मिट्टी को उपजाऊ बनाने के कौन-कौन से तरीके हैं - mittee ko upajaoo banaane ke kaun-kaun se tareeke hain

लेब्रोन आज का मेरे को सुनाएं मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक है मार पचारा उसने सबसे पहले है कीटनाशक दूसरा है जैविक खाद तीसरा है ईस्ट और चौथा इनमें से सभी ठीक है तो यहां पर मिट्टी को उपजाऊ कैसे बना सकते हैं ठीक है ताकि जो पौधा हो ठीक है नहीं हमारा फसल हो ठीक है उसका उत्पादन यानी विकास और बड़ी आसानी से हो सके ठीक है उत्पादन बढ़ सके तो यहां पर जो मिट्टी है उसका वजन बढ़ाने के लिए क्या करना पड़ता है विभिन्न प्रकार के यहां पर उर्वरक देने पड़ेंगे ठीक है जैसे जैविक उर्वरक या नहीं जैविक खाद ठीक है जैविक उर्वरक टिकट्स में सोच न्यू मेरे होते हैं तो समझ सकते हैं ठीक है जैविक खाद और रासायनिक खाद ठीक है यह सब देने पड़ते हैं इसमें विभिन्न प्रकार के खनिज होते हैं जैसे नाइट्रोजन ठीक है फास्फोरस सल्फर यह सब यह सब तो जैसे कि मृदा की उर्वरा शक्ति है और जो अपना बढ़ता है ठीक है तो देखते हैं कौन सा संसार का सबसे पहले कीटनाशक ठीक है तो कितना

मुझे सिर्फ जो यहां पर पौधे का उत्पादन है वह बढ़ सकता है ठीक है क्योंकि विभिन्न प्रकार के जो फसल होते हैं वह की 2 को से नष्ट हो जाते हैं तो यहां पर जो फसल होती है ठीक है उसका उत्पादन अच्छा हो नहीं पाता है जिसे कीटनाशक से उठ जाओ पर नहीं बढ़ेगा मिल जाएगा ठीक है पैसों से फसल को लाभ मिल सकता है बाकी इस से कोई मतलब नहीं थी गलत हो जाएगा दूसरा जैविक खाद थे राइट हो जाएगा तीसरा ईस्ट ठीक है तो यहां पर एक सूक्ष्म जीव है ठीक है इससे विभिन्न प्रकार के यहां पर कह सकते हो कि इंडस्ट्रियल लेआउट उत्पाद बना सकते हैं तो इससे भी मैदा कब जाओगे ज्यादा कोई मतलब नहीं है विगत जाएगा और चौथा इनमें से सभी तो जाएंगे इसको शंकर आइटम हमारा होगा सेकंड फर्स्ट थर्ड फोर्थ क्लास जाएगा

  1. खेती-बाड़ी

खेत की मिट्टी को इन तरीकों से बनाएं उपजाऊ, फसल का होगा बंपर उत्पादन

जमीन की मिट्टी भी एक जीवित जीव की तरह ही होती है, जिसे अपनी उत्पादकता बढाने के लिए समय-समय पर पोषण की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं कि कैसे किसान भाई अपने खेत की मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं.

मिट्टी को उपजाऊ बनाने के कौन-कौन से तरीके हैं - mittee ko upajaoo banaane ke kaun-kaun se tareeke hain

तेजी से बढ़ते पेड़-पौधे और सब्जियों का बगीचा बहुत से लोगों का सपना होता है. खासकर के हमारे किसान भाईयों का तो पूरा जीवन ही इसी सपने को सच करते-करते बीत जाता है. अगर आप ये सपना पूरा करना चाहते हैं, तो आपको पेड़ उगाने और पानी देने से कुछ ज्यादा करना होगा. इसके लिए एक उपजाऊ जमीन का होना सबसे ज्यादा जरुरी है.

अगर किसान के खेत की मिट्टी प्राकृतिक रुप से स्वस्थ हो, तब तो ठीक है, लेकिन अगर मिट्टी स्वस्थ नहीं है, तो उसको स्वस्थ बनाने के लिए हर तरीके के उपाय करने पड़ते हैं. जमीन की मिट्टी भी एक जीवित जीव कि तरह ही होती है जिसे अपनी उत्पादकता बढाने के लिए समय-समय पर पोषण की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं कि कैसे किसान भाई अपने खेत की मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं-

मिट्टी को कैसे बनाए उपजाऊ?( How to make soil fertile?)

मिट्टी में खाद मिलाएं- मिट्टी को जरूरी पोषण मिल सके इसके लिए मिट्टी में खाद मिलाना सबसे जरूरी है, क्योंकि खाद में नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा होती है और नाइट्रोजन मिट्टी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी तत्व है. खाद मिलाने का सही तरीका ये है कि खाद को आप बस ऊपर से ना डालें, बल्कि इसे आप फावड़ा और टिलर के साथ मिला कर मिट्टी में मिलाएं. इससे भी ज्यादा बेहतर रिजल्ट के लिए आप घर की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-जानें! मिट्टी की उर्वरता शक्ति को बनाए रखने का आसान तरीका

जानवरों से बने खाद का इस्तेमाल- खेत की मिट्टी को और ज्यादा उपजाऊ बनाने के लिए गाय, भैंस,बैल,घोड़े,मुर्गा,भेड़ आदि से बने खाद का इस्तेमाल करें. जानवरों से बने खाद में नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जो फसलों की हरी पत्तियों के विकास में मददगार साबित होते हैं.

इसके अलावा आप ढैंचा की बुआई, नीम की खली, सरसों की खली, सनई की खाद और फसलों-सब्जियों के बचे अवशेष का इस्तेमाल भी अपनी मिट्टी में करके उसे और बेहतर बना सकते हैं.

कैसे बनाये जानवरों के गोबर से खाद(How to make manure from animal dung)

जानवरों के गोबर को किसी स्थान पर 3 फिट गड्ढा कर के उसमें इकट्ठा कर लें और उसमें समय समय पर सिंचाई करते रहें. इसके बाद 4 से 5 महीने बाद जब खाद अच्छी तरह से सड़कर तैयार हो जाएं, तब खाली खेत में इसे बिखेर कर मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई कर दें.

English Summary: Make the soil of your farm fertile with these easy methods Published on: 24 March 2022, 02:25 IST

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मिट्‌टी को उपजाऊ बनाने के तरीके बताए

श्योपुरिया की बावड़ी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में शनिवार को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर किसान गोष्ठी आयोजित हुई। इसमें केंद्र के वैज्ञानिकों ने मृदा स्वास्थ्य के महत्व, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता, मृदा को उपजाऊ बनाए रखने के लिए कीटनाशकों के सुरक्षित प्रयोग, आधुनिक फसल उत्पादन तकनीक पर विस्तृत जानकारी दी। केंद्र प्रभारी डा. नाथूलाल मीणा ने मृदा के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जाहिर करते हुए किसानों से कहा कि वे फसल बुआई से पूर्व मिट्टी की जांच अवश्य कराएं तथा सिफारिश अनुसार ही खाद, उर्वरकों का प्रयोग करें। डा. मीणा ने बताया कि जिले के सिंचित क्षेत्र में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग होता है, जो मृदा स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसकी वजह से मृदा में मौजूद लाभदायक सूक्ष्म जीवों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कीट व्याधियों का प्रकोप बढ़ता है। गौण महत्व के कीट व्याधि भी उग्र रूप धारण कर लेते हैं। आज गिद्ध एवं मधु मक्खियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अकेले मधुमक्खी के परागण से फसलों में पैदावार में 10 से 15 प्रतिशत पैदावार वृद्धि होती है। डा. मीणा ने बताया कि जो किसान फसल कटाई उपरांत खेतों में आग लगा देते हैं जो बहुत गलत है। इससे मृदा में मौजूद लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में भारी कमी आती है। साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। गोष्ठी में पशुपालन वैज्ञानिक डा. घनश्याम मीणा ने मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मृदा में जैविक कार्बन की कमी होती जा रही है, जिससे पैदावार में गिरावट रही है। पशुपालन से गोबर, वर्मी कम्पोस्ट द्वारा जमीन में जैविक कार्बन की पूर्ति की जा सकती है। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. बीएल नागर ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक बागवानी फसलें लगाने पर जोर दिया। शस्य वैज्ञानिक डा. राकेश कुमार ने संतुलित उर्वरक पयोग , पोषक तत्व प्रबंधन पर अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में सहायक कृषि अधिकारी डा. दुर्गालाल मीणा, कृषि पर्यवेक्षक रमेश गहलोत, वर्ल्ड विजन बूंदी के प्रबंधक जयकुमार सहित भैरुपुरा, गंवार, मोहनपुरा, संगावदा, अनूपपुरा, अखेड़, मोतीपुरा, लोईचा आदि गांवों के 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। संचालन केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डा. भंवरलाल ढाका ने किया।

विश्वमृदा स्वास्थ्य दिवस पर हुई संगोष्ठी

विश्वमृदा स्वास्थ्य दिवस पर शनिवार को छत्रपुरा स्थित एटीसी फार्म में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों के 30 किसानों ने भाग लिया। संगोष्ठी में केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य एवं खेत से मृदा नमूने एकत्र करने की विधि के बारे में विस्तार से समझाया। संगोष्ठी की अध्याक्षता कर रहे एडीएम रामजीवन मीणा ने मृदा स्वास्थ्य को अक्षुण बनाए रखने पर जोर दिया तथा खेती के साथ-साथ पशुपालन करने की भी बात कही। उपनिदेशक कृषि (शष्य) शंकरलाल जांगिड़ ने एडीएम का स्वागत किया तथा किसानों से अपने खेतों की मिट्टी की जांच आवश्यक रूप से करवाने, मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करने का आव्हान किया। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डा. दिनेशसिंह, डॉ. तारेशकुमार, मरू धर वशिष्ठ ने किसानों को विभिन्न जानकारियां दी।

विश्वमृदा दिवस मनाया

केशवरायपाटन.विश्वमृदा दिवस पर माधोराजपुरा गांव में कृषि विभाग द्वारा आयोजित की गई किसान गोष्ठी में किसानों को सांेयल हैल्थ कार्ड के बारे में विस्तार से बताया। गोष्ठी में जिला कृषि विस्तार अधिकारी आनंदीलाल मीणा ने कहा कि खेत की मिट्टी की समय-समय पर जांच जरूरी होती है, लेकिन किसान इसे जरूरी नही समझते जिससे पैदाकर में काफी नुकसान होता है। किसानों को चाहिए की मिट्टी के आधार पर खेती करेंगे तो कम लागत मे अच्छी पैदावार ली जा सकती है। गोष्ठी में सहायक कृषि अधिकारी उमाशंकर शर्मा, नंदकिशोर शृंगी ने कहा कि ज्यादा बीज खाद से आर्थिक नुकसान के साथ मिट्टी की उर्वरक शक्ति भी कमजोर होती है। गोष्ठी में जगन्नाथा माइनर समिति अध्यक्ष पुष्प चंद नागर सहित कई किसान उपस्थित थे।

मृदादिवस पर दी जानकारियां

नमानारोड. रामगंजबालाजी सीनियर सैकंडरी स्कूल में विश्व मृदा दिवस पर मृदा स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें चंबल फर्टिलाइजर्स के प्रतिनिधि धीरेंद्र सिंह प्रधानाचार्य रमेशकुमार नायक के द्वारा छात्र-छात्राओं को मृदा के संतुलित उपयोग प्रबंधन की जानकारी दी गई। साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता एवं मृदा जांच का तरीका बताकर छात्र-छात्राओं काे समझाया गया और बताया जिस तरह प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य जांच कार्ड होता है उसी तरह प्रकार भारत सरकार द्वारा किसानों को उनके खेत की मिट्टी जांच कराने एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करके मृदा जांच के आधार पर ही उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

बूंदी। विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर हुई संगोष्ठी को संबोधित करते एडीएम।

बूंदी। कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित गोष्ठी में मौजूद किसान।

नमाना रोड। रामगंज बालाजी सीनियर स्कूल में विश्व मृदा दिवस की जानकारी देते हुए।

मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाता है?

पोषक तत्वों की उचित मात्र से बनाये पौधे की मिट्टी को उपजाऊ मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम, आयरन, जिंक, कॉपर की उचित मात्रा होना आवश्यक है, इससे मिट्टी उपजाऊ होती है। इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए आप मिट्टी में गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद या हरी खाद इस्तेमाल कर सकते हैं।

मिट्टी को उपजाऊ बनाने में कौन सा तत्व महत्वपूर्ण है?

Answer: हरी खाद से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और भूमि की रक्षा होती है। मृदा के लगातार दोहन से उसमें उपस्थित पौधे की बढ़वार के लिये आवश्यक तत्त्व नष्ट होते जा रहे हैं। इनकी क्षतिपूर्ति हेतु व मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाये रखने के लिये हरी खाद एक उत्तम विकल्प है।

मिट्टी तैयार करने के लिए क्या किया जाता है?

गमले की मिट्टी तैयार करने की विधि मिट्टी के गमले में पानी की जलधारण को बनाये रखने तथा मिट्टी को soft (मुलायम) रखने के लिए उसमें 20% बालू तथा 10% Cocopeat मिला दें. 10% सरसों की खली की खाद मिला दें. इन सभी का अच्छी तरह से मिश्रण तैयार करने के बाद इन्हें गमलों में भरकर किसी भी प्रकार का पौधा लगाया जा सकता है.

पौधों के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?

मिट्टी की तैयारी पौधे लगाने से पहले गमलों में से मिट्टी निकाल दें। हो सके तो इसे 2-3 दिनों तक धूप में खुला छोड़ दें। इससे मिट्टी में मौजूद कीड़े-मकोड़े और फफूंद खत्म हो जाएंगे। फिर मिट्टी में कंपोस्ट खाद या गोबर की खाद अच्छी तरह मिलाकर गमलों में भर दें।