नई दिल्ली: लोहे की अंगूठी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए पहना जाता है. साथ ही इस अंगूठी को राहु और केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी पहना जाता है. लेकिन हर किसी को लोहे की अंगूठी फायदेमंद साबित नहीं होता है. कुछ लोगों को लोहे की अंगूठी लाभ की बजाय नुकसान ही पहुंचाता है. ऐसा ज्योतिष के जानकारों का मानना है. जानते हैं कि लोहे की अंगूठी किन परिस्थितियों में नहीं धारण करना चाहिए. Show
क्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठीराहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए ज्योतिष के जानकार लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह देते हैं. लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है. रोहिणी, पुष्य, अनुराधा, और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रों में भी लोहे की अंगूठी धारण करना शुभ माना गया है. -अगर कुंडली में शनि स्थिति में है. साथ ही बुध, शुक्र और सूर्य एक साथ हों तो ऐसे में लोहे की अंगूठी पहनना नुकसानदेह साबित होता है. ऐसे केवल चांदी की छल्ला धारण करना शुभ होता है. वहीं अगर कुंडली में राहु और बुध मजबूत स्थिति में हो तो लोहे की अंगूठी पहनना शुभ होता है. -अगर कुंडली के 12वें भाव में बुध और राहु एक साथ या अलग-अलग होकर नीच का है तो ऐसे में अंगूठी की जगह लोहे का कड़ा हाथ में पहनना चाहिए. कुंडली का 12वां भाव राहु का होता है. ऐसे में राहु के शुभ परिणाम के लिए लोहे की अंगूठी को धारण किया जा सकता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) कुंडली में अगर ग्रहों की दशा खराब चल रही है और पंडित जी ने आपको लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह दी है, तो एक बार इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। जीवन में मुसीबत आती है तो हर व्यक्ति ईश्वर को याद करने लगता है। हिंदू धर्म में कुंडली और भाग्य को बहुत महत्व दिया गया है। कुंडली और भाग्य दोनों ही ग्रहों की दशा और चाल पर निर्भर करते हैं। यदि ग्रह सही दिशा और दशा में है तो व्यक्ति का भाग्य हमेशा उसका साथ देगा वहीं अगर भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो समझ जाएं कोई न कोई ग्रह कमजोर पड़ गया है। आमतौर पर व्यक्ति के जीवन में कठिन समय तब आता है, जब कुंडली में शनि की दशा खराब होती है या शनिदेव का प्रकोप जातक पर होता है। इसी तरह राहु-केतु भी ऐसे ग्रह हैं, जो जातक के जीवन में कठिन वक्त लेकर आते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को शांत करने और उन्हें मजबूत बनाने के उपाय भी बताए गए हैं। ऐसा ही एक उपाय है हाथों की उंगली में लोहे का छल्ला पहनना। आपने बहुत सारे लोगों को लोहे का छल्ला पहनने देखा होगा। कई लोग नजर दोष और नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए भी उंगली में लोहे की अंगूठी या फिर छल्ला पहनते हैं। मगर शनि के प्रकोप और राहु-केतु की दृष्टि से बचने के लिए भी शास्त्रों में लोहे की अंगूठी को धारण करने का उपाय बताया गया है। इसे जरूर पढ़ें- 'शनि की ढैय्या' इन राशियों के लिए पड़ सकती है भारी, जानें मुक्ति के उपाय इस विषय में हमारी बातचीत उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा जी से हुई। पंडित जी कहते हैं, 'ज्योतिष शास्त्र में हर धातु का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में लोहे का संबंध शनि देव से बताया गया है। शनि दोष को दूर करने के लिए कई लोग घोड़े की नाल की अंगूठी बनवा कर पहनते हैं।' मगर लोहे की अंगूठी को कब और कैसे धारण करना चाहिए इस बारे में भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। पंडित इस बारे में हमें जानकारी भी दे रहे हैं- लोहे की अंगूठी किस दिन पहननी चाहिएसबसे पहले यह जान लें कि आपको लोहे की अंगूठी पहननी भी चाहिए या नहीं। यह बात आपको किसी पंडित को अपनी कुंडली दिखा कर ही पता चल पाएगी। यदि आपको लोहे की अंगूठी (अंगूठी के निशान हटाने के टिप्स) पहनने का सुझाव दिया गया है तो आपको नियम अनुसार लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार के दिन शाम के वक्त ही धारण करनी चाहिए। इसके अलावा आप रोहिणी, पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में भी लोहे की अंगूठी पहन सकते हैं। पंडित जी कहते हैं, 'कुंडली में शनि की दशा सही हो और बुध, शुक्र एवं सूर्य एक साथ हों तो लोहे की अंगूठी न पहनें, इसका उल्टा प्रभाव हो सकता है।' इसे जरूर पढ़ें- कपूर से होगा आर्थिक लाभ लोहे की अंगूठी पहनने की विधिलोहे की अंगूठी आप जिस दिन धारण कर रहे हैं, उस दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने हैं और शनि देव के बीज मंत्र का उच्चारण करते हुए इसे पहनना है। इसके अलावा पुरुषों को अपने दाएं हाथ की बड़ी उंगली में इसे धारण करना चाहिए और महिलाओं को बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लोहे की अंगूठी पहननी चाहिए। आपको बता दें कि मध्यमा उंगली शनि की उंगली कहलाती है। लोहे की अंगूठी पहनने से क्या होता हैयदि आप पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की महादशा, राहु या केतु की महादशा चल रही है, तो लोहे की अंगूठी इसके प्रभाव को कम करती है। इसके साथ ही लोहे की अंगूठी आपको किसी भी तरह के नजर दोष से भी बचाती है। बरतें ये सावधानियां
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यदि आप पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की महादशा, राहु या केतु की महादशा चल रही है, तो लोहे की अंगूठी इसके प्रभाव को कम करती है। इसके साथ ही लोहे की अंगूठी आपको किसी भी तरह के नजर दोष से भी बचाती है।
लोहे की रिंग कब पहने?क्यों और कैसे पहनें लोहे की अंगूठी
लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए. क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता है. इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता है.
लोहे का छल्ला क्यों पहना जाता है?लोहे के छल्ले या अंगुठी को शनि का छल्ला कहा जाता है। कुछ लोग घोड़े की नाल की अंगुठी बनवाकर पहनते हैं। ज्योतिषानुसार शनि की ढैय्या, साढ़े साती, दशा, महादशा या अन्तर्दशा में तमाम तरह की परेशानियों से बचने के लिए लोहे का छल्ला पहना जाता है। शनि पीड़ा से व्यक्ति को स्नायु तंत्र और लंबी बीमारी की परेशानी हो जाती है।
शेर के मुंह वाली अंगूठी पहनने से क्या होता है?वास्तु के मुताबिक यह अंगूठी व्यक्ति के जीवन में कई दोषों को शांत करती है। इसके अलावा इसे पहनने से आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। धन-संपदा भी बढ़ती है।
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