नील नदी किस देश में बहती है - neel nadee kis desh mein bahatee hai

नील नदी पर बांध कैसे बना तीन देशों के बीच तकरार का मुद्दा

28 जून 2020

नील नदी किस देश में बहती है - neel nadee kis desh mein bahatee hai

इमेज स्रोत, REUTERS/Tiksa Negeri -/File Photo

अफ्रीकी देश इथियोपिया ने शनिवार को कहा है कि वो नील नदी पर बने विशाल बांध में पानी भरने की शुरुआत जल्द ही करने जा रहा है. साथ ही इथियोपिया ने यह भी कहा है कि वो पड़ोसी देश मिस्र और सूडान के साथ नदी के पानी को लेकर विवाद को ख़त्म करने के लिए भी प्रतिबद्ध है.

नील नदी इथियोपिया से होकर मिस्र और सूडान में आती है. एक दशक पहले इथियोपिया ने नील पर बांध बनाने की शुरुआत की थी.

द ग्रैंड इथियोपियन रेनेसां डैम या जीईआरडी अफ़्रीका का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है और शुरुआत से ही ये नील बेसिन क्षेत्र में तनाव का कारण भी है.

शुक्रवार को मिस्र और सूडान की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि इथियोपिया ने समझौता होने तक बांध न भरने पर सहमति जता दी है. लेकिन शनिवार को प्रधानमंत्री एबी अहमद के दफ़्तर से जारी बयान में मिस्र और सूडान के बयान की अनदेखी कर दी गई.

क्यों डर रहे हैंमिस्र और सूडान?

एक ओर इथियोपिया का कहना है कि उसके विकास के लिए ये बांध ज़रूरी है.

वहीं मिस्र और सूडान को डर है कि इससे उनके हिस्से का पानी इथियोपिया में ही रोक लिया जाएगा.

अफ़्रीकी यूनियन के मौजूदा अध्यक्ष सिरिल रामाफ़ोसा के आह्वान पर तीनों देशों के नेताओं ने शुक्रवार को फ़ोन पर वार्ता की थी.

इस वार्ता के बाद सूडान और मिस्र दोनों ने अपने बयान में कहा कि इथियोपिया बांध में पानी भरने का समझौता होने तक रोकने के लिए तैयार हो गया है.

इथियोपिया ने अपने बयान में ऐसी किसी बात का ज़िक्र नहीं किया.

प्रधानमंत्री कार्याल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "इथियोपिया अगले दो सप्ताह में जीईआरडी में पानी भरना शुरू करेगा, इस दौरान निर्माण कार्य चलता रहेगा. इस दौरान तीनों देश लंबित मामलों पर अंतिम समझौता करेंगे."

कौन-से दूसरे विवाद हैं?

तीनों देशों के बीच बांध को लेकर वार्ता इसी महीने शुरू हुई थी. विवाद का सबसे बड़ा विषय है कि सूखे की स्थिति में बांध कैसे काम करेगा और जो लंबित विवाद हैं उन्हें कैसे निबटाया जाएगा.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि मिस्र और सूडान की ओर से उठाए गए विरोध पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद सोमवार को चर्चा कर सकती है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, इथियोपिया को बांध में पानी भरने से रोकने के लिए मिस्र ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने की कोशिश की है और परिषद सोमवार को इसे लेकर बैठक भी कर सकती है.

इथियोपिया इस वार्ता में किसी भी बाहरी देश के दख़ल को लेकर चिंतित है.

फ़रवरी में अमरीकी राजस्व विभाग की मध्यस्था में हो रही वार्ता टूट गई थी. एबी सरकार ने अमरीका पर मिस्र का पक्ष लेने के आरोप लगाए थे.

अफ़्रीकी यूनियन आयोग के चेयरमैन मूसा फ़ाकी मोहम्मद ने तीनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच वार्ता के बाद एक बयान में कहा है कि 'तीनों नेता विवाद के निपटारे के लिए अफ्रीकी आयोग के नेतृत्व में वार्ता प्रक्रिया के लिए तैयार हो गए हैं.'

वहीं प्रधानमंत्री एबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि "अफ़्रीका के मुद्दे का समाधान अफ़्रीका में ही होना चाहिए."

10 देशों से होकर गुज़रती है नील नदी

शनिवार को जारी अपने बयान में अफ़्रीकी यूनियन ने कहा है कि, "इथियोपिया, मिस्र और सूडान के बीच 90 फ़ीसदी विवादों का निपटारा हो चुका है."

यूनियन ने ये भी कहा है कि तीनों ही देश ऐसा कोई बयान न दें या ऐसा कोई क़दम न उठाएं जिससे वार्ता प्रक्रिया को ठेस पहुंच सकती है.

आयोग ने कहा है कि एक समिति गठित की गई है जो एक सप्ताह के भीतर सिरिल रामाफ़ोसा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

अफ़्रीका की सबसे बड़ी नदी नील दस देशों से होकर गुज़रती है और ये इन देशों की जीवनरेखा है. पानी के अलावा ये बिजली का भी अहम स्रोत है.

नील नदी पर बन रहे इथियोपिया के जीईआरडी बांध पर क़रीब 4 अरब डॉलर ख़र्च हुए हैं और ये 6450 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा.

नील नदी निम्न में से किस देश से होकर नहीं बहती है?

  1. तंजानिया
  2. मिस्र
  3. अल्जीरिया
  4. केन्या

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अल्जीरिया

नील नदी किस देश में बहती है - neel nadee kis desh mein bahatee hai

Free

General Intelligence & Reasoning Practice Set

10 Questions 10 Marks 8 Mins

विकल्प 3 अर्थात् अल्जीरिया सत्य है।

  • नील नदी अल्जीरिया से होकर नहीं बहती है।
  • नील नदी दुनिया की और अफ्रीका की सबसे लंबी नदी है।
  • इसकी लंबाई लगभग 6,670 किमी है।

अतिरिक्त तथ्य:

नदी

महासागर जिसमें वे गिरती हैं

देश

नील

भूमध्य सागर   

बुरुंडी, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मिस्र, इरिट्रिया, इथियोपिया, केन्या, सूडान गणराज्य, रवांडा, दक्षिण सूडान, तंजानिया और युगांडा

अमेजन

अटलांटिक महासागर

बोलीविया, ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू

ह्वांगहो

चिहली की खाड़ी/बोहाई सागर 

चीन

येनिसे

आर्कटिक महासागर  

मंगोलिया, रूस

Latest SSC Stenographer Updates

Last updated on Oct 6, 2022

SSC Stenographer Final Marks 2020 Declared. On 17th October 2022, the Staff Selection Commission declared the SSC Stenographer Results for the 2020 cycle and has now released the final marks for each candidate. A total of 764 vacancies have been released, out of which 73 vacancies are for Grade C Posts. Also, the notification for SSC Stenographer Recruitment 2022 was released on 20th August 2022. Candidates could apply for the said post till 5th September 2022. The CBE for the same will be conducted on 17th November 2022 and 18th November 2022. The SSC Stenographer Selection Process comprises Computer Based Examination, and Skill Test. The finally appointed candidates will be entitled to a Pay Scale of INR ₹7,600 - ₹14,500.

नील नदी कौन से देश में स्थित है?

नील नदी इथियोपिया से होकर मिस्र और सूडान में आती है.

नील नदी का दूसरा नाम क्या है?

मिस्र की भाषा में नील को 'इतेरु' कहते हैं, जिसका अर्थ है- 'महान नदी'। इस नदी ने मिस्र के समाज और जीवन को काफी प्रभावित किया है। यह नदी प्राचीन मिस्र के लोगों को भोजन, परिवहन, घर बनाने के लिए समान और अन्य कई चीज़ें उपलब्ध करवाती थी। प्राचीन मिस्र दो भागों में बंटा हुआ था – ऊपरी मिस्र और निचला मिस्र।

नील नदी के देवता को क्या कहा जाता है?

अनुकेट | नाइल नदी के मिस्र की देवी | मिस्र की पौराणिक कथाओं

नील नदी का नाम कैसे पड़ा?

इसी नदी पर मिस्र देश का प्रसिद्ध अस्वान बाँध बनाया गया है। नील नाम यूनानी भाषा के शब्द नीलोस (Νεῖλος) से निकला है।