पीलिया को जॉन्डिस भी कहा जाता है। इस रोग का प्रमुख कारण पाचन तंत्र का कमजोर हो जाना है। खून की कमी के साथ कमजोरी और शरीर का पीला पड़ जाना इस रोग का प्रमुख लक्षण है। इससे बचने के लिए ये सावधानियों को याद रखना जरूरी है - 1 खाना बनाने, परोसने, खाने के पहले, बाद में और शौच जाने के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। 2 भोजन अलमारी में या ढक्कन से ढंककर रखना चाहिए, ताकि मक्खियों व धूल से बचाया जा सके। 3 ताजा व शुद्ध गर्म भोजन करें। दूध व पानी उबालकर काम में लें। 4 पीने के लिए पानी नल, हैंडपंप या आदर्श कुओं से ही लें। नगरीय निकायों द्वारा शुद्ध किया पानी भी ठीक है। 5 गंदे, सड़े, गले व कटे हुए फल नहीं खाएं। धूल में पड़ी या खुले हुए बाजार के पदार्थ न खाएं। स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें। 6 रोगी बच्चों की नियमित डॉक्टर से जांच कराएं। जब तक वे पूरी तरह स्वस्थ न हो जाएं उन्हें स्कूल या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर न जाने दें। 7 इंजेक्शन लगाते समय सिरिन्ज व नीडिल को 20 मिनट तक उबाल लें या डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग करें। पीलिया में रोटी खा सकते हैं क्या?पीलिया पेशेंट को बिना हल्दी और तेल का भोजन दिया जाता है, जो गलत है। आहार विशेषज्ञ स्मृति वाजपेयी के अनुसार पीलिया पीडि़तों को पतली दाल, हरी पत्तेदार सब्जी, रोटी, चावल दिया जा सकता है।
पीलिया को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?साबुत धनिया को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को पी लें। ... . मूली और मूली के पत्तों का रस निचोड़कर पीने से भी पीलिया में जल्दी राहत मिलती है। ... . गन्ने का रस पिएं, गन्ने का रस साफ और हाइजीनिक तरीके से निकाल कर पीने से पीलिया में राहत मिलती है।. पीलिया ठीक होने में कितना समय लगता है?वायरस-जन्य होने के कारण पीलिया स्वयं सीमित बीमारी है, जो एक-दो महीने में अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन कभी-कभी यह रोग अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है और अधिक समय तक तंग कर सकता है।
पीलिया में परहेज क्या करना चाहिए?पीलिया के मरीजों को अचार का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा नमक से भी परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, मीट, चिकन और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
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