(ब) भारत में विद्यार्थियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है तथा अब विद्यार्थी उच्च शिक्षा की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं जबकि देश में विश्वविद्यालयों की संख्या बहुत ही कम है। वर्ष 2016-17 में देश में मात्र 795 विश्वविद्यालय ही हैं । अतः देश में विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। Show (स) भारत में वर्ष 1950-51 से वर्ष 1998-99 तक शिक्षकों की संख्या काफी बढ़ी है। वर्ष 1950-51 में देश में शिक्षकों की कुल संख्या 24000 थी, वह बढ़कर वर्ष 1998-99 में 342000 हो गई है। इस प्रकार इस अवधि में 318000 शिक्षक बढ़े हैं। (द) भारत में साक्षरता दर में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है तथा विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है जबकि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों की संख्या इस बढ़ती हुई विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार काफी कम है अतः देश में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की संख्या में तीव्र गति से विस्तार किया जाना चाहिए। विशेष रूप से तकनीकी एवं प्रबन्ध शिक्षण संस्थाओं में वृद्धि करनी चाहिए तथा दूरस्थ शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। साथ ही जिन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को बहुत-सी सुविधाएँ नहीं, उन सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाये। प्रश्न 2. उत्तर: (अ) वर्ष 1951 में औषधालयों की संख्या 9209 थी, वह बढ़कर वर्ष 2015 में 29957 हो गई। अतः देश में इस अवधि में औषधालयों की संख्या में 225.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। (ब) भारत में देश की कुल जनसंख्या की दृष्टि से डॉक्टरों व नौं की संख्या बहुत कम है। इनकी संख्या कम होने के अनेक कारण हैं । एक तो देश में साक्षरता दर कम रही है तथा दूसरे, चिकित्सा की शिक्षा काफी खर्चीली होती है जिसके कारण हर कोई विद्यार्थी इसे ग्रहण नहीं कर पाता तथा सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि देश में चिकित्सा एवं नर्सिंग महाविद्यालयों की संख्या बहुत कम है। (स) भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रायः छोटे स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहाँ मरीजों को कोई सुविधाएँ प्राप्त नहीं हो पाती हैं तथा शहरी क्षेत्रों में भी अनेक सरकारी अस्पतालों में कई सुविधाओं का अभाव है। हमारे अनुसार अस्पताल में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर एवं नर्सिंगकर्मी होने चाहिए तथा अस्पताल में एम्बुलेन्स, जांच सम्बन्धी सभी उपकरण, सभी प्रकार की जाँचों की व्यवस्था, पौष्टिक भोजन, दवाइयों तथा सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। Textbook Questions and Answers प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (2) द्वितीयक क्षेत्रक-द्वितीयक क्षेत्रक में उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनसे कच्चे माल को मानव उपयोगी निर्मित माल में परिवर्तित किया जाता है। द्वितीयक क्षेत्रक में उत्खनन एवं विनिर्माण क्रियाओं को शामिल किया जाता है। (3) तृतीयक क्षेत्रक-अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहा जाता है। तृतीयक क्षेत्रक में व्यापार, परिवहन, संचार, बैंकिंग, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन सेवाएँ इत्यादि को शामिल किया जाता है। प्रश्न 7. (2) गैर-आर्थिक क्रियाएँ-गैर-आर्थिक क्रियाएँ वे होती हैं जिनका सम्बन्ध किसी प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ से नहीं होता है। गैर-आर्थिक क्रियाएँ अधिकांशतः स्व उपभोग हेतु की जाती हैं। प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. मौसमी बेरोजगारी-मौसमी बेरोजगारी का तात्पर्य उस अवस्था से है जिसमें किसी व्यक्ति को किसी मौसम विशेष या किसी विशेष समय अवधि हेतु ही रोजगार मिलता है तथा शेष समय अवधि में वह बेरोजगार रहता है तथा रोजगार की तलाश करता है। जैसे गुड़ तथा चीनी उद्योग में लगे मजदूरों को कुछ समय विशेष हेतु ही रोजगार मिलता है जब गन्ने का उत्पादन होता है। प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13.
प्रश्न 14. उनमें से एक गाँव में सरकारी विद्यालय में एक अध्यापक की नियुक्ति हुई। उसने गाँव की स्थिति को देखा तथा गाँव के मुखिया से मिलकर गाँव वालों की एक बैठक बुलाई। अध्यापक ने गाँव वालों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य का महत्व समझाया तथा उनसे अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाने का अनुरोध किया तथा माता-पिता को स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने हेतु प्रोत्साहित किया। इस सबसे प्रभावित होकर कई ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलवाया। इन बच्चों ने स्कूल शिक्षा प्राप्त कर निकट के शहर में आगे की पढ़ाई पूरी की। उसके पश्चात् उनमें से कई छात्र नौकरी करने लगे। कुछ लोग गाँव वापस आ गए तथा उन्होंने सरकार से ऋण लेकर कई लघु औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की। इससे गाँव के कई अन्य लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। गाँव की कुछ लड़कियों ने स्कूल शिक्षा पूरी कर सिलाई एवं कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया, प्रशिक्षण पूरा होने पर उन्होंने गाँव में अपना व्यवसाय प्रारम्भ किया जिससे उनकी आमदनी भी होने लगी। गाँव के इन शिक्षित लोगों से प्रेरणा लेकर गाँव के अन्य भी कई अशिक्षित युवाओं ने तकनीकी कौशल प्राप्त कर अपने-अपने कुटीर उद्योग प्रारम्भ किए। संसाधन के रूप में क्या समझते हैं?Solution : सभी संसाधनों में जैसे भूमि, पूँजी और लोग से किसी भी देश के सबसे महत्वपूर्ण संसाधन उस देश की जनसंख्या (लोग) है। क्यूँकि लोग(जनसंख्या) ही बाक़ी संसाधनो का उपयोग करके उनसे लाभ कमा सकती है, मानव संसाधन के बिना बाक़ी संसाधन भी कुछ लाभ के नही रहते।
संसाधन से आप क्या समझते हैं उदाहरण देते हुए स्पष्ट करें?संसाधन (resource) एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छाओं की पूर्ति के लिए के लिए करता है। इस प्रकार यह सांस्कृतिक संसाधन की स्थिति प्राप्त करता है। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता।
साधन के रूप में जनसंख्या से आप क्या समझते हैं?दूसरे संसाधनों की भाँति ही जनसंख्या भी एक संसाधन है - ' एक मानव संसाधन' | यह विशाल जनसंख्या का एक सकारात्मक पहलू है, जिसे प्राय: उस वक्त अनदेखा कर दिया जाता है जब हम इसके नकारात्मक पहलू को देखते हैं, जैसे भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की जनसंख्या तक पहुँच से संबंधित समस्याओं पर विचार करते समय।
2 मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूंजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है ?`?(ii) अन्य संसाधनों से भिन्न मानव संसाधन की एक विशेषता यह है कि शिक्षित और स्वस्थ लोगो के लाभ केवल उन तक ही सिमित नहीं है बल्कि उनका लाभ उन तक भी पहुँचता है जो अधिक शिक्षित और स्वस्थ भी नहीं है। (iii) मानव संसाधन भूमि और पूंजी दोनों का प्रयोग कर सकता है किन्तु भूमि और पूंजी दोनों अपने आप उपयोग में नहीं आ सकती।
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