नूपुर शर्मा ने नबी के बारे में क्या कहा? - noopur sharma ne nabee ke baare mein kya kaha?

नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी कुछ टिप्पणियां की थीं. इसमें उन्होंने शादी के समय पैगंबर मोहम्मद की पत्नी आयशा की क्या उम्र थी. इस बात का जिक्र किया था.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान की चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. करीब 15 मुस्लिम देश इस बयान को लेकर भारत के सामने आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. अरब देशों के दबाव में बीजेपी ने नूपुर शर्मा को छह साल के लिए पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया है. बीजेपी ने ये भी बयान जारी किया है कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है. 

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नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के लिए क्या कहा था

नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी कुछ टिप्पणियां की थीं. इसमें उन्होंने शादी के समय पैगंबर मोहम्मद की पत्नी आयशा की क्या उम्र थी. इस बात का जिक्र किया था.

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राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान से उपजे विवाद के बीच भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बयान जारी कर कहा था, "उनकी पार्टी को ऐसा कोई भी विचार स्वीकार्य नहीं है जो किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाए. उन्होंने कहा कि 'भाजपा न ऐसे किसी विचार को मानती है और न ही उसे प्रोत्साहन देती है."

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नूपुर ने पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या कहा

नूपुर शर्मा ने पार्टी से निलंबित होने के बाद ट्वीट कर कहा था, "मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वह शिवलिंग नहीं फुवारा है. दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं जाओ जा कर पूजा कर लो. मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिवजी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं. अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी."

जानिए क्या था पूरा मामला

जैसा कि आपको पता है कि इन दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देश भर में चर्चा छिड़ी हुई है. ऐसे में शुक्रवार 27 मई 2022 को नूपुर शर्मा एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंची थी. बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं. अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं. नुपुर शर्मा ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया जिसे कथित फैक्ट चेक कर मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और नूपुर पर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया.

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कौन हैं नुपुर शर्मा?

नुपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं. साल 2015 में नूपुर पहली बार तब चर्चा में आई थी जब भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था. नुपुर शर्मा भाजपा दिल्ली की प्रदेश कार्यकारिणी समिति की सदस्य रही. इसके अलावा वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

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नूपुर शर्मा कौन हैं जिन्होंने पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की

  • गीता पांडेय
  • बीबीसी संवाददाता

7 जून 2022

नूपुर शर्मा ने नबी के बारे में क्या कहा? - noopur sharma ne nabee ke baare mein kya kaha?

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भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अपने एक प्रवक्ता के इस्लाम के आख़िरी पैगंबर, पैग़बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी देने को लेकर कूटनीतिक मुश्किलों का सामना कर रही है.

बीजेपी की प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा ने ये टिप्पणी क़रीब दस दिन पहले एक भारतीय टीवी चैनल में हुई डिबेट में की थी. उनकी इस टिप्पणी भारतीय मुसलमानों और 12 से अधिक देशों में आपत्ति जताई.

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रविवार को बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया. उनके साथ-साथ पार्टी के दिल्ली मीडिया यूनिट के प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को नूपुर शर्मा के बयान वाले पोस्ट को ट्वीट करने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया.

बीजेपी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि "पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के बिल्कुल ख़िलाफ़ है, जो किसी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है." साथ ही बीजेपी ने लिखा, "वह सभी धर्मों आदर करती है और किसी भी धार्मिक महापुरुष के किसी अपमान का पुरज़ोर निंदा करती है."

दूसरी तरफ नूपुर शर्मा की टिप्पणी से नाराज़ इस्लामिक देशों की नाराज़गी कम करने के लिए भारतीय कूटनीतिज्ञों ने कहा है कि ये बयान भारत सरकार की विचारधारा को प्रदर्शित नहीं करते और ये कुछ "फ्रिंज एलिमेंट्स" यानी कुछ शरारती तत्वों की विचारधारा है.

हालांकि कई लोगों का कहना है कि नूपुर शर्मा बीजेपी का फ्रिंज एलिमेंट नहीं है.

निलंबित किए जाने से पहले तक 37 साल की वकील रही नूपुर शर्मा "आधिकारिक तौर पर बीजेपी की प्रवक्ता" थीं और सत्ताधारी पार्टी और नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करते हुए एक के बाद एक हर दिन टीवी डिबेट में नज़र आ रही थीं.

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नूपुर शर्मा मामले पर कई अरब और मुस्लिम देशों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

नूपुर शर्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के क़ानून विभाग से अपनी पढ़ाई की है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में उस वक्त की जब वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं. एबीवीपी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा है.

लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के इंटरनेशनल बिज़नेस लॉ में मास्टर्स करने के बाद वो भारत लौटीं जिसके बाद साल 2011 में उनके राजनीतिक कैरियर का ग्राफ़ तेज़ी से आगे बढ़ने लगा.

अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में स्पष्ट तरीके से अपने नज़रिए को सामने रख सकने की उनकी क्षमता की वजह से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की मीडिया कमिटी में उन्होंने अपनी जगह बनाई.

दो साल बाद जब फिर से चुनाव कराए गए तो वो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ बीजेपी की तरफ से चुनावी अखाड़े में उतारी गईं.

ये ऐसा चुनाव नहीं था जिसमें नूपुर शर्मा से जीतने की उम्मीद की गई थी, लेकिन उनका जोशीला चुनाव अभियान उन्हें एक बार फिर चर्चा के केंद्र में लेकर आया. उन्हें आधिकारिक तौर पर दिल्ली का पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया और फिर 2020 में उन्हें बीजेपी की "राष्ट्रीय प्रवक्ता" बनाया गया.

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2008 की नूपुर शर्मा की तस्वीर

बीते कुछ सालों में नूपुर भारतीय टेलीविज़न चैनलों में जाना पहचाना चेहरा बन गई थीं. लगभग हर शाम टीवी पर उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के साथ बहस करते, उन पर चिल्लाते और कभी-कभी उन पर तीखे कटाक्ष करते सुना जा सकता था.

बीते दिनों नूपुर शर्मा के कई समर्थकों ने ट्विटर पर उनका एक छोटा वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने साथ टीवी डिबेट में शामिल एक पैनलिस्ट को 'दोगला और झूठा' बताते हुए उन्हें 'चुप रहने' के लिए कहा.

जब नूपुर ने वो वीडियो अपने ट्विटर टाइमलाइन में शेयर किया, जहां उनके 5 लाख समर्थकों में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं तो उनके समर्थकों ने उनकी तारीफ़ की और उन्हें "शेरनी, बहादुर और निडर लड़ाका" कहा.

पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद नूपुर शर्मा ने एक बयान जारी किया और कहा कि वो "बिना शर्त" अपनी टिप्पणी वापिस ले रही हैं. हालांकि उन्होंने अपनी टिप्पणी को सही ठहराते हुए ये भी दावा भी किया कि "मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिवजी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ बातें कह दीं."

नूपुर ने पैग़बंर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी टीवी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे डिबेट के एक कार्यक्रम के दौरान दी थी.

हिंदुओं का कहना है कि वाराणसी में बनी ये मस्जिद 16वीं सदी में एक हिंदू मंदिर के अवशेष के ऊपर ये बनाई गई है, जिसे 1669 में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने नष्ट कर दिया था. इस मामले में कुछ हिंदू समूहों ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है और कोर्ट से मस्जिद में प्रार्थना करने की इजाज़त मांगी है.

इसके बाद एक विवादित कोर्ट ऑर्डर जिसमें मस्जिद का सर्वे वीडियो रिकॉर्ड करने की इजाज़त दी गई थी, जिसमें मस्जिद के भीतर मिली एक आकृति को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग कहा जबकि मस्जिद अधिकारियों ने वज़ूख़ाने में लगा फ़व्वारा बताया.

  • ज्ञानवापीः मस्जिद सर्वे में 'शिवलिंग' मिलने पर क्या कह रहे हैं बनारस के कुछ मुसलमान
  • ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब तक पक्के तौर पर क्या-क्या मालूम है

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पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर क्या बोले ओवैसी?

ये मामला अब कोर्ट में है. लेकिन भारतीय टीवी चैनलों पर इससे जुड़े दावों और प्रतिदावों को लेकर लगातार डिबेट कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इन डिबेट्स में नूपुर शर्मा हिदू राष्ट्रवादी पक्ष रखने के लिए जानी जाती हैं.

इसी क्रम में मई 27 को जब उन्होंने पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर बयान दिया तो लगा कि उन्होंने अपने दायरे से बाहर निकल विवाद के कीचड़ में पैर रख दिया है.

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इसके बाद पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्विटर पर उनके बयान की एक वीडियो क्लिप शेयर की. इस मुद्दे को लेकर नूपुर ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की कि "उन्हें और उनकी बहन और माता पिता को बलात्कार, हत्या और सिर काटने की धमकियां मिल रही हैं."

उन्होंने मोहम्मद ज़ुबैर पर "माहौल को ख़राब करने, सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने और उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक और नफरत पैदा करने के लिए फर्ज़ी ख़बर फैलाने" का आरोप लगाया.

अपने ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी टैग किया.

तीन दिन बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया कि "उन्हें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का समर्थन प्राप्त है."

लेकिन मुश्किल तब शुरू हुई जब बीते शुक्रवार उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर में उनकी टिप्पणी के ख़िलाफ़ मुसलमानों ने प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन जल्द हिंसक हो गए.

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने तेज़ी से प्रदर्शनों को रोकना शुरू किया. सैकड़ों मुसलमानों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई और दर्जनों को हिरासत में लिया गया.

एक के बाद एक मध्यपूर्व के कई देशों ने भी उनके बयान की निंदा करना शुरू किया जिसके बाद नूपुर शर्मा के लिए और बीजेपी को इस मामले में बैकफुट पर आना पड़ा.

क़ुवैत, ईरान और कतर ने भारतीय राजदूतों को बुलाकर आपत्ति जताई तो सऊदी अरब ने कड़ी आपत्ति जताते हुए एक बयान जारी किया. यहां तक ​​कि संयुक्त अरब अमीरात जिसके साथ भारत के संबंध पिछले कुछ सालों में काफी सुधरे हैं,उसने भी नूपुर शर्मा की टिप्पणियों की आलोचना की.

  • नूपुर शर्मा मामले में बीजेपी और भारत के बारे में क्या कह रहे हैं अरब देश
  • आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा - हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना?

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बीते दिनों नूपुर शर्मा के 'ईशनिंदा वाली टिप्पणी' को लेकर उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग हो रही है और विपक्षी पार्टियों के सरकार वाले राज्यों में इस मामले को लेकर उनके ख़िलाफ़ जांच भी शुरु की गई है.

मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने एक चरमपंथी समूह के हत्या की धमकी का कारण बताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है.

लेकिन पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के निलंबन के बाद से उनका समर्थन बढ़ रहा है. सोशल मीडिया पर #ISupportNupurSharma और #TakeBackNupurSharma जैसे हैशटैग रोज़ ही ट्रेंड कर रहे हैं हज़ारों और लोग उनकी प्रशंसा भी कर रहे हैं.

कुछ लोगों का कहना है कि नूपुर शर्मा से पहले भी कई राजनेताओं ने विवादित टिप्पणियां की हैं लेकिन ऐसा कर वो बच निकले हैं, ज़रूरी नहीं कि ये विवाद नूपुर शर्मा के करियर का फुल स्टॉप साबित हो.