Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. नई पीढ़ी के लिए ये वस्तुएँ विरासत जैसी होती हैं। इनसे हमें अपनी सभ्यता संस्कृति का ज्ञान मिलता है। ये वस्तुएँ हमारे पूर्वजों की रुचियों एवं आर्थिक सामाजिक स्थिति का परिचय कराती हैं। यह आने वाली पीढ़ियों का दायित्व है कि वे विरासत की इन वस्तुओं का संरक्षण करें तथा भावी पीढ़ी को सौंप जाएँ। पूर्वजों की मेहनत और गाढ़ी कमाई से बनाई इन वस्तुओं का महत्त्व जानकर ही मालकिन का मन इन्हें हराम के भाव में बेचने को नहीं करता है। प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. अन्य पाठेतर हल प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. वहाँ मिलने वाली थोड़ी-सी मज़दूरी तथा एक-दो रोटियों के सहारे वह अपनी आजीविका चलाती है। इसी में वह स्वयं खाती है और अपने पति को खिलाती है। वह घोर गरीबी में दिन बिता रही है। इसके विपरीत ठकुराइन और गाँव के ठाकुर जैसे लोग भी हैं जो सुखमय जीवन बिता रहे हैं। उनकी दिनचर्या से माटी वाली की दिनचर्या पूर्णतया अलग है। प्रश्न 9. प्रश्न 10.
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We hope the given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. माटी वाली कहाँ की रहने वाली थी?भागीरथी और भीलांगना, दो नदियों के तटों पर बसे हुए शहर की मिट्टी इस कदर रेतीली है कि उससे चूल्हों की लिपाई का काम नहीं किया जा सकता। आने वाले नए-नए किराएदार भी एक बार अपने घर के आँगन में उसे देख लेते हैं तो अपने आप माटी वाली के ग्राहक बन जाते हैं। घर-घर जाकर माटी बेचने वाली नाटे कद की एक हरिजन बुढ़िया - माटी वाली।
माटी वाली स्त्री की माटी का टिहरी शहर में क्या महत्व है?माटी वाली एक गरीब अनुसूचित जाति की महिला थी। वह बूढ़ी महिला पूरे टिहरी शहर में घर-घर लाल मिट्टी देने जाती थी जो लिपाई-पुताई के काम आती है। वह जिस प्रकार का जीवन जी रही थी उससे हमें मेहनत और ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा मिलती है। परिवार के प्रति निष्ठावान रहने की सीख भी उसके जीवन से हमें प्राप्त होती है।
माटी वाली को शहर से अपने गांव पहुंचने में समय कितना लगता था?उत्तर: माटी वाली तड़के सुबह से अंधेरा होने तक काम करती थी। उसके काम में जी तोड़ मेहनत लगती थी। वापस घर पहुँचते पहुँचते रात हो जाती थी। इन सबके बीच उसे इतना समय ही नहीं मिलता था कि वह अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोच पाये।
माटी वाली को सब लोग क्यों जानते हैं?माटीवाली की लाल मिट्टी हर घर की आवश्यकता थी, जिससे चूल्हे-चौके की पुताई की जाती थी। इसके बिना किसी काम नहीं चलता था। इसलिए सभी उसे जानते थे तथा उसके ग्राहक थे। वह पिछले अनेक वर्षों से शहर की सेवा कर रही थी।
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