मुन्नी को पाजेब मिलने पर आशुतोष किस बात की जिद करता है? - munnee ko paajeb milane par aashutosh kis baat kee jid karata hai?

8. पाजेब

मुन्नी को पाजेब मिलने पर आशुतोष किस बात की जिद करता है? - munnee ko paajeb milane par aashutosh kis baat kee jid karata hai?




1) निम्नलिखितप्रश्नोंकेउत्तरएक दोपंक्तियोंमेंदीजिए:

1. मुन्नी केलिएपाजेबकौनलाया?

1. मुन्नीकेलिएपाजेबउसकी बुआलाई |

2. मुन्नीकोपाजेब मिलनेकेबादआशुतोषभी किसचीजकेलिएजिद करनेलगा ?

2. मुन्नीकेबड़े भाईमुन्नीकोपजेबमिलने केबादआशुतोषभीसाइकिल केलिएजिदकरनेलगा |

3. लेखककीपत्नीकोपाजेब चुरानेकासंदेहसबसेपहले किसपरहुआ?

3. लेखककी पत्नीकोपाजेबचुरानेका संदेशसबसेपहलेअपनेनौकर बंसीपरहुआ|

4. आशुतोषको किसचीजकाशौकथा?

4. आशुतोषकोपतंगउड़ानेकाशौक था |

5. जबआशुतोषनेछून्नू को  पाजेबदेनेकीबात कीतबउसकीमांने अपनेपुत्रकोसख्तीसे पूछाऔरउसकेइनकारकरने परउसेधम्मधम्मपीटना शुरूकरदिया | वहशहीद कीभांतिपीटतारहाथा | रोयाबिल्कुलनहींथा.....|

6. गुम हुईपाजेबकहांसेमिली?

6. गुमहुईपाजेबआशुतोषकी बुआकीजेबसेमिली जोगलतीसेउसीके साथचलीगईथी |

2) निम्नलिखित प्रश्नोंकेउत्तरतीनचार पंक्तियोंमेंदीजिए:

1. लेखकको आशुतोषपरपाजेबचुरानेका संदेहक्योंहुआ?

1. आशुतोषपतंग उड़ानेकाबड़ाशौकीनहै   औरबातोंबातोंमेंजब इसबातकापताचला किउसशामआशुतोषपतंग औरएकडोरकापिन्ना नयालायाहै | लेखकने सोचा  संभवत: आशुतोषकोपाजेब कहींपड़ीहुईमिलगई होगीऔरउसनेपाजेबबेचकर अपनी  पतंगकासामानखरीद लियाहोगा |

2. पाजेबचुरानेका संदेहकिसकिसपरकिया गया?

2. पाजेबचुरानेकासंनदेह सर्वप्रथमउनकेनौकरबंसीपर गया | उसनेसाफइंकारकिया तबआशुतोषसेपूछ - ताछ शुरूहुई | उसनेभीकई तरह  सेटालमटोलकरनेकी चेष्टाकी |  आशुतोषकेसंदर्भ में  छुन्नूकानामभी चर्चामेंरहा |  आशुतोषने पाजेबपतंगवालेको  11 आने पैसेमेंबेचदेनेकी बातकही | परंतुअंतमें पताचलताहैकीपाजेब बुआकेसाथभूलसे चलीगईथी |

3. आशुतोषने चोरीनहींकीथीफिर भीउसनेचोरीकाअपराध स्वीकारकिया | इसकाक्याकारण होसकताहै?

3. आशुतोषने सचमुचपाजेबकीचोरीनहीं कीथीलेकिनउसकेपिता कोआशुतोषपरहीसंदेह होरहाथा | आशुतोषके हावभावसेभीलगरहा थाकिउसनेहीपाजेब चुराईहै | इधरअपनेअनग्रल प्रलापकेकारणहीइस झमेलेमेंफंसतेचलेगए औरचोरीनाकरनेपर भीउसेऔरअपनाअपराध स्वीकारकरनापड़ा |

4. पाजेबकहां औरकैसेमिली?

4. वास्तवमें   पाजेबकीनातोचोरी हुईथी, नाहीउसे कहींकिसीकेपासरखा गयाथाऔरनाहीउसे किसीपतंगविक्रेताकेजहां बेचागयाथा | वस्तुस्थितियह थीकिआशुतोषकीबुआ जिसनेवह  पाजेबमुन्नीके लिएखरीदीथीउसदिन सायंकालको  जबअपनेघर जानेलगीतोभूलसे  एकपाजेबउनकी   बास्कटमें उनकेसाथचलीगईथी |

3) निम्नलिखितप्रश्नोंकेउत्तर 6- 7 पंक्तियों मेंदीजिए:

1. आशुतोषकाचरित्र चित्रणकीजिए?

1. आशुतोषपाजेबकहानी कामुख्यपात्रहै |  तथा मुन्नीकाबड़ाभाई |  जब मुन्नीकोउसकीबुआपाजेब लेकरदेतीहैतो वह  भीपाजेबनहींतो बाईसाइकिलकोअपनीबुआसे मांगकरबैठताहै |  आशुतोष पतंगउड़ानेकाबड़ाशौकीन है, इसीलिएपाजेबकीचोरी उसके  मत्थेलगादीजाती हैक्योंकिउसशामवह पतंगऔरडोरकानया पिन्नालेकरआयाथा | आशुतोष नेकेवलएकबारअपने क्रोधभीअभिव्यक्तिकी |  जब उसके  पिताबार-बारउससे पूछतेहैं "क्योंबेटे, तुमने हीतोनहींली ?" तब उसनेसिरहिलाकरक्रोध सेअस्थिरहोकरऔरतेज आवाजमेंखाकीमैंनेनहीं ली ,नहींली, नहींली |

2. आशुतोषकेमाता-पिताने बिनाकिसीमनोवैज्ञानिकसूझबूझके आशुतोषकेप्रतिजोव्यवहार कियाउसेअपनेशब्दोंमें लिखिए?

2. आशुतोषकेमाता-पिता नेबिनाकिसीमनोवैज्ञानिकसूझबूझ केआशुतोषकेसाथअच्छा व्यवहारनहींकिया | उन्होंनेबिना सोचेसमझेसिर्फइसबिनाह परअपनेबेटेको  पाजेब काचोरसमझलियाकि वहशामकोनहींपतंग औरडोरलायाथा | प्रश्न उत्तरकाऐसासिलसिला  चलाया किवहमासूमबिनाकिसी कुसूरकेअपराध  कबूलने  पर मजबूरहोगया | उन्होंनेएक बारभीनासोचाकि उसकेमासूमदिलपरउनके कठोरव्यवहारपरक्याअसर हुआहोगा |

3. आशुतोषकेकिन कथनोंऔरकार्योंसेसंकेत मिलताहैकिउसनेपाजेब नहींचुराईथी?

3. आशुतोषके आरंभसेलेकरअंततक केसभी  कथनोंसेयही प्रतीतहोताहैकिवह  निर्दोषहैऔरउसनेपाजेब नहींचुराईथी | उसनेभले ही  पतंगतथाडोरखरीदी थी ,   पर  पाजेबबेचकरनहीं | जबउसकेपिता    सखक्तिसे उससेपूछतेहैंतोवह क्रोधसेअस्थिरतथातेज आवाजमेंयहीकहताहै किमैंनेनहींली , नहीं ली , नहीं  ली |  पतंगवाले सेपांचआनेलेनेकी बातकोभीस्पष्टनहीं करपाता | वहसबपरिस्थितियों मेंहा, हाकहतारहता हैयाफिरचुपहो जाताहै| इसप्रकारउसके सभीकथनोंतथाकार्यकलापोंसे यहीसिद्धहोताहैकि आशुतोषनेपाजेबनहींचुराई थी

4. " प्रेमसेअपराधवृत्ति कोजीताजासकताहै, आंतकसेउसेदबायाठीक नहींहै....." इसवाक्यका आशयस्पष्टकीजिए?

4.  पाजेब कहानीकेअंतर्गतजबएक  पाजेबगुमहोजातीहै तोघरमेंखलबलीसी मचजातीहै | मातापिता अपनेहीपुत्रआशुतोषको इसमामलेमेंलपेटनाचाहते हैं | वह   इंनकारकरताहै तोउसकीमांउसेकहती हैकिदेखोबेटे, ली होतोकोईबातनहीं, सचकहदेनाचाहिए| इस कथनपरआशुतोषमुंहफुलाकर गुमसुमहोकरबैठारहा | तभी पिताकेमनमेंउस समयतरह-तरहकेसिद्धांत आएऔरउन्होंनेस्वीकारकिया किअपराधकेप्रतिकरुणा हीहोनीचाहिए |  रोषका अधिकारनहीं |प्रेमसेही अपराधव्रतीकोजीताजा सकताहै ,  आंतकसेउसे दबानाठीकनहींहै | वास्तव मेंबालककास्वभावतो  कोमलहीहोताहै | अत: सदाहीउससेस्नेहसे व्यवहारकरनाचाहिए |

आशुतोष निरपराध होते हुए भी पाजेब चुराने की बात को क्यों स्वीकार कर लेता है?

आशुतोष ने चोरी नहीं की है परन्तु अपने पिता के तर्क प्रश्नों में उलझकर वह उनकी हाँ में हाँ मिलाता है। चोरी न करने पर भी वह पाजेब चुराने की बात स्वीकार कर लेता है। स्नेह, भय, प्रलोभन आदि से भ्रमित होकर वह सच बात कह ही नहीं पाता और जो कुछ उसके पिता उससे पूछते हैं, वह उनको स्वीकार कर लेता है।

पाजेब कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

'पाजेब' कहानी में जीवन की एक छोटी-सी घटना को विस्तार दिया गया है। एक छोटी सी बच्ची के मन में पाजेव के प्रति उठी ललक के रूप में कहानी शुरू होती है। बुआ ने दी पाजेब को पाकर हुई खुशी को 'मुन्नी' सारे घर-आंगन में नाचती हुई प्रकट करती है। एक छोटा सा चांदी का आभूषण सारे घर में आनंद और उल्लास भर देता है।

पाजेब कहानी का सारांश क्या है?

" पाजेब " कहानी के लेखक है श्री जैनेन्द्र कुमार। पाजेब कहानी के माध्यम से लेखक ने बाल मनोविज्ञान को समझाने का प्रयत्न किया है। आज कल बच्चो व माता पिता के बीच एक दूसरे को समझने का अभाव है। बच्चो के मनोविज्ञान को समझकर ही हम उनके साथ संतुलित व्यवहार कर सकेंगे।

आशुतोष के मित्र का नाम क्या है?

➲ 'पाजेब' कहानी में आशुतोष के मित्र का नाम 'छन्नू' था। ✎... 'पाजेब' कहानी में आशुतोष के मित्र का 'छन्नू' था, जो कि एक पतंग वाला था।