खड़ा होकर पानी पीने से क्या होता है - khada hokar paanee peene se kya hota hai

Rules to Drink Water : आपने आज तक पानी पीने के तो कई फायदे सुने होंगे पर क्या आप जानते हैं गलत तरीके से पानी पीने से सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है। यह बात कम लोगों को पता होती है कि व्यक्ति जिस पोजीशन में पानी पीता है उसका भी अच्छा और बुरा असर उसकी सेहत पर पड़ता है। आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने की मनाही है। इस तरह पानी पीने से एक तो व्यक्ति की प्‍यास पूरी तरह नहीं बुझती और दूसरा उसके शरीर के कई महत्‍वपूर्ण अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं खड़े होकर पानी पीन के ऐसे ही कई बड़े नुकसान। 

खाना खाने के तुरंत बाद क्यों नहीं पीना चाहिए पानी-
माना जाता है कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से व्यक्ति की पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है। खाना खाने के तकरीबन आधे से एक घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पाचन क्रिया कमजोर होती है और ये सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। वहीं अगर तीखा खाना खा रहे हैं तो घूंट-घूंटकर पानी पिएं। एक साथ ढेर सारा पानी पीने से खाना पचने में दिक्कत हो सकती है।

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान-
ऑक्सीन सप्लाई रुक जाती है-

खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। जिसका असर न केवल फेफड़ों पर बल्कि दिल पर भी पड़ता है। 

हर्निया की शिकायत-
खड़े होकर पानी पीने से पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दबाव बनता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस बुरी आदत के चलते कई लोगों को हर्निया का शिकार होना पड़ता है।

जोड़ों में दर्द की शुरुआत-
खड़े होकर पानी पीने की आदत की वजह से पानी का बहाव तेजी से आपके शरीर से होकर जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों पर बुरा असर पड़ता है। हड्डियों के जोड़ वाले हिस्से में तरल पदार्थ की कमी की वजह से जोड़ों में दर्द के साथ हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। कमजोर हड्डियों के चलते व्यक्ति गठिया जैसी बीमारी से पीड़ित हो सकता है।

किडनी पर असर-
जब कोई व्यक्ति खड़े होकर पानी पीता है, तो पानी बिना फिल्टर हुए निचले पेट की तरफ तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से पानी में जमा अशुद्धियां पित्ताशय में जमा हो जाती हैं। जो किडनी के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। 

प्यास नहीं बुझती-
खड़े होकर पानी पीने से भले ही पेट भर जाए लेकिन व्यक्ति की प्यास नहीं बुझती है। प्यास बुझाने के लिए बैठकर पानी के छोटे-छोटे घूंट पिएं। 

अपच की समस्या- 
व्यक्ति जब बैठकर पानी पीता है तो मसल्स और नर्वस सिस्टम रिलैक्स होती हैं और पानी आसानी से पच जाता है। जबकि खड़े होकर पानी पीने से अपच की समस्या पैदा होती है।

एसिड का स्तर कम नहीं होता-
खड़े होकर या जल्दी में पानी पीने से शरीर में एसिड का स्तर कम नहीं होता। इसलिए हमेशा पानी शांत बैठकर पीना चाहिए। 

बैठकर पानी पीने के फायदे-
- पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है। 
- गरम पानी पीने से अतिरिक्त चर्बी नहीं बनती और वजन घटता है।
- बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं। 
-घूंट-घूंटकर पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर नहीं बढ़ता बल्कि खराब एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति जिस पानी को पीने के लिए उपयोग करें उसका तापमान शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में बाहर से आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पीने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा न ज्यादा ठंडा और न बर्फ वाला पानी पीना चाहिए। पीने के लिए हमेशा नॉर्मल पानी का ही उपयोग करें। 

Disclaimer- इस आलेख में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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Drinking Water While Standing Facts: आपने सुना होगा कि लोग कहते हैं कि अगर कोई खड़े होकर पानी पीता है तो पानी सीधे घुटने में चला जाता है और इससे जॉइंट पेन की शिकायत रहती है.

खड़ा होकर पानी पीने से क्या होता है - khada hokar paanee peene se kya hota hai

ऐसा नहीं है कि सीधे किडनी या जॉइंट्स में चला जाता है.

अक्सर लोग कहते हैं कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. शायद ये सलाह आपको भी किसी ने दी होगी या फिर हो सकता है कि आप भी किसी को ये सलाह देते होंगे. कहा जाता है कि अगर आप खड़े होकर पानी पीते (Drinking Water) हैं तो ये सीधे आपको पांव में जाता है और इससे घुटने खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही खड़े होकर पानी पीना पेट के लिए भी खतरनाक माना जाता है. मगर कई लोग खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब होने की बात को सच नहीं मानते हैं. तो आज हम आपको बताते हैं कि क्या सही में खड़े होकर पानी पानी से घुटने खराब हो जाते हैं?

हम आपको डॉक्टर्स की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर बताते हैं खड़े होकर पानी पीने से होने नुकसान में कितनी बात सही है. इसके बाद आप समझ पाएंगे कि किस तरह पानी पीना चाहिए और क्या सही में खड़े होकर पानी पीने से वो पांव में चला जाता है? जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें…

क्या कहा जाता है?

कहा जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से शरीर में कई दिक्कतें होती हैं. ऐसा करने से जोड़ों में दर्द, किडनी, लिवर डैमेज होने का खतरा रहता है और अगर लंबे समय तक ऐसा किया जाए तो काफी दिक्कतें हो सकती है. यह भी माना जता है कि अगर खड़े होकर पानी पिएं तो वो तेजी से ट्रैवल करता है और यह जोड़ों में इकट्ठा हो जाता है और इसके अलावा ये किडनी में अच्छे से फिल्टर नहीं हो पाता है. वैसे आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस संदर्भ में कोई खास रिसर्च रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

ये बात कितनी सही?

क्विंट पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर शेयर की जा रही इस जानकारी और लोगों के बीच में फैली इस जानकारी को लेकर लेकर रिसर्च नहीं की गई है. साथ ही किसी भी रिसर्च में यह सामने नहीं आया है कि खड़े होकर पानी पीने से ऐसा होता है. इस रिपोर्ट में कई डॉक्टर्स से बात करके बताया गया है कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे तथ्य बिल्कुल भी सही नहीं है. डॉक्टर ने बताया, ‘आज जो भी खाते हैं या पीते हैं वो फुड पाइप से पेट में ही जाता है और उसके बाद आंतों में जाता है और यहां ऑब्जर्व हो जाता है.

ऐसा नहीं है कि वो सीधे किडनी या जॉइंट्स में चला जाता है. पानी खून के साथ फ्लो करता है और शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचता है. इसके साथ ही डॉक्टर्स का कहना है कि आप किसी भी तरीके से पानी पी सकते हैं. लेकिन, बस पानी को तेजी से पीने से बचे, क्योंकि ऐसा करने से पानी अटक सकता है. ये कई थैरेपी में कहा जाता है कि हमेशा बैठकर ही पानी पीना चाहिए, लेकिन ऐसे केस नहीं आते हैं, जिसमें खड़े होकर पानी पीने से कोई बीमारी हो जाए. लेकिन, अगर खाने की बात होती है तो शरीर का पोश्चर काफी निर्भर करता है.

रिपोर्ट के अनुसार, साइंस के हिसाब से चलने या खड़े होने पर हमारे शरीर में रक्त का संचार अपने आप बाहों और अंगों की ओर हो जाता है, इसलिए हमारे पाचन तंत्र तक पहुंचने वाले खून की मात्रा भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है. वहीं, पानी भी पाचन तंत्र के माध्यम से यात्रा करता है, मगर मुख्य रूप से शरीर द्वारा आराम से अवशोषित होता है. इसे ठोस भोजन की तरह तोड़ा और पचाना नहीं पड़ता. इसलिए पानी किसी भी तरीके से पिया जा सकता है.

खड़े होकर क्यों नहीं पीना चाहिए?

खड़े होकर पानी पीने से पेट के निचले हिस्से में दबाव बनता है. इसकी वजह से पेट के आस-पास के अंगों को नुकसान होने की संभावना होती है. खड़े होकर पानी पीते समय पानी बिना फिल्टर हुए पेट के निचले हिस्से की ओर तेजी से बढ़ता है. इस वजह से पानी में जमा अशुद्धियां पित्ताशय में जमा होने का खतरा रहता है.

बैठ कर पानी क्यों पीना चाहिए?

अध्ययन के अनुसार पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है। बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं।

खड़े होकर पानी पीने से क्या दिक्कत होती है?

क्यों नहीं पीना चाहिए खड़े होकर पानी- आयुर्वेद के मुताबिक, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, इससे हमारे पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है, क्योंकि खड़े होकर पानी पीने पर पानी सीधा इसोफेगस के जरिए प्रेशर के साथ पेट में तेजी से पहुंचता है। इससे पेट और पेट के आसपास की जगह और डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।