11 Class Political Science – II Chapter 2 स्वतंत्रता Notes In Hindi Freedom
Class 11 Political Science -II Chapter 2 स्वतंत्रता Notes In Hindi जिसमे हम स्वतंत्रता , प्राकृतिक स्वतंत्रता , व्यक्तिगत स्वतंत्रता , राजनीतिक स्वतंत्रता , प्रतिबंधों आदि के बारे में पड़ेंगे । Show Class 11 Political Science – II Chapter 2 स्वतंत्रता Freedom Notes In Hindi📚 अध्याय = 2 📚 ❇️ स्वतंत्रता क्या है ? 🔹 स्वतंत्रता का अंग्रेजी शब्द ‘ लिबर्टी’ लेटिन भाषा के ‘ लिबर‘ से बना है, जिसका अर्थ है- बंधनों का अभाव। 🔹 सामान्यतः स्वतंत्रता को प्रतिबंधों तथा सीमाओं के अभाव के रुप में माना जाता है । इसे मानव के ‘ जो चाहे सो करे के अधिकार का पर्यायवाची समझा जाता है । 🔹 दूसरे शब्दों में , स्वतंत्रता का अर्थ है मानव को उस कार्य को करने का अधिकार जो वह करने के योग्य है । व्यक्ति की आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना तथा ऐसी परिस्थितियों का होना जिसमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें । 🔶 हाब्स के अनुसार स्वतंत्रता :- 🔹 हाब्स ने इसे अर्थात ‘ जो चाहों सो करो ‘ की स्थिति को स्वच्छंदता की स्थिति कहा है जो प्राकृतिक अवस्था में उपलब्ध होती है । 🔶 वार्कर के अनुसार स्वतंत्रता :- 🔹 व्यक्तियों की स्वतंत्रता अन्य व्यक्तियों की स्वतंत्रताओं के साथ जुड़ी हुई है । 🔹 स्वतंत्रता व्यक्तित्व विकास की सुविधा + तर्कसंगम बंधन । 🔹 बीसवीं शताब्दी में महात्मा गांधी , नेल्सन मण्डेला तथा आंग सान सू की आदि व्यक्तियों ने शासन में भेदभाव , शोषणात्मक व दमनात्मकारी नीतियों का विरोध कर स्वतंत्रता को अपने जीवन का आदर्श बनाया । ❇️ स्वतंत्रता के प्रकार :- 🔶 प्राकृतिक स्वतंत्रता :-
🔶 व्यक्तिगत स्वतंत्रता :-
🔶 राजनीतिक स्वतंत्रता :-
🔶 आर्थिक अधिकार :-
❇️ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता :- 🔹 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा अहस्तक्षेप के लघुत्तम क्षेत्र से जुड़ा है । 🔹 जान स्टुअर्ट मिल ने अपनी पुस्तक आन लिबर्टी ‘ में सबल तर्क रखते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उन्हें भी होनी चाहिए जिनके विचार आज की स्थितियों में गलत और भ्रामक लग रहे हो । 🔶 चार सबल तर्क :-
🔹 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कई बार प्रतिबंध अल्पकालीन रूप में समस्या का समाधान बन जाते है तथा तत्कालीन मांग को पूरा कर देते है लेकिन समाज में स्वतंत्रता के दूरगामी संभावनाओं की दृष्टि से यह बहुत खतरनाक हैं । ❇️ स्वतंत्रता के आयाम :- 🔹 स्वतंत्रता के दो आयाम है :-
❇️ नकारात्मक स्वतंत्रता :- 🔹 नकरात्मक भाव में इसका यह निहितार्थ है कि जहां तक संभव हो प्रतिबंधों का अभाव हो । क्योंकि प्रतिबंध व्यक्तिगत स्वतंत्रता में कटौती करते है । इसलिए इच्छानुसार कार्य करने की छूट हो और व्यक्ति के कार्यों पर किसी प्रकार का प्रतिबंध न हो । 🔹 समर्थक है जॉन स्टुअर्ट मिल और एफ . ए . हायक आदि । ❇️ सकारात्मक स्वतंत्रता :- 🔹 नियमों व कानूनों के अंतर्गत ऐसी व्यवस्था जिससे मनुष्य अपना विकास कर सकें । 🔹 यदि राज्य सार्वजनिक कल्याण का लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है तो प्रतिबन्ध अनिवार्य है । 🔹 मानव समाज मे रहता है , उसके कार्य अन्य लोगों की स्वतंत्रता को प्रभावित करते है । इसलिए इसका जीवन बंधनों द्वारा विनियमित होना चाहिए । 🔹 तर्कयुक्त बंधनों की उपस्थिति । 🔹 समर्थक है टी . एच . ग्रीन व प्रो . ईसायाह बर्लिन । ❇️ प्रतिबंधों के स्रोत :-
❇️ प्रतिबंधों की आवश्यकता :-
❇️ उदारवादी बनाम मॉर्क्सवादी धारणा :- 🔶 उदारवादी :- 🔹 ऐतिहासिक रूप से उदारवाद ने मुक्त बाजार और राज्य की न्यूनतम का पक्ष लिया है । हालांकि अब वे कल्याणकारी राज्य की भूमिका को स्वीकार करते है और मानते है कि सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने वाले उपायों की जरूरत है । 🔹 सकारात्मक उदारवादी ( हॉब्स लॉक तथा लास्की ) समर्थन करते है कि कानून व्यक्तियों की स्वतंत्रता की रक्षा करता हैं । सार्वजनिक हित में व्यक्तियों को सर्वोत्तम विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उचित प्रतिबंधों का समर्थन । 🔹 उदारवादी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को समानता जैसे मूल्यों से अधिक वरीयता देते है । वे आमतोर पर राजनीतिक सत्ता का भी संदेह की नजर से देखते है । 🔶 मॉर्क्सवादी धारणा :- 🔹 मार्क्सवादी ( समाजवादी ) सामाजिक जीवन के ढांचे में उपलब्ध आर्थिक स्वतंत्रता को महत्व देते है । 🔹 स्वतंत्रता की मार्क्सवादी धारणा सभी लोगों के लिए इसके समान हितों की कामना करती है । वर्गों के बोझ से दबे बुर्जुआ समाज में उसके निहितार्थ भिन्न वर्गों के लिए भिन्न होते है । इसलिए जब तक पूंजीवादी व्यवस्था के स्थान पर समाजवादी व्यवस्था नहीं आ जाती तब तक वास्तविक स्वतंत्रता संभव नहीं है । ❇️ स्वतंत्रता सम्बन्धी जे . एस . मिल के विचार :- ✴️ व्यक्ति के कार्य :- 🔹 1 ) स्वसबद्ध कार्य – 🔹 2 ) परसंबद्ध कार्य – 🔶 स्वसबद्ध कार्य :- वे कार्य जिनके प्रभाव केवल इन कार्यों को करने वाले व्यक्ति पर पडते है । इन कार्यों व निर्णयों के मामले में राज्य या किसी बाहरी सत्ता का कोई हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है 🔶 परसंबद्ध कार्य :- वे कार्य जो कर्ता के अलावा बाकी लोगों पर भी प्रभाव डालते है । – ऐसे कार्य जो दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते है उन पर राज्य बाहरी प्रतिबंध लगा सकता है । ❇️ हानि का सिद्धांत :- 🔹 परसंबद्ध कार्यों से किसी दूसरे को हानि हो सकती है इस कारण से उस पर औचित्यपूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है । राज्य का किसी व्यक्ति के कार्यों व इच्छा के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य किसी अन्य को हानि से बचाना होता हैं । ❇️ स्वतंत्रता की रक्षा के उपाय :-
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नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता में क्या अंतर?(1) नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ बंधनों का न होना है, जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ बंधनों का न होना नहीं है। (2) नकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर एक-दूसरे के विरोधी होते हैं जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता के अनुसार कानून व स्वतंत्रता परस्पर सहयोगी हैं।
स्वतंत्रता का क्या अर्थ है Class 11?🔹 दूसरे शब्दों में , स्वतंत्रता का अर्थ है मानव को उस कार्य को करने का अधिकार जो वह करने के योग्य है । व्यक्ति की आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना तथा ऐसी परिस्थितियों का होना जिसमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें ।
स्वतंत्रता कितने प्रकार के होते हैं?स्वतंत्रता के प्रकार (swatantrata ke prakar). राजनीतिक स्वतंत्रता राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया मे स्वतंत्रतापूर्वक सक्रिय भाग लेने की स्वतंत्रता राजनीतिक स्वतंत्रता कहलाती है। ... . आर्थिक स्वतंत्रता ... . प्राकृतिक स्वतंत्रता ... . नागरिक स्वतंत्रता ... . व्यक्तिगत स्वतंत्रता ... . स्वाभाविक स्वतंत्रता ... . सामाजिक स्वतंत्रता ... . सांस्कृतिक स्वतंत्रता. |