कृतज्ञता का क्या अर्थ है अपने सामान्य रिश्ते में अपने जीवन से एक उदाहरण स्पष्ट करें? - krtagyata ka kya arth hai apane saamaany rishte mein apane jeevan se ek udaaharan spasht karen?

Publish Date: Fri, 02 May 2014 02:57 AM (IST)Updated Date: Fri, 02 May 2014 02:57 AM (IST)

कृतज्ञता एक महान गुण है। कृतज्ञता का अर्थ है अपने प्रति की हुई श्रेष्ठ और उत्कृष्ट सहायता के लिए श्रद्धावान होकर दूसरे व्यक्ति के समक्ष सम्मान प्रदर्शन करना। हम अपने प्रति कभी भी और किसी भी रूप में की गई सहायता के लिए आभार प्रकट करते हैं और कहते हैं कि 'हम आप के प्रति कृतज्ञ हैं, ऋणी हैं और इसके बदले हमें जब भी कभी अवसर आएगा, अवश्य ही सेवा करेंगे।' कृतज्ञता मानवता की सर्वोत्कृष्ट विशेषता है। यह हमें आभास कराती है कि प्रत्यक्ष और परोक्ष किसी भी रूप में और कभी भी यदि किसी व्यक्ति ने कोई सहयोग और सहायता प्रदान की है, तो उसके लिए यदि कुछ न कर सके, तो हृदय से आभार अवश्य प्रकट करें। वहीं कृतघ्नता इसके विपरीत एक आसुरी वृत्तिहै, जो इंसान को इंसानियत से जुदा करती है।

कृतज्ञता दिव्य प्रकाश है। यह प्रकाश जहां होता है, वहां देवताओं का वास माना जाता है। कृतज्ञता दी हुई सहायता के प्रति आभार प्रकट करने का, श्रद्धा के अर्पण का भाव है। जो दिया है, हम उसके ऋणी हैं, इसकी अभिव्यक्ति ही कृतज्ञता है और अवसर आने पर उसे समुचित रूप से लौटा देना, इस गुण का मूलमंत्र है। इसी एक गुण के बल पर समाज और इंसान में एक सहज संबंध विकसित हो सकता है, भावना और संवेदना का जीवंत वातावरण निर्मित हो सकता है। कृतज्ञता एक पावन यज्ञ है। 'गीताकार' ने कहा है कि तुम लोग इस यज्ञ के द्वारा देवताओं को उन्नत करो और देवता तुम लोगों को उन्नत करें। इस प्रकार नि:स्वार्थ भाव से एक दूसरे को उन्नत करते हुए तुम लोग परम कल्याण को प्राप्त हो जाओगे। गीता के इस श्लोक में कृतज्ञता का स्वरूप स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। जो दे, उससे लाभ लेकर उसको भी बदले में यथासंभव दें। यज्ञ से दैवीय शक्तियां प्रसन्न होती हैं और देवता यज्ञ करने वाले को समृद्ध कर देते हैं। कृतघ्न कभी संतुष्ट नहीं हो सकता और वह सुखी भी नहीं हो सकता है। वह सदा अपने प्रति दिए गए सहयोग को संशय की दृष्टि से देखता है और यह जताता है कि उसके प्रति कितना गलत किया गया है। वह सर्वाधिक बुरा उनका करता है, जो उसे सहयोग देने वाले होते हैं। इसकी परिणति होती है कि एक दिन उसके प्रति सभी लोग सहयोग करना बंद कर देते हैं।

[लाजपत राय सभरवाल]

1 कृतज्ञता का अर्थ क्या है?

कृतज्ञता का अर्थ है अपने प्रति की हुई श्रेष्ठ और उत्कृष्ट सहायता के लिए श्रद्धावान होकर दूसरे व्यक्ति के समक्ष सम्मान प्रदर्शन करना।

कृतज्ञता क्या होती है कोई उदाहरण दीजिए?

Answer: कृतज्ञता एक महान गुण है। हम अपने प्रति कभी भी और किसी भी रूप में की गई सहायता के लिए आभार प्रकट करते हैं और कहते हैं कि 'हम आप के प्रति कृतज्ञ हैं, ऋणी हैं और इसके बदले हमें जब भी कभी अवसर आएगा, अवश्य ही सेवा करेंगे। ... ' कृतज्ञता मानवता की सर्वोत्कृष्ट विशेषता है।

कृतज्ञ का क्या अर्थ है *?

कृतज्ञ का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंजो उपकार या नेकी को मानता हो; अनुगृहीत; शुक्रगुज़ार; आभारी।

क्या कृतज्ञता आपके जीवन को बदल सकती है?

आपके भीतर कृतज्ञता की भावना बढ़ने के परिणामस्वरूप आपको अधिक समृद्धि, संतुष्टि और मन की शांति की प्राप्ति होगी । आभार (ग्रेटीट्यूड) का स्तर जो आप महसूस और प्रकट (दूसरों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं) करते हैं,उसका स्तर आपकी आंतरिक शांति और खुशी के स्तर के बराबर होगा।