प्लास्टिक बैग्स से होने वाले पर्यावरण को नुकसान को कम करने की दिशा में हर एक इंसान कुछ बेहद जरूरी कदम उठा सकता है। सतर्कता और जागरूकता दो बेहद जरूरी चीजें हैं Show इन्हें 1. प्लास्टिक के बैग्स को संभाल कर रखें। इन्हें कई बार इस्तेमाल में लाएं। सामान खरीदने जाने पर अपने साथ कैरी बेग (कपड़े या कागज के बने) लेकर जाएं। 2. ऐसे प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचें जिसे एक बार इस्तेमाल के बाद ही फेंकना होता है जैसे प्लास्टिक के पतले ग्लास, तरल पदार्थ पीने की स्ट्रॉ और इसी तरह का अन्य सामान। 3. मिट्टी के पारंपरिक तरीके से बने बर्तनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दें। 4. प्लास्टिक सामान को कम करने की कोशिश करें। धीरे-धीरे प्लास्टिक से बने सामान की जगह दूसरे पदार्थ से बने सामान अपनाएं। 5. प्लास्टिक की पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) प्रकार के सामान चुनिए। यह प्लास्टिक आसानी से रिसाइकल हो जाता है। 6. प्लास्टिक बैग और पोलिएस्ट्रीन फोम को कम से कम इस्तेमाल करने की कोशिश करें। इनका रिसायकल रेट बहुत कम होता है। 7. आप कम से कम प्लास्टिक सामान फेंकने की कोशिश करें। 8. अपने आसपास प्लास्टिक के कम इस्तेमाल को लेकर चर्चा करें। 9. हमारे देश में भी कई ऐसे सेंटर स्थापित हो गए हैं जहां प्लास्टिक रिसाईकल किया जाता है। अपने कचरे को वहां पहुंचाने की व्यवस्था करें। 10. खुद प्लास्टिक को खत्म करने की कोशिश न करें। न पानी में, न जमीन पर और न ही जमीन के नीचे प्लास्टिक खत्म होता है। इसे जलाना भी पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक है। प्लास्टिक बैग्स से होने वाले नुकसान की जानकारी अपने आप में नाकाफी है जब तक इसके नुकसान जानने के बाद ठोस कदम न उठाए जाएं। सरकार और पर्यावरण संस्थाओं के अलावा भी हर एक नागरिक की पर्यावरण के प्रति कुछ खास जिम्मेदारियां हैं जिन्हें अगर समझ लिया जाए तो पर्यावरण को होने वाली हानि को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। खुद पर नियंत्रण इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है।
प्लास्टिक प्रदूषण क्या है : प्लास्टिक प्रदूषण क्या है, प्लास्टिक प्रदूषण के कारण और निवारण, प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव, प्लास्टिक प्रदूषण से कौन-कौन सी बीमारी होती हैं आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं। प्लास्टिक पर निबंध 800 शब्दों में।
प्लास्टिक प्रदूषण क्या हैप्लास्टिक से निर्मित उत्पादों के अपशिष्ट को प्लास्टिक प्रदुषण कहते हैं। प्लास्टिक प्रदुषण मुख्यतः प्लास्टिक के कचरे से पैदा होता है। प्लास्टिक सिंथेटिक या अर्ध-सिंथेटिक सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है जो मुख्य घटक के रूप में पॉलिमर का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल (Non-Biodegradable) पदार्थ है जिसका अपघटन बहुत लम्बे समय तक नहीं होता है, जिसके कारण वातावरण दूषित होता है। प्लास्टिक को सड़ने में 400 साल या उससे भी ज्यादा समय लगता है। आज के समय में प्लास्टिक सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाने वाला पदार्थ है। प्लास्टिक से बने उत्पादों से उत्पन्न कचरे के कारण प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्या की उत्पत्ति हुई है। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से विघटित नहीं होता जिसके कारण यह प्रदूषण का एक कारण बनता है। प्लास्टिक प्रदूषण के कारणप्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारण (reasons of plastic pollution) निम्नलिखित हैं –
प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभावप्लास्टिक प्रदूषण के कुछ प्रमुख प्रभाव (effects of plastic pollution in hindi) निम्नवत हैं –
प्लास्टिक प्रदूषण के निवारणप्लास्टिक प्रदूषण के निवारण या प्लास्टिक प्रदूषण के निस्तारण के तरीके निम्नलिखित हैं –
प्लास्टिक प्रदूषण से कौन-कौन सी बीमारी होती हैंहार्मोन से संबंधित कैंसर, बांझपन और न्यूरोडेवलपमेंट डिसऑर्डर जैसे एडीएचडी और ऑटिज्म आदि प्रमुख बीमारियां प्लास्टिक के कारण होती हैं, साथ ही प्लास्टिक में मौजूद जहरीले पदार्थ और भी कई बीमारियों के कारण बनते हैं।
पढ़ें – पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) की परिभाषा। इन्हें भी जरूर पढ़ें -
प्लास्टिक प्रदूषण से कौन कौन से रोग होते हैं?डॉक्टर पर्व के अनुसार, प्लास्टिक के यूज से सबसे ज्यादा दो बड़ी बीमारियों का खतरा रहता है. एक अस्थमा और दूसरी पल्मोनरी कैंसर (pulmonary cancer). दरअसल प्लास्टिक में मौजूद टॉक्सिन से सबसे पहले व्यक्ति अस्थमा की समस्या से जूझता है, जिसमें उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है.
प्लास्टिक से क्या क्या नुकसान है?प्लास्टिक गर्मी और धूप में पिघलती है और उसके साथ जहरीली रासायनिक पदार्थ भी पिघलने लगता है जो खाने के साथ हमारे शरीर के अंदर जाकर केंसर को जन्म देता है. 4…. प्लास्टिक से बने बच्चो के खिलौने उनमे जिन रंगों का उपयोग होता है वह भी बहुत ज्यादा खतरनाक होता है.
प्लास्टिक से पर्यावरण को क्या नुकसान पहुंचता है?प्लास्टिक के केमिकल पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक होते हैं जिससे इंसान, जानवरों, पौधों और सभी जीवित चीजों को नुकसान पहुंचाते हैं। प्लास्टिक को जलाने और फेंकने पर जहरीले केमिकल्स का उत्सर्जन होता है। कुछ विकसित देशों में प्लास्टिक के रूप में निकला कचरा फेंकने के लिए खास केन जगह जगह रखी जाती हैं।
|