क्या किसी वस्तु पर कार्य करने वाले किसी बल की अनुपस्थिति में वस्तु का विस्थापन हो सकता है? - kya kisee vastu par kaary karane vaale kisee bal kee anupasthiti mein vastu ka visthaapan ho sakata hai?

क्या किसी पिंड पर लगने वाली किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार विमर्श कीजिए।


हां, उस पर अभिनय करने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में किसी वस्तु का विस्थापन हो सकता है।

हम जानते हैं कि F = m x a,

फिर
m x a = 0

चूंकि द्रव्यमान 'm' शून्य नहीं हो सकता, इसलिए, जब बल F = 0, तब त्वरण 'a' = 0

ऐसी स्थिति में, पिंड आराम (rest) में है या सीधी रेखा में एक समान गति में है।

उदाहरण के लिए, धरती पर गिरने से बारिश कम हो जाती है, जबकि उन पर नेट बल शून्य है। वहाँ पानी की बूंदों के विस्थापन है।

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सूचीबद्ध के कामों को ध्यान से देखिए अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इसमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

(i) सूमा एक तालाब में तैर रही है।
(ii) एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझ उठा रखा है।
(iii) एक पवन चक्की कुएं से पानी उठा रही है।
(iv) एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
(v) एक इंजन  ट्रेन को खींच रहा है।
(vi) अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
(vii) एक पाल नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।


किसी वस्तु पर बल लगाने पर जब उसकी दिशा में परिवर्तन आए उसे कार्य कहते हैं
कार्य =  बल x  विस्थापन
W = Fs

(i) क्योंकि सूमा एक तालाब में तैर रही है अर्थात् बल लगाकर वह अपनी दिशा परिवर्तित कर रही  है। अतः वह कार्य कर रही  है।
(ii)क्योंकि गधा एक स्थान पर बोझ उठाए खड़ा है अर्थात विस्थापन 0 है अतः कार्य नहीं हो रहा है।
(iii) क्योंकि पवन चक्की बल लगाकर पानी का विस्थापन कर रहा है इसलिए कार्य हो रहा है।
(iv)क्योंकि एक दिशा में ना तो कोई बल लगा है ना ही कोई विस्थापन हुआ है अतः कार्य नहीं होगा।
(v) क्योंकि इंजन बल लगाकर ट्रैन को विस्थापित कर रहा हैअतः कोई कार्य होगा।
(vi) क्योंकि ना तो दिशा में परिवर्तन हुआ है और ना ही विस्थापन हुआ है अतः कोई कार्य नहीं होगा।
(vii) एक पाल नाव, पवन के द्वारा लगाए बल के कारण बल की दिशा विस्थापित हो रही है अतः कार्य हो रहा है।

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20 किलोग्राम पर लगा हुआ बल वेग  को  5 ms-1  to 2 ,ms-1  कर देता है बल द्वारा किये गए कार्य का परिकलन कीजिए।


कार्य किया =  संभावित ऊर्जा में परिवर्तन
द्रव्यमान m = 20 kg

प्रारंभिक वेग, u= 5 ms-1 
अंतिम वेग, v= 2 ms-1

कार्य किया = संभावित ऊर्जा में परिवर्तन 

W = 12 mv2 - 12 mu2

    = 12 m ( v2 - u2)

     = 12 x 20 x (22 - 52)

      = 10 (4-25)

       = -10 x 21

        = -210 J

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एक पिंड को धरती के किसी कोने पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है, और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पंथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक क्षैतिज रेखा पर स्थित है। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया? 


पिंड पर गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया जाने वाला काम शून्य है। इसका कारण यह है कि पिंड का शुद्ध विस्थापन क्षैतिज दिशा में है, जबकि गुरुत्वाकर्षण की शक्ति ऊर्ध्वाधर नीचे की दिशा में कार्य करती है।

पिंड का ऊर्ध्वाधर विस्थापन, h=0
इसलिए गुरुत्वाकर्षण बल (mg) द्वारा किया कार्य w
 =m x g x h = 0

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किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिट व्यय हुई यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?


ऊर्जा की खपत  =250 kWh

 1 kWh = 3.6 x 106 J

∴ 250 ऊर्जा की खपत = 250 x 3.6 x 106

                                  = 9 x 108 J.

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एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले उर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।


जब एक बैटरी बल्ब को जलाती है, तो पहले बैटरी रासायनिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करती है। यह विद्युत ऊर्जा गर्मी और प्रकाश में परिवर्तित होती है।

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