जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है, उसमें कई तरह के शारीरिक बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। इन बदलावों के साथ-साथ उसे कई तरह की शारीरिक परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों में से एक है पेट दर्द, जिससे अमूमन हर गर्भवती महिला परेशान रहती है। वह अक्सर इसकी शिकायत अपने डॉक्टर से करती हैं और इलाज भी कराती हैं। इसके अलावा, कई महिलाएं तो गर्भावस्था में होने वाले पेट दर्द की वजह से अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहती हैं। इसलिए, हम मॉमजंक्शन के इस लेख
में गर्भावस्था में पेट दर्द के विषय पर विस्तार बात करेंगे। Show
आइए, पहले यह जानते हैं कि पेट में दर्द होना कोई गंभीर विषय तो नहीं है। गर्भावस्था में पेट दर्द होना सामान्य है। पहली तिमाही, दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में पेट दर्द व ऐंठन की समस्या गर्भवती को बनी रहती है, लेकिन हर तिमाही के दौरान होने वाले पेट दर्द के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जहां पहली तिमाही में कब्ज व रक्त प्रवाह की तेजी से पेट में दर्द हो सकता है, तो वहीं दूसरी और तीसरी तिमाही में ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन के कारण पेट में होने वाले खिंचाव से दर्द हो सकता है। अगर आपकी गर्भावस्था स्वस्थ चल रही है तो पेट में मामूली दर्द, मरोड़ व ऐंठन होना सामान्य होता है, लेकिन अगर यह दर्द तीव्र व असहनीय हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आइए, अब जानते हैं कि पेट में कितने प्रकार के दर्द हो सकते हैं। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द के विभिन्न प्रकारगर्भावस्था के दौरान आपको पेट में कई जगह दर्द हो सकता है। कभी यह दर्द तेज हो सकता है, तो कभी हल्का। कभी-कभी शरीर में मौजूद अंगों का दबाव भी पेट दर्द का कारण बन सकता है। नीचे हम पेट दर्द के इन्हीं प्रकारों के बारे में बता रहे हैं।
आइए, अब नजर डालते हैं गर्भावस्था में पेट दर्द के कुछ सामान्य कारणों पर। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था में पेट दर्द के सामान्य कारण | Pregnancy Me Pet Dard Kyu Hota Haiगर्भावस्था में यकीनन पेट दर्द की समस्या काफी परेशान करती है। ऐसे में इसके पीछे के कारणों के बारे में जानना जरूरी है। गोल अस्थिबंध दर्द : गर्भावस्था में जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, गोल अस्तिबंध यानी लिगामेंट में खिंचाव पड़ने लगता है। यह ज्यादातर दूसरी तिमाही में होता है। अमूमन, हिलने-डुलने पर यह दर्द तेज हो सकता है (1), लेकिन दर्द असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गैस और कब्ज : गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन बढ़ने से पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है, जिस कारण गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है। इसके चलते भी पेट दर्द होता है। इससे राहत पाने के लिए आपको फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए (2)। ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन : यह ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही में होता है, जिसके चलते पेट में संकुचन जैसा महसूस होता है। यह संकुचन 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक का हो सकता है (3)। बढ़ता गर्भाशय : गर्भावस्था के दौरान बढ़ता गर्भाशय भी पेट दर्द का कारण बन सकता है। इस कारण जी-मिचलाना जैसी समस्या भी हो सकती है (4)। ऑर्गेज्म के दौरान दर्द : गर्भावस्था में सहवास के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचने के कारण भी पेट दर्द की समस्या हो सकती है। यह चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि इस दौरान काफी हल्का दर्द महसूस होता है। इसके अलावा, गुर्दे की पथरी, पेट के वायरस, गर्भाशय फाइब्रॉइड या फिर किसी तरह के भोजन से संवेदनशीलता के चलते भी पेट में दर्द हो सकता है। लेख के अगली हिस्से में आप जानेंगे कि इस दर्द के पीछे मुख्य कारण क्या होते हैं। गर्भावस्था में पेट दर्द के गंभीर कारणएक्टोपिक प्रेगनेंसी : इस अवस्था में भ्रूण गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब से जुड़ जाता है (5)। जिन महिलाओं में ऐसा होता है, उन्हें अक्सर पेट में दर्द होता है। मूत्रमार्ग में संक्रमण : गर्भावस्था में मूत्रमार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई भी पेट दर्द का कारण हो सकता है। ऐसे में पेशाब के दौरान जलन या फिर जी-मिचलाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं (6)। अपेंडिसाइटिस : गर्भावस्था के दौरान अपेंडिसाइटिस एक गंभीर स्थिति है। इसका निदान करना भी मुश्किल होता है। भूख की कमी, मितली व पेट दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं (7)। समय पूर्व प्रसव के लक्षण : अगर गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले संकुचन शुरू हो जाए, तो यह समय पूर्व प्रसव पीड़ा का लक्षण हो सकता है। यह संकुचन एक घंटे में चार या पांच बार से ज्यादा हो सकता है। इस दौरान आपको पेट में दर्द (मासिक धर्म जैसा दर्द), योनि से रक्तस्राव जैसा महसूस हो सकता है (8)। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पित्ताशय में पथरी : वहीं, जिन गर्भवती महिलाओं को पित्ताशय में पथरी होती है, उन्हें भी पेट दर्द की समस्या बनी रहती है। गर्भपात : गर्भावस्था में 20वें सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु को गर्भपात कहा जाता है। इस दौरान, योनि से रक्तस्राव हो सकता है, जिस कारण कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक पेट दर्द की समस्या हो सकती है। ज्यादातर गर्भपात पहली तिमाही में होता है, लेकिन किन्हीं विशेष कारणों से दूसरी तिमाही में भी गर्भपात हो सकता है (9)। प्रीक्लेम्पसिया : गर्भावस्था की दूसरी तिमाही मे प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। यह उच्च रक्तचाप और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने के कारण होता है। प्रीक्लेम्पसिया होने पर गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व रक्त नहीं पहुंचता है। ऐसा होने पर पेट में दर्द, तेज सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी व चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं (10)। प्लेसेंटा का टूटना : प्लेसेंटा एक जीवनदायनी थैली होती है, जो शिशु की रक्षा करती है। जब यह थैली गर्भाशय से हटने लगती है, तब पेट दर्द होता है। ऐसा ज्यादातर तीसरी तिमाही में होता है। कभी-कभी इस परिस्थिति में डॉक्टर को गर्भवती की तुरंत सिजेरियन डिलीवरी करने का फैसला लेना पड़ता है। ऐसा अमूमन उच्च रक्तचाप या फिर प्लेसेंटल अब्रप्शन के कारण होता है (11)। आइए, अब पता करते हैं कि गर्भावस्था में पेट दर्द कब परेशानी का सबब बनता है। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द होना कब चिंता का विषय बन सकता है?यहां हम हर तिमाही के हिसाब से बताएंगे कि कब यह चिंता का विषय बन सकता है। इन स्थितियों में महिला को ज्यादा देरी न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए : 1. पहली तिमाही
2. दूसरी तिमाहीदूसरी तिमाही में थोड़ा बहुत पेट दर्द होना चिंता का विषय नहीं होता। इस तिमाही में गर्भपात का खतरा कम होता है, लेकिन आशंका बनी रहती है। अगर 12वें सप्ताह से लेकर 24वें सप्ताह के बीच पेट में तेज मरोड़ के साथ ब्लीडिंग हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए (12)। 3. तीसरी तिमाहीगर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेट दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला तो यह कि अब प्रसव का समय नजदीक आ रहा है, जिस कारण शरीर लचीला हो रहा है। इसके अलावा, इस दौरान सबसे बड़ा चिंता का कारण होता है समय पूर्व प्रसव होना। अगर गर्भवती का समय पूर्व प्रसव होने वाला हो, तो इस दौरान पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द, पेट में हल्के मरोड़ और दस्त हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। चलिए, अब नजर डालते हैं कि प्रेगनेंसी में पेट दर्द से राहत पाने के लिए क्या इलाज है। वापस ऊपर जाएँ प्रेगनेंसी में पेट में होने वाले दर्द का इलाज | Pregnancy Me Pet Dard Ka Ilajगर्भावस्था में पेट दर्द होने पर एहतियात बरतने की जरूरत है। इस दौरान, हल्का दर्द होना सामान्य है, जो चिंता का विषय नहीं होता। वहीं, अगर यह दर्द बहुत देर से और तेज हो रहा हो, तो लापरवाही न बरतते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। फिलहाल, नीचे हम इस दर्द से राहत पाने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो गर्भवती के काम आ सकते हैं :
इलाज के बारे में जानने के बाद आइए, नजर डालते हैं कि आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए। वापस ऊपर जाएँ गर्भावस्था में पेट में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिएअगर गर्भावस्था के दौरान पेट में तेज दर्द होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें। नीचे दिए गए लक्षणों में से अगर एक भी दिखाई दे, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें :
जैसा कि हमने बताया गर्भावस्था में पेट दर्द होना सामान्य है, जिसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। फिर भी सावधानी बरतना बेहतर होता है। इसलिए, आप इस दर्द के बारे में समय-समय पर अपने डॉक्टर से चर्चा करते रहें, ताकि डॉक्टर समय रहते समस्या को पकड़ लें और सही इलाज कर सके। वापस ऊपर जाएँ अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या मुझे गर्भावस्था के दौरान किसी अन्य कारण से पेट दर्द हो सकता है?हां, गर्भावस्था के दौरान कई तरह के पेट दर्द सामान्य होते है, जैसे – पेट फूलने के कारण पेट दर्द, ब्रेक्सट हिक्स संकुचन के कारण पेट दर्द, गैस और कब्ज के कारण होने वाला दर्द। अमूमन इस तरह के दर्द चिंता का विषय नहीं होते, लेकिन दर्द तेज हो और असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मैं क्या करूं अगर मुझे तबीयत खराब लगे और पेट दर्द भी हो?जरूरी नहीं कि आपको पेट दर्द गर्भावस्था के कारण ही हो। इसके पीछे अपेंडिसाइटिस, गुर्दे की पथरी, यूटीआई, ओवेरियन सिस्ट, गैस व कब्ज जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में सबसे पहले पेट दर्द के कारणों का पता लगाना जरूरी है। तबीयत ठीक महसूस न होने पर भी डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है, क्योंकि गर्भावस्था में किसी भी बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता। डॉक्टर तबीयत खराब लगने और पेट दर्द के कारणों की जांच कर उचित उपचार करेंगे। वापस ऊपर जाएँ यह आर्टिकल पढ़ने के बाद इतना तो कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौराना हल्का पेट दर्द चिंता का कारण नहीं है। हां, अगर दर्द तेज व लगातार होता है, तो बिना देरी किए डॉक्टर को
दिखाना चाहिए। साथ ही खान-पान व स्वास्थ्य पर ध्यान देकर इस समस्या से पूरी गर्भावस्था के दौरान बचा जा सकता है। इसलिए, अगर आप भी गर्भवती हैं, तो अपना ध्यान रखें और किसी भी तरह की समस्या से खुद को बचाकर रखें। गर्भावस्था से संबंधित ऐसी ही और जानकारियों के लिए जुड़े रहें हमारे साथ। References:MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy. Was this article helpful? The following two tabs change content below. प्रेगनेंसी में महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है?गर्भावस्था में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना काफी आम और सामान्य बात है। ऐसा संभवतया गर्भ में शिशु के बढ़ने पर अस्थिबंधों (लिगामेंट्स) पर दबाव पड़ने की वजह से होता है। अस्थिबंध वे सख्त ऊतक होते हैं जो आपकी हड्डियों और ऊत्तकों को जोड़ते हैं। कुछ अस्थिबंध आपके अंगों को सहारा देते हैं, ताकि वे अपनी जगह पर बने रहें।
प्रेगनेंसी में पेट के कौन से हिस्से में दर्द होता है?बाईं ओर पेट के निचले हिस्से (पेड़ू) में दर्द - Pet Ke Nichle Hisse Mein Dard in Hindi. गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द आपके गर्भाशय और उसे स्थिरता प्रदान करने वाली अस्थियों के खिंचने के कारण होता है. भ्रूण के बढ़ने के साथ गर्भाशय की आंतरिक दीवार पर तनाव पड़ता है.
प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए?प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स से बचने की शर्तें
ऐसे मामले में, डॉक्टर सलाह देते हैं कि कम से कम 14 सप्ताह तक यौन संबंध न रखें। आपका डॉक्टर गर्भवती महिला को यौन संबंध नहीं रखने की सलाह दे सकता है। अगर उनके पास गर्भाशय ग्रीवा की बीमारी का इतिहास है, भारी ब्लीडिंग, योनि संक्रमण हो गया है और लो लेइंग प्लेसेंटा है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द होने का क्या मतलब होता है?आंत्रशोथ/गैस्ट्रोएंटेराइटिस गैस्ट्रोएंटेराइटिस (कभी-कभी पेट फ्लू कहा जाता है) पेट के निचले हिस्से में दर्द का एक और आम कारण है। यह आमतौर पर एक वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण (टमी बग) के कारण होता है जो आपके पेट और आंतों की परत में जलन और सूजन पैदा करता है, जिससे दर्द होता है।
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