नाखून क्यों बढ़ते हैंbihar board class 10 hindi notes – नाखून क्यों बढ़ते हैं Show class – 10 subject – hindi lesson 4 – नाखून क्यों बढ़ते हैं नाखून क्यों बढ़ते हैं * प्रमुख कृतियाँ:-आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदीजी की निम्नलिखित प्रमुख कृतियाँ हैं- * वृत्ति एवं पुरस्कार:-हिन्दी-प्राध्यापक-काशी हिन्दू वि. वि., वाराणसी, शांति
निकेतन-विवि बोलपुर (प. बंगाल), चंडीगढ़ वि०वि०, चंडीगढ़ में। अनेक प्रशासननिक पदों पर भी कार्य-संपादन * साहित्यिक विशेषताएँ:- सारांश:-‘नाखून क्यों बढ़ते हैं’ ललित निबंध के लेखक हैं-आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी इस शोधपरक ललित निबंध द्वारा द्विवेदीजी ने मानव के जीवनमूल्यों, सांस्कृतिक पक्षों एवं ऐतिहासिक संदर्भो का उल्लेख करते हुए एक व्यापक रूपरेखा का निर्माण किया है। गद्यांश पर आधारित अर्थ ग्रहण-संबंधी प्रश्न 1. इतिहास को किस कीचड़ भरे घाट तक घसीटा है, यह सबको मालूम है। नखधर मनुष्य अब एटम बम पर भरोसा करके आगे की ओर चल पड़ा है। पर उसके नाखून अब भी बढ़ रहे हैं। अब भी प्रकृति मनुष्य को उसके भीतर वाले अस्त्र से वंचित नहीं कर रही है, अब भी वह याद दिला देती है कि तुम्हारे नाखून को भुलाया नहीं जा सकता। तुम
वही लाख वर्ष के पहले के नख-दतावलंबी जीव हो-पशु के साथ एक ही सतह पर विचरण करनेवाले और चरनेवाले। (क) यह अवतरण किस पाठ से लिया गया है ? (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं? (ग) मनुष्य का नाखून बढ़ना किस वृत्ति का परिचायक है? उस वृत्ति की पूर्ति के लिए मनुष्य ने क्या किया? (घ) प्रकृति मनुष्य के नाखूनों को लगातार बढ़ाकर उसे क्या अहसास दिलाती है? (क) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ? (ख) इस गद्यांश के
लेखक कौन हैं? (ग) नाखुन बढ़ने पर माता-पिता बच्चों को क्यों डाँटा करते हैं? 3. सोचना तो क्या उसे इतना भी पता नहीं चलता कि उसके भीतर नख बढ़ा लेने की सहजात वृत्ति है, वह उसके पशुत्व का प्रमाण है। उन्हें काटने की जो प्रवृत्ति है, वह उसको मनुष्य की निशानी है और यद्यपि पशुत्व के चिह्न उसके भीतर रह गए हैं, पर वह पशुल्व को छोड़ चुना है। पशु बनकर वह आगे नहीं बन सकता। उसे कोई और रास्ता खोजना चाहिए। अस्त्र बदार की प्रवृत्ति मनुष्यता की विरोधिनी है। (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं? (ग) नाखून बढ़ना और नाखून काटना किस की निशानी है? (घ) ‘पशु बनकर वह आगे नहीं बढ़ सकता -स्पष्ट कीजिए। (क) यह अवतरण किस पाठ से लिया गया है? (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं? (ग) भारतीय चित में ‘स्व’ का भाव किसका प्रतिफल है? (घ) गद्यांश का भावार्थ लिखें। (क) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ? (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं ? (ग) लेखक अपनी प्राचीन परंपराओं को क्यों नहीं छोड़ना चाहता? (क) यह अवतरण किस पाठ से लिया गया है ? (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं ? (ग) लेखक ने ‘स्वाधीनता’ को भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा गुण क्यों माना है? 7. मनुष्य को सुख
कैसे मिलेगा? बड़े-बड़े नेता कहते हैं, वस्तुओं की कमी है, और मशीन बैठाओ, और उत्पादन बढ़ाओ, और धन की वृद्धि करो और बाह्य उपकरणों की ताकत बढ़ाओ। एक बूढ़ा था। उसने कहा था-बाहर नहीं, भीतर की ओर देखो। हिंसा को मन से दूर करो, मिथ्या (ख) इस गद्यांश के लेखक कौन हैं ? (ग) “एक बूढ़ा था”-लेखक ने किस बूढ़े की ओर संकेत किया है? अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 2. बढ़ते नाखून द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है? 3. मनुष्य बार-बार नाखूनों को क्या काटता है? 4. भारतीय संस्कृति की क्या विशेषता है? 5. भले और मूक लोगों में क्या अन्तर है? 6. महाभारत में सामान्य धर्म किसे कहा गया है? 7. मनुष्य का स्वधर्म क्या
है? पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर प्रश्न 2. बढ़ते नाखूनों द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है? प्रश्न 3. लेखक द्वारा नाखूनों को अस्व के रूप में देखना कहाँ तक संगत है? प्रश्न 4. मनुष्य बार-बार नाखूनों को क्यों काटता है? प्रश्न 5. मुकुमार विनोदों के लिए नाखून को उपयोग में लाना मनुष्य ने कैसे शुरू किया? लेखक ने इस संबंध में क्या बताया है? प्रश्न 6. नख बढ़ाना और काटना कैसे मनुष्य की सहजात वृत्तियाँ है? इनका क्या अभिप्राय है? प्रश्न 7. लेखक क्यों पूछता है कि मनुष्य किस ओर बढ़ रहा है, पशुता की ओर या मनुष्यता की ओर? स्पष्ट करें। प्रश्न 8. देश की आजादी के लिए किन शब्दों की अर्थ मीमांसा लेखक करता है और लेखक के निष्कर्ष क्या है? प्रश्न 9. लेखक ने किस प्रसंग में कहा है कि बंदरिया मनुष्य का आदर्श नहीं सकती? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट करें। प्रश्न 10. ‘स्वाधीनता’ शब्द की सार्थकता से लेखक क्या बताता है? प्रश्न 11. निबंध में लेखक ने किस बूढ़े का जिक्र किया है? लेखक की दृष्टि में बूढ़े के कथनों की सार्थकता क्या है? प्रश्न 12. “मनुष्य की पूँछ की तरह उसके नाखून भी एक दिन झड़ जाएँगे-प्राणिशास्त्रियों के इस अनुमान से लेखक के मन में कैसी आशा जगती है?” प्रश्न 13. ‘सफलता’ और ‘चरितार्थता’ शब्दों में लेखक अर्थ की भिन्नता किस प्रकार प्रतिपादित करता है? प्रश्न 14. व्याख्या करें:- प्रश्न 15. लेखक की दृष्टि में हमारी संस्कृति की बड़ी
भारी विशेषता क्या है? स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 16. ‘नाखून क्यो बढ़ते हैं’ का सारांश प्रस्तुत करें। पाठ के आस-पास प्रश्न 2. लेखक ने कालिदास के जिस कथन का हवाला दिया है उसका मूलरूप संस्कृत के शिक्षक से मालूम कर याद कर लें तथा उसके अर्थ को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र टिप्पणी लिखें। प्रश्न 3. समय-समय पर भारत में बाहर से आनेवाली जातियों के नाम और समय अपने इतिहास के शिक्षक से मालूम करें। भाषा की बात प्रश्न 2. वाक्य प्रयोग द्वारा निम्नलिखित शब्दों के लिंग-निर्णय करें- प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया की काल रचना स्पष्ट करें। प्रश्न 4. ‘अस्त्र-शस्त्रों का बढ़ने देना मनुष्य की अपनी इच्छा की निशानी है और उनकी बाढ़ को रोकना मनुष्यत्व का तकाजा है।’-इस वाक्य में आए विभक्ति चिह्नों के प्रकार बताएँ। प्रश्न 5. निम्नलिखित के विलोम शब्द लिखें।
नाखून क्यों बढ़ते हैं पाठ का आशय?नाखूनों का बढ़ना मनुष्य की उस अंध सहजात वृत्ति का परिणाम है, जो उसके जीवन में सफलता ले आना चाहती है, उसको काट देना उस स्व-निर्धारित, आत्म-बन्धन का फल है, जो उसे चरितार्थता की ओर ले जाता है ।
नाखून क्यों बढ़ते हैं ?' निबंध का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए 10?जैसे इस निबंध में नाखून का बढ़ना, नाखून का हथियार की तरह इस्तेमाल का उल्लेख करते हुए एटम बम तक के निर्माण तक पहुंच जाना। इसी तरह नाखून का बढ़ना और काटना क्रमशः मनुष्य की पशुता और मनुष्यता के प्रतीक बन जाते हैं।
नाखून क्यों बढ़ते हैं निबंध की समीक्षा कीजजए?पलीते-वाली बंदूकों ने, कारतूसों ने, तोपों ने, बमों ने बमवर्षक वायुयानों ने इतिहास को किस कीचड़-भरे घाट तक घसीटा है, यह सबको मालूम है। नख-धर मनुष्य अब भी बढ़ रहे हैं। अब भी प्रकृति मनुष्य को उसके भीतर वाले अस्त्र से वंचित नहीं कर रही है, अब भी वह याद दिला देती है कि तुम्हारे नाखून को भुलाया नहीं जा सकता।
नाखून क्यों बढ़ते हैं प्रश्न उत्तर कक्षा 10?नखधर मनुष्य अत्याधुनिक हथियार पर भरोसा करके आगे की ओर चल पड़ा है। पर उसके नाखून अब भी बढ़ रहे हैं। बढ़ते नाखूनों द्वारा प्रकृति मनुष्य को याद दिलाती है कि तुम भीतर वाले अस्त्र से अब भी वंचित नहीं हो। तुम्हारे नाखून को भुलाया नहीं जा सकता।
|