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सर्दियों के दिनों में गेहूं की रोटी के अलावा बाजरे और मक्के की रोटी बड़े चाव से खाई जाती है। मक्के की रोटी स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। मक्के की रोटी, गेहूं की रोटी के मुकाबले पचने में आसान होती है। मक्का में प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, बी, ई और आयरन, जिंक, मैग्नीज, कॉपर, सेलेनियम, पोटेशियम आदि मौजूद होते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा भी पाई जाती है, जो कोलन कैंसर की संभावना को कम करती है। इसकी मदद से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से बढ़ता वजन भी कंट्रोल में रहता है। मक्का कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन स्रोत होता है। इसे खाने से शरीर में दिनभर एनर्जी लेवल बना रहता है। मधुमेह के रोगियों के लिए भी मक्का का आटा बहुत लाभकारी होता है। तो आइए जानते हैं मक्के की रोटी खाने के फायदे—वजन को करें नियंत्रितमक्के की रोटी खाने से शरीर को प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स पहुंचता है। इससे शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती रहती है। इसे खाने के बाद बार—बार भूख नहीं लगती है और अधिक खाने से बचा जा सकता है। इस तरह वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। यह मोटापे की समस्या से परेशान लोगों के लिए फायदेमंद है। कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायकमक्के के आटे के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का जोखिम कम होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। यही नहीं इससे हाई बल्ड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम किया जा सकता है। नियमित मक्का का आटा खाने से शरीर में से बुरे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है। पाचन का रखता है दुरुस्तमक्का की रोटी गेहूं की रोटी के मुकाबले जल्द पच जाती है। मक्के के आटे में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाने का काम करती है। इसमें मौजूद फाइबर भोजन का पाचन कर हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। यदि किसी को कब्ज की समस्या रहती है तो मक्के के आटे का नियमित सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है। साथ ही पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती। हड्डियों को बनाता है मजबूतमक्के के आटे में मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल पाए जाते हैं जो हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। इसके साथ ही इसमें जिंक और फास्फोरस भी पाए जाते हैं जो आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से बचाते हैं। एनीमिया के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंदयदि किसी को एनीमिया की समस्या है तो वे लोग मक्के की रोटी का सेवन करे तो बहुत फायदेमंद रहता है। इसमें मौजूद जिंक, आयरन और बीटा-कैरोटिन शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण बढ़ाने में मददगार होते हैं। इसके अलावा मक्का का आटा विटामिन्स की कमी को भी दूर करने का काम करता है। कैंसर को नियंत्रित करने मेंकई शोधों से यह पता चला है कि मक्का में एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा मे मौजूद होता है, जिससे कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है। मक्का में बीटा-क्रिप्टोजेंथिन भी होता है, जो फेफड़ों के कैंसर का रिस्क कम करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स लिवर और ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी कम करते हैं। त्वचा के लिए उपयोगीमक्के में बीटा-कैरोटिन भी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो पाचन के दौरान विटामिन ए में बदल जाता है। विटामिन ए हमारी आंखों और त्वचा के लिए बेहद जरूरी होता है। विटामिन ए बहुत स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो आंखों को कैटरेक्ट से बचाने का काम करता है। यह स्किन और म्यूकस मैम्ब्रेन को भी हेल्दी बनाता है। इतना ही नहीं, मक्का का आटा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। Read Also: शरीर में दिख रहे ये संकेत हो सकते हैं पानी की कमी के लक्षण मक्की की रोटी से वजन बढ़ता है क्या?मक्का आयरन, फास्फोरस, जिंक और विभिन्न विटामिनों से भरपूर होता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, मक्के का आटा आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा होता है और यह कैंसर और एनीमिया की रोकथाम में भी मदद करता है। यह वजन घटाने में बहुत कारगर है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिसे पचने में ज्यादा टाइम लगता है।
मक्की की रोटी में कितना फैट होता है?एक मक्के की रोटी 90 कैलोरी देती है। जिसमें से कार्बोहाइड्रेट में 58 कैलोरी होती है, प्रोटीन 5 कैलोरी होती है और शेष कैलोरी वसा से होती है जो 29 कैलोरी होती है। एक मक्की की रोटी 2,000 कैलोरी के एक मानक वयस्क आहार की कुल दैनिक कैलोरी आवश्यकता का लगभग 4 प्रतिशत प्रदान करती है।
वजन घटाने के लिए कौन सा आटा सबसे अच्छा है?ज्वार आटा (Jowar Flour)
अगर आप वजन घटाना चाह रहे हैं तो ज्वार आटे से बनी रोटियां खाना आपके लिए परफेक्ट होगा. इसमें भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर होते हैं. इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्, फोलेट, कैल्शियम और आयरन की भी मात्रा होती है.
मक्का की रोटी कब खानी चाहिए?दरअसल, सर्दियों में आपके शरीर को रोगों से लड़ने और स्वस्थ रहने के लिए विशेष आहार की आवश्यकता होती है। सब्जियां, फल, मेवे के साथ-साथ सर्दियों में बनने वाली मक्का, बाजरा आदि के आटे की रोटियां आपके शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए बेहतर होती हैं।
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