क्रेडिट कार्ड पर इंटरेस्ट कैसे लगता है? - kredit kaard par intarest kaise lagata hai?

क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्‍तेमाल न हो तो आपका कर्ज के जाल में फंसना तय है. क्रेडिट कार्ड में कई सारे ऐसे इंटरेस्ट रेट और चार्ज लगते हैं जिनके बारे में आपको बताया नहीं जाता है. एक बार आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, उसके बाद आपको इस चार्जेस के बार में पता चलता है. जिसे चुकाने के लिए आप कर्जे में फंस जाते हैं. 

Credit Card Interest Rate: क्रेडिट कार्ड कहीं जरूरत है तो कहीं दिखावा भी है. दिखावे और जरूरत के बीच में बहुत बरीक लाइन होती है. जो भी व्यक्ति इस लाइन की सीमा को देख पाते हैं, वे क्रेडिट कार्ड से फायदा उठाते हैं. नहीं तो ज्यादातर लोग कर्ज की दलदल में फंसते चले जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि बहुत जरूरत होने पर ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें और समय पर इसके बिलों का भुगतान करते रहें.

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क्रेडिट कार्ड आपको खरीदारी करने की आजादी देता है. आर्थिक संकट के समय यह सहारा बनता है. इसके इस्तेमाल में लापरवाही महंगी पड़ सकती है. क्योंकि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान नहीं करने पर व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस सकता है. बैंक क्रेडिट कार्ड के बिल पर मोटा ब्याज वसूलते हैं.

अलग-अलग बैंकों के क्रेडिट कार्ड के बिलों में देरी पर अलग-अलग दर से चार्ज वसूला जाता है. और यह चार्ज हर महीने के हिसाब से लिया जाता है. कई बैंकों ने तो नए साल में क्रेडिट कार्ड की लेट पेमेंट फीस में बदलाव किया है. बैंक 50,000 रुपये या उससे अधिक की बकाया राशि के लिए हर महीने 1200 रुपये तक चार्ज लेते हैं.

एसबीआई क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आप विभिन्न प्रकार के भुगतानों को आसानी से कर सकते हैं तथा उसके बदले आप रिवॉर्ड प्वाइंट  कैशबैक का लाभ प्राप्त करते हैं। एक एसबीआई क्रेडिट कार्ड से प्राप्त होने वाले विभिन्न लाभों का फायदा उठाने के साथ-साथ आपको अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान भी समय पर करना होता है। 



अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर करते हैं तो इस पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाता है। लेकिन अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो आपको बकाया राशि पर ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है। 



इस प्रकार एक एसबीआई क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट वह वित्त शुल्क है जो आपके एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर तब लगाया जाता है जब आप एक नियत तारीख तक अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड के बकाए राशि का पूरा भुगतान नहीं करते हैं। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान न करने न्यूनतम देय राशि का भुगतान करते हैं तो इस बची हुई राशि पर भी ब्याज लगाया जाता है। इसे एसबीआई क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट के नाम से जाना जाता है। 



एसबीआई क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट एक एसबीआई क्रेडिट कार्ड से दूसरे एसबीआई क्रेडिट कार्ड के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है। यह क्रेडिट कार्ड के प्रकार पर निर्भर करता है। प्रीमियम केटेगरी के एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर अधिक इंटरेस्ट रेट देना पड़ता है है। इसलिए एक कार्ड धारक को क्रेडिट कार्ड लेते समय उसके नियम और शर्तों को पूरी तरह पढ़ना चाहिए। 





SBI क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट क्या है? | What is SBI Credit Card Interest Rate in Hindi


आमतौर पर एसबीआई बैंक द्वारा अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर लिया जाने वाला इंटरेस्ट रेट 3.50% प्रति माह (42% प्रति वर्ष) होता है। यह एक एसबीआई क्रेडिट कार्ड से दूसरे एसबीआई क्रेडिट कार्ड के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है। 



एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट के बारे में अपडेटेड जानकारी के लिए आप एसबीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर नंबर से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही आप अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 



यह एसबीआई क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट समय के साथ बदलता रहता है। इसको बदलने का पूरा अधिकार एसबीआई के पास है। वह जब चाहे इस एसबीआई क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट में कमि या बढ़ोतरी कर सकता है। 






SBI क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर कब लेता है?


एसबीआई क्रेडिट कार्ड द्वारा आपसे कुछ परिस्थितियों में क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट लिया जाता है। हमें नीचे उन परिदृश्य के बारे में उल्लेख किया है जिसमें आपसे SBI क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट लिया जाता है। 



1. अगर आप अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान देय तिथि तक नहीं करते हैं तो आपके इस बकाया राशि पर SBI क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट लगाया जाता है। 



2. अगर आप अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान पूरी तरह से ना कर आंशिक भुगतान (न्यूनतम देय राशि या न्यूनतम देय और कुल देय राशि के बीच की कोई राशि) करते हैं तो बची हुई राशि पर SBI क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट लगाया जाता है। 



3. अगर आप अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड के माध्यम से एटीएम से नगद निकासी करते हैं तो इस नगद निकासी पर SBI क्रेडिट कार्ड इंटरेस्ट रेट लगाया जाता है। यह प्रतिदिन के हिसाब से, जिस दिन से आप एटीएम  के माध्यम से नकद निकासी करते हैं, लगता है। 






एसबीआई क्रेडिट कार्ड ब्याज मुक्त अवधि | SBI Credit Card Interest Free Period


एसबीआई क्रेडिट कार्ड द्वारा अपने ग्राहकों को ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि का लाभ दिया जाता है। इसके माध्यम से अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके कोई खरीदारी करते हैं तो आपको 20 से लेकर 50 दिनों तक ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि की सुविधा दी जाती है। 



अगर आप इस ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि के भीतर क्रेडिट कार्ड से इस्तेमाल किए गए धन को वापस लौटा देते हैं तो आप पर आपको इस्तेमाल किए गए धन पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होता है। लेकिन अगर आप इस इस्तेमाल के धन को 20 से 50 दिनों के भीतर नहीं लौटाते हैं तो आपको इस पर इंटरेस्ट रेट का भुगतान करना होता है। 

क्रेडिट कार्ड का ब्याज कैसे लगता है?

आम तौर पर सभी क्रेडिट कार्ड कंपनियां 22 से 48 फीसदी तक सालाना ब्याज वसूलती हैं। हालांकि, कंपैरिजन करके आप न्यूनतम ब्याज और अच्छी सुविधा वाला कार्ड चुन सकते हैं। लगभग सभी क्रेडिट कार्ड अपने ग्राहकों से सालाना फीस लेते हैं। हालांकि कई बार कुछ बैंक ऑफर के तहत सालाना फीस में छूट भी देते हैं।

क्रेडिट कार्ड से पैसे निकालने पर कितना ब्याज लगता है?

क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर आपको ब्याज के अलावा दूसरे चार्ज भी देने पड़ते हैं, जो निकाले गए कैश के 2.5% से 3% फीसदी तक हो सकते हैं। अगर आपने क्रेडिट कार्ड से पैसा निकाला है तो आपको उसी दिन से ब्याज देना पड़ता है। बैंक आपसे इसके लिए तगड़ा चार्ज वसूल कर सकता है।

क्रेडिट कार्ड से नुकसान क्या है?

कई क्रेडिट कार्ड्स के नुकसान इस चक्कर में कई बार आप बिना जरूरत के भी शॉपिंग करेंगे। इस तरह आप पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जाएगा। भले ही आपको उसे अगले महीना चुकाना है, लेकिन क्रेडिट कार्ड से खर्च भी एक तरह का कर्ज ही है, जिसे आपको कुछ दिनों के भीतर चुकाना है। कई कार्ड के होने से आप ईएमआई में फंस सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड पर कितना चार्ज लगता है?

वहीं 100-500 रुपये तक पर 100 रुपये लेट फीस, वहीं 501-5000 रुपये तक पर आपको 500 रुपये का चार्ज देना पड़ सकता है. वहीं 5001-10000 पर 600 रुपये, 10001-25000 पर 800 रुपये का चार्ज लिया जाएगा. वहीं 25001-50000 रुपये पर 1100 रुपये वहीं 50,000 से ज्यादा पर 1300 का जुर्माना लगाया जाएगा.