इसे सुनेंरोकेंहमें अपने को कर्मवीर साबित करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा । समय का महत्व हमें देना होगा। परिश्रमी बनना पड़ेगा तथा आलस्य को त्यागना होगा। मन-वचन और कर्म से एक रहना होगा । Show
कर्मवीर दूसरों पर आश्रित क्यों नहीं रहते?इसे सुनेंरोकेंAnswer: कर्मवीर व्यक्ति भाग्य के भरोसे कभी नहीं बैठते और न ही कभी उन्हें दुख होता है और न ही वे कभी असफल होते हैं और न ही भी पछताते हैं। कर्मवीर मनुष्य के मार्ग में कैसे कैसे बाधाएं आती है? इसे सुनेंरोकेंकर्मवीर मनुष्य के मार्ग में अनेक प्रकार की बाधाएँ आती हैं। कभी उनके सामने आकाश को छूने वाले पहाड़ों के शिखर आ जाते हैं। तो कभी आठों पहर अंधेरा से भरे जंगल। उनके सामने कभी विशाल समुद्र की गरजती हुई लहरें और चारों ओर फैली हुई भयानक आग की लपटें आ जाती हैं। पढ़ना: Dream11 से पैसे कैसे कमाए जाते हैं? कर्मवीर की मदद कौन करता है? इसे सुनेंरोकेंव्याख्या-कर्मवीर व्यक्ति काम आरंभ करके उसे बिना किसी कारण के बीच में अधूरा नहीं छोड़ते। वे काम या तो आरंभ ही नहीं करते और यदि काम आरंभ कर देते हैं तो उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। यदि ऐसे कर्मवीर व्यक्ति एक बार किसी बाधा या संकट का सामना करने का निश्चय कर लेते हैं तो वे भूलकर भी मुँह नहीं मोड़ते। कर्मवीर कौन कौन से बड़े काम करके दिखा देते हैं?इसे सुनेंरोकेंकर्मवीर कौन-कौन से बड़े काम करके दिखा देते हैं? उत्तर- कर्मवीर बड़े से बड़े काम को पूरा कर देते हैं। वे ऊँचे पर्वतों को काटकर आने-जाने के लिए सड़क बना देते हैं। रेगिस्तान में हरियाली लाने को नदियाँ बहा देते हैं। कर्मवीर कैसे लोगों की बात करती है?इसे सुनेंरोकेंकविता बाधाओं से जूझते हुए उन कर्मशील लोगों की बात करती है, जो सभ्यता-संस्कृति का निर्माण करते हैं। देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।। काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं। पढ़ना: अभी कौन सी फसल बोल सकते हैं? `’ कर्मवीर कविता कैसे लोगों की बात करती है?`? आप कैसे कह सकते हैं कि कर्मवीर समय के महत्व को जानते हैं? इसे सुनेंरोकेंजो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं। काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं। आजकल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहीं। यत्न करने में कभी जो जी चुराते हैं नहीं। इसे सुनेंरोकेंव्याख्या-कवि कर्मवीर व्यक्तियों की विशेषताओं का बखान करता हुआ कहता है कि जो व्यक्ति अनेक प्रकार की बाधाओं और विघ्नों को देखकर नहीं घबराते और भाग्य के भरोसे पर ही अपने-आपको नहीं छोड़ देते, वे वीर होते हैं। जो वीर व्यक्ति कठिन-से-कठिन काम को भी मन लगाकर करते हैं, काम करने से ऊबते नहीं वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। कर्मवीर चिलचिलाती धूप को क्या बना देते हैं? इसे सुनेंरोकेंअर्थ – चिलचिलाती धूप भी उनके लिए चाँदनी बन जाती है । काम पड़ने पर वे शेर का भी सामना कर लेते हैं । वे हँस हँसकर कठिन से कठिन काम को कर लेते हैं । जो ठान लेते उनके लिए वह कठिन काम नहीं रह जाता । पढ़ना: विभाजित संख्या क्या है? `’ कर्मवीर कविता कैसे लोगों की बात करती है?`? इसे सुनेंरोकेंकविता बाधाओं से जूझते हुए उन कर्मशील लोगों की बात करती है, जो सभ्यता-संस्कृति का निर्माण करते हैं। देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।। काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं। कर्मवीर कविता से आपको क्या प्रेरणा मि लती है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: यह कविता कठोर परिश्रम करने की प्रेरणा देती है। चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देते बना में धूप और चाँदनी से कवि का क्या अभिप्राय है? इसे सुनेंरोकें(iv) ‘धूप को चाँदनी बना देने’ का तात्पर्य है (क) कठिनाइयों में हँसते रहना (ख) कठिनाइयों को सरल बना देना (ग) कठिनाइयों का सामना करना आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: हमें अपने को कर्मवीर साबित करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा । समय का महत्व हमें देना होगा। कर्मवीर किसकी बात सुनते हैं?इसे सुनेंरोकेंइस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों को बताया है। व्याख्यो – कवि कहता है कि जो कर्मठ लोग होते हैं वे किसी भी बाधा से घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे बैठकर दुख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं हैं। पढ़ना: बेसिक इंग्लिश कैसे सीखें? दुख पड़ने पर कौन लोग नहीं घबराते? इसे सुनेंरोकेंदेखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं,रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं, काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं, भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं। कर्मवीर अपनी मदद स्वयं कैसे करते हैं? इसे सुनेंरोकेंअर्थ – कर्मवीर आज का काम आज ही कर लेते हैं। वे जो सोचते हैंवही कहते हैं तथा सोचे-कहे को ही करते भी हैं। ऐसे लोग वही करते हैं जो उनका मन कहता है लेकिन सदैव सबकी बात सुनते हैं । वो अपनी मदद स्वयं करते हैं भूलकर भी वे दूसरे से मदद के लिए मुँह नहीं ताकते। कर्मवीर कविता में कौन सा गुण है?इसे सुनेंरोकेंदेख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं। काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं। इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के अहिन्दी (Non Hindi) के पाठ 3 (Karmveer Kavita) “कर्मवीर” कविता के व्याख्या को पढ़ेंगे, इस कविता के माध्यम से कवि ने हमेशा आगे बढ्ते रहने की प्रेरणा दिया है। जो कर्म में वीर होते हैं, वह कभी हार नहीं मानते हैं।Karmveer Kavita पाठ परिचय- कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की सफलता का निर्धारण करती है । बाधाएं व्यक्तित्व को निखारने का काम करती हैं। कविता बाधाओं से जूझते हुए उन कर्मशील लोगों की बात करती है, जो सभ्यता-संस्कृति का निर्माण करते हैं। 3. कर्मवीर(Karmveer Kavita) देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। Karmveer Kavita video – click here Read More – Click Here Read Class 10 Hindi – Click Here Read Class 10 Non Hindi – Click Here Post Views: 357 कर्मवीर कविता कैसे लोग की बात करती है?इस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' हैं। प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों को बताया है। व्याख्यो – कवि कहता है कि जो कर्मठ लोग होते हैं वे किसी भी बाधा से घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे बैठकर दुख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं हैं।
कर्मवीर कविता से हमें क्या सीख मिलती है?“कर्मवीर” कविता एक प्रेरणादायक कविता है। इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए बल्कि निरंतर कर्म करते रहना चाहिए।
कर्मवीर किसकी कविता है?कर्मवीर / अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
कर्मवीर कविता में कौन सा गुण है?कवि ने कर्मवीर व्यक्ति को परिश्रमी, निडर, समय पर काम करने वाला, कठिन से कठिन स्थिति का सामना करने वाला तथा अपनी सहायता स्वयं कर के सफल होने वाला बताया है।
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