मातृभाषा किसे कहते हैं स्पष्ट कीजिए - maatrbhaasha kise kahate hain spasht keejie

नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है आज के इस नए लेख में इस नए लेख में हम जानने वाले हैं कि मातृभाषा किसे कहते हैं (Matribhasha Kise Kahate Hain) हमने इससे पीछे के लेख में भाषा के बारे में जान चुके हैं आइए हम शुरुआत करते हैं इस लेख को और जानते हैं कि मातृभाषा किसे कहते हैं?

मातृभाषा किसे कहते हैं। Matribhasha Kise Kahate Hain

मातृभाषा(Mother Toungue): वह बोली या भाषा जो बच्चे को जन्म से ही माता पिता के मुख से सुनाई पड़ती है जिस घर परिवार में जो बोलिया भाषा बोली जाती है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। आइये हम इसे कुछ अन्य तरीकों से समझते हैं।

मातृभाषा किसे कहते हैं स्पष्ट कीजिए - maatrbhaasha kise kahate hain spasht keejie

मातृभाषा का अर्थ मातृभाषा बालक अपने जन्म से ही अपने परिवार के सदस्यों के बीच रहकर सिखता है। बालक के भाषा सीखने में अनुकरण का विशेष हाथ होता है। माता पिता जिस भाषा को बोलते हैं वैसा ही नकल बालक भी करता है इस प्रकार जिस भाषा को बालक अपने माता-पिता के नकल करने से सीखता है उसे ही मातृभाषा कहा जाता है।

पतंजलि के अनुसार: मातृभाषा व्यक्त शब्दों द्वारा विचारों का प्रकटीकरण है। शास्त्रीय मत विचारों की अभिव्यक्ति के लिए समाज द्वारा स्वीकृत जिन वर्ण व्यक्त ध्वनियों के संकेतों का व्यवहार होता है उसे भाषा कहा जाता है। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षित व्यक्ति मौखिक तथा लिखित रूप से विचारों का आदान प्रदान करते हैं।

मातृभाषा की विशेषताएं

मातृभाषा को संविधान में स्थान प्राप्त है।
प्रायः सभी भाषाओं में साहित्य की रचना की गई है।
बालक के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में सहायक होती हैं।
मातृभाषा में अपनी कहावतें,लोक कथाएं,कहानियां,पहेलियां,सूक्ति होती हैं,जो सीधे हमारी स्मृति की धरती से जुड़ी होती हैं।
मातृभाषा से अपने परिवेश का बोध होता है।

मातृभाषा के माध्यम से लोगों की वास्तविक आवश्यकताओं को गीतों,नृत्यों,नाटकों,कविताओं आदि के जरिए अभिव्यक्ति दी जाती हैं।
मातृभाषा बालक की कल्पनाशक्ति व उसकी लेखन प्रवृतियो को जगाकर स्वतंत्र रूप से साहित्य सर्जन की प्रेरणा देती है।

मातृभाषा में सरसता और पूर्णता की अनुभूति होती हैं।प्राथमिक शिक्षा का मुख्य आधार होती है।

मातृभाषा मात्र संवाद ही नहीं अपितु संस्कृति और संस्कारों की सवाहिका भी है।

शिक्षा में मातृभाषा का महत्व

बालक की शिक्षा में मातृभाषा का विशेष स्थान होता है।
यह शिक्षा का सर्वोत्तम साधन होता है। इसके महत्वपूर्ण तत्व निम्नवत है

सामाजिक विकास
बौद्धिक विकास
मौलिक चिंतन
भाषांतर भाषा की शिक्षा में सरलता
उत्तम नागरिकता
आर्थिक महत्व

हिंदी भाषा का उद्देश्य एवं लक्ष्य हिंदी भाषा को मातृभाषा के रूप में भारत के अधिकांश क्षेत्रों में पढ़ाया जाता है दक्षिण भारत तथा अन्य कुछ राज्यों में इस हिंदी भाषा को द्वितीय भाषा के रूप में रखा गया है। क्योंकि वहां की क्षेत्रीय बोलियों को प्रथम स्थान का दर्जा दिया गया है। भाषा के विषय में बताते हुए श्री सन्त ने लिखा है-“भाषा संसार का नामदेय स्वरूप है।”

मातृभाषा से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

प्रश्न:-विभाषा किसे कहते हैं?
उत्तर:-बोली का कुछ अधिक विकसित स्वरूप जिसमें साहित्य आदि रचा जाने लगता है,उसे विभाषा कहते हैं। जैसे: ब्रह्मा और अवधि।

प्रश्न:-भाषा किसे कहते हैं?

उत्तर:-मनुष्य के मुख से निकलने वाली वे सभी सार्थक ध्वनियां है जो दूसरों तक अपनी भावनाओं को पहुंचाने का काम करती हैं, या स्पष्ट रूप से भाव बताती हैं, भाषा कहलाती हैं।

प्रश्न:-मातृभाषा की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?
उत्तर:-भाषा को संविधान में स्थान प्राप्त है इसकी सबसे बड़ी विशेषता तो यही है प्राय: सभी भाषाओं में साहित्य की रचना की गई हैं।भारत में प्रमुख 15 मात्र भाषाएं हैं।

प्रश्न:-मातृभाषा का क्या अर्थ है?

उदाहरण जैसे- भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। मातृभाषा – भाषा का वह रूप जिसे बालक सबसे पहले अपने परिवार में रहकर सीखता है वह मातृभाषा कहलाती है। वह भाषा जिसे बालक अपनी माता या परिवार से सीखता है, ‘मातृभाषा’ कहलाती है। जन्म के बाद प्रथम जो भाषा का प्रयोग करते है वही हमारी मातृभाषा है।

प्रश्न:-मातृभाषा किसे कहते हैं एवं मातृभाषा का ज्ञान होना क्यों आवश्यक है?

उत्तर:-वह भाषा या बोली, जो परिवार में बोली जाती है, मातृभाषा कहलाती है। मातृभाषा के ज्ञान के बिना शब्दों एवं कथन का अर्थ समझना सम्भव नहीं है। इसको जाने बिना विचारों का सही व सार्थक आदान-प्रदान नहीं हो सकता। अतः मातृभाषा का ज्ञान होना आवश्यक है।

प्रश्न:-मातृभाषा का महत्व क्या है?

उत्तर:-मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित भी करती है। मातृभाषा ही किसी भी व्यक्ति के शब्द और संप्रेषण कौशल की उद्गम होती है। एक कुशल संप्रेषक अपनी मातृभाषा के प्रति उतना ही संवेदनशील होगा जितना विषय-वस्तु के प्रति। मातृभाषा व्यक्ति के संस्कारों की परिचायक है।

प्रश्न:-मातृभाषा से आप क्या समझते हैं बालक के सर्वांगीण विकास में मातृभाषा के महत्व का वर्णन कीजिए?

उत्तर:-मातृभाषा से बच्चों का परिचय घर और परिवेश से ही शुरू हो जाता है। इस भाषा में बातचीत करने और चीज़ों को समझने-समझाने की क्षमता के साथ बच्चे विद्यालय में दाख़िल होते हैं। अगर उनकी इस क्षमता का इस्तेमाल पढ़ाई के माध्यम के रूप में मातृभाषा का चुनाव करके किया जाये तो इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।

प्रश्न:-मातृभाषा शिक्षण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:-छात्रों में उचित आत्माभिव्यक्ति की योग्यता उत्पन्न करना। छात्रों में लिखने-पढ़ने तथा स्वाध्याय की भावना का विकास करना। छात्रों में लेखन शक्ति का विकास करना।

प्रश्न:-मातृभाषा ही शिक्षा का माध्यम क्यों होना चाहिए?

उत्तर:-मातृभाषा के गर्भ में जातीय बुिद्ध को पूर्ण और उच्च प्रकृित बनाने की शक्ति होती है। मातृभाषा के प्रचार से सदाचार को किसी विचित्र तथा विलक्षण मानसिक प्रभाव के कारण अत्यंत लाभ होता है। मातृभाषा के द्वारा हम जो सीखते हैं, वह संसार के अन्य किसी भाषा के द्वारा नहीं सीख सकते।

इस लेख के बारे में

तो दोस्तों आपने इस लेख में जाना की मातृभाषा किसे कहते हैं। इस लेख को पढ़कर आपको कैसा लगा आप अपनी राय हमें कमेंट कर सकते हैं। इस लेख में सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार की कोई गलती तो नहीं है लेकिन अगर किसी भी पाठक को लगता है कि इस लेख में कुछ गलत हैं तो कृपया कर हमें अवगत करें। आपके बहुमूल्य समय देने के लिए और इस लेख को पढ़ने के लिए Hindi-jankari.in की पूरी आपका दिल से आभार व्यक्त करती है।

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मातृभाषा से आप क्या समझते हैं?

जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है।

मातृभाषा किसे कहते हैं एवं मातृभाषा का ज्ञान करना क्यों आवश्यक है?

मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित भी करती है। मातृभाषा ही किसी भी व्यक्ति के शब्द और संप्रेषण कौशल की उद्गम होती है। एक कुशल संप्रेषक अपनी मातृभाषा के प्रति उतना ही संवेदनशील होगा जितना विषय-वस्तु के प्रति। मातृभाषा व्यक्ति के संस्कारों की परिचायक है।

मातृभाषा कौन सा है?

Hindi is our mother tongue national language and official language - हिंदी हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा है....

मातृभाषा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

भारत संघ तथा इसके विभिन्न राज्यों में संविधान के अधीन निर्मित राजभाषा हिंदी समेत अन्य प्रादेशिक भाषाओं से संबंधित नीतियों को शिक्षा के क्षेत्र और अन्य सरकारी कामकाज में लागू कराने हेतु प्रयास करना। 2. ' शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम अनिवार्यतः शिशु की मातृभाषा हो ', इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना।