नई दिल्ली। अक्सर लोगों का मन चॉक या मिट्टी खाने का करता है। प्रेगनेंसी के दौरान ये समस्या ज्यादा होती है। ज्यादातर लोग इसे आम बात समझकर भूल जाते हैं। मगर क्या आपको पता ये आपके शरीर में खून की कमी समेत अन्य बीमारियों को दर्शाती है। Show
स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कई संस्कृति के लोग मिट्टी खाते हैं, जिसमें U.S भी शामिल है. हालांकि, दक्षिण अमेरिका में मिट्टी खाना बहुत आम बात है. साल 2015 में इसपर एक डोक्युमेंट्री फिल्म 'ईट व्हाइट डर्ट' के नाम से भी बनाई गई थी. इस फिल्म में दक्षिण अमेरिका के लोगों में kaolin एक तरह की सफेद रंग की मिट्टी खाने की इच्छा को दिखाया गया है. प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला के जीभ के स्वाद में परिवर्तन आ सकता है। जिसके कारण उनका कुछ न कुछ अलग अलग खाने का मन करता है है जैसे किमकुछ का आकर्षण किसी सब्ज़ी या फल के प्रति बढ़ता है। तो कुछ महिलाओं का मिट्टी, कोयला, चॉक, बत्ती, मुल्तानी मिट्टी आदि खाने का मन करता है। और जो महिलाएं इन चीजों का सेवन पहले भी करती थी प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें इन चीजों को खाने की इच्छा ज्यादा हो सकती है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में महिला का मिट्टी, कोयला, चॉक, बत्ती, मुल्तानी मिट्टी आदि खाने का मन क्यों होता है। क्यों होता है प्रेग्नेंट महिला का मिट्टी, कोयला, चॉक, बत्ती, मुल्तानी मिट्टी आदि खाने का मनगर्भावस्था के दौरान मिट्टी, कोयला, चॉक, बत्ती, मुल्तानी मिट्टी जैसी चीजों को खाने की इच्छा को पिका सिंड्रोम कहा जाता है जिसके कारण महिला की किसी चीज को खाने की बहुत ज्यादा इच्छा होती है। पिका सिंड्रोम के अलावा कुछ और भी कारण होते हैं जिनकी वजह से प्रेग्नेंट महिला को इन चीजों को खाने की इच्छा हो सकती है।
गर्भवती महिला को मिट्टी, चॉक आदि चीजें खाने के नुकसानप्रेग्नेंट महिला यदि मिट्टी, कोयला, चॉक, बत्ती, मुल्तानी मिट्टी आदि का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान अधिक करती है तो इसके कारण गर्भवती महिला को सेहत सम्बन्धी बहुत सी परेशानियां हो सकती है। जैसे की :-
मिट्टी, कोयला, चॉक, आदि खाने से बच्चे को होने वाले नुकसानप्रेग्नेंट महिला जो भी खाती है तो उसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है ऐसे में जब प्रेग्नेंट महिला इन चीजों का सेवन करती है तो इनका असर भी गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। जिसकी वजह से शिशु को नुकसान पहुँच सकता है।
प्रेग्नेंट महिला के लिए मिट्टी, कोयला, चॉक, आदि खाने से छुटकारा पाने के लिए टिप्सगर्भावस्था के दौरान यदि महिला अपनी इस आदत से निजात पाना चाहती है तो कुछ आसान टिप्स का इस्तेमाल करके महिला आसानी से इस परेशानी से निजात पा सकती है। तो आइये अब जानते हैं की वो आसान टिप्स कौन से हैं। डॉक्टर से मिलेंअपनी इस आदत से निजात पाने के लिए आप सबसे पहले डॉक्टर से मिलें, और जिन जिन चीजों का सेवन करने का आपका मन करता है उन सभी के बारे में डॉक्टर को बताएं। क्योंकि इन चीजों को छोड़ने के लिए क्या करना चाहिए जिससे प्रेगनेंसी में आपको या बच्चे को कोई नुकसान न हो इसके बारे में डॉक्टर आपको ज्यादा अच्छे से बता सकते हैं। जब भी किसी चीज को खाने की इच्छा हो तो अपना टेस्ट बदलेंयदि कभी अचानक से आपकी मिट्टी या अन्य कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो तुरंत आपको अपनी पसंद की किसी और हैल्थी चीज का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। यदि आप अपनी इस आदत को पक्का कर लेती हैं तो आपको इस आदत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने देंगर्भवती महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण गर्भवती महिला का इन चीजों को खाने का अधिक मन करता है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस परेशानी से निजात पाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए ताकि गर्भवती महिला को इन चीजों को खाने की इच्छा ही न हो। तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और आपकी भी इन चीजों को खाने की इच्छा होती है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें बल्कि अपनी इस आदत को तुरंत बदल दें, और इसके लिए डॉक्टर से मिलें। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में ढेरों बदलाव आते हैं। इनमें कुछ बदलाव शारीरिक होते हैं, तो कुछ मानसिक। इन दोनों ही स्थितियों में होने वाले परिवर्तन कई बार प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण भी हो सकते हैं। इन्हीं परिवर्तनों में से कुछ के कारण गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की इच्छा पैदा होती है। यदि आप भी गर्भावस्था के दौरान आने वाले इस बदलाव का शिकार हैं, तो जरा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह एक आम समस्या है, जिसकी चपेट में अधिकांश महिलाएं आती हैं। इस समस्या को वैज्ञानिक भाषा में पिका सिंड्रोम कहा जाता है। थोड़ी सी जागरूकता और जानकारी आपको इस समस्या से निजात दिला सकती है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इस समस्या से संबंधित सभी जरूरी जानकारी देंगे। गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की तीव्र इच्छा क्यों होती है? इसके पीछे कारण क्या हैं? इन सवालों के जवाब से पहले जरूरी होगा कि पिका सिंड्रोम होता क्या है, इस बारे में जान लें। पिका सिंड्रोम क्या होता है?पिका सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है, जिसमें किसी विशेष चीज को खाने की प्रबल इच्छा होती है। बता दें यहां विशेष चीज का अर्थ किसी खाने योग्य वस्तु से भी लगाया जा सकता है और नहीं भी। इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए कह सकते हैं कि अचार, आइसक्रीम और बर्फ को खाने की तीव्र इच्छा पिका सिंड्रोम के ही लक्षण है। लेकिन इस स्थिति में इच्छा ऐसे पदार्थों के प्रति प्रबल होती है, जो खाने योग्य हैं। इसलिए इसके शरीर पर कोई खास दुष्परिणाम नहीं पड़ते। लेकिन जब यही खाने की प्रबल इच्छा ऐसे पदार्थों के प्रति बढ़ जाती है, जो खाने योग्य नहीं हैं (जैसे :- चाक, खड़िया, मिट्टी, राख)। ऐसी स्थिति में गर्भवती के लिए समस्याएं बढ़ जाती हैं और इसके दुष्परिणाम भविष्य में मां और बच्चे दोनों के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं (1)। गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने का मन क्यों होता है? | pregnancy me mitti khanaगर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने का मन क्यों होता है या पिका सिंड्रोम होने के पीछे की मूल वजह क्या है, इस बारे में अभी शोधकर्ताओं को कोई ठोस प्रमाण हासिल नहीं हुआ है। कई विशेषज्ञों का इस संबंध में अपना अलग-अलग मत है। कुछ के मुताबिक पोषक तत्वों की कमी के कारण गर्भवती में मिट्टी खाने की तीव्र इच्छा पनपती है। वहीं कुछ का मानना है कि यह एक मानसिक विकार है। लेकिन दोनों ही मतों पर अभी तक कोई ठोस परिणाम हासिल नहीं हुए हैं। अभी इस पर और शोध किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा भी कई संभावित कारण है, जिन्हें मिट्टी खाने की आदत से जोड़कर देखा जाता है (2) (3)। आइए मिट्टी खाने के सभी संभावित कारणों पर डालते हैं एक नजर।
आगे लेख में हम गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने से मां और बच्चे पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के बारे में बात करेंगे। गर्भावस्था में मिट्टी खाने से गर्भवती महिलाओं और बच्चे के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?शोधकर्ताओं के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने से मां और बच्चे पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं। आइए उन सभी दुष्परिणामों को विस्तार से समझते हैं (2)। 1. गर्भवती को होने वाले नुकसान
2. गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ने वाले प्रभाव
नोट- गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे में मिट्टी खाने के कारण देखे जाने उपरोक्त सभी प्रभाव अलग-अलग स्थितियों में प्रथक-प्रथक हो सकते हैं। Subscribe गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने के प्रभावों के बारे में जानने के बाद अब हम जानेंगे कि इस समस्या से छुटकारा कैसे पाया जाए। गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की समस्या से छुटकारा कैसे पाएं?गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाना कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं, लेकिन समय रहते इसके प्रति सावधानी बरतनी अतिआवश्यक है। नहीं तो, भविष्य में इसके संभावित परिणाम अत्यधिक कष्टदाई साबित हो सकते हैं। कुछ बिन्दुओं की सहायता से हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि इस समस्या से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है (3) (4) (5)। 1. चिकित्सक से लें परामर्शगर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की आदत है, तो सबसे पहले चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक जांच के माध्यम से यह जानने की कोशिश करेगा कि कौन से ऐसे तत्व हैं, जिनकी शरीर में कमी है। वह जांच के माध्यम से तय करेगा कि आयरन, जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी इस विकार कारण तो नहीं। साथ ही वह एनिमिया संबंधी जांच भी करा सकता है। अगर इनमें से कोई एक भी संभावित कारण नजर आता है, तो चिकित्सक पहले उस कारण को ठीक करने की कोशिश करेगा। मुमकिन है कि यह उपाय मिट्टी खाने की प्रवृत्ति को खत्म करने में सहायक सिद्ध हो। 2. व्यवहार पर रखें नजरमिट्टी खाने की आदत वाली गर्भवती महिलाओं के व्यवहार पर नजर बनाएं रखें। यह जानने की कोशिश करें की उन्हें मिट्टी खाने की तीव्र इच्छा कब और किस वक्त होती है। सही वक्त जानने के बाद उस वक्त गर्भवती का खास ध्यान रखें, उन्हें मिट्टी न खाने दें। 3. माइल्ड एवर्जन थेरेपी का प्रयोगमिट्टी खाने की आदत को दूर करने के लिए माइल्ड एवर्जन थेरेपी का प्रयोग लाभकारी सिद्ध हो सकता है। बता दें यह एक मनोवैज्ञानिक ट्रीटमेंट है। इस थेरेपी में रोगी का ध्यान हटाने की कोशिश की जाती है। मिट्टी खाने की तीव्र इच्छा होने के वक्त गर्भवती को किसी अन्य काम में उलझाएं या ऐसी बातें करें जिसमें उसकी पहले से रूचि हो। ऐसा करने से मिट्टी खाने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। 4. सामान्य भोजन के लिए प्रेरित करनामिट्टी खाने की आदत छुड़ाने के लिए बेहतर होगा कि रोगी को सामान्य भोजन के प्रति प्रेरित किया जाए। मिट्टी खाने की तीव्र इच्छा के समय को ध्यान में रखते हुए, रोगी को मनचाहे भोजन के संपर्क में लाएं। वहीं इसके लिए बिना शुगर वाले च्युइंग गम का उपयोग भी किया जा सकता है। आप चाहे तो मन परिवर्तित करने के लिए सौंफ और सूखा नारियल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 5. सामान्य भोजन के लिए पुरस्कृत करनाअगर गर्भवती में मिट्टी खाने का कारण मानसिक विकार है, तो इसके लिए आप उन्हें इनाम के जरिए इस आदत से दूर करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसा करने से धीरे-धीरे मिट्टी खाने की आदत दूर होती जाएगी। आगे लेख में हम मिट्टी के अलावा अन्य पिका क्रेविंग के बारे में जानेंगे। गर्भावस्था के दौरान अन्य पिका क्रेविंगगर्भावस्था के दौरान अन्य पिका क्रेविंग का अर्थ है मिट्टी के अलावा अन्य गैर खाद्य पदार्थों को खाने की तीव्र इच्छा का उभरना। आइए कुछ बिन्दुओं की सहायता से इनके बारे में जानते हैं (1) (5)।
अब तो आप गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की आदत के बारे में भलीभांति जान गए होंगे। लेख में आपको बताया गया कि इस आदत की वजह से गर्भवती महिला के साथ-साथ होने वाले बच्चे पर क्या-क्या बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। वहीं, लेख में आपको इस समस्या से छुटकारा पाने के भी कुछ उत्तम उपाय सुझाए गए हैं। अगर आप में भी मिट्टी या कुछ असामान्य चीजें खाने की तीव्र इच्छा पनपती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेख में दी गई सभी जानकारियों को पढ़ें और फिर उन्हें आजमाएं। आशा करते हैं कि पिका सिंड्रोम से जूझ रहीं सभी महिलाओं के लिए यह लेख अत्यधिक लाभकारी साबित होगा। References:MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy. औरतें मिट्टी खाने से क्या होता है?अगर कोई महिला या बच्चा लगातार मिट्टी खाता है तो उसकी आंतों में रुकावट हो जाएगी. इसके अलावा लीवर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. मिट्टी खाने वाले बच्चों और बड़ों के शरीर में सूजन आने लगती है.
महिला मिट्टी क्यों खाती है?आमतौर पर कहा जाता है कि शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण कोई मिट्टी खाता है। लेकिन आपको बता दें कि कैल्शियम आयरन की कमी तब होती है जब शरीर में फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 की कमी होती है। दरअसल शरीर में खून की कमी बच्चों की खुराक पर निर्भर है।
मिट्टी खाने से पेट में क्या होता है?गर्भावस्था के दौरान मुल्तानी मिट्टी खाने के दुष्प्रभाव
यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य और पेट के मुद्दों का कारण बन सकता है. यह आंतों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. यह बच्चे और मां को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
मिट्टी खाने का मन करे तो क्या खाएं?ये पीका से संबंधित है। इसमें इंसान मिट्टी खाने से खुद को रोक नहीं पाता। ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं इसका शिकार होती हैं। बड़े-बड़े लोगों को खासकर लड़कियों को इसके खाने की तलब उठती है तो इसका अर्थ कैल्शियम नहीं बल्कि आयरन की कमी से लिया जाना चाहिए।
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