कस्तूरी मृग क्यों भागता रहता है - kastooree mrg kyon bhaagata rahata hai

कस्तूरी मृग क्यों भागता रहता है - kastooree mrg kyon bhaagata rahata hai
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कस्तूरी हिरण के बारे में तो सबने सुना होगा कि हिरण पूरे जंगल में हमेशा भागता रहता है क्योंकि उसे कस्तूरी की तलाश होती है लेकिन क्या आपको पता है कि असल में कस्तूरी हिरण की नाभि होता है। उसकी नाभि से आ रही कस्तूरी की खुशबू  उसे पूरे जंगल में भागने को मजबूर करती है।

OMG! संबंध के लिए बॉयफ्रेंड के सामने गिड़गिड़ाती है यह महिला

 आप सोच रहे होंगे कि इस कहानी को हम क्यों बता रहे हैं, तो आज आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी कस्तूरी हिरण से कम नहीं है। जी हां इस लड़की के शरीर से भी एक अजीब स्मेल आती है बस फर्क सिर्फ इतना है की कस्तूरी हिरण के नाभि से खुशबू आती है और इस लड़की के शरीर से बदबू आती है। कस्तूरी हिरण का तो हमें भी नहीं पता लेकिन जिस लड़की के बारे में हम आगे बताने जा रहे हैं उसके बारें में  जानकर आप जरूर हैरान हो जाएंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है! पर आपको बता दें कि इस दुनिया में कुछ भी संभव है...एेसा भी हो सकता है!

22 साल की कैसी ग्रेव्स पेशे से गायिका हैं और लंदन में रहती हैं। कैसी बहुत खूबसूरत हैं, दिलकश अंदाज है, आवाज भी काफी अच्छी है, इसके बावजूद कोई भी उनके पास आना पसंद नहीं करता है।  यहां तक कि उनकी बहन भी नहीं। ऐसा क्यों इसका जवाब कस्तूरी हिरण की कहानी में ही छुपा है।

 बता दें कि ग्रेव्स के शरीर से एक अजीब सी गंध आती है जो कोई भी बर्दाश्त नहीं कर पाता। वैसे गंध तो सभी के शरीर से आती है लेकिन ग्रेव्स के शरीर सें आने वाली गंध उनके पसीने की नहीं है बल्कि उसके शरीर से हमेशा निकलने वाली मछली की गंध है।

एक जिंदा मूर्ति बन चुकी यह महिला जी रही खूबसूरत जिंदगी, पढ़ें पूरा मामला

यह गंध इतनी ज्यादा होती है कि अगर ग्रेव्स तुरंत नहाकर ही क्यों न आए लेकिन उसके शरीर से मछली की यह बदबू आती रहती है। यह बदबू इतनी तेज होती है कि डियोड्रेंट या परफ्यूम से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां तक की वह जिस कमरे में होती है उसमें मछली की बदबू आने लगती है। इस कारण से बचपन में ग्रेव्स की मां ने उन्हें स्कूल भी नहीं भेजा क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि बच्चे ग्रेव्स का मजाक उड़ाएं।

सोचने की बात यह है कि आखिर ग्रेव्स के शरीर में ऐसा क्या है? क्या वह जलपरी है? तो ऐसा कुछ भी नहीं है। ग्रेव्स को ट्राइमिथाइलमिनुरिया(टीएमएयू) नाम की बीमारी है जो फिश ओडर सिंड्रोम के नाम से भी जानी जाती है। यह एक रेयर प्रकार का चपापचय विकार है जिसके कारण शरीर खाने के माध्यम से शरीर में पहुंचने वाली ट्राइमिथाइलमाइन को तोड़ नहीं पाती है और शरीर से मछली की गंध आती है।

OMG! इस महिला ने 60 सालों से नहीं खाया अन्न का एक दाना, फिर भी है स्वस्थ

इस बीमारी का एकमात्र इलाज है कि खाने की कुछ चीजों जिनमें टीएमएयू होते हैंए खाने में परहेज किया जाए। फिशए एग योक दलहन, रेड मीट, मछली, बींस जैसी चीजों में टीएमएयू होता है और इस कारण फिश ऑर्डर सिंड्रोम से पीडि़त लोगों को इन चीजों से परहेज करना पड़ता है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

Question

कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं?

Solution

कस्तूरी मृग पूरा जीवन कस्तूरी गंध के पीछे भागता रहता है। उसे इस सत्य का भान ही नहीं होता है कि वह गंध तो उसकी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से आती है। जब वह ढूँढ़-ढूँढ़कर थक जाता है, तो उसे अपने पर ही चिढ़ हो जाती है। वह अपनी असमर्थता के कारण परेशान हो उठता है।

  • NCERT Solutions
  • Class 11
  • Hindi
  • नागार्जुन

NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 17 नागार्जुन are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for नागार्जुन are extremely popular among Class 11 Humanities students for Hindi नागार्जुन Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 11 Humanities Hindi Chapter 17 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

Page No 166:

Question 1:

इस कविता में बादलों के सौंदर्य चित्रण के अतिरिक्त और किन दृश्यों का चित्रण किया गया है?

Answer:

इस कविता में निम्नलिखित द़ृश्यों का चित्रण हुआ है-
• ओस की बूंदों को कमलों पर गिरने के दृश्य का चित्रण
• हिमालय में विद्यमान झीलों पर हंसों के तैरने का दृश्य
• वसंत ऋतु के सुंदर सुबह के दृश्य का चित्रण
• चकवा-चकवी का सुबह मिलने का दृश्य का चित्रण
• कस्तूरी हिरण के भगाने के दृश्य का चित्रण
• किन्नर तथा किन्नरियों के दृश्य का चित्रण

Page No 166:

Question 2:

प्रणय-कलह से कवि का क्या तात्पर्य है?

Answer:

इसका तात्पर्य है कि प्रेम से युक्त तकरार। इस तकरार में कड़वाहट के स्थान पर प्रेम शामिल होता है। यह दो प्रेमी जोड़ों के मध्यम प्रेम से भरी लड़ाई होती है। कविता में चकवा-चकवी के मध्य यह प्रणय-कलह दर्शाया गया है।

Page No 166:

Question 3:

कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं?

Answer:

कस्तूरी मृग पूरा जीवन कस्तूरी गंध के पीछे भागता रहता है। उसे इस सत्य का भान ही नहीं होता है कि वह गंध तो उसकी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से आती है। जब वह ढूँढ़-ढूँढ़कर थक जाता है, तो उसे अपने पर ही चिढ़ हो जाती है। वह अपनी असमर्थता के कारण परेशान हो उठता है।

Page No 166:

Question 4:

बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद क्यों आती है?

Answer:

कालिदास ऐसे कवि हैं, जिन्होंने अपनी रचना 'मेघदूत' में बादल को दूत के रूप में चित्रित किया था। एक यक्ष को धनपति कुबेर ने अपने यहाँ से निर्वासित कर दिया था। निर्वासित यक्ष मेघ को दूत बनाकर अपनी प्रेमिका को संदेश भेजा करता था। कवि ने बहुत प्रयास किया कि वे उन स्थानों को खोज निकाले जिनका उल्लेख कालिदास ने किया था। उसे वे स्थान बहुत खोजने पर भी नहीं मिले। अतः बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद हो आई।

Page No 166:

Question 5:

कवि ने 'महामेघ को इंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' क्यों कहा है?

Answer:

पर्वतीय प्रदेशों में भयंकर ठंड के समय कैलाश के शिखर पर कवि ने बादलों के समूह को तूफानों से लड़ते देखा है। प्रायः पर्वतों में बादल समूह तेज़ हवाओं से टकरा जाते हैं। जिनके कारण आकाश में भयंकर गर्जना होने लगती है। उन्हें देखकर आभास होता है कि वे लड़ रहे हैं। इसी कारण कवि ने कहा है कि महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है।

Page No 166:

Question 6:

'बादल को घिरते देखा है' पंक्ति को बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या सौंदर्य आया है? अपने शब्दों में लिखिए।

Answer:

इस पंक्ति को कवि ने टेक के रूप में प्रयोग किया है। अतः इसे प्रत्येक अंतरा के बाद प्रयोग किया गया है। इस तरह कविता प्रभावी बन जाती है और उसका मूलभाव स्पष्ट हो जाता है। इसके प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में भी अद्धुत वृद्धि हो जाती है।

Page No 166:

Question 7:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का

बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें/उस महान सरवर के तीरे

शैवालों की हरी दरी पर/प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।

(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-

के पीछे धावित हो-होकर/तरल तरुण कस्तूरी मृग को

अपने पर चिढ़ते देखा है।

Answer:

(क) प्रस्तुत पंक्ति में चकवा और चकई का दर्द दर्शाया गया है। कहा जाता है कि चकवा और चकवी को श्राप है कि वे रात को अलग हो जाएँगे। यहाँ पर उसी श्राप का उल्लेख करते हुए कवि कहता है कि अभिशापित चकवा और चकई रात को अलग हो जाते हैं। वे दोनों एक-दूसरे के लिए पूरी रात रोते हैं। सुबह होने पर उनका क्रंदन (रोना) बंद हो जाता है। वे दोबारा से तालाब के किनारे में व्याप्त हरी शैवालों पर प्रेम की मीठी लड़ाई लड़ने लगते हैं। मानो चकई बोल रही हो कि तुम रात मुझे छोड़कर क्यों चले गए थे। यह प्रणय-कलह कवि स्वयं देखता है।

(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कस्तूरी हिरण की परेशानी को दर्शाता है। वह कहता है कि कस्तूरी मृग पूरा जीवन कस्तूरी गंध के पीछे भागता रहता है। उसे इस सत्य का भान ही नहीं होता है कि वह गंध तो उसकी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से आती है। जब वह ढूँढ़-ढूँढ़कर थक जाता है, तो उसे अपने पर ही चिढ़ हो जाती है। वह अपनी असमर्थता के कारण परेशान हो उठता है।

Page No 167:

Question 8:

संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
(क) छोटे-छोटे मोती जैसे ............... कमलों पर गिरते देखा है।
(ख) समतल देशों में आ-आकर ........... हंसों को तिरते देखा है।
(ग) ऋतु वसंत का सुप्रभात था ............. अगल-बगल स्वर्णिम शिखर थे।
(घ) ढूँढ़ा बहुत परंतु लगा क्या ............. जाने दो, वह कवि-कल्पित था।

Answer:

(क) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति 'नागर्जुन' द्वारा रचित कविता 'बादल को घिरते देखा है' से ली गई हैं। इसमें कवि वर्षा ऋतु में तालाब के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि वर्षा का सौंदर्य अद्भुत है। हिमालय स्थल में तो इस सौंदर्य की बात ही अलग है।  ओस के छोटे-छोटे कण मोती के समान लग रहे हैं। उसके शीतल और बर्फ के समान कणों को कवि ने मानसरोवर में सुनहरे खिले कमलों के ऊपर गिरते देखा है। भाव यह है कि ओस के कणों को उसने कमल पर गिरते देखा है। यह सौंदर्य अद्भुत था।

(ख) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति 'नागर्जुन' द्वारा रचित' कविता 'बादल को घिरते देखा है' से ली गई हैं। इसमें कवि वर्षा ऋतु में हिमालय स्थल में बनी झीलों के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में बहुत-सी छोटी-बड़ी प्राकृतिक झीलें विद्यमान हैं। इन झीलों में मैदानी स्थानों के ऊमस भरे मौसम से तंग आकर हंसों के समूह को आते देखा है। वे झीलों के नीले जल में तीखे-मीठे स्वाद से युक्त वाले कमल नालों को खोजते हुए तैरते हैं। वे इस झील में बहुत सुंदर लगते हैं। भाव यह है कि वर्षा ऋतु में हिमालय की झीलें इन हंसों का निवास स्थान बन जाती है।

(ग) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति 'नागर्जुन' द्वारा रचित कविता 'बादल को घिरते देखा है' से ली गई हैं। इसमें कवि वसंत ऋतु की सुबह के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि वसंत ऋतु का सुंदर प्रभात (सुबह) हो रहा है। इस समय मंद तथा शीतल हवा चल रही है। सूर्यास्त की सुनहरी किरणें अपने आस-पास व्याप्त शिखरों को सोने के समान रंग में रंग रही हैं। भाव यह है कि वसंत ऋतु की सुबह का सौंदर्य बहुत सुंदर होता है।

(घ) संदर्भ- प्रस्तुत पंक्ति 'नागर्जुन' द्वारा रचित कविता 'बादल को घिरते देखा है' से ली गई हैं। इसमें कवि कालिदास द्वारा मेघदूत में वर्णित स्थानों को ढूँढ़ रहा है।
व्याख्या- कवि कहता है कि कालिदास ने मेघदूत रचना में व्याप्त अलकापुरी का उल्लेख किया है। उसने उसे ढूँढ़ने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसे नहीं मिली। कवि कहता है कि वह कौन-सा स्थान होगा, जहाँ मेघ रूपी दूत बरस पड़ा होगा। कवि कहता है कि मैंने बहुत ढूँढ़ा पर असफलता हाथ लगी है। अतः इसे जाने देते हैं शायद यह कवि की कल्पना मात्र थी।

Page No 167:

Question 1:

अन्य कवियों की ऋतु संबंधी कविताओं का संग्रह कीजिए।

Answer:

विद्यार्थी यह कार्य स्वयं कीजिए।

Page No 167:

Question 2:

कालिदास के 'मेघदूत' का संक्षिप्त परिचय प्राप्त कीजिए।

Answer:

'मेघदूत' संस्कृति के प्रसिद्ध कवि तथा नाटककार कालिदास  द्वारा रचित है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें मेघ ने दूत का कार्य किया है। यह एक प्रेम कहानी है। इसमें धनपति कुबेर द्वारा अपने एक यक्ष को एक वर्ष के लिए अपनी नगर अलकापुरी से निष्काषित कर दिया जाता है। यक्ष दक्षिण दिशा में स्थित रामगिरि में बने आश्रम में रहने लगता है। वह किसी प्रकार आठ महीने व्यतीत कर लेता है लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है, तो अपनी पत्नी यक्षी के विरह में व्याकुल हो उठता है। ऐसे में वह अपनी पत्नी के पास अपना संदेश पहुँचाना चाहता है। वह मेघ से प्रार्थना करता है और उसे विभिन्न स्थानों की जानकारी देता है, जहाँ से गुजरकर वह निश्चित स्थान पर पहुँच सकता है।

Page No 167:

Question 3:

बादल से संबंधित अन्य कवियों की कविताएँ यादकर अपनी कक्षा में सुनाइए।

Answer:

यह कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

Page No 167:

Question 4:

एन.सी.ई.आर.टी. ने कई साहित्यकारों, कवियों पर फ़िल्में तैयार की हैं। नागार्जुन पर भी फ़िल्म बनी है। उसे देखिए और चर्चा कीजिए।

Answer:

यह कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

View NCERT Solutions for all chapters of Class 14

कस्तूरी मृग के अपने पर चढ़ने का क्या कारण है?

कस्तूरी मृगों में असली हिरणों की भांति सींग नहीं होते और इनमें कस्तूरी ग्रंथी होती है, जो हिरणों में नहीं होती।

कस्तूरी मृग का मुख्य भोजन क्या है?

अपनी आकर्षक खूबसूरती के साथ यह जीव नाभि से निकलने वाली अप्रतिम खुशबू के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। जो इस मृग को सबसे बड़ी खासियत है। इस मृग की नाभि में गाढ़ा तरल (कस्तूरी) होता है जिसमें से मनमोहक खुशबू की धारा बहती है। बता दें कि कस्तूरी केवल नर मृगों में ही पाया जाता है।

1 ग्राम कस्तूरी की कीमत क्या है?

कामरूपी कस्तूरी सबसे श्रेष्ठ होती है। इसकी कीमत 25 से 30 हजार रुपये प्रति ग्राम होती है।