कवि के अनुसार भगवान के डाकिए कौन हैं *? - kavi ke anusaar bhagavaan ke daakie kaun hain *?

Question 1.
भगवान के डाकिए’ के रचयिता कौन हैं?
(i) रामदरश मिश्र
(ii) हरिशंकर परसाई
(iii) भगवती चरण वर्मा
(iv) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

Answer

Answer: ‘भगवान के डाकिए’ के रचयिता कौन हैं?
(a) रामदरश मिश्र
(b) हरिशंकर परसाई
(c) भगवती चरण वर्मा
(d) रामधारी सिंह ‘दिनकर’


Question 2.
इनके संदेश को कौन पढ़ सकते हैं?
(a) संसार में रहने वाले सभी लोग
(b) सभी बुद्धिमान व्यक्ति
(c) सभी जीव जंतु
(d) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति

Answer

Answer: (d) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति


Question 3.
भगवान के डाकिए इस संसार को क्या संदेश देना चाहते हैं?
(a) आपसी प्रेम का
(b) विश्वबंधुत्व का
(c) भेद-भाव न करने का
(d) निरंतर आगे बढ़ने का

Answer

Answer: (b) विश्वबंधुत्व का


Question 4.
एक देश की धरती द्वारा भेजा गया सौरभ दूसरे देश की धरती तक कैसे पहुँचता है?
(a) हवा से
(b) फूल से
(c) धूल से
(d) सुगंध

Answer

Answer: (d) सुगंध


Question 5.
‘भगवान के डाकिए’ द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन नहीं पढ़ सकता है?
(a) इंसान
(b) पेड़-पौधे
(c) पानी
(d) पहाड़

Answer

Answer: (a) इंसान


(1)

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं।

Question 1.
कवि और कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer:
कवि का नाम-रामधारी सिंह ‘दिनकर’
कविता का नाम-भगवान के डाकिए


Question 2.
भगवान के डाकिए किसे कहा गया है?

Answer

Answer: पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा गया है।


Question 3.
कवि ने डाकिए किन्हें और क्यों कहा है ?

Answer

Answer: कवि ने पक्षियों और बादलों को भगवान के डाकिए कहा है।


Question 4.
पक्षी व बादलों के संदेश, कौन पढ़ने में सक्षम होते हैं?

Answer

Answer: पक्षी और बादल रूपी डाकियों के संदेश पेड़, पौधे, सरोवर पर्वत आदि पढ़ और समझ भी लेते हैं। लेकिन मनुष्य उसे समझने में असमर्थ रहता है।


Question 5.
इनकी लाई चिट्ठियाँ हमें क्या संदेश देती हैं ?

Answer

Answer: इनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों में प्रेम, भाईचारा, समानता, एकता का संदेश रहता होगा।


(2)

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

Question 1.
कवि और कविता का नाम लिखिए।

Answer

Answer:
कवि का नाम-रामधारी सिंह ‘दिनकर’
कविता का नाम-भगवान के डाकिए।


Question 2.
सौरभ कहाँ-कहाँ जाता है?

Answer

Answer: सौरभ यानी सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों के पंखों पर तैरता हुआ दूसरे देशों तक जा पहुँचता है।


Question 3.
पृथ्वी द्वारा किए गए कार्य का प्रचार प्रसार कैसे होता है?

Answer

Answer: पृथ्वी द्वारा भेजी गई सुगंध हवा में फैलती है तथा पक्षियों के पंखों पर सवार होकर अन्य स्थानों तक फैल जाती है।


Question 4.
इस काव्यांश में हमें क्या शिक्षा मिलती है?

Answer

Answer: इस कविता से हमें शिक्षा मिलती है कि मनुष्यों को स्वार्थ भावना त्यागकर, जति, धर्म की सीमाओं को लाँघकर प्रेमभाव का संदेश फैलाना चाहिए।


Question 5.
सौरभ तथा ‘पाँख’ शब्दों के अर्थ स्पष्ट करें।

Answer

Answer:
पाँख-पंख
सौरभ-सुगंध।


भगवान के डाकिए

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1   'भगवान के डाकिए' कविता के रचयिता कौन हैं?

उत्तर - 'भगवानकेडाकिए' कविताकेरचयितारामधारीसिंह 'दिनकर' जीहैं।

प्रश्न-2   क्या बादल सीमाओं को मानते हैं?

उत्तर -  नहीं, बादल सीमाओं को नहीं मानते हैं।

प्रश्न-3   भगवान के डाकिए किन्हें कहा गया है?

उत्तरभगवान के डाकिए पक्षी और बादल को कहा गया है।

प्रश्न-4   इस कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?  

उत्तरएकता, भाईचारे और सप्रेम से मिलजुलकर रहने का संदेश देना चाहता है।



प्रश्न-5   बादल और पक्षी क्या संदेश लेकर आते हैं?

उत्तर - बादल औरपक्षीप्रकृतिमेंहोनेवालेपरिवर्तनकासंदेशलेकरआतेहैं।

प्रश्न-6   पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।   

उत्तर - पक्षीऔरबादलद्वारालाईगईचिट्ठियोंकोकेवलपशु-पक्षी, पेड़-पौधे, नदियाँपहाड़हीपढ़सकतेहैं।

प्रश्न-7   पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?   

उत्तर -पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। यह हमें यहीं संदेश देते हैं।

प्रश्न-8   “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है”-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तरएकदेशकीधरतीअपनेसुगंध प्यारकोपक्षियोंकेमाध्यमसेदूसरेदेशकोभेजकरसद्भावनाकासंदेशभेजतीहै।धरती अपनीभूमिमेंउगनेवालेफूलोंकीसुगंधकोहवासेऔरपानीकोबादलोंकेरूप मेंभेजतीहै।हवामेंउड़तेहुएपक्षियोंकेपंखोंपरप्रेम-प्यारकीसुगंधतैरकर दूसरेदेशतकपहुँचजातीहै।इसप्रकारएकदेशकीधरतीदूसरेदेशकोसुगंध भेजतीहै।

प्रश्न-9   कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए बताया है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। इन संदेशों को मनुष्य इतनी आसानी से नहीं पढ़ अथवा समझ पाते परन्तु पेड़ - पौधे, नदी - सागर आदि इनके संदेशों को बड़ी सरलता से पढ़ लेते हैं। 


प्रश्न-10   पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधें, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?   

उत्तरपक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधें, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और  सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। तभी तो नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने जल को बाँटती है। पहाड़ भी सामान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। हवा भी समान भाव से बहती हुई अपनी ठंडक, शीतलता व सुगन्ध को बाँटती है। पेड़-पौधें भी समान भाव से अपने फल, फूल व सुगन्ध को बाँटते हैं। ये सभी कभी भेदभाव नही करते। मानव को भी इनसे प्रेरणा लेकर प्रेम और सद्भावना को बढ़ाना चाहिए।

प्रश्न-11   हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका पर दस वाक्य लिखिए।

उत्तर -डाकिए का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। पहले की तुलना में बेशक डाकिए अब कम ही दिखाई देते हैं परन्तु आज भी गाँवों में डाकिए का पहले की तरह ही चिट्ठियों को आदान-प्रदान करते हुए देखा जा सकता है। चाहे कितना मुश्किल रास्ता हो, ये हमेशा हमारी चिट्ठियाँ हम तक पहुँचाते आए हैं। आज भी गाँवों में डाकियों को विशेष सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। गाँव की अधिकतर आबादी कम पढ़ी लिखी होती है परन्तु जब अपने किसी सगे-सम्बन्धी को पत्र व्यवहार करना होता है तो डाकिया उनका पत्र लिखने में मदद करते है। आज चाहे शहरों में चिट्ठी के द्वारा पत्र-व्यवहार न के बराबर हो पर ये डाकिए हमारे स्मृति-पटल में सदैव निवास करेगें।

कवि के अनुसार भगवान के डाकिए कौन कौन हैं?

पक्षी और बादल, ये भगवान के डाकिए हैं, जो एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं। हम तो समझ नहीं पाते हैं मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं

कवि ने भगवान के डाकिए किसे बताया है और क्यों?

कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। उनके लाए संदेश को हम भले ही न समझ पाए, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेतें हैं।

भगवान के डाकिए कविता के कवि कौन है * 1 Point?

उत्तर - 'भगवान के डाकिए' कविता के रचयिता रामधारी सिंह 'दिनकर' जी हैं।

कविता भगवान के डाकिये का का मूल भाव क्या है?

भगवन के दकिये के मूल भाव लखिऐ Related: NCERT Solutions: पाठ 6 - भगवान के डाकिये, हिंदी, कक्षा - 8?