लघु उत्तरीय प्रश्न Show प्रश्न 1. लेखिका मृदुला गर्ग ने अपनी नानी को देखा नहीं था फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थीं तो क्यों और किस घटना के आधार पर ? [C.B.S.E. 2012 Term I, Set 033 A1] उत्तर: नानी शब्द को सुनते ही मन में प्रेम करने वाली महिला का चित्र उभर आता है और एक ऐसा व्यक्तित्व उभरकर आता है जो सामने न होते हुए भी हर समय मन में रहता है। लेखिका की नानी परम्परागत रूप से अनपढ़ तथा पर्दा करने वाली, आजादी के लिए जुनून रखने वाली ममतामयी माँ, आजाद ख्यालों वाली, स्पड्ढवादी महिला थीं। उनकी बेटी का विवाह अंग्रेजी साहबों के आज्ञाकारी से न होकर, किसी आजादी के सिपाही के साथ हो, यह अभिलाषा थी। प्रश्न 2. लेखिका की नानी ने अपनी पुत्री के लिए वर खोजने का दायित्व किसे सौंपा और क्यों? प्रश्न 3. लेखिका मृदुला गर्ग की नानी किस स्वभाव की थीं? उनके जीवन की कौन-सी बात बहुत चर्चित है ? उत्तर: लेखिका मृदुला गर्ग की नानी प्रगतिशील, स्वतंत्रता- आन्दोलन की समर्थक तथा देशप्रेमी महिला थीं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आजादी के आन्दोलन में भागीदारी दिखाई। उन्होंने अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से बेटी के लिए आजादी का सच्चा सिपाही वर के रूप में तलाश करने के लिए वचन लिया। वे नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी अंग्रेजों की नौकरी करने वाले भारतीय से हो। प्रश्न 4. लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की कोई दो विशेषताएँ लिखकर परिवार में उनके प्रति आदर-सम्मान का कारण लिखिए। उत्तर: लेखिका की माँ के व्यक्तिव की निम्न विशेषताएँ थ° जिनके कारण परिवार में उनके प्रति आदर-सम्मान था [C.B.S.E. 2012 Term I, Set 028 A1] उत्तर. मृदुला गर्ग अपनी नानी, परदादी, छोटी बहिन रेणु से प्रभावित थीं। नानी ने बेटी के लिए मनचाहा वर चुना। परदादी ने लड़की की कामना की। रेणु ने अपने नजरिए से जिन्दगी का आनन्द लिया। प्रश्न 6. लेखिका मृदुला गर्ग की परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नात क्यों माँगी? प्रश्न 7. ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने अपनी नानी का जो चित्र खींचा उसका वर्णन कीजिए। [C.B.S.E. Term I, Set A1, 2010] उत्तर: लेखिका की नानी अनपढ़ और परदे में रहने वाली स्त्री थीं। वह शान्त स्वभाव, घरेलू पारम्परिक जीवन जीने वाली साधारण महिला थीं। यद्यपि वह प्रत्यक्ष रूप में आजादी के आन्दोलन में भागीदार नहीं हुईं परन्तु अपने निजी जीवन में गाँधी जी के स्वदेशी विचारों का भलीभाँति पालन करती रहीं तथा अपनी बेटी का विवाह भी स्वतंत्रता सेनानी से ही करवाया। प्रश्न 8. ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने अपनी नानी का जो चित्र खींचा उसका वर्णन कीजिए [C.B.S.E. 2012 Term I, Set 043 A1] उत्तर: कर्नाटक के बागलकोट कस्बे में कोई ढंग का स्कूल नहीं होने के कारण लेखिका ने बिशप से प्राइमरी स्कूल खोलने के लिए प्रार्थना की। वहाँ क्रिश्चियन जनसंख्या कम होने के कारण लेखिका ने गैर-क्रिश्चियन बच्चों को शिक्षा पाने के लायक सि( किया। बिशप से सहायता न मिलने के कारण लेखिका ने स्वयं अंग्रेजी-हिन्दी-कन्नाड़ तीन भाषाएँ पढ़ाए जाने वाला प्राइमरी स्कूल खोला व कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलवाई। प्रश्न 10.
अपराध करने पर दण्ड दिया जाता है मगर फिर भी अपराध रुकने का नाम नहीं लेता। मात्र दण्ड ही किसी अपराध का विकल्प नहीं होता? सिद्ध कीजिए। प्रश्न 11. कहा जाता है कि महिलाएँ शक्तिशाली होंगी तो समाज भी शक्तिशाली बनेगा। समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए अपनी ओर से सुझाव दीजिए। प्रश्न 12. लेखिका मृदुला गर्ग के बागलकोट में स्कूल खोलने के प्रयास का वर्णन कीजिए तथा बताइए कि आपको इससे क्या शिक्षा मिलती है? [C.B.S.E. 2014 Term I, Set 3W4CERE] उत्तर: कर्नाटक जाने पर लेखिका मृदुला गर्ग ने बागलकोट कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोलने की कैथोलिक बिशप से प्रार्थना की परन्तु क्रिश्चयन जनसंख्या कम होने के कारण वे स्कूल खोलने में असमर्थ थे। लेखिका ने अनेक परिश्रमी लोगों की मदद से वहाँ अंग्रेजी, कन्नड़, हिन्दी तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला स्कूल खोलकर उसे कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलाई। प्रश्न 13. लेखिका मृदुला गर्ग के व्यक्तित्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। [C.B.S.E. 2014 Term I, Set 1L8T98X] उत्तर: लेखिका मृदुला गर्ग ने ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में जो विचार व्यक्त किए हैं उनसे उनके चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश पड़ता है। कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- प्रश्न 14. लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही? उत्तर: लेखिका की नानी अनपढ़ महिला थीं और परदा करती थीं। वह किसी की भी जिन्दगी में हस्तक्षेप नहीं करती थीं। वे समाजवादी और सशक्त व्यक्तित्व की महिला थीं। देश की आजादी के लिए उनके मन में प्रबल जुनून था। उन्होंने अपनी बेटी की शादी अंग्रेजों की गुलामी करने वाले साहब से न करवाकर किसी स्वतंत्रता सेनानी से करवाने का फैसला लिया। इस प्रकार उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से नहीं, परोक्ष रूप से आजादी के आन्दोलन में भागीदारी की। प्रश्न 15. लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए। प्रश्न 16. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा-भाव से देखा जाता है? उत्तर: समाज में श्रद्धा भाव से उन्हीं इंसानों को देखा जाता है जो निःस्वार्थ भाव से सभी की भलाई के लिए अपना जीवन खपा देते हैं। वे दूसरों की भलाई के लिए अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर देते हैं। किसी की भी बात की गोपनीयता रखना उनके लिए एक कर्तव्य की तरह होता है। लेखिका की माँ को भी इसीलिए श्रद्धा के भाव से व आदर सम्मान के भाव से देखा जाता था। कर्नाटक में बिशप ने स्कूल खोलने से क्यों मना किया?उत्तर: कर्नाटक जाने पर लेखिका मृदुला गर्ग ने बागलकोट कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोलने की कैथोलिक बिशप से प्रार्थना की परन्तु क्रिश्चयन जनसंख्या कम होने के कारण वे स्कूल खोलने में असमर्थ थे।
कैथोलिक बिशप ने लेखिका से नया स्कूल खोलने के लिए क्या यकीन दिलाने को कहा?तो लेखिका ने एक कैथोलिक चर्च के बिशप से वहाँ पर स्कूल खोलने का आग्रह किया, लेकिन बिशप कहना यह था कि चूँकि यहाँ पर क्रिश्चन बच्चों की संख्या कम है, इसके लिए वो स्कूल खोलने में असमर्थ है। तब लेखिका ने बिशप से कहा कि भले ही क्रिश्चन बच्चें कम हों लेकिन बाकी बच्चे तो हैं।
लेखिका ने स्वयं प्राइमरी विद्यालय खोलने का निर्णय कब लिया?उत्तर- लेखिका जब कर्नाटक के बागलकोट में रहती हैं तो वह बच्चों की शिक्षा के लिए पास के कैथोलिक बिशप से स्कूल खोलने का निवेदन करते हैं । निवेदन अस्वीकार हो जाने के कारण वह स्वयं ही अंग्रेजी, हिंदी और कन्नड़ सिखाने वाले प्राथमिक विद्यालय की नींव रखती हैं।
लेखिका ने बागलकोट में कैथोलिक बिशप से जब प्राइमरी स्कूल खोलने का आग्रह किया तो उनका क्या उत्तर था?लेखिका ने बागलकोट में कैथोलिक बिशप से जब प्राइमरी स्कूल खोलने का आग्रह किया तो उनका क्या उत्तर था? लेखिका ने जब बागलकोट के कैथोलिक बिशप से प्रार्थना की कि वे मिशन और सीमेंट कारखाने की आर्थिक सहायता से वहां के प्राइमरी स्कूल खुलवा दें तो उन्होंने कहा कि यहाँ क्रिश्चियन जनसंख्या कम है इसलिए वे स्कूल खोलने में असमर्थ हैं।
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