प्रेगनेंसी में पानी की कमी कैसे दूर करे - preganensee mein paanee kee kamee kaise door kare

आप घबराए नहीं। अपनी डॉक्टर को फोन करें और उन्हें बताएं कि आपको क्या महसूस हो रहा है।

आपकी पानी की थैली तब फटती है, जब गर्भाशय में शिशु को सुरक्षित रखने वाली एमनियोटिक द्रव की थैली फट जाती है। जब यह फटती है, तो द्रव बाहर रिसना शुरु होता है और आपकी ग्रीवा से होते हुए आपकी योनि से बाहर आता है। हर महिला का अनुभव अलग होता है, हो सकता है पानी एकाएक बाहर आ जाए या तेज बहाव के साथ बाहर आए या फिर धीरे-धीरे रिसने लगे।

बेहतर है कि आप सैनिटरी पैड (टैम्पाॅन नहीं) पहन लें ताकि द्रव के रंग पर ध्यान दे सकें और यह भी जान सकें कि कितना द्रव निकल रहा है।

जब प्रसव ​शुरु होने से पहले और 37 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले आपकी पानी की थैली फट जाए, तो इसे समय से पहले ​थैली का फटना माना जाता है। चिकित्सकीय भाषा में इसे प्रीटर्म प्री-लेबर रप्चर आफॅ मेम्ब्रेन (पीपीआरओएम) कहा जाता है। चाहे स्थिति कोई भी हो, डाॅक्टर आपको अस्पताल या नर्सिंग होम आने के लिए कहेंगी, ताकि पुष्टि हो सके कि आपकी पानी की थैली वास्तव में समय से पहले फटी है या नही।

यदि आपका पानी बहुत तेज बहाव के साथ निकला है, तो शिशु की गर्भनाल का बहकर नीचे आपकी योनि में आने का थोड़ा खतरा रहता है। हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है और निम्नांकित स्थितियों में ऐसा होने की संभावना ज्यादा रहती हैः

  • आपका शिशु गर्भ में सिर ऊपर और नितंब नीचे (ब्रीच पाॅजिशन) वाली स्थिति में है।
  • आपके गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु पल रहे हैं
  • शिशु का सिर नीचे की तरफ न आने का कोई अन्य कारण है

यदि आप गर्भनाल को देख या महसूस कर सकती हैं तो डाॅक्टर आपको सलाह देंगी कि आप एम्बुलेंस में अस्पताल आएं। जब तक आप एम्बुलेंस के आने का इंतजार कर रही हों, तब तक आप अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाए और सिर को नीचे और नितंबों को ऊपर की ओर उठा कर रखें। यह अवस्था शायद आपको अजीब लगे, मगर इससे आपके शिशु का वजन गर्भनाल से हट जाएगा, जिससे शिशु को अपरा (प्लेसेंटा) के जरिये अब भी ऑक्सीजन मिलती रहेगी। गर्भनाल को छूने या इसे वापिस अंदर डालने की कोशिश न करें।

अस्पताल में डॉक्टर आपकी ग्रीवा की आंतरिक जांच करेंगी। गर्भावस्था के अंतिम चरण में थोड़ी मात्रा में पेशाब रिसना आम है और गलती से यह माना जा सकता है कि आपकी पानी की थैली फट गई है। डॉक्टर आंतरिक जांच के जरिये आश्वस्त होना चाहेंगी कि आपकी पानी की थैली वाकई फट गई है या फिर यह केवल पेशाब का रिसाव है।

कई बार, थैली बहुत हल्की सी ही फटती है और इसका पता चलना मुश्किल होता है। इससे डॉक्टर को यह पता लगाने में कठिनाई होती है कि आपकी पानी की थैली फटी है या नहीं। आपकी डॉक्टर आपसे सैनिटरी पैड पहनने और एक घंटे घंटा इंतजार करने के लिए कह सकती हैं, ताकि पता चल सके कि वास्तव में द्रव रिस रहा है। इस तरह डॉक्टर यह पुष्टि कर सकती हैं कि पानी की थैली फटी है या नहीं।

आपके पैड में द्रव के रंग को देखकर डॉक्टर के लिए यह जान पाना आसान हो जाता है कि यह एमनियोटिक द्रव है या केवल पेशाब। एमनियोटिक द्रव लगभग साफ होता है और इसमें हल्की पीली रंगत होती है। इसमें थोड़े खून के धब्बे भी हो सकते हैं। इसकी गंध पेशाब से अलग होती है।

सैनिटरी पैड पर द्रव के रंग को देखकर डॉक्टर को यह जानने में भी मदद मिलती है कि गर्भस्थ शिशु की सेहत कैसी है। अगर आपके शिशु ने गर्भ में ही अपना पहला मलत्याग कर दिया है, तो आपका पानी हरा-भूरा होगा या इसमें गहरे रंग की गांठें सी हो सकती हैं। यह इस बात का संकेत है कि आपका शिशु शायद अंदर ठीक नहीं है, इसे भ्रूण संकट (फीटल डिस्ट्रेस) कहा जाता है।

कई बार शिशु के आसपास मौजूद द्रव की मात्रा का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की जरुरत होती है।

जब डॉक्टर इस बात की पुष्टि कर देती हैं कि आपकी पानी की थैली फट चुकी है, तो वे आपको अस्पताल में ही रहने को कहेंगी ताकि आप और आपके शिशु पर नजदीकी निगरानी रखी जा सके। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी की थैली फटने के बाद शिशु की संक्रमणों के प्रति प्रतिरक्षा उतनी नहीं रहती। आपकी योनि में मौजूद जीवाणुओं का भी आपके गर्भाशय में प्रवेश करने का खतरा रहता है, जिससे आपके और आपके शिशु के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

डाॅक्टर आपके रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), तापमान और हृदय गति की जांच करेंगी, ताकि सुनिश्चित हो सके कि आपको काई इनफेक्शन नहीं है। वे आपके शिशु के दिल की धड़कन पर भी नजर रखेंगी ताकि पता चल सके कि उसकी स्थिति क्या है।

इसके बाद डाॅक्टर यह निर्णय लेंगी कि वे प्रसव अपने आप शुरु होने का इंतजार करेंगी या प्रसव पीड़ा प्रेरित (इंड्यूस्ड लेबर) करेंगी या इमरजेंसी सीजेरियन ऑपरेशन करेंगी। यह निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी गर्भावस्था कितनी आगे बढ़ चुकी है और आपकी और गर्भस्थ शिशु की सेहत कैसी है।

यदि आपकी पानी की थैली नहीं फटी हो और यह केवल नकली संकेत हो, तो आपको घर जाने के लिए कह दिया जाएगा। मगर, आप ध्यान देती रहें कि द्रव का रिसाव तो नहीं हो रहा। यदि रिसाव बहुत हल्का हो, तो थैली का थोड़ा सा फटना पकड़ में नहीं आता।

साथ ही आप गर्भावस्था के उन खतरनाक संकेतो पर भी नजर रखें, जिन्हें कभी भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपके कोई भी सवाल या चिंता हों, तो डाॅक्टर से बात करने में न हिचकिचाएं।

अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: I think my waters have broken early. What should I do?

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प्रेगनेंसी में पानी की कमी कैसे दूर करे - preganensee mein paanee kee kamee kaise door kare

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प्रेगनेंसी में पानी कम हो तो क्या करे?

प्रेगनेंसी में पानी की कमी कैसे दूर करें हर घंटे में एक कप पानी यानी 150 से 180 मि. ली पानी पीएं। अगर सादा पानी पीने में दिक्‍कत हो रही है तो पानी में नींबू आदि डालकर भी पी सकती हैं। शरीर में फ्लूइड की मात्रा बढ़ाने के लिए सूप, जूस और स्‍मूदी लें।

प्रेगनेंसी में पानी कैसे बढ़ाएं?

आपको भोजन से भी पानी मिलता है।.
कैफीनमुक्त पेय। नारियल पानी, नींबू पानी, घर पर बना जलजीरा, आम पन्ना या सत्तू का पेय आजमाएं। ... .
फलों का ताजा जूस। ... .
दूध और डेयरी आधारित पेय। ... .
स्मूदी। ... .
पानी की उच्च मात्रा वाले भोजन।.

गर्भवती महिला को सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खाली पेट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं. इससे ना केवल शिशु का शारीरिक विकास हो सकता है बल्कि मानसिक विकास होने में भी मदद मिल सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डेरी उत्पाद चीजें जैसे दूध, दही, छाछ आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.

प्रेग्नेंट लेडीज को 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए?

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान 1 दिन में प्रेग्नेंट महिला को लगभग 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिएप्रेग्नेंट महिलाओं को पानी के साथ-साथ अन्य जल पदार्थ का भी सेवन करना जरूरी होता है। इससे महिला के साथ बच्चे की सेहत को भी फायदा पहुंचता है।