निकट दृष्टि दोष क्या है इसके कारण तथा निवारण के उपाय लिखिए? - nikat drshti dosh kya hai isake kaaran tatha nivaaran ke upaay likhie?

  1. Home
  2. /
  3. 10th class
  4. /
  5. science 10th
  6. /
  7. निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं?

निकट दृष्टि दोष-

इस दोष से युक्त नेत्र द्वारा मनुष्य को पास की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती है, परंतु एक निश्चित दूरी से आगे की वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती है अर्थात नेत्र का दूर बिंदु अनन्तता पर ना होकर पास आ जाता है। चित्र (a) मैं अनंत से आने वाली किरणें दृष्टि पटल पर फोकस ना होकर दृष्टि पटल से पहले ही बिंदु p पर फोकस हो गई है, इसलिए दृष्टि पटल पर स्पष्ट प्रतिबिंब नहीं बनता।

निकट दृष्टि दोष क्या है इसके कारण तथा निवारण के उपाय लिखिए? - nikat drshti dosh kya hai isake kaaran tatha nivaaran ke upaay likhie?
निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं?

निकट दृष्टि दोष के कारण-

  1. नेत्र लेंस की पृष्ठों की वक्रता बढ़ जाना, जिससे फोकस दूरी कम हो जाती है।
  2. नेत्र के गोले का व्यास बढ़ जाना अर्थात नेत्र लेंस रेटिना के बीच की दूरी का बढ़ जाना।

संशोधन-

इस प्रकार के दोष को दूर करने के लिए एक ऐसी अपसारी अथवा अवतल लेंस आगे हुए ऐनक का प्रयोग करते हैं, जिससे अनन्तता से चलने वाली किरणें अवतल लेंस से अपवर्तन के पश्चात दूर बिंदु f से आती प्रतीत हो, इससे यह किरणें नेत्र द्वारा अपवर्तित होकर रेटिना R पर मिलती है। इस प्रकार, अनन्तता पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर स्पष्ट बन जाता है और नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।

Table of Contents

  • निकट दृष्टि दोष-
  • निकट दृष्टि दोष के कारण-
  • संशोधन-
  • निकट दृष्टि दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है-

निकट दृष्टि दोष का निवारण किस प्रकार किया जाता है-

निकट दृष्टि दोष से पीड़ित मनुष्य के लिए दूर बिंदु अनंता से हटकर कुछ पास आ जाता है निकट दृष्टि दोष का निवारण करने के लिए एक ऐसी अवतल लेंस का प्रयोग करते हैं कि अनंता से चलने वाले किरणे अवतल लेंस से अपवर्तन के पश्चात नेत्र के नए दूर बिंदु से प्रतीत हो इस प्रकार अनंता पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर स्पष्ट बन जाता है और नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखाई देने लगती है।

इन्हें भी पढ़ें:- निकट दृष्टि दोष तथा दूर दृष्टि दोष की व्याख्या समझाइए-

  • Read more – ऊर्जा के प्रमुख स्रोत।
  • Read more- मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार।

Post navigation

स्मार्टफ़ोन्स, गेजेट्स और टेलीविज़न का बढ़ता चलन, घर और ऑफिस के चारदीवारी तक सीमित जीवन, जंक फूड्स का ज्यादा उपयोग और शारीरिक सक्रियता की कमी और अव्यवस्थित दिनचर्या हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ हमारी हमारी आँखों की सेहत को भी अत्यधिक प्रभाबित कर रहा है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में निकट दृष्टि दोष यानि मायोपिया के मामले तेजी से बढ़ रहे है, विश्वभर के लगभग एक अरब चालीस करोड़ निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह आंकड़ा 2050 तक बढ़कर पांच अरब हो जाएगा, जिनमे से लगभग 10 प्रतिशत लोगो को मायोपिया के कारण दृष्टिहीनता का खतरा अत्यधिक बढ़ जाएगा।

  • क्या है निकटदृष्टि दोष?
    • निकट दृष्टि दोष के कारण
    • मायोपिया के लक्षण
    • निकट दृष्टिदोष का उपचार
      • नान-सर्जिकल
        • चश्में
        • कांटेक्ट लेंसेस
        • रिफ्रेक्टिव सर्जरी
    • निकटदृष्टिदोष की रोकथाम
    • अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

क्या है निकटदृष्टि दोष?

निकटदृष्टि (Nikat Drishtidosh) दोष के कारण दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में परेशानी आती है। चिकित्सीय भाषा में निकटदृष्टि दोष को मायोपिया कहा जाता है। मायोपिया होने से दूर की वस्तुएं धुंधली और अस्पष्ट दिखाई देती हैं क्यूंकि आंख की पुतली (आई बॉल) का आकार बढ़ने से प्रतिबिंब रेटिना पर बनने के बजाय थोड़ा आगे बनता है।
मायोपिया में दूर की वस्तुएं देखने में परेशानी आती है लेकिन पास की वस्तुएं देखने में कोई परेशानी नहीं होती है। एक अनुमान के अनुसार भारत की 20-30 प्रतिशत जनसंख्या मायोपिया से पीड़ित है।

मायोपिया होने का खतरा तब बढ़ जाता है जब आंख की पुतली बहुत लंबी हो जाती है या कॉर्निया (आंखों की सबसे बाहरी सुरक्षात्मक परत) की वक्रता बहुत बढ़ जाती है। इस वजह से आंखों में प्रवेश करने वाली रौशनी ठीक प्रकार से फोकस नहीं हो पाती है, जिससे प्रतिबिंब रेटिना के थोड़ा आगे फोकस होते हैं और नज़र धुंधली हो जाती है। मायोपिया बढ़ने के साथ साथ मोतियाबिंद और ग्लुकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है।

निकट दृष्टि दोष क्या है इसके कारण तथा निवारण के उपाय लिखिए? - nikat drshti dosh kya hai isake kaaran tatha nivaaran ke upaay likhie?

व्यस्को की तुलना में बच्चो में मायोपिया की समस्या तेजी से बढ़ती है, क्यूंकि उनके शरीर के साथ साथ आँखें भी विकसित हो रही होती है। निकट दृष्टिदोष तेजी से या धीरे धीरे भी विकसित हो सकता है। बच्चो में आँखों का आकर बढ़ने से कार्निया और रेटिना में तेज खिचाव हो सकता है जो मायोपिया का मुख्य कारण बन जाता है। लेकिन 18 वर्ष की आयु तक आते आते बच्चो की दृष्टि स्थिर हो जाती है।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स), दिल्ली द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारत में 5-15 वर्ष की आयुवर्ग के 17 प्रतिशत बच्चे निकट दृष्टि दोष से पीड़ित हैं।

निकट दृष्टि दोष के कारण

विश्वभर में दृष्टि प्रभावित होने के कारणों में मायोपिया प्रमुख है। हमारा रहन सहन, पर्यावरण और आनुवंशिकता भी निकट दृष्टिदोष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मायोपिया के प्रमुख कारण निम्नलिखित है –

  • आनुवंशिकता – माता पिता में किसी एक को भी मायोपिया की समस्या होने से बच्चो में भी इसका खतरा बढ़ जाता है और अगर दोनों ही मायोपिया से पीड़ित है तो ये समस्या गंभीर हो सकती है।
  • गेजेट्स का अत्याधिक उपयोग – स्क्रीन (टीवी, कम्प्युटर, मोबाइल) के सामने अधिक समय बिताने से मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है।
  • उचित दूरी न रखना – स्क्रीन या पढ़ते टाइम किताबो से आवश्यक दूरी न रखना मायोपिया के खतरे को अधिक बढ़ा देता है।
  • प्राकृतिक रौशनी का आभाव – प्रकृतिक रोशनी में कम समय बिताने से मायोपिया का खतरा बढ़ जाता है।

मायोपिया के लक्षण

दूर की चीजें स्पष्ट दिखाई न देना मायोपिया का सबसे प्रमुख लक्षण है, इसके अलावा निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं;

  • बार-बार आंखे झपकाना।
  • सिरदर्द रहना।
  • ड्रायविंग करने में परेशानी आना खासकर रात के समय में।
  • पलकों को सिकुड़कर देखना।
  • दूर की चीजें देखने पर आंखों में तनाव और थकान महसूस होना।
  • आंखों से पानी आना।

बच्चों में इनके अलावा निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं;

  • लगातार आंखें मसलना।
  • पढ़ाई पर फोकस न कर पाना।
  • क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड या व्हाइट बोर्ड से ठीक प्रकार से दिखाई न देना।

निकट दृष्टिदोष का उपचार

मायोपिया के उपचार का उद्देश्य दृष्टि को सुधारना होता है। इसके लिए सर्जिकल और नान सर्जिकल दोनों तरह के उपचार उपलब्ध हैं।

नान-सर्जिकल

नान-सर्जिकल उपचार में मायोपिया को नेगेटिव नंबर के चश्मे या कांटेक्ट लेंसों के द्वारा दृष्टि को सुधारा जा सकता है। जितना नंबर अधिक होगा उतना ही आपका मायोपिया गंभीर है।

चश्में

चश्में का उपयोग दृष्टि को स्पष्ट और तेज करने का एक सामान्य और सुरक्षित तरीका है। इसमें कई प्रकार के ग्लास लेंस इस्तेमाल किए जाते हैं – जैसे सिंगल विज़न, बाइ-फोकल्स, ट्राय-फोकल्स और प्रोग्रेसिव मल्टी-फोकल।

कांटेक्ट लेंसेस

कांटेक्ट लेंस सीधे आंखों की पुतली पे लगाए जाते हैं। ये विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बने होते हैं – जिनमें सम्मिलित हैं मुलायम और कठोर, टोरिक और मल्टी-फोकल डिजाइन्स।

रिफ्रेक्टिव सर्जरी

मायोपिया को रिफ्रेक्टिव इरर कहा जाता है, इसको ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी को रिफ्रेक्टिव सर्जरी कहते है। इसमे आई सर्जन लेज़र बीम का इस्तेमाल कर के कार्निया के आकार को ठीक करते है। रिफ्रेक्टिव सर्जरी के बाद ज्यादातर लोगो को चश्मे और कांटेक्ट लेन्सेस की जरुरत नहीं पड़ती या इन पर निर्भरता काम रह जाती है। सर्जन नंबर स्थिर होने के बाद रिफ्रेक्टिव सर्जरी की सलाह देते है।

लेसिक और फोटो-रिफ्रेक्टिव केरैटेक्टोमी (पीआरके) प्रमुख रिफ्रेक्टिव सर्जरियां हैं। इन सर्जरी के द्वारा कॉर्निया का आकार बदला जाता है ताकि प्रकाश बेहतर तरीके से रेटिना पर केंद्रित हो सके।

निकटदृष्टिदोष की रोकथाम

मायोपिया को पूर्णतया रोकना संभव नहीं है, लेकिन कईं उपायो के द्वारा आप इसके विकास को धीमा कर सकते हैं। जिनमे से कुछ निम्नलिखित है –

  • नियमित समय पर अपनी आंखों की जांच कराएं।
  • जहाँ तक हो सके अपनी आंखों को सूरज की परा-बैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए गॉगल का इस्तेमाल करे।
  • डायबिटीज और उच्च रक्तदाब होने पर तुरंत उपचार कराएं, क्योंकि इनके कारण आपकी दृष्टि प्रभावित हो सकती है।
  • पढ़ने और कम्प्युटर पर काम करने के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर का ब्रेक लें।
  • अपने डाइट चार्ट में फलों, हरी सब्जियों तथा मछलियों को शामिल करें।
  • उचित रोशनी में पढ़ें जिससे आँखों पर असर न पड़े।
  • बच्चों को प्राकृतिक रौशनी मिलने के लिए धूप में खेलने दें।
  • धुम्रपान न करें; धुम्रपान आपकी आंखों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
  • किताबों और आंखों के बीच में सही दूरी बनाकर रखें।
  • स्क्रीन के सामने कम समय बिताएं।
  • बच्चों को दो घंटे से अधिक टीवी और मोबाइल न चलाने दें।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

आँखों की कोई भी छोटी से छोटी समस्या अंधेपन का कारण बन सकती है। आपके परिवार के किसी भी सदस्य को मायोपिया है तो डॉक्टर को दिखाने में बिल्कुल देरी न करें। चश्में, कांटेक्ट लेंसों और सर्जरी के बारे में अधिक जानकारी के लिए विसिटेकआई सेंटर, दिल्ली से संपर्क करें।

निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं तथा इसका निवारण क्या है?

मायोपिया तब होता है, जब आंख की पुतली बहुत लंबी हो जाती है या कार्निया (आंखों की सबसे बाहरी सुरक्षात्मक परत) की वक्रता बहुत बढ़ जाती है। इससे जो रोशनी आंखों में प्रवेश करती है वो ठीक प्रकार से फोकस नहीं होती है, जिससे प्रतिबिंब रेटिना के थोड़ा आगे फोकस होते हैं। इससे नज़र धुंधली हो जाती है।

निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं इसका क्या कारण है?

निकट-दृष्टि दोष में नेत्र का दूर बिन्दु अनन्त से कम दूरी पर हो जाता है। आँख के इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है कि अनन्त पर रखी वस्तु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के दूर बिन्दु से चली हुई प्रतीत हो। तब ये किरणें नेत्र लेंस से अपवर्तित होकर दृष्टि पटल पर मिलती हैं

निकट दृष्टिदोष का मुख्य कारण क्या है?

निकट दृष्टिदोष आमतौर पर आंख के गोल होने के बजाय बहुत लंबे या अंडाकार आकार के होने के परिणामस्वरूप होता है। यह कॉर्निया की वक्र के बहुत अधिक खड़ी होने के कारण भी हो सकता है। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप प्रकाश किरणें रेटिना और क्रॉसिंग के सामने एक बिंदु पर आती हैं। रेटिना से मस्तिष्क को भेजे गए संदेश धुंधले माने जाते हैं।

निकट दृष्टि दोष कैसे ठीक किया जाता है?

सुधारात्मक लेंस पहनने से आपके कॉर्निया के बढ़े हुए वक्र या आपकी आंख की बढ़ी हुई लंबाई का प्रतिकार करके निकट दृष्टिदोष का इलाज होता है। प्रिस्क्रिप्शन लेंस के प्रकारों में शामिल हैं: चश्मा। निकट दृष्टिदोष के कारण होने वाली दृष्टि को तेज करने का यह एक सरल, सुरक्षित तरीका है।