लगी हैं। 2. हरित क्रांति के बाद भारत में कभी अकाल नहीं पड़ा है ओर वह खाद्यान्न में आत्म-निर्भर हो गया है। 3. हरित क्रांति आने के बाद उत्पादन बढ़ने से हमे दूसरे देशों से खाद्यान्नों का आयत नहीं करना पड़ता है। 4. मौसम की विपरीत दशाओं में भी देश में खाद्यान्न की उपलब्धता पर्याप्त होती है। 681 Views भारत में कौन-से राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं? भारत में कुछ राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं। इनमे बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश विशेषकर पूर्वी और दक्षिणी-पूर्वी हिस्से, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ भाग शामिल हैं। 947 Views भारत में खाद्य सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है? सरकार द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार खाद्य सुरक्षा व्यवस्था के माध्यम से भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इस व्यवस्था के दो घटक है: (क) बफ़र स्टॉक: बफ़र स्टॉक भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ और चावल का भंडार है। भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरदीता है। खरीदे हुए अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं। ऐसा कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाज़ार कीमत से कम कीमत पर आनाज के वितरण के लिए किया जाता है। यह ख़राब मौसम में या फिर आपदा काल में अनाज की कमी की समस्या हल करने में भी मदद करता है। (ख) सावर्जनिक वितरण प्रणाली: भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अनाज को सरकार विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित करती है। 2538 Views कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं?निम्न लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं:- (i) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कुछ वर्गों (इनमें से निचली जातियाँ) का या तो भूमि का आधार कमज़ोर होता है या फिर उनकी भूमि की उत्पादकता बहुत कम होती है, वे खाद्य की दृष्टि से शीघ्र असुरक्षित हो जाते है। (ii) वे लोग भी खाद्य की दृष्टि से सर्वाधिक असुरक्षित होते हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं और जिन्हें काम की तलाश में दूसरी जगह जाना पड़ता हैं। (iii) खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त आबादी का बड़ा भाग गर्भवती तथा दूध पीला रही महिलाओं तथा पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का हैं। 957 Views भारत में लोगों का एक वर्ग अब भी खाद्य से वंचित हैं। व्याख्या कीजिए। एससी, एसटी, ओबीसी, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों, महिलाओं (गर्भवती और नर्सिंग माताओं) और भारत में 5 साल से कम उम्र के बच्चे अभी भी खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त हैं । गरीबी अधिक हैं, आदिवासी और सुदूर-क्षेत्र, प्राकृतिक आपदाओं से बार-बार प्रभावित होने वाले क्षेत्र आदि में खाद्य की दृष्टि से असुरक्षित लोगों की संख्या आनुपातिक रूप से बहुत अधिक हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण का मुख्य कारण यह है कि कई गरीब परिवारों के पास भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त धन या आय भी नहीं है। दूसरे शब्दो में भोजन और भोजन की पहुंच की उपलब्धता तो है, लेकिन गरीब परिवारों को भोजन ख़रीदने का सामर्थ्य नहीं है। 648 Views
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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 9 > Social Science > Chapter > भारत में खाद्य सुरक्षा > कौन-से लोग खाद्य असुरक्षा से अ... लिखित उत्तर Solution : 1. ग्रामीण क्षेत्र- 1. भूमिहीन लोग। 2. दस्तकार। 3. छोटा-मोटा काम करने वाले कामगार। 4 निराश्रित और भिखारी आदि।<br> 2. शहरी क्षेत्र- 1. अनियमित मज़दूर। 2. कम वेतन वाले व्यवसायों में लगे कामगार। 3. मौसमी कार्यों में लगे कामगार<br> Comments Add a public comment... Follow Us:
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भारत में कौन कौन से राज्य खाद्य सुरक्षा से अधिक ग्रस्त है?भारत में कुछ राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं। इनमे बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश विशेषकर पूर्वी और दक्षिणी-पूर्वी हिस्से, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ भाग शामिल हैं।
क्या आप मानते हैं कि हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया है?हाँ हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्म निर्भर बना दिया है। खाद्यान्न में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के लिए भारत ने कृषि में एक नई रणनीति अपनाई जिससे 1960 के दशक में हरित क्रांति हुई। यह क्रांति विशेषकर गेहूँ और चावल के उत्पादन में हुई। पंजाब और हरियाणा में सर्वाधिक वृद्धि पर दर्ज की गई।
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