कीवी का पेड़ कैसे होता है? - keevee ka ped kaise hota hai?

Kiwi Ki Kheti Kiase Kare in Hindi: देश के किसान पहले सिर्फ पारंपरिक खेती को ही विश्वसनीय मानते थे, लेकिन बदलते वक़्त और बाज़ार में विदेशी सब्जी और फलों की डिमांड को बढ़ता देख किसानों ने नई-नई फसलों को अपनाना शुरू कर दिया है। कई फल ऐसे हैं जिनकी भारत में डिमांड होने की वजह से उन्हें विदेश से आयात किया जाता है। इनकी भारी डिमांड को देखते हुए भारतीय किसानों ने भी इन फलों की खेती करण शुरू कर दिया है। इससे किसान की मोटी कमाई भी हो रही है। किवी, इस फल को भारत में काफी पसंद किया जाता है। पहले भारत में यह फ्रूट न्यूजीलैंड से मंगवाया जाता था, लेकिन अब भारतीय किसानों ने किवी की खेती करना आरंभ कर दिया है, जिससे भारत को इस फ्रूट के लिए अन्य देश पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है।

कीवी का पेड़ कैसे होता है? - keevee ka ped kaise hota hai?

Kiwi Fruit Detail in Hindi

एक विशेष प्रकार के फल की खेती के लिए एक विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है। फसल के अनुकूल जलवायु होने से उच्च गुणवत्ता वाली फसल पैदा होती है। कई किसान ऐसे हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं है कि किवी की खेती कैसे की जाती है। इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप किवी फ्रूट की खेती से सम्बंधित जरूरी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। सभी के मन में किवी की खेती को लेकर कई सवाल रहते हैं, जैसे इसकी खेती कब की जाती है? बाजार में यह कितनी कीमत पर बिकता है, कीवी का पौधा/पेड़ कैसे लगाते हैं? भारत में कीवी फ्रूट की खेती कहां पर होती है? आइए इसकी खेती से जुड़ी हर जानकारी के बारे में जानते हैं।

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भारत में कीवी की खेती का इतिहास

Kiwi Fruit / Phal Detail in Hindi: कीवी, न्यूजीलैंड के मुख्य फलों में से एक है, लेकिन भारत के बड़े शहरों में इसकी मांग तेजी से बड़ी है। जिसके फलस्वरुप भारत में किसानों ने इसकी खेती करना प्रारंभ कर दिया है। वैसे भारत में काफी पहले इसकी खेती की गई थी, लेकिन फसल ख़राब आने की वजह से किसानों ने इसकी खेती को जारी नहीं रखा। सबसे पहले बैंगलुरु शहर में वर्ष 1960 में इस फल की खेती की गई थी। यहाँ की जलवायु अनुकूल न होने की वजह से फसल अच्छी नहीं हुई थी। इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक गुडगाँव में भी कीवी की खेती की गई पर परिणाम अच्छा नहीं रहा। हालाँकि अब देश के पहाड़ी और ठंडे प्रदेशों में इस फ्रूट की खेती (Kiwi ki Kheti) सफलतापूर्वक की जा रही है।

भारत में कीवी की खेती (Kiwi Cultivation in India)

ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों में कीवी की खेती करना संभव नहीं, जहाँ ज्यादातार ठंडा मौसम रहता है वहीँ पर इस फ्रूट का सफल उत्पादन किया जा सकता है। जहां सामान्यतः तापमान 30 डिग्री से ऊपर नहीं जाता वहां कीवी की खेती (Kiwi Cultivation) की जा सकती है। देश के पहाड़ी व ठंडी जलवायु वाले राज्य में किसान इसकी खेती कर रहे हैं। J&K, नॉर्थ ईस्ट, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में इसकी खेती की जाती है। यहाँ के किसान इसकी खेती कर अच्छा धन अर्जित कर रहे हैं।

कीवी फ्रूट की प्रमुख किस्में

  • एलीसन
  • मुतवा
  • तमूरी
  • एलिसन ब्रूनों
  • हैवर्ड
  • मोंटी

कीवी फ्रूट की खेती कैसे करें?

Kiwi Ki Kheti: अनुकूल जलवायु व उपयुक्त मिट्टी

अनुकूल जलवायु: शीतल जलवायु कीवी की खेती के लिए लाभदायक और गर्म व तेज हवा इसके लिए नुकसानदायक होती है। पौधे रोपित करते समय तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। वहीँ गर्मी के मौसम में 30 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं होना चाहिए। फल आने के समय तापमान 5 से 7 डीग्री होना आवश्यक है।

उपयुक्त मिट्टी: गहरी दोमट मिट्टी व हलकी अम्लीय मिट्टी कीवी की खेती के लिए उपयुक्त होती है। पौधा रोपण करने से पूर्व मिट्टी के PH मान की जांच अवश्य कर लें। इसके लिए मिट्टी का Ph मान 5-6 Ph होना चाहिए।

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Kiwi ki Kheti- कीवी पौधा रोपण, सिंचाई

पौधों का रोपण: यदि आप उच्च गुणवत्ता वाले फल प्राप्त कर इसे बाज़ार में ऊँचे दाम पर बेंचना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको नर्सरी में तैयार उच्च गुणवता और वैराइटी के पौधों का रोपण करना चाहिए। कीवी के पौधों का रोपण लाइन से करें। लाइन से लाइन की दूरी 3 मीटर व लाइन में पौधे से पौधे के बीच 6 मीटर की दूरी रखें। रोपण हेतु गड्डा खोदें और इसे कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें, इससे मिट्टी में उपस्थित कीड़े मकोड़े मर जाएंगे। गड्डों में गोबर की खाद या ट्रायकोडर्मा मिश्रित कम्पोस्ट से लगभग 20 से 25 से॰मी॰ ऊंचाई तक भर देवें। अब पौधों का रोपण करें और आस-पास मिट्टी डालकर गड्डे को भर दें। ध्यान रहे इन पौधा का रोपण बसंत ऋतु की शुरुवात में करें।

सिंचाई: कीवी के पौधे रोपित करने के तुरंत बाद सिंचाई करें। ग्रीष्म ऋतु में 3 से 4 दिन के अंतराल सिंचाई करें, इस समय सिंचाई न करने पर इसके फल की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है। स्प्रिंकल की मदद से आप अच्छी तरह से अपने खेत में सिंचाई कर सकते हैं।

कीवी फ्रूट आने का समय व तुड़ाई

शुरुवाती 2-3 वर्षों में कीवी के पौधे फल नहीं देते, 5 वर्ष बाद फल लगने की शुरुआत होती है। 10 वर्ष बाद किवी के पेड़ अच्छी संख्या में फल देना शुरू कर देते हैं। एक पेड़ औसतन 40-60 किलो कीवी का उत्पादन करता है। अक्टूबर-नवम्बर में आप फल परिपक्व होने के बाद इसकी तुड़ाई कर सकते हैं। आप इन्हें तोड़कर 4 माह तक सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे शीत स्थान पर ही कीवी को भंडारित करें।

Kiwi ki Kheti- रोग व बचाव

कीवी के पौधे मे रोग व इनसे बचाव की बात करें तो वैसे तो इनमें को ख़ास रोग नहीं लगता, लेकिन जलभराव की वजह से जड़ के गलने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए जल निकासी व्यवस्था अच्छी तरह करें। इसके अलावा कालर रॉट, क्राउन रॉट नमक रोग भी इसके पौधे को प्रभावित करते हैं। इनसे बचाव के लिए जीवाणुनाशक का छिड़काव कली खिलने से पहले अवश्य करना चाहिए।

कीवी फल की कीमत व खेती से कमाई

कीवी की खेती कर किसान अच्छी कमाई कर सकता है। टिकाऊ होने की वजह से तुड़ाई होने के बाद करीब 4 माह तक इसे शीत स्थान पर भंडारित किया जा सकता है। इस वजह से दूसरे राज्यों में इसे भेजने में भी कोई नुकसान नहीं होता। इससे कमाई की बात करें तो किसान लाखों में कीवी बेचकर कमाई कर सकते हैं। बाज़ार में कीवी प्रति किलो की वजाय प्रति नाग के हिसाब से बिकता है। यदि एक हैक्टेयर में किसान किवी की खेती करते हैं तो हर वर्ष 10 से 15 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।

कीवी खाने के फायदे (Kiwi Health Benefits)

  • कीवी फ्रूट का सेवन करने के कई फायदे हैं, डॉक्टर भी इस फल को खाने की सलाह देते हैं। इस वजह से बड़े शहरों में इस फल की मांग हमेशा बनी रहती है। कीवी की कीमत ज्यादा होने के बावजूद भी यह बाज़ार में काफी बिकता है।
  • कीवी में विटामिल सी, विटामिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम और एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा अच्छी पाई जाती है।
  • संतरे की अपेक्षा इसमें विटामिन सी की मात्रा काफी ज्यादा होती है।
  • विटामिन सी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • कोरोना काल में इस फ्रूट की मांग और ज्यादा बढ़ गई थी।
  • यह आपके सोंदर्य को भी निखरता है। इसके सेवन से त्वचा की चमक बढ़ती है और मुहांसो से निजात मिलती है।
  • इससे आपके बाल भी स्वास्थ्य बने रहते हैं, बालों का झड़ना कम होता है और चमक बढ़ती है।

Kiwi ki Kheti सम्बंधित अधिक जानकारी हासिल करें

कीवी की बागवानी या खेती की अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए नंबर ओअर संपर्क कर सकते हैं।

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड  74/बी फेज 2 , पंडितवारी, राजपुर रोड, देहरादून
फोन नंबर- 0135-2774272

कीवी का पौधा कहाँ मिलेगा?

कितनी ऊंचाई पर होता है कीवी: हिमाचल के मध्यपर्वतीय क्षेत्र जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 900 से 1800 मीटर है, इसकी बागबानी के लिए उपयुक्त पाए हैं। कीवी फल के पौधों को फलन के लिए 600 से 800 घंटों की चीलिंग रिक्वायरमेंट होती है।

घर पर कीवी कैसे उगाएं?

कीवी फल के लिए अपने गार्डन में एक अच्छी जगह खोजें: पक्का करें कि वहां की स्थिति पौधे के लिए सूटेबल हैं।.
कीवी फल के पौधों को उगाने के लिए आपको पर्याप्त जगह की ज़रूरत होगी।.
अधिकांश कीवी फल के पौधे पूरी धूप या हल्की सी छाया में अच्छे से उगते हैं।.

कीवी का पौधा कितने दिन में तैयार होता है?

शुरुवाती 2-3 वर्षों में कीवी के पौधे फल नहीं देते, 5 वर्ष बाद फल लगने की शुरुआत होती है। 10 वर्ष बाद किवी के पेड़ अच्छी संख्या में फल देना शुरू कर देते हैं। एक पेड़ औसतन 40-60 किलो कीवी का उत्पादन करता है। अक्टूबर-नवम्बर में आप फल परिपक्व होने के बाद इसकी तुड़ाई कर सकते हैं।

भारत में कीवी कहाँ उगाई जाती है?

किवी के पौधे को हिमाचल की जलवायु रास आ गई है। भारत में हिमाचल के अतिरिक्त किवी का उत्पादन जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक व केरल में भी होता है।