कोलाइडी विलयन (Colloidal Solution) के कण निलंबन के कणों (Suspension particles) की अपेक्षा आकार में छोटे होने के कारण यह समांगी (Homogeneous) मिश्रण प्रतीत होते है, परंतु वास्तव में यह एक विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous mixture) होते है. उदारण दूध, शेविंग क्रीम इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते है कि कोलाइडल विलयन क्या होते है, इनका कहा उपयोग होता है, टिनडल प्रभाव क्या होता है आदि.
What is a Colloidal Solution? समांगी (Homogeneous) तथा विषमांगी (Heterogeneous mixture) मिश्रणों के बीच के गुण वाला एक मिश्रण जिसके कण विलयन में समान रूप से फैले होते हैं, कोलाइडल विलयन कहलाते है. इन्हें कोलाइडल निलंबन (Colloidal Suspension) भी कहते है. कोलाइडल विलयन के कण निलंबन के कणों
(Suspension particles) की अपेक्षा आकार में छोटे होने के कारण यह समांगी मिश्रण प्रतीत होते है, परंतु वास्तव में यह एक विषमांगी मिश्रण होते है. उदारण के लिए दूध, शेविंग क्रीम, जेल (jell), इत्यादि. कोलाइडी के कण निलंबन के कणों की अपेक्षा छोटे परंतु विलयन के कणों की अपेक्षा बड़े होते हैं, परंतु ये कण खुली आंखों से दिखाई नहीं देते हैं. लेकिनकोलाइडीविलयन के कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, अर्थात जब प्रकाश की किरण एककोलाइडी विलयन से गुजरती है, तो
प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर हो जाता है. जानें लोहे में जंग कैसे लगता है? Source: www.thumbs.dreamstime.com इस प्रभाव की खोज ब्रिटिश भौतिकवेत्ता John Tyndall ने की थी. अत: इस परिघटना को इसलिए टिनडल प्रभाव (Tyndall Effect) कहा जाता है. जब प्रकाश की किरण कोलाइडी कणों से टकराती है, तो यह प्रकाश पुंज को फैला देती हैं, तथा प्रकाश का मार्ग हमें दिखाई देने लगता है. प्रकाश का कोलाइड्स (colloids) या कोलाइडी (colloidal) के कणों के द्वारा फैलाना टिनडल प्रभाव (Tyndall Effect) कहा जाता है. समझने के लिए उदाहरण इस प्रकार है: एक कमरे में छोटे से छिद्र के द्वारा प्रकाश की किरण में घूलकणों को तैरते हुए आसानी से देखा जा सकता. ये धूल तथा कार्बन के कण हवा में निलंबित कोलाइड की तरह कार्य करते हैं, जो प्रकाश की किरणों को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का मार्ग दृष्टिगोचर होने लगता है. प्रकाश का धूलकणों तथा कार्बन के कणों द्वारा फैलाना टिनडल प्रभाव (Tyndall Effect) कहलाता है. जब एक घने जंगल के आच्छादन से सूर्य की किरण गुजरती है, तो जंगल के कोहरे में निलंबित छोटे-छोटे जल के कण कोलाइड कणों के समान व्यवहार करते हैं, जो कि प्रकाश को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का मार्ग दृष्टिगोचर होने लगता है, यह भी तो टिनडल प्रभाव (Tyndall Effect) है. क्या आप जानते है कि हमारी आँखों की पुतलियों के रंग टिनडल प्रभाव के कारण ही दिखाई देते हैं. जब पुतली से प्रकाश की किरण गुजरती है तो इनमें निलंबित छोटे-छोटे कण टिनडल प्रभाव उत्पन्न करते हैं, तथा हमारी पुतलियाँ रंगीन दिखाई देती है. कोलाइडी विलयन का उपयोग (Uses of colloidal solution) - चिकित्सा के क्षेत्र में कोलाइडीविलयन बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसका उपयोग रक्त की स्थिति को बताने के लिए किया जा सकता है. विशेष रूप से, अक्सर कोलाइडी आसमाटिक दबाव (osmotic pressure) को विनियमित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है, जो कि रक्त में प्रोटीनों द्वारा संसाधित दबाव को संवहनी प्रणाली से पानी को खींचने के लिए उपयोग किया जाता है. - प्राकृतिक वातावरण में, कई प्रक्रियाओं में कोलाइडी विलयन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अक्सर परिवहन वैक्टर के रूप में सेवा कर सकते हैं. विभिन्न कणों को पानी के माध्यम से ले जाया जा सकता है अनिवार्य रूप से यह खुद को पानी में निलंबित कणों को संलग्न कर सकते हैं. यानी कि, कोलाइडीविलयन पानी के माध्यम से और अधिक हानिकारक पदार्थों के परिवहन के लिए सेवा प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि रेडियोधर्मी सामग्री (radioactive material). इस आर्टिकल से हमने सीखा की कोलाइड क्या होते है, इनके क्या गुण है,कोलाइड के जरिये टिनडल प्रभाव कैसे होता है, इनका उपयोग कहा किया जाता है आदि. बर्फ पानी पर क्यों तैरती है खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर |