पन्ना कौन से हाथ में पहनते हैं? - panna kaun se haath mein pahanate hain?

पन्ना रत्न किसे पहनना चाहिए,जानें इसके फ़ायदे

रत्न शास्त्र अनुसार पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। आइए जानते हैं धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…
रत्न शास्त्र में प्रमुख 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। ये रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। साथ ही रत्न उस ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाते हैं। आपको बता दें कि जन्मकुंडली में ग्रह जब कमजोर स्थिति में स्थित होता है तो रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। वहीं कभी भी नीच (नकारात्मक) ग्रह का रत्न नहीं पहनना चाहिए। यहां हम आज बताने जा रहे हैं पन्ना रत्न के बारे में। जिसका संबंध बुध ग्रह से माना जाता है।

पन्ना रत्न क्यों धारण करना चाहिए

रत्न शास्त्र के अनुसार, पन्ना रत्न बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में कई सफलता के मुकाम हासिल करने का योग बनता है।

किसे धारण करना चाहिए पन्ना?

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिसकी लग्न कन्या या मिथुन है, वह जातक पन्ना रत्न धारण कर सकता है, परंतु यह देखना आवश्यक होता है कि लग्न में कौन सा ग्रह है या लग्न के सामने सप्तम भाव में कौन सा ग्रह है.
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में बुद्ध की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, बुध ग्रह 8वें या 12वें भाव में नहीं हो, तो वह व्यक्ति पन्ना रत्न धारण कर सकता है.
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में बुध, मंगल, शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या उस पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो, तो पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है. इससे नौकरी और व्यवसाय में आ रही समस्या दूर होगी.

किसे नहीं धारण करना चाहिए पन्ना?

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना धारण करने के पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है.
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में 6वें, 8वें और 12वें भाव का स्वामी बुध है, उसे पन्ना रत्न नुकसान पहुंचा सकता है.
  • जिस जातक की कुंडली में बुध की महादशा चल रही है, बुद्ध 8वें या 12वें भाव में बैठा है, तो उस व्यक्ति को पन्ना रत्न धारण करने से बचना चाहिए.

कारोबारियों को देता है तगड़ा लाभ 

बुध ग्रह व्‍यापार का कारक ग्रह है. कारोबारियों के लिए पन्‍ना पहनना उन पर बुध ग्रह की कृपा बरसाता है. वे सही निर्णय ले पाते हैं और खूब धन कमाते हैं. पन्‍ना पहनते ही कारोबार चमक जाता है और तगड़ा मुनाफा होने लगता है. हालांकि रत्‍न विशेषज्ञ की सलाह से ही धारण करना चाहिए.

छात्रों के लिए भी पन्‍ना पहनना बहुत लाभदायक साबित होता है. इससे उनकी एकाग्रता और बुद्धिमत्‍ता बढ़ती है. उनकी याददाश्‍त बेहतर होती है, जिससे वे परीक्षा-इंटरव्‍यू में सफलता पाते हैं.

पन्ना को कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का धारण करना चाहिए। साथ ही पन्ना चांदी या सोने के धातु में पहना जा सकता है। पन्ना हाथ की सबसे छोटी ऊंगली (कनिष्ठा) में धारण किया जाता है। इसे सूर्योदय बुधवार के दिन सुबह लगभग 10 बजे तक धारण किया जा सकता है।पन्ना धारण करने से पहले उसे एक रात के लिए गंगाजल, शहद, मिश्री व दूध के घोल में डुबोकर रख दें। जिससे उसका शुद्धिकरण हो जाए। उसके बाद इसे निकाल कर धूप दीप दिखाएं और ऊं बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप कर धारण कर लें और बुध ग्रह से जुड़ा दान किसी मंदिर के पुजारी को चरण स्पर्श करके देकर आएं। अगर इस विधि से पन्ना धारण करेंगे तो वह बहुत जल्दी शुभ फल देगा।

रत्न शास्त्र अनुसार पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। आइए जानते हैं धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…

रत्न शास्त्र में प्रमुख 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। ये रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। साथ ही रत्न उस ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाते हैं। आपको बता दें कि जन्मकुंडली में ग्रह जब कमजोर स्थिति में स्थित होता है तो रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। वहीं कभी भी नीच (नकारात्मक) ग्रह का रत्न नहीं पहनना चाहिए। यहां हम आज बताने जा रहे हैं पन्ना रत्न के बारे में। जिसका संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। आइए जानते हैं पन्ना धारण करने की सही विधि और इसके लाभ- नुकसान…

पन्ना पहनने के लाभ

पन्ना धारण करने से बिजनेस में लाभ होता है। क्योंकि पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है और बुध को व्यापार का दाता माना जाता है। इसलिए पन्ना धारण करने से व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है। वहीं जो लोग मीडिया, संगीत, गणित और फिल्म लाइन से जुड़े हुए हैं, वो लोग पन्ना धारण कर सकते हैं। साथ ही जो लोग तोतले या उनका उच्चारण सही नहीं होता है, ऐसे लोग भी पन्ना धारण कर सकते हैं। क्योंकि वाणी से संबंधित रोग बुध देव ही देते हैं।

ये लोग कर सकते हैं पन्ना धारण

पन्ना रत्न मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए भाग्य रत्न साबित हो सकता है। क्योंकि इन राशियों पर बुध का ही आधिपत्य है। इसके अलावा पन्ना वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातक भी पहन सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में सकारात्मक स्थित हैं तो भी ये रत्न धारण किया जा सकता है। अगर जन्मकुंडली में बुध ग्रह नीच (नकारात्मक) स्थिति है तो पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।

इस विधि से करें धारण

पन्ना को कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का धारण करना चाहिए। साथ ही पन्ना चांदी या सोने के धातु में पहना जा सकता है। पन्ना हाथ की सबसे छोटी ऊंगली (कनिष्ठा) में धारण किया जाता है।  इसे सूर्योदय बुधवार के दिन सुबह लगभग 10 बजे तक धारण किया जा सकता है।

पन्ना धारण करने से पहले उसे एक रात के लिए गंगाजल, शहद, मिश्री व दूध के घोल में डुबोकर रख दें। जिससे उसका शुद्धिकरण हो जाए। उसके बाद इसे निकाल कर धूप दीप दिखाएं और ऊं बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप कर धारण कर लें और बुध ग्रह से जुड़ा दान किसी मंदिर के पुजारी को चरण स्पर्श करके देकर आएं। अगर इस विधि से पन्ना धारण करेंगे तो वह बहुत जल्दी शुभ फल देगा।

पन्ना रत्न कौन से हाथ में पहनना चाहिए?

पन्ना हरे रंग का होता है। इसे कनिष्ठा यानी छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। क्योंकि इस उंगली के अंतिम पोर से सटा हुआ बुध पर्वत होता है।

पन्ना की अंगूठी कैसे पहने?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पन्ना रत्न चांदी या सोने में जड़वाकर हाथ की सबसे छोटी उंगली में बुधवार के दिन ही धारण करना चाहिए. - पन्ना रत्न सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक ही धारण किया जा सकता है. रत्न शास्त्र के अनुसार सोने में धारण करना शुभ माना जाता है. - पन्ना कम से कम सवा 7 कैरेट में ही धारण करना चाहिए.

किस उंगली में कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?

सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद, केतु के लिए लहसुनियां। पुखराज तर्जनी में ही क्यों पहनने की सलाह देते हैं, क्योंकि कोई भी व्यक्ति धमकी, निर्देश आदि देता है तो इसी उंगली से देता है।

पन्ना कितने दिन में अपना असर दिखाता है?

पन्ना रत्न दो कैरेट से लेकर कई प्रकार का होता है। पन्ना रत्न पहनने के बाद 45 दिनों के अंदर इसका असर दिखने लगता है और इसका प्रभाव 3 वर्ष तक रहता है।