सूर्य उत्तरायण कब होता है 2022 - soory uttaraayan kab hota hai 2022

Surya Uttarayan 2022: मकर संक्रांति से सूर्य देव दक्षिणायन उत्तरायण में प्रवेश कर गए हैं। वैज्ञानिक भाषा में कहें तो सू्र्य अब पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में आंशिक रूप से अधिक चमकेंगे।  धार्मिक व किसी महत्वपू्र्ण कार्य को शुरू करने के लिए सूर्य का उत्तरायण होना बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में गोचर करते हैं। यही कारण को मकर संक्रांति को स्नान-दान के लिए इतना महत्वपूर्ण माना गया है। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मकर राशि में गोचर होने पर सभी राशियों पर इसका असर  भी देखने को मिलता है। आगे जानिए अपनी राशि पर सूर्य के गोचर होने का प्रभाव व उपाय-

मेष राशि: इस राशि के जातकों के लिए पदोन्नति की संभावना बनेगी, धनाागमन, प्रतिष्ठित जनों से मित्रता के योग है। चहुंमुखी विकास होगा। उपाय के तौर पर ओम सूर्याय नमः का जाप करें। गुड़ व गेहूं का दान करें।

बृष राशि:  इस राशि के जातकों के जीवन में सुविधाएं बढ़ेंगी।  मकान और वाहन आदि में लाभ की संभावना है। वृष राशिवाले उपाय के तौर पर सफेद वस्तुओं का दान करें।

मिथुन राशि: इस राशि के जातकों के लिए परिवार में सदस्यों की वृद्धि, संतान प्राप्ति संभावित। शारीरिक व्याधि, ज्वर, मानहानि, पत्नी को पीड़ा दे सकता है सूर्य का गोचर। उपाय के तौर गुड़ का हलुवा गरीबों को दान करें।

कर्क राशि: इस राशि के जातकों के लिए आने वाले दिनों में सिर पीड़ा, उदर रोग, धन हानि, यात्रा, शत्रुओं से विवाद हो सकता है। इस राशिवाले सूर्य को तिल डालकर जल अर्पित करें। चावल का दान लाभ देगा।

सिंह राशि:  इस राशि के जातक सूर्य की उपासना करें। राजसत्ता से लाभ होगा। ओम घृणि सूर्याय नमः का जाप करें। शत्रुओं पर विजय, कार्यसिद्धि का योग बनेगा। 

कन्या राशि: इस राशि के जातकों के लिए सूर्य संतान से चिंता दे सकता है। यात्रा में सावधानी बरतने की जरूरत है। संतान की सेहत का ध्यान रखें। वाद विवाद से बचें। उपाय के तौर पर सूर्यदेव को जल अर्पित करें और गााय को चारा दें।

तुला राशि: इस राशि के जातकों के लिए हर तरफ से धन प्राप्ति के योग। तिल का उबटन लगा सकते हैं। साल के आखिरी में धनलाभ की संभावना है। घरेलू विवाद परेशान कर सकते हैं। उपाय के तौर खिचड़ी और खीर का दान करें।

बृश्चिक राशि: इस राशि के जातकों को कोर्ट केस में विजय मिलेगी। शत्रु परास्त होंगे, मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। उपाय- जल में गुड़ डाल कर सूर्यदेव को अर्पित करें।

धनु राशि: इस राशि के जातकों को सिर दर्द, नेत्र पीड़ा, बिजनेस में हानि, संबंधियों से बुराई के योग बनेंगे। उपाय के तौर पर चने की दाल का दान करें।

मकर राशि: सूर्य का गोचर मान हानि, कायों में देरी, मित्रों से मनमुटाव, सेहत खराब कर सकती है। तांबे के बर्तन देवालय पर दान कर सकते हैं।

कुंभ राशि: इस राशि के  जातकों को नेत्र विकार, अधिक व्यय, पद की हानि के अशुभ योग बनेंगे। उपाय में गरीबों में सवा किलो चावल और सवा किलो काले उड़द या इसकी खिचड़ी दान कर सकते हैं।

मीन राशि: सूर्य का गोचर इस राशि के लिए धन लाभ, पदोन्नति व वाहन सुख का योग लेकर आया है। इस राशि के लोग उपाय के तौर पर बेसन से बनी चीजें दान कर सकते हैं।

DISCLAIMER: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सूर्य उत्तरायण में कब से कब तक रहता है?

उत्तरायण का आरंभ 14 जनवरी को होता है। यह दशा 21 जून तक रहती है। इस दिन अयनांत की स्थिति आती है उसके बाद दक्षिणायन प्रारंभ होता है जिसमें दिन छोटे और रात लम्बी होती जाती है , फिर एक और अयनांत है और फिर से उत्तरायण आरम्भ हो जाता है।

सूर्य उत्तरायण कब होंगे 2022?

हिंदू धर्म के अनुसार कर्क संक्रांति से सूर्य की दक्षिण यात्रा शुरू हो जाती है यानी कि सूर्य देव उत्तरायण से दक्षिणायन होते हैं. कर्क संक्रांति को श्रावण संक्रांति भी कहते हैं. सूर्य के दक्षिणायन होने से रात लंबी और दिन छोटे हो जाते हैं. 16 जुलाई 2022 शनिवार को कर्क संक्रांति मनाई जाएगी.

सूर्य कब दक्षिणायन होता है?

सूर्यदेव वर्ष में छह माह उत्तरायण होते हैं और छह माह दक्षिणायन की गति करते हैं। सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करते हैं जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य उत्तरायण होते हैं और इसके बाद जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हुए आगे बढ़ते हैं और मिथुन में प्रवेश करते हैं, तब दक्षिणायन आरंभ होता है।

उत्तरायण कितने महीने का होता है?

पूरे साल में सूर्य के दो तरह के बदलाव होते हैं, जिसमें उत्तरायण और दक्षिणायन शामिल है. सूर्यदेव 6 महीने के लिए उत्तरायण रहते हैं और बाकी 6 महीनों में दक्षिणायन होते हैं. हिंदू पंचाग की गणना के मुताबिक, जब भी सूर्य देव मकर राशि से मिथुन राशि की यात्रा करते हैं तब इस चक्र को उत्तरायण कहा जाता है.