Sansadhan Ka Sanrakhshan Kyon Awashyak HaiPradeep Chawla on 12-05-2019 दो प्रकार के संसाधन, नवीकरणीय और अपरिवर्तनीय हैं। नवीकरणीय संसाधन चक्र के माध्यम से जाते हैं, और फिर से बार-बार उपयोग करते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड प्रक्रियाओं की तरह, ये संसाधन एक परिवर्तन के माध्यम से जाते हैं और समय के साथ पुन: उत्पन्न होते हैं। गैर नवीकरणीय संसाधनों में जीवाश्म ईंधन, खनिजों और अन्य सामग्रियों का समावेश होता है, जिन्हें एक बार उपयोग किया जाता है, कभी भी इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। इन संसाधनों को बनाने और जमा करने के लिए लाखों साल लगते हैं, लेकिन पूरी तरह से उपयोग करने के लिए केवल कुछ ही वर्षों में। संसाधनों का संरक्षण नहीं करके, मनुष्य अपने सभी संसाधनों को जल्दी से खर्च कर सकते हैं, और एक बार उपयोग किए जाने पर, ये संसाधन पूरी तरह से चले गए हैं। हमें अपने संसाधनों को संरक्षित करना चाहिए क्योंकि प्रकृति में उनमें प्रचुरता नहीं है। सम्बन्धित प्रश्नComments Ashutosh rai on 25-05-2022 संसाधन संरक्षण की क्यों आवश्यकता है और विस्तार में बताए Kanchan on 25-03-2022 ससाधन सरक्षण की आवशयकता को समझाइए Sandeep chandrawat on 04-09-2021 Sansadhan Sanrakshan ki avashyakta kyon samjhaie ललित on 01-09-2021 संसाधन संरक्षण की आवश्यकता क्यों है Poonam on 30-08-2021 संसाधन संरक्षण की आवश्यकता क्यों है समझाइए क on 28-07-2021 प्राकृतिक संसाधन का सरक्षण क्यों आवश्यक है Abhinav prabhat on 26-02-2021 संसाधन महत्वपूर्ण क्यों है Jyoti on 07-02-2021 Sansadhan Sanrakshan kyu avashyak hai Hind Jyoti on 07-02-2021 Sansadhan Sanrakshan Kyon avashyak Hai Hindi mein Md rehaullah on 05-02-2021 Sansadhan sanrachchan q abesayak hai Anurag sharma on 02-02-2021 Witamin Gautam kumar on 13-10-2020 Sansadhan ka sanrakshan kyon avashyak hai Vineeta negi on 08-09-2020 581 ka pratishat nikaalen Lakshmi Kumari on 19-08-2020 India ka national park Kya hi ? 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Mukesh on 06-01-2020 the Bharat mein khanij ke Sanrakshan Mein mukhya samasya kya hai Rinky makode on 05-01-2020 Van sansadhanano ke sanrakshan kyu important hai Haseena on 03-01-2020 Sansadhan sanrakshan kyon avashyak hai Ishnai on 29-12-2019 Manav hetu sansadhan ki aavasyakha kyo h Love on 07-12-2019 Sansadno ka sanrakshan kyo avasyak h Bhagwan on 09-10-2019 Bhagwan meena 8890850335 Abhay kumar on 01-07-2019 Sansadhan sanrakshan ke upyogita ko likhe Jyoti biswas on 28-06-2019 Poor i dont like it Babita singh on 18-05-2019 Sandhano ka sarkchan kiyu importent hain ? aditi on 12-05-2019 sansadno ka sarkshan Kya important hai Normal pandit on 12-05-2019 Khoon me kaun sa fatwa paya jata Sansadhan Sanrakshan ki upyogita ko likhiye on 10-05-2019 Sansadhan sanrakchan ki upyogita ko likhiye Rahul meena on 28-02-2019 कोनसा संसाधन सम्भाव्य नहीं है Poonam sarkar on 17-01-2019 Sansadhan sanrkasan jay kumar on 27-10-2018 sansadhan ko bachana kyo jaruri hai Soman jain on 30-08-2018 Sansadhan sanrakshan Kyo aavyasyak hai तू प्रश्न किया है कि संसाधनों के संरक्षण की क्या आवश्यकता है स्पष्ट कीजिए तो देखे यहां पर बात की गई है संसाधनों के संरक्षण की समझ लेते हैं कि संरक्षण मतलब होता क्या है तू संरक्षण मतलब होता है एकत्रित करके रखना या बचा कर रखना या इकट्ठा करके रखना ठीक है अब यहां पर कह रहा है संसाधन कौन से संसाधन संसाधन कोई भी हो सकते हैं जैसे कि आप कहो तो पेट्रोलियम हो सकता है ठीक है खाद्य खाद्य भंडारण हो सकता है ठीक है और जैसे कि हमारा जल हो गया तो यह संसाधन संसाधन के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है ठीक है तो बताना हम जानते हैं कि जो मानव है उसने अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए काफी सारी संसाधनों का उपयोग किया अभी तक हम लोग उपयोग कर रहे हैं तो चाहे वह खाद्यान्न हो ठीक है चाहे कि कोई भी अन्य पदार्थों चाहे किसी प्रकार की धातु हो तो हम क्या कर रहे हैं हम लगातार इन संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं ठीक है इन संसाधनों के उपयोग के लिए उनका कर रहे हैं हम लोग को अगर हम लोग खाद्यान्न चाहिए तो खाद्यान्न के लिए हम लोग क्या करते हैं खाद्यान्न के लिए हम लोग सिंचाई करते हैं ठीक है सिंचाई का प्रयोग करते हैं उसके साथ साथ हम लोग बने पदार्थों का भी शोषण कर रहे हैं ठीक है बने पदार्थों का भी शोषण कर रहे हैं साथ-साथ लोग खनिजों का भी शोषण कर रहे हैं खनिजों का शोषण ठीक है और जैसे-जैसे कुछ वर्षों जैसे जनसंख्या बढ़ी है वैसे वैसे क्या हो रहा है वैसे-वैसे इंदु संसाधनों का जो शोषण है वह और बढ़ गया क्योंकि अब क्या हो रहा है औद्योगिक उत्पादन वृद्धि हो रही है औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि की वजह से हम लोगों ने हम लोगों ने इन संसाधनों का प्रयोग करना है संसाधनों को तो शोषण है और करने लगे ठीक है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कोई मेरे मानव तो कोई मानव किस प्रकार की किस प्रकार की उसकी आवश्यकता होती तो को भोजन हो गया वस्त्रों के आवास हो गया परिवहन के साधन हो गए विभिन्न प्रकार की यंत्र हो गए कच्चे माल की खपत होगी मानव की आवश्यकता है परिवहन के साधन परिवहन के साधन ठीक है विभिन्न प्रकार के यंत्र विभिन्न प्रकार के यंत्र और अगर हम औद्योगिक की बात बारे में बात करें तो औद्योगिक कच्चे माल तो औद्योगिक कच्चे माल की खपत माल की खपत किस प्रकार का देखो तो हम लोग क्या करें हजूर क्या हो रहा है कि जैसे जनसंख्या में वृद्धि हो रही वैसे वैसे इन सब चीजों की खपत भी बढ़ बताओ अगर जो है हम लोग प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से हम लोग का शोषण करते जाएंगे तो क्या होगा एक दिन यह होगा कि प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा ठीक है अगर आप ऐसे सोचो कि आज कल देखते हैं कितनी ऊंची इमारतें बनी होती है ठीक है अब अगर ऊंची इमारत बनानी है तो ऊंची मार रहे थे क्या चाहिए बस आने चाहिए होगा और लोहा भी चाहिए होगा इस दिल भी चाहिए होगा आपको मॉर्निंग चाहिए होगी सीमेंट चोरी सब क्या है कि प्राकृतिक चीजों से खुदाई करते जा रहे हैं अब इससे क्या होगा इससे होगा यह कि प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा भाई पृथ्वी क्या हो गया अंदर से खोखले होती जा रही हो कि हम दोनों 3:30 पर बंद जीवन है उसको भी वही प्रभावित होकर भाई हम क्या करते जाते लगाकर वनों की कटाई करते जा रहे हैं वहां पर चेक किया लगाते जा रहे क्या हो रहा है एक जीवन पर भाई थोड़ा दूसरा कोई पृथ्वी है वह भी अंदर से खोखली होती जा रही है इस प्रकार से लगातार हम लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते जा रहे हैं ठीक है इससे क्या होगा साधु का प्राकृतिक संसाधनों का का तेजी से वह गलत व अविनाश अविनाश करें ढंग से विनाशकारी ढंग से शोषण करते जा रहे हैं से शोषण करते जा रहे हैं इससे क्या होगा इससे होगा जो प्राकृतिक संतुलन है प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने लगा है इसका हम लोग उदाहरण देख सकते हैं ग्लोबल वार्मिंग ठीक है तो लगातार लोग देखने की हर 1 साल गर्मी का जो है जहां कसूर अच्छी किताबें पढ़ता दर्द से ग्लेशियर भी क्या हो रहा है कि लगातार बारिश कभी एकदम चल ज्यादा बारिश हो जाती है कभी कम बारिश होती है कुछ भी संत्री तरीके से नहीं बोला अब इससे क्या होगा अगर अगर प्रकृति में संतुलन नहीं रहेगा तो इससे क्या होगा इससे होगा यह कि मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा ऐसा आप कह सकते हो कि हम देख रहे हैं कि जल का जल कितना खत्म होता जा रहा है ठीक है तो हमारी पृथ्वी पर वैसे भी एक प्रतिशत जल है पीने योग्य ठीक है एक जगह है उसमें भी अब हम लोग देख रहे हैं कि वह पानी कितना कम बचा हुआ ठीक है तो पेयपल है वह बहुत ही कम बचा हुआ अब आप सोचो कि हम लोग पानी की और उसके बाद लोग क्या करते हैं पानी की बर्बादी करते हैं ठीक है उसको गलत तरीके से प्रयोग कर रहे हैं अब ऐसा क्या होगा ऐसे होगा यह कि अगर अगर जो है हम लोग ऐसे करते चले जाएंगे तो क्या होगा जो आगे आने वाली पीढ़ियां है उनको उनको तो मिलेगा ही नहीं पानी ठीक है जाओ देख लो ऐसे हो गई है कि जिस प्रकार से डायनासोर हो गए या अन्य जीव जैसे विलुप्त हुए हैं वैसे ही क्या होगा 1 दिन मानव भी विलुप्त हो जाएगा क्योंकि उसका भी अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है क्योंकि उसे तो मिलेगा ही नहीं सकते जो जो जो आवश्यकताएं चाहिए चाहते हैं कि मानव का अस्तित्व और मानव की प्रकृति है अगर मानव का अस्तित्व और प्रगति हम लोग चाहते हैं दोनों क्या करना पड़ेगा हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना पड़ेगा ठीक है यहां पर लिख सकते हैं हम लोगों का उत्तर होगा वह क्या होगा अतः मानव के मानव के अस्तित्व एवं प्रगति के लिए के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण व संरक्षण व प्रबंधन आवश्यक है जितना हो सके उतना ही जितना दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और जितना हो सके उतना जो मारे प्राकृतिक संसाधन है उनको बचा कर रखना चाहिए ठीक है प्रश्न का उत्तर है तो पूछ की क्या आवश्यकता है तो इसलिए आवश्यकता है कि हम चाहते हैं कि मानव का अस्तित्व बना रहे और मानव इसी प्रकार से प्रगति करते रहे थे इसलिए संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता है तेरी माय प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद |