Vastu Sashtra for Home Direction : वास्तु-शास्त्र हर दिशा के शुभ और अशुभ होने के बारे में बताया गया है। यदि घर का निर्माण दिशाओं का ध्यान रखकर किया जाए तो घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। वास्तु के अनुसार, एक आदर्श घर के लिए प्रवेश द्वार हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में होना
चाहिए। घर का ढलान पूर्व या उत्तर पूर्व में होना चाहिए क्योंकि यह शुभ माना जाता है। इसी तरह कमरे, हॉल, किचन, बाथरूम और बेडरूम एक खास दिशा में होने चाहिए। यह किसी भी वास्तु-दोष से बचने में मदद करता है और समृद्धि लाता है। पूर्व दिशा पश्चिम दिशा उत्तर दिशा दक्षिण दिशा ईशान कोण उत्तर पश्चिम
दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रहा है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को आपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें वास्तु के अनुसार कौन सी दिशा मानी जाती है सबसे शुभ व लाभदायक, जानें यहांजैसे कि सब आप वास्तु शास्त्र में दिशाओं का अधिक महत्व है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले इन दिशाओं को ध्यान में ज़रूर रखना चाहिए। शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ वास्तु शास्त्री बताते हैं कि मकान चाहे ये पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर या ईशान दिशा में हो, प्रत्येक दिशा वहां रहने वाले लोगों की दशा बदल देती है। तो इन तमाम दिशाओं में सबसे अधिक शुभ कौन सी होती है, आइए जानते हैं- वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जिस दिशा से सूर्योदय होता है, उसे पूर्व दिशा कहा जाता है। बहुत से लोगों को घर पूर्वमुखी होती है, मगर क्या ये घर सुख-संपन्नता से भरपूर होता हैं? तो आपको बता दें कि पूर्वदिशा में होने वाले मकान का अपना फायदा होता है। ऐसे घर में सूर्य की ताजी किरणों का आगमन नियमित रूप से होता है। 12 बजे के बाद धूप आग्नेय कोण से होते दक्षिणा में चली जाती है। कहा जाता है 11 बजे के पहले ही धूप में विटामिन डी सही स्थिति में रहता है। जिससे इस में घर रहने वालों का लाभ प्राप्त होता है। कहा जाता है प्रत्येक व्यक्ति के लिए ये जानना आवश्यक होता है उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा और ठंजी हवा का स्रोत होता है, जबकि दक्षिण दिशा नकारात्मक ऊर्जा और गर्म हवाओं का स्रोत है। इसलिए इस बात का निर्णय बहुत सोच समझकर करना चाहिए कि घर का द्वार-खिड़की किस दिशा में होना चाहिए। और ये भी पढ़े
इसके अलावा मकान के वायव्य, उत्तर, ईशान और पूर्व का भाग सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है, जबकि आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य और पश्चिम भाग नकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। मगर कुछ लोग पश्चिम दिशा को सही मान लेते हैं, मगर इसके बारे में वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इसके निर्माण का फैसला लेना चाहिए। मकान का मुंह कौन सी दिशा में होना चाहिए?परमार के मुताबिक, ”घर का मुख्य द्वार हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए, क्योंकि ये शुभ दिशाएं मानी गई हैं”। दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में मेन गेट नहीं होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार कौन सा मुखी घर सबसे अच्छा होता है?वास्तु शास्त्र में उत्तर मुखी घर को शुभ माना जाता है क्योंकि धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा होती है।
घर के लिए सबसे अच्छी दिशा क्या है?हमारे अनुसार सबसे उत्तम दिशा- पूर्व, ईशान और उत्तर है. वायव्य और पश्चिम सम है. आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा सबसे खराब होती है.
कौन सी दिशा शुभ मानी जाती है?आपके लिए उत्तर-पूर्व(ईशान) दिशा शुभ है। यह दो दिशाओं का सर्वोतम मिलन स्थान है। यह स्थान भगवान शिव और जल का स्थान भी माना गया है। ईशान को सदैव स्वच्छ और शुद्ध रखना चाहिए।
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