मीठा खाने का मन करे तो क्या करें? - meetha khaane ka man kare to kya karen?

भोपाल: नया खाने व स्वादिष्ट भोजन करने की इच्छा सभी की होती है। लेकिन अगर आपको बार-बार मीठा खाने का मन कर रहा है और इन उपर बताई गई दोनों समस्याओं में से आपको कोई समस्या नहीं है तो यह आपके जीवन में अचानक तनाव के बढ़ने की तरफ भी इशारा करता है। क्योंकि हम जब भी तनाव में होते हैं और काम पर फोकस करने का प्रयास करते हैं तो इस स्थिति में हमारे शरीर को काम करने के लिए अधिक ऊर्जा की जरुरत होती है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए हमारा शरीर अधिक शुगर की डिमांड करने लगता है। यही कारण है कि हमें तनाव में ज्यादा मीठा खाने की इच्छा होती है।

ज्यादातर लोगों को मीठी चीज़ें पसंद होती हैं। चाय, कॉफी, मिठाई, चॉकलेट, आइसक्रीम किसी न किसी रूप में चीनी का सेवन करते रहते हैं ये जानते हुए भी कि शुगर सेहत के लिए कितना अनहेल्दी होता है फिर भी। एक्सपर्ट की मानें तो महिलाओं को दिनभर में 6 टीस्पून, वहीं पुरुषों को 9 टीस्पून चीनी तक खाने की सलाह दी जाती है। तो ऐसे में बार-बार होने वाली शुगर क्रेविंग को कैसे शांत किया जाए, ये जानना जरूरी है।

धीरे-धीरे छोड़े मीठा

1. एकदम स चीनी को छोड़ने के बजाय अपनी डाइट रूटीन में चीनी के ऑप्शंस को चुनें। अगर आप दिन भर की चाय-कॉफी में 3 टीस्पून चीनी का सेवन करते हैं, तो धीरे-धीरे इसे 1 टीस्पून तक लाएं।

2. उन खाद्य पदार्थों के प्री-शुगर्ड ब्रैड्स को स्विच करें, जिनमें एडेड शुगर लिखा हो। उसमें आपको चीनी को मिलाने की जरूरत। नहीं होती। इस तरह आपका चीनी का उपभोग करने पर अधिक नियंत्रण होगा और इससे यह स्पष्ट होगा कि आप चीनी का कितना सेवन कर रहे हैं। दुकानों से लिए गए मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से पूरी तरह बचें।

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3. प्रोटीन का सेवन उन लोगों के द्वारा बताई गई एक और ट्रिक है, जो चीनी की आदत को छोड़ने के लिए कारगर है। प्रोटीन आपको लंबे समय तक तृप्त (लंबे समय तक भूख ना लगाना) करने के लिए जाना जाता है, जिससे आपको अचानक भूख लगने की संभावना कम हो जाती है जो आसानी से मिठाई, कैंडी या चॉकलेट द्वारा पूरी की जाती है।

4. शुगर खाने की क्रेविंग हो रही है तो चीकू, अंगूर, आम, केला जैसे फ्रूट्स को डाइट का हिस्सा बनाएं। किशमिश, छुआरे भी इसमें शामिल किए जा सकते हैं। जो मीठे भी होते हैं और कहीं से अनहेल्दी भी नहीं।

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शुगर रश क्या है?

शुगर रश एक मिथ है। अगर आपको मीठा खाने की तीव्र इच्छा हो रही है और आपकी एनर्जी लो हो रही है तो इसे शुगर रश कहेंगे। एनर्जी लो हो रही है तो कुछ मीठा खाएं, पर वह भी हेल्दी होना चाहिए, जैसे फल या नट्स से इस कमी को पूरा करें।

कई स्टडीज के अनुसार शुगर क्रेविंग यानी कुछ मीठा खाने की तलब होने पर तुरंत ऐसी चीजें खाएं जो प्रोटीन से युक्त हों, जैसे अंडा, भूने हुए चने, मूंगफली के दाने आदि। उन्हें खाने के बाद आपको शुगर क्रेविंग से राहत मिलेगी।

शुगर क्रेविंग होने पर पौष्टिक फल जैसे सेब, केला, नाशपाती, आलू बुखारा, आम या अमरूद आदी भी खा सकते है। शुगर क्रेविंग का संबंध वैसे भी मस्तिष्क से ज्यादा होता है, इसलिए इससे राहत पाने का हल ये ही है आप अपने माईड को अन्य विकल्पों की ओर ले जाएं।

अक्सर ये देखा गया है कि जब व्यक्ति तनाव में होता है जब भी उसे शुगर क्रेविंग होती है। यानि की तनाव व स्ट्रेस को दूर करके भी मीठा खाने की तलब को रोका जा सकता है।

शुगर क्रेविंग होने पर 1-2 पीस डार्क चॉकलेट या ऐसी चीजें जो फील गुड केमिकल रिलीज करती है, उन्हें खाएं। अच्छा फील करने पर आपका तनाव दूर होगा जिससे शुगर क्रेविंग नियंत्रित रहेगी।

शुगर क्रेविंग को रोकने के लिए छाछ पीना या दही खाना भी कारगर साबित हो सकता है।

शुगर क्रेविंग होने पर 3-4 पीस खजूर खाना एक अच्छा विकल्प है। इससे मस्तिष्क को संदेश मिलता है कि 'कुछ मीठा' खा लिया गया है। और ये नुकसान भी नहीं करेगा।

अधिक मीठा खाने का मन करता है जिनका वो खाते भी ज्यादा है. इस कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों को न्योता देते हैं. हाई ब्लड प्रैशर, शुगर का खतरा भी बढ़ता है. अगर आपका भी मीठा खाने का मन होना का शिकार हैं, तो डायट क्लिनिक की चीफ डायटिशियन शीला सेहरावत के डाइट टिप्स अपना सकते हैं.

मीठा खाने का मन आमतौर पर सामान्य है, लेकिन महिलाओं में यह होता है। माना जाता है कि जो लोग नमक अधिक खाते हैं उनमें ही मीठा खाने की अधिक इच्छा होती है। या फिर जिनमें पानी की कमी होती है उनमें भी मीठा खाने का मन होना पाया जाता है.  हकीकत तो यह है कि करीब 97 प्रतिशत महिलाएं और 68 प्रतिशत पुरूषों में मीठा खाने का मन बार-बार होता है.

जिनका बार बार मीठा खाने का मन होता है उनके लिए खुद को ऐसा करने से रोकना मुश्किल होता है. शादी, ब्याह और त्योहारों की बात करें तो मीठा हमारे जीवन का हिस्सा हैं. लेकिन अधिकतर लोग जो मीठे के इच्छुक होते हैं, मीठे के नुकसान से अनजान भी होते हैं.

मीठा खाने का मन होना डायबिटीज का लक्षण भी हो सकता है. अगर आप समय रहते मीठा खाने का मन जो करता है उसे कंट्रोल कर लेते हैं. तो कई बीमारियों से बच जाते हैं.

अधिक मीठा खाने का मन करता है जिनका वो खाते भी ज्यादा है. इस कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों को न्योता देते हैं. हाई ब्लड प्रैशर, शुगर का खतरा भी बढ़ता है. अगर आपका भी मीठा खाने का मन होना का शिकार हैं, तो डायट क्लिनिक की चीफ डायटिशियन शीला सेहरावत के डाइट टिप्स अपना सकते हैं.

फल

अधिकतर लोग चीनी की तलब महसूस करते हैं औेर वे मीठे खाद्य पदार्थों की तरफ भागते हैं. आपको भी यदि ऐसा ही लगता है तो फलों का सेवन आपको जरूरत का मीठा दे सकते हैं और आपकी मीठे की इच्छा पर लगाम लगा सकता है.

फलों में मिठास होने के साथ साथ बहुत से विटामिन और फाइबर होते हैं. फलों में आम, अंगूर, संतरा, केला, अनार, चीकू आदि को शामिल किया जा सकता है. अनार, अंगूर, केला जैसे फलों को दही में डालकर भी खाया जा सकता है.

डार्क चॉकलेट

मीठे के शौकीन अधिकतर लोग चॉकलेट का सेवन करते हैं. लेकिन यदि आप खुद को चॉकलेट के लिए तरसता पाते हैं तो आप डार्क चॉकलेट चुनकर एक स्वस्थ विकल्प बना सकते हैं. इसमें भी चीनी व वसा होती है लेकिन कोको की मात्रा अधिक होने के कारण इसे स्वास्थ्यवर्धक माना गया है.

दही

दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमें प्रोटीन औेर कैल्शियम दोनों पाए जाते हैं. यह आपकी भूख को नियंत्रित करने में तो मददगार होता है ही साथ में आपकी मीठा खाने की इच्छा यानी कि शुगर क्रेविंग को भी नियंत्रित कर सकता है. दही एक स्वास्थ्यप्रद विकल्प है, जिसे अनार, अंगूर जैसे फल मिलाकर भी खाया जा सकता है.

शकरकंद

शकरकंद बहुत पौष्टिक होता है और साथ ही मीठा भी. इसमें अधिकतर कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, लेकिन फाइबर, विटामिन और पोटाशियम भी पाया जाता है. हाई ब्लड प्रैशर और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी इसका सेवन लाभदायक है. इसे दालचीनी और काली मिर्च के साथ भुना जाए तो यह औेर भी स्वादिष्ट बन जाता है.

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मांस व मछली

अपनी डाइट में मांस और मछली जैसे प्रोटीन के स्त्रोतों को शामिल करने से शुगर क्रेविंग को रोकने में मदद मिल सकती है. यदि आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको ऐसे भोजन से लाभ होगा और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में मिलेंगे.

यदि आप बहुत सारी चीनी का सेवन कर रहे हैं तो आपको अपने भोजन में मांस, मछली जैसे प्रोटीन के स्त्रोतों को शामिल कर सकते हैं.

अंडे

प्रोटीन डाइट में अंडे को भी शामिल किया जा सकता है. यह हमारी भूख और मीठा खाने की इच्छा को रोकने में मदद कर सकता है. भूख लगती है तो मीठा खाने की इच्छा होती है, ऐसे  में अंडे जैसे प्रोटीन युक्त पदार्थ को नाश्ते में खाया जाए तो यह भूख कम करने में मदद करता है और दिनभर हमें मीठा खाने की इच्छा नहीं होती.

साबुत अनाज

साबुत अनाज उच्च फाइबर युक्त होते हैं और विटामिन बी, मैग्नीशियम, लोहा, फास्फोरस, मैंगनीज आदि पोषक तत्व होते हैं। अगर आप पर्याप्त भोजन कर रहे हैं औेर आपके आहार में साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं तो आपको मीठा खाने की इच्छा को कम करने और शुगर से बचाव में मदद मिल सकती है

सब्जियां

जब आपको मीठे की तीव्र इच्छा होती है तो ऐसे में सब्जियां खाना संतोषजनक नहीं हो सकता। लेकिन यदि आप सब्जियों को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करते हैं तो यह आपकी मीठा खाने की इच्छा को कम कर सकती हैं।

सब्जियों में फाइबर अधिक होता है तो कैलोरी कम। इनमें बहुत से लाभकारी पोषक तत्व होते हैं। अधिक सब्जियों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा काम कर सकता है।

मीठा खाने का मन क्यों कर रहा है?

शरीर जब स्‍ट्रेस में होता है तब कोर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन ज्‍यादा बनने लगते हैं। ये दोनों हमारी बॉडी में असंतुलन पैदा करते हैं जिससे ब्‍लड प्रेशर और इंसुलिन का स्तर बढ़ाता है। यही नहीं इससे हमें मीठा खाने की भी क्रेविंग होने लगती है। हमारा शरीर जब भूखा होता है तब उसे अधिक ईंधन या फ्यूल की आवश्‍यकता पड़ती है।

मीठा खाने की आदत कैसे छोड़े?

मीठा खाने की आदत को कम करने का एक तरीका है कि आप फाइबर युक्त चीजें ज्यादा खाएं। जैसे की सब्जियां, अलग-अलग तरह के अनाज और फल खाएं जिसमें फाइबर होता है। शुगर की लत को कम करने का एक तरीके ये भी है कि आप चीनी की जगह शहद, गुड़, जैसी चीजों का प्रयोग कर सकते हैं।

ज्यादा मीठा खाने से कौन सी बीमारी होती है?

मीठा खाने से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का जोखिम शोध बताते हैं कि उच्च चीनी आहार से मोटापा, सूजन और उच्च ट्राइग्लिसराइड, रक्त शर्करा और रक्तचाप का स्तर हो सकता है और ये सभी दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाने वाले फैक्टर हैं।

मीठा नहीं खाने से क्या होता है?

मीठा कम खाने से बढ़ते वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है. बता दें कि मीठी चीजों का सेवन ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने के साथ-साथ इंसुलिन प्रतिरोध और लेप्टिन प्रतिरोध में भी इजाफा करता, जिससे शरीर में अतिरिक्त वसा पैदा होने लगती है और वजन तेजी से बढ़ता है.