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Child Development and Pedagogy Mock Test 10 Questions 10 Marks 10 Mins Last updated on Sep 15, 2022 CG TET Answer Key (Provisional) released. for the exam held on 18th September 2022. Candidates can submit any objections against the same online or by post. These objection must reach the commission till 11th October 2022 (5.00 PM). The final answer key will be released after considering these objections. The CG TET Exam is the eligibility examination for Primary and Upper Primary Teacher posts in the Government Schools of Chhattisgarh. Stay updated with General Science questions & answers with Testbook. Know more about Biology and ace the concept of Ecology & Environment and Ecosystem विज्ञानप्रश्न 252. पोषी स्तर क्या है ? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बनाइए। उत्तर- किसी खाद्य श्रृंखला के विभिन्न चरणों या स्तरों को पोषी स्तर कहते हैं। खाद्य श्रृंखला का उदाहरण घास -> हिरन -> शेर इस खाद्य श्रृंखला में विभिन्न पोषी स्तर निम्नलिखित हैं- (a) प्रथम पोषी स्तर घास है यह उत्पादक है। (b) द्वितीय पोषी स्तर हिरन है यह प्रथम उपभोक्ता है इसे शाकाहारी भी कहते हैं। (c) तृतीय पोषी स्तर शेर है यह उच्च मांसाहारी है। MP BOARD CLASS 10 science notes poshi star kya hai ek aahar shrinkhala ka udaharan dijiye पोषी स्तर क्या है एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए पोषी स्तर क्या है एक आहार श्रृंखला poster kya hai ek aahar shrinkhala ka udaharan dijiye हेलो स्टूडेंट में क्यूशन दिया गया है प्रथम पोसी 70 से संबंधित कौन है हमें चार ऑप्शन दिए गए ऑप्शन संख्या में दिया गया है स्वपोषी अथवा उत्पादक तो संख्या धीमी दिया है उपभोगता ऑप्शन संख्या सीमित दिया अब श्रेष्ठ और ऑप्शन संख्या टीम इंडिया हैं इनमें से कोई नहीं यदि इस कैंसर की हम बात करें सबसे पहले उसी सत्र की यदि हम बात करें वह से सत्तर विभिन्न आहार श्रंखला उनकी आहार श्रंखला ओके प्रत्येक सत्र को प्रत्येक सत्र को उसी सत्र कहते हैं वो सीसतर कहते हैं किसी भी आहार श्रंखला के अंदर सबसे पहला रूपोशी 70 होता है वह स्वपोषी या उसको हम क्या कहते हैं उत्पादक यानी अपना भोजन स्वयं बनाता है पाठक के बाद क्या होता है उपभोक्ता और उपभोक्ता के बाद क्या आता है अपघटक अपघटक तो किसी भी उसी सतर यह किसी भी खाद्य श्रंखला का प्रथम 275 होता है वह क्या होता है उत्पादक या स्वपोषी होता है जो कि अपना भोजन स्वयं बनाता है तो इस क्वेश्चन का राइट आंसर क्या होगा ऑप्शन संख्या स्वपोषी अथवा उत्पादक उपभोक्ता द्वितीय पोषक तत्व होते हैं जो अपने क्वेश्चन का आंसर नहीं होगा अपशिष्ट जो होते हैं वह क्या होते हैं अब घटक उसका उपयोग करते हैं यह भी अपने क्वेश्चन का आंसर नहीं होगा तो था इसमें दिया गया है इनमें से कोई नहीं यह भी अपने क्वेश्चन का राइट आंसर नहीं होगा अपने क्वेश्चन का राइट आंसर है ऑप्शन संख्या प्रथम पूज्य 70 से संबंधित स्वपोषी अथवा उत्पादक हैं आशा करता हूं दोस्तों आपको यह क्वेश्चन समझाया होगा धन्यवाद Online Question Bank For All Competitive Exams Preparation
Provide Comments :खाद्य शृंखला को प्रदर्शित करता एक चित्र खाद्य शृंखला में पारिस्थितिकी तन्त्र के विभिन्न जीवों की परस्पर भोज्य निर्भरता को प्रदर्शित करते हैं। किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र में कोई भी जीव भोजन के लिए सदैव किसी दूसरे जीव पर निर्भर होता है। भोजन के लिए सभी जीव वनस्पतियों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर होते हैं। वनस्पतियां अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा बनाती हैं। इस भोज्य क्रम में पहले स्तर पर शाकाहारी जीव आते हैं जो कि पौधों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर होते हैं। इसलिए पौधों को उत्पादक या स्वपोषी और जन्तुओं को 'उपभोक्ता' की संज्ञा देते हैं। उत्पादक[संपादित करें]सभी प्रकाश संश्लेषण करने वाले पौधे उत्पादक की श्रेणी में आते हैं। ऐसे पौधे प्रकाश, कार्बन डाइ-ऑक्साइड और जल की सहायता से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हेतु पौधों का क्लोरोफिल (हरित लवक) पाया जाता है। क्लोरोफिल पौधों के हरे रंग के लिए भी उत्तरदायी होता है। उपभोक्ता[संपादित करें]सभी जन्तु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वनस्पतियों पर निर्भर होने के कारण इन्हें उपभोक्ता कहा जाता है। भोज्य निर्भरता के आधार पर इन्हें आगे श्रेणियों में बाँटा गया है। प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता[संपादित करें]सभी शाकाहारी जन्तु प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता होते हैं। शाकाहारी जन्तु वनस्पतियों का भोजन के रूप में प्रयोग करते हैं। उदाहरण के लिए - खरगोश, गाय, भैस, बकरी, हिरण, चूहा, बन्दर, हाथी, जिराफ, नीलगाय आदि। द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता[संपादित करें]वे सभी जन्तु जो भोजन के लिए प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं पर निर्भर होते हैं उन्हें द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं के वर्ग में रखते हैं। ये मांसाहारी होते हैं। उदारण के लिए - मेढक, मछलियाँ, कीट पतंगों को खाने वाले पक्षी और जन्तु, छिपकली इत्यादि। तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता[संपादित करें]वे सभी जन्तु जो भोजन के लिए द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं पर निर्भर होते हैं उन्हें शीर्ष श्रेणी के उपभोक्ता कहते हैं। जैसे - बाज, गिद्ध, शेर, भालू इत्यादि। अपघटक[संपादित करें]अपघटक सूक्ष्म जीव होते हैं जो कि सभी मृत जीवों (वनस्पतियों और जन्तुओं) को उनके पार्थिव अवयवों में तोड़ देते हैं। अपघटन की प्रक्रिया मृत्यु के बाद शुरू हो जाती है जिसे सामान्य तौर पर सड़ने के तौर पर देखा जाता है। सन्दर्भ[संपादित करें]
वाह्य कड़ियाँ[संपादित करें]
प्रथम पोषी स्तर क्या है?(a) प्रथम पोषी स्तर घास है यह उत्पादक है। (b) द्वितीय पोषी स्तर हिरन है यह प्रथम उपभोक्ता है इसे शाकाहारी भी कहते हैं। (c) तृतीय पोषी स्तर शेर है यह उच्च मांसाहारी है।
पोषण के कितने स्तर होते हैं?हम मानव पौधों तथा अन्य प्राणियों पर भी भोजन कर सकते हैं। पोषण स्तर पर रखा जाता है। कुछ जीव आहार श्रृंखला में एक से अधिक पोषण स्तरों पर हो सकते हैं। मानव सर्वभक्षी है और शाकाहारी के रूप में वह दूसरे पोषण स्तर पर होता है तथा मांसभक्षी के रूप में तीसरे पोषण स्तर पर।
द्वितीय पोषण स्तर किसका होता है?द्वितीय पोषण स्तर के अंतर्गत वे शाकाहारी प्राणी सम्मिलित किये जाते हैं जो अपना भोजन प्रथम पोषण स्तर के पौधों से प्राप्त करते हैं। तृतीय पोषण स्तर के अंतर्गत मांसाहारी पशुओं को सम्मिलित किया जाता है जो द्वितीय पोषण स्तर के प्राणियों से मांस के रूप में भोजन प्राप्त करते हैं।
1 पोषण स्तर क्या है समझाइये?पोषण स्तर का अर्थ है कि कोई जीव सूर्य से कितने चरणों की दूरी पर है, ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य ही ऊर्जा का अंतिम स्रोत होता है, इस प्रकार पौधे (स्वपोषी) प्रथम पोषण स्तर पर होते हैं क्योंकि वे सीधे ही सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके अपना भोजन बनाते हैं।
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