Jobs After Master Degree: अच्छे करियर और जॉब ऑप्शन के लिए अब पोस्ट ग्रेजुएशन जरूरी हो गया है। ज्यादातर छात्र अब पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद ही जॉब की तलाश करते हैं, क्योंकि पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद सैलरी से लेकर अच्छी पोस्ट तक मिलने के चांस ज्यादा होते हैं। आज के समय में गवर्नमेंट सेक्टर से लेकर बैंकिंग सेक्टर की जॉब्स प्राप्त करने के लिए आईबीपीएस द्वारा आयोजित एग्जाम्स देना होता है, जिसके लिए पोस्ट ग्रेजुएट होना अनिर्वाय है, वहीं पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को ही एलआईसी, पीसीएस, आईएएस, रेलवे, पोस्टल सर्विस, पुलिस, मेडिसिन और डिफेंस में A क्लास जॉब मिलती है। करियर ऑप्शन बेराजगारों की बढ़ती तादाद के बीच आज के समय में सभी के लिए जॉब पाना मुश्किल हो गया है, लेकिन अगर आपने पोस्ट ग्रेजुएशन कर रखा है तो आपकी राह आसान हो जाएगी। आपको सरकारी नौकरियों के अलावा निजी सेक्टर में अच्छी जॉब मिल सकती है। आज के समय में ज्यादा दिनों तक वही सरवाइव कर सकता है, जो वेल-क्वालिफाइड हो। हालांकि, आपकी जॉब में सफलता आपके इंटरेस्ट और पैशन के साथ ही पोस्ट ग्रेजुएशन के विषय पर भी निर्भर करता है। बैंकिंग सेक्टर (Job In The Banking sector) अगर आप ने फाइनेंस और अककॉउंटेंस में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी की है तो आप बैंकिंग सेक्टर में अपना कैरियर बना सकते हो। इस सेक्टर में आप लोन मैनेजर, आपरेशन मैनेजर, कैशियर, ब्रांच ऑफिसर, सेल्स एंड मार्केटिंग मैनेजर जैसे कई अहम पदों पर रहकर अच्छी सैलरी पा सकते हैं। आज के समय में बैंकिग क्षेत्र काफी तेजी से बढ़ रही है, प्रतिवर्ष हजारों लोगों की इस सेक्टर में भर्ती होती है। इसे भी पढ़ें:CAT Exam Tips: नॉन-इंजीनियर भी आसानी से पास कर सकते हैं कैट एग्जाम, अपनाएं ये ट्रिक्स आईटी इंडस्ट्री (Job in IT Industry) टेक्नोलॉजी के डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। ऐसे में इस फील्ड में भी काफी सारे करियर ऑप्शन खुल हैं, प्रोस्ट ग्रेजुएट के लिए यह पसंदीदा क्षेत्र है। अगर आपने कंप्यूटर या टेक्नोलॉजी फील्ड में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है तो आईटी में आपको कई सारे करयिर विकल्प मिल सकते हैं। आप इस इंडस्ट्री में पीपीएल मैनेजर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर कार्य कर सकते हैं। सेल्स एंड मार्केटिंग (Jobs in Sales and Marketing) कॉमर्स, फाइनेंस एंड अकाउंटेंसी में पोस्ट ग्रेजुएट छात्र सेल्स एंड मार्केटिंग क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। यह क्षेत्र बहुत व्यापक है, हर कंपनी को इस क्षेत्र में अनुभव रखने वालों की जरूरत पड़ती है, यही कारण है कि कंपनियां इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को मोटी सैलरी देती हैं। इस सेक्टर में करियर का विकास इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बढ़िया और सफल मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट हैं। डिजिटल मार्केटिंग (Jobs in Digital Marketing) डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में सभी कंपनियों के रीढ़ की हड्डी है, कोरोना के बाद कंपनियां इस क्षेत्र में जमकर पैसा लगा रही है, जिस तरह से कंपनियों का इस क्षेत्र में इन्वेस्ट बढ़ रहा है, उसी तरह जॉब के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आज के समय में यह एक बड़ा बाजार बन गया है। अगर आपने टेक्नोलॉजी में पीजी किया है तो यह क्षेत्र आपके लिए ही है। इस फील्ड में आप डिजिटल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर्स, एसईओ मैनेजर, ईमेल-मार्केटिंग मैनेजर, पीपीसी मैनेजर जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं। इसे भी पढ़ें:Skill Courses: इन कोर्सेज़ से होगी आपके करियर में अच्छी ग्रोथ, जानें इनके फायदे हासिल करें डॉक्टरेट की डिग्री (Earn a Doctoral Degree) अगर आपने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप रिसर्च के क्षेत्र में जाएं ओर डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करें। डॉक्टरेट या पीएचडी करने में लगभग 2 से 3 वर्ष का समय लगता है। आप अपने विषय के अनुसार किसी यूनिवर्सिटी में आवेदन कर सकते हैं, या फिर किसी डॉक्टरेट डिग्री के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए सीधे अप्लाई कर सकते हैं। कैंपस रिक्रूटमेंट के अवसर (Campus Recruitment Opportunities) लगभग सभी कॉलेजों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद कॉलेज की तरफ से जॉब प्लेसमेंट्स और कैंपस रिक्रूटमेंट मिलती है। इस तरह के कैंपस रिक्रूटमेंट पर ध्यान रखें, हो सकता है आपको अच्छी जॉब मिल जाए, अगर नहीं भी मिलती है, तो पोस्ट ग्रेजुएशन स्टडी के दौरान इंटर्नशिप कर सकते हैं। यह आने वाले समय में आपके अनुभव और करियर के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। PG Full Form, PG Full Form in Hindi, PG Ka Full Form, PG का पूरा नाम, PG क्या हैं, PG का मतलब, PG क्या होता होता हैं, PG का अर्थ, ऐसे प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल के अंदर मिल जाएंगे। Show
क्या आप PG Ka Full Form या PG से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं, यदि आप PG से संबंधित जानकारी के लिए इस ब्लॉग पर आए हैं तो आप सही जगह आ गए हैं। आज इस आर्टिकल में हम PG से संबंधित बहुत सी जानकारियों को ही देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। मैं वादा करता हूं हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में PG से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे, आइए शुरू करते हैं और इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं-
PG Full Form :-जब आप हाई स्कूल या इंटर में होते है तो आगे की पढ़ाई करने के लिए आपने UG तथा PG के बारे में अवश्य ही सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि UG तथा PG क्या है तथा इसका फुल फॉर्म क्या होता है? दोस्तों ये दोनों एक डिग्री कोर्स हैं जिसे हम हिंदी में स्नातक तथा स्नातकोत्तर के नाम से जानते हैं, इस कोर्स को आप 12वीं के बाद ही कर सकते हो। इस आर्टिकल में हम के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
PG Ka Full Form :-PG का फुल फॉर्म “Post Graduate” होता हैं जिसे हम अपनी भाषा में ‘पोस्ट ग्रेजुएट’ कहते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट या पीजी एक डिग्री होती हैं जिसे आप स्नातक की डिग्री के बाद ही कर सकते हैं, PG का एक अन्य फुल फॉर्म ‘Paying Guest’ भी होता हैं।
PG Full Form in Hindi :-दोस्तों अबतक आपको पता चल गया होगा की PG का फुल फॉर्म “Post Graduate” होता हैं। Post Graduate को हम हिंदी भाषा में ‘पोस्ट ग्रेजुएट‘ ही कहते हैं।
PG का अर्थ? (Meaning of PG) :-दोस्तों ऊपर दी गई जानकारी को पढ़कर अब तक आपको यह पता चल गया होगा कि PG का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट (Post Graduate) होता हैं। Post Graduate का हिंदी अर्थ ‘स्नातकोत्तर’ होता हैं।
PG क्या है? (What is PG in Hindi) :-Post Graduate (PG) एक Master Degree Course होता हैं, Post Graduate (PG) को हम स्नातकोत्तर भी कहते हैं, पोस्ट ग्रेजुएशन एक ऐसा कोर्स होता है जिसे आप ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद ही कर सकते है. पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की समय अवधि 2 साल की होती है अर्थात PG कोर्स 2 साल का कोर्स होता है। PG कोर्स के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज को मास्टर्स कोर्स कहा जाता हैं जैसे Master of Arts (M.A), Master of Science (MSc), Master of Commerce (M.Com) etc एक मास्टर्स कोर्स ही हैं। भारत में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्रदान करने वाले बहुत से विश्वविद्यालय तथा संस्थान मौजूद हैं, PG कोर्स की समय अवधि 2 साल की होती हैं तथा इसमें 4 सेमेस्टर होते हैं।
PG कोर्स की समय-अवधि? (PG Course Time Duration) :-Post Graduate अर्थात PG कोर्स की समयावधि 2 साल की होती हैं, 2 साल के कोर्स में प्रशिक्षण, क्षेत्र कार्य तथा क्रेडिट आवश्यकताओं के आधार पर PG कोर्स के कार्यक्रमों को मुख्य रूप से 4 सेमेस्टर में विभाजित किया गया हैं।
PG डिग्री के लिये योग्यता? (Eligibility For PG Degree Course) :-भारत में ऐसे बहुत से विश्वविद्यालय तथा संस्थान मौजूद हैं जहाँ से आप Post Graduation (PG) का कोर्स कर सकते हैं। Post Graduation अर्थात PG करने के लिये आपको पहले ग्रेजुएशन अर्थात स्नातक में पास होना अनिवार्य होता हैं, यदि आपके पास स्नातक की डिग्री हैं तभी आप स्नातकोत्तर कर सकते हैं अन्यथा नहीं। भारत में कई प्रकार के पीजी पाठयक्रम हैं जिनके लिये अलग-अलग प्रकार की योग्यताएं मांगी जाती हैं परंतु ज्यादातर पाठ्यक्रमों के लिए स्नातक की ही डिग्री जाती है।
स्नातकोत्तर डिग्री के प्रकार? (Typs of Post Graduate Degree) :-स्नातकोत्तर डिग्री में मुख्य चार पाठ्यक्रम, अनुसन्धान डिग्री, रूपांतरण पाठ्यक्रम तथा पेशेवर योग्यताएं सिखायी जाती हैं। इन सभी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाते हैं लेकिन कुछ पाठ्यक्रम को एक व्यवसायिक वातावरण में सिखाया जाता हैं।
1. Taught Courses :-मास्टर डिग्री तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा इसके दो मुख्य सिखाए गए पाठ्यक्रम है। यह कोर्स हमारे स्नातक की डिग्री के बराबर ही होता है जिसमें हमें एक विषय के बारे में जानकारी दी जाती है और उसके बारे में हमें सिखाया जाता है, इसमें आप जो सीखते हैं उसका मूल्यांकन किया जाता है। प्लेसमेंट, परियोजनाओं, अनुसंधान परियोजनाओं तथा शोध प्रबंध सहित पाठ्यक्रमों में अन्य पहलू भी हो सकते हैं। 2. रूपांतरण पाठ्यक्रम (Conversion Courses) :-रूपांतरण पाठ्यक्रम को हम क्रैश पाठ्यक्रमों के नाम से भी जानते हैं। ये एक गहन लक्षण हैं, इसमें आपको किसी ऐसे विषय में गति देने के लिए तैयार किया जाता है जिसके बारे में आप पहले ही अध्ययन कर चुके हुए होते हैं। इस कोर्स के माध्यम से किसी व्यक्ति को एक विशिष्ट व्यवसाय के लिए तैयार किया जाता हैं। 3. अनुसंधान डिग्री (Research Degrees) :-अनुसन्धान डिग्री को हमेशा डॉक्टरेक्ट के लिये ही जाना जाता हैं, कुछ मुख्य प्रकार के डॉक्टरेक्ट हैं: DPhils, PHD, एकीकृत PHD, पेशेवर डॉक्टरेट etc. 4. व्यावसायिक योग्यता :-व्यावासविक योग्यता वो हैं जो अक्सर ही व्यवहारिक प्रशिक्षण के एक तत्व को शामिल करते हैं। ये पाठ्यक्रम के किसी विशेष उद्योग से जुड़े होते हैं तथा एक विशेष करियर पथ के लिए प्रासंगिक कौशल को सुधारने तथा विकसित करने में हमारी सहायता के लिये डिजाइन किया गये होते हैं।
PG डिग्री किन-किन विषयों से होती है :-दोस्तों वैसे तो PG डिग्री को हम कई प्रकार के विषयों से कर सकते हैं अर्थात PG डिग्री को बहुत से विषयों से किया जा सकता हैं, पीजी डिग्री को बहुत से विषयों से किया जा सकता है परंतु यह इस बात पर निर्भर करता है कि छात्र ने Under Graduate (UG) डिग्री किस विषय से की है। अगर किसी छात्र ने Under Graduate (UG) डिग्री को आर्ट्स विषय से किया हैं तो उसे Post Graduate (PG) की डिग्री भी आर्ट के ही किसी सब्जेक्ट से करनी होती है, इसी प्रकार से यदि छात्र ने अपना ग्रेजुएशन साइंस या कॉमर्स सब्जेक्ट से किया है तो आपको पोस्ट ग्रेजुएशन भी साइंस या कॉमर्स सब्जेक्ट से ही करना होता है। पोस्ट ग्रेजुएशन (Post Graduation) डिग्री जिन विषयों से होती है उनके नाम इस प्रकार से हैं-
ऊपर दिए गए विषयों में से किसी भी विषय से छात्र 2 साल की समय-अवधि में पीजी डिग्री को कर सकता है। इन सभी विषयों में से आपकी जिस विषय में रुचि हो पहले आप उस विषय से अपना अंडर ग्रेजुएट (UG) अर्थात ग्रेजुएशन कंप्लीट करें तथा उसके बाद आप उसी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) डिग्री को भी कर सकते हैं।
प्रमुख पीजी कोर्स? (Top PG Courses) :-कुछ प्रमुख पीजी कोर्सेज के नाम इस प्रकार से हैं-
PG डिग्री कहां से कर सकते हैं :-PG डिग्री को आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से आसानी से कर सकते हैं, अगर आप पीजी डिग्री को किसी यूनिवर्सिटी से करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उस यूनिवर्सिटी द्वारा करायी जाने वाली प्रवेश परीक्षा को पास करना होता है। कुछ यूनिवर्सिटी में केवल प्रवेश परीक्षाएं ही होती है परंतु कुछ यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा के बाद इंटरव्यू भी होता है जिसमें पास होना बहुत ही आवश्यक होता है। इसके अलावा यदि आप बिना कोई प्रवेश परीक्षा तथा इंटरव्यू दिए पीजी डिग्री को करना चाहते हैं तो इसके लिए आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से पीजी डिग्री को कर सकते हैं, वहां पर आपको किसी भी प्रकार की प्रवेश परीक्षा तथा इंटरव्यू नहीं देना पड़ेगा।
TOP 10 PG Medical College :-इंडिया के कुछ प्रमुख पीजी medical कॉलेजों के नाम इस प्रकार से हैं-
PG करने के बाद जॉब के अवसर :-पोस्ट ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद आप सरकारी क्षेत्र तथा प्राइवेट क्षेत्र में जॉब प्राप्त कर सकते हैं, पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद सरकारी क्षेत्र में आपआप इस तरह की जॉब प्राप्त कर सकते हैं।
इन सबके अलावा और भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आप जॉब प्राप्त कर सकते हैं।
UG Ka Full Form :-UG का फुल फार्म “Under Graduate” होता है, अंडर ग्रेजुएट कोर्स को हम 12वीं के बाद ही कर सकते हैं। Under Graduate कोर्स 3 साल का होता है, अंडर ग्रेजुएट कोर्स के अंतर्गत बीए, बीएससी, बीटेक आदि जैसे डिग्री कोर्स आते हैं। इस 3 साल के कोर्स को कर लेने के बाद छात्र ग्रेजुएट हो जाते हैं तथा उनको ग्रेजुएट छात्र कहा जाता है।
UG तथा PG में अंतर? (Difference Between UG and PG) :-UG तथा PG में जो अंतर हैं वो निम्न प्रकार से हैं-
FAQ :-पीजी में कौन कौन से कोर्स आते हैं? PG कोर्स के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज को मास्टर्स कोर्स कहा जाता हैं जैसे Master of Arts (M.A), Master of Science (MSc), Master of Commerce (M.Com) etc एक मास्टर्स कोर्स ही हैं। पीजी या पीजी का मतलब क्या होता है? Post Graduate या पीजी का हिंदी अर्थ या मतलब ‘स्नातकोत्तर‘ होता हैं। पीजी कोर्स क्या है? Post Graduate (PG) एक Master Degree Course होता हैं, Post Graduate (PG) को हम स्नातकोत्तर भी कहते हैं, पोस्ट ग्रेजुएट या पीजी एक डिग्री होती हैं जिसे आप स्नातक की डिग्री के बाद ही कर सकते हैं। PG करने के लिए कितने परसेंट चाहिए? PG करने के लिए विद्यार्थी का एलएलबी 50 परसेंट अंक के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। पीजी के बाद होता है? पोस्ट ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद आप सरकारी क्षेत्र तथा प्राइवेट क्षेत्र में जॉब प्राप्त कर सकते हैं, पीजी के बाद आप रक्षा, बैंकिंग क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र, शिक्षण क्षेत्र आदि क्षेत्र में जॉब प्राप्त कर सकते हैं।
आज आपने क्या सीखा :-आज इस आर्टिकल में हमने PG से संबंधित बहुत सी प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया, इस आर्टिकल में हमने PG Full form, PG Ka Full Form, PG Full Form in Hindi, PG क्या हैं, PG करने के लिये योग्यता, TOP 10 PG Medical College, PG के बाद जॉब तथा इसके अलावा PG से सम्बंधित और भी बहुत सी जानकारियों को प्राप्त किया। दोस्तों आपको हमारा यह PG से सम्बंधित आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा जरुर बताये और यदि इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके मन में कोई भी प्रश्न हैं वह भी कमेंट के द्वारा जरुर बताये। उम्मीद करता हूं दोस्तों हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में PG से संबंधित जितने भी प्रश्न रहे होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे। दोस्तों आपको यह आर्टिकल PG Full Form कैसा लगा कमेंट के द्वारा जरूर बताएं और यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट के द्वारा जरूर बताएं। यदि आप इस PG से संबंधित आर्टिकल पर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं, मुझे आपके फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा। अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी (PG Full Form) पसंद आयी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ तथा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर करना ना भूले। इस ब्लॉग पर हम रोजाना इसी तरह की जानकारी से भरी एक पोस्ट को पब्लिश करते हैं, इसी प्रकार की जानकारियों को पाने के लिए इस ब्लॉग www.hindima.in पर रोजाना विजिट करते रहें (धन्यवाद) पीजी करने के बाद क्या बनते हैं?Post Graduation course के बाद आप आगे किसी और विषय में पीजी कर सकते हैं। आप चाहें तो आगे एमफिल या पीएचडी की तैयारी कर सकते हैं। आपके सब्जेक्ट के अनुसार आप आगे रिसर्च की फील्ड में भी जा सकते हैं। अगर आप आगे न पढ़ना चाहें तो पीजी कोर्स के बाद जॉब या अपना खुद का काम शुरु कर सकते हैं।
पीजी कोर्स कितने साल का होता है?पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री मुख्य तौर पर 2 वर्ष की होती है। 2 वर्ष में पोस्ट ग्रेजुएशन के हर विषय वर्ग में डिग्री को हासिल किया जा सकता है। लेकिन कई ऐसे विशेष कोर्स है। जहां 1 साल के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होते हैं और कई ऐसे विषय वर्ग है।
पीजी में कौन कौन सा कोर्स आता है?PG क्या है? (What is PG in Hindi) :-
पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की समय अवधि 2 साल की होती है अर्थात PG कोर्स 2 साल का कोर्स होता है। PG कोर्स के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज को मास्टर्स कोर्स कहा जाता हैं जैसे Master of Arts (M.A), Master of Science (MSc), Master of Commerce (M.Com) etc एक मास्टर्स कोर्स ही हैं।
पीजी करने से क्या क्या फायदे हैं?पोस्ट ग्रेजुएशन करना क्यों जरुरी है और इसके क्या फायदे हैं?. करियर को अच्छे स्तर तक पहुंचाने में है मददगार. बदल सकते हैं जॉब प्रोफाइल. अच्छी सैलरी वाली जॉब के मिलते हैं अधिक अवसर. स्किल्स डेवलप करने में मिलती है मदद. |