प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन क्यों होता है? - praivet paart mein inphekshan kyon hota hai?

Causes of Fungal infection in Private Parts: अक्सर महिलाओं को उनके प्राइवेट पार्ट में खुजली, जलन, इंफेक्शन की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. महिलाओं के साथ ही पुरुषों को भी ये समस्याएं होती हैं. खासकर, गर्मियों के मौसम में प्राइवेट पार्ट्स में फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) होने की संभावना अधिक रहती है. बार-बार इचिंग, जलन या अन्य कोई समस्या महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें. मेडलिंक्स (नई दिल्ली) के एमडी डायरेक्टर एंड डर्मटोलॉजिस्ट डॉ. पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि प्राइवेट पार्ट में होने वाला सबसे कॉमन फंगल इंफेक्शन है कैंडिडा (Candida). यह फंगल इंफेक्शन महिलाओं में सबसे अधिक कॉमन है. इसे वल्वो वेजाइनल कैडियाइसिस (vulvo vaginal candidiasis) कहते हैं. फीमेल में आम है, लेकिन पुरुषों में भी होता है. महिलाओं में इसके लक्षण जो नजर आते हैं, वे हैं कर्डी जिस्चार्ज, खुजली, वेजाइना के लिप्स में रेडनेस, इर्रिटेशन आदि. पुरुषों में कैंडिडा उनमें अधिक होता है, जो प्री-डायबिटिक या डायबिटीक होते हैं. इसमें पेनिस की फोरस्किन पर कर्डी डिपॉजिट्स और रेडनेस हो जाती है.

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क्यों होता है कैंडिडा इंफेक्शन

डॉ. चतुर्वेदी आगे बताते हैं, कैंडिडा हमारे शरीर में नॉर्मली रहता है और जब भी प्राइवेट पार्ट्स के भाग के पीएच वैल्यू में बदलाव होता है या फिर प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई नहीं करते हैं, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, डायबिटीज या एचआईवी की समस्या है, ऐसे मरीजों में कैंडिडा इंफेक्शन बहुत अधिक देखने को मिलता है. यह सबसे कॉमन फंगल इंफेक्शन है.

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टीनिया क्रूरिस को न करें नजरअंदाज

प्राइवेट पार्ट में होने वाला दूसरा सबसे कॉमन फंगल इंफेक्शन है टीनिया क्रूरिस (tinea cruris). यह एक फंगल इंफेक्शन है, जिसे आमतौर पर दाद या रिंग वॉर्म भी कहते हैं. इसमें थाई वाले भाग (groin area) में रिंग शेप में लाल रंग के चकत्ते हो जाते हैं. पिछले पांच वर्षों में इसके मामले काफी बढ़े हैं और इसका कारण है एंटी फंगल रेजिस्टेंस. आज से दस वर्ष पहले जो दवाइयां इस पर काम कर जाती थीं, आज वे दवाइयां उतनी ज्यादा असरदार नहीं हैं. भारत में इस समस्या के बढ़ने के कारणों से संबंधित कई स्टडीज भी की गई हैं. इसके बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण है, मरीजों द्वारा खुद से टीनिया क्रूरिस का इलाज करना. किसी भी मेडिकल स्टोर से खुद से दवाएं, क्रीम लेकर यूज करना. ऐसी स्थिति में कई केसेज में ये इतने बढ़ जाते हैं कि स्ट्रॉन्ग दवाएं देने पर ये कम तो हो जाते हैं, लेकिन जड़ से खत्म नहीं होते हैं.

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प्राइवेट पार्ट में फंगल इंफेक्शन का इलाज

किसी क्वालिफाइड डर्मटोलॉजिस्ट से इसे दिखाना चाहिए. प्रॉपर डायग्नोसिस करके ही इसे जड़ से खत्म कर सकते हैं. सही निदान होगा तो ही प्रॉपर इलाज चलेगा. क्रीम, ओरल मेडिकेशन के जरिए इसका इलाज चलता है. दवाओं का प्रॉपर कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी है. किसी भी कोर्स को बीच में न छोड़ें. बार-बार फंगल इंफेक्शन होने पर डॉक्टर उन कारणों की भी जांच करते हैं, जिससे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जैसे डायबिटीज, एचआईवी इंफेक्शन, शरीर में जिंक की कमी आदि. यदि आपको डायबिटीज है और बार-बार सिर्फ फंगल इंफेक्शन, कैंडिडा का इलाज किया जा रहा है, तो इससे असर नहीं होगा. इसके लिए जरूरी है कि डायबिटीज का भी ट्रीटमेंट हो वरना फंगल इंफेक्शन का हर इलाज फेल हो जाएगा. प्रॉपर इलाज लें तो कैंडिडा की समस्या दूर हो सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • बार-बार खुजली न करें वरना प्राइवेट पार्ट की स्किन में एग्जीमा, लाल चकत्ते हो सकते हैं.
  • वेजाइनल पार्ट की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें.
  • जितना हो सके इस भाग को ड्राई रखें.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : February 15, 2022, 16:18 IST

यदि सेक्स करते समय किसी भी तरह की कोई लापरवाही बरती जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इस वजह से योनि में इंफेक्शन हो सकता है और सेक्स को वजाइनल इंफेक्शन के सबसे प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। अक्सर महिलाओं को सेक्स के दौरान या बाद में योनि में दर्द और योनि में इंफेक्शन की समस्या हो जाती है।

यहां तक कि कुछ महिलाओं का यह भी कहना है कि कंडोम के इस्तेमाल के साथ सुरक्षित सेक्स करने के बाद भी, उन्हें योनि में इंफेक्शन की समस्या हुई है।

बता दें कि यौन संचारित रोग महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही बड़ी तेजी से फैलते हैं। इसलिए, हर महिला को सेक्स से पहले यह जान लेना चाहिए कि सेक्स की वजह से उनकी योनि में किस तरह के इंफेक्शन या रोग हो सकते हैं।

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सेक्स के बाद योनि में होने वाले इंफेक्शन (Vaginal Infection) या प्राइवेट पार्ट में खुजली

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis)

बैक्टीरियल वेजिनोसिस, सेक्स के जरिए योनि में होने वाले इंफेक्शन (वजायनल इंफेक्शन) का सबसे आम कारण हो सकता है। इसे योनि बैक्टीरियोसिस के रूप में भी जाना जाता है। जिन महिलाओं का प्रसव 15 साल से 44 साल की उम्र में होता है, उनमें इस इंफेक्शन के खतरे की संभावना सबसे अधिक होती है।

इसके अलावा, सेक्स पार्टनर बदलने से भी इसका खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। हालांकि, ऐसी महिलाएं, जिन्होंने अभी तक संभोग नहीं किया है, उनमें भी इसके लक्षण देखे जा सकते हैं लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है।

इसके अलावा बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) भी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के खतरे को बढ़ा देता है। अगर किसी महिला को बैक्टीरियल वेजिनोसिस की समस्या है, तो वह इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के सुरक्षित विकल्प को नहीं चुन सकती है।

इसके अलावा, बैक्टीरियल वेजिनोसिस की समस्या पेल्विक हिस्से में सूजन की बीमारी (पीआईडी) के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। इसके कारण योनि के ऊपरी हिस्से में संक्रमण और सूजन हो सकती है। यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो यह बांझपन जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है।

प्राइवेट पार्ट में इन्फेक्शन क्यों होता है? - praivet paart mein inphekshan kyon hota hai?

महिलाओं में यौन समस्याओं के प्रकार- Sex problem in women

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) के लक्षण क्या हैं?

निम्न लक्षणों से बैक्टीरियल वेजिनोसिस की पहचान की जा सकती है :

  • योनि में खुजली होना
  • योनि में जलन होना
  • योनि से मछली जैसी गंध आने के साथ ग्रे रंग का चिपचिपा पदार्थ आना
  • पेशाब के दौरान योनि में जलन होना

ऊपर बताए गए बैक्टीरियल वेजिनोसिस के लक्षणों में से अगर कोई एक समस्या आपको हो रही है तो आमतौर पर यह सामान्य हो सकती है। लेकिन, अगर एक से अधिक लक्षण दिखाई दें, तो जल्द से जल्द इसके उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के उपचार के लिए आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।

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वजायनल यीस्ट (vaginal yeast infection) या प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन

आमतौर पर वजायनल यीस्ट इंफेक्शन यौन संचारित संक्रमण के तहत नहीं आता है लेकिन, सेक्स के बाद योनि में फंगस या किसी भी तरह के इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

हालांकि, वजायनल यीस्ट इंफेक्शन की समस्या सेक्स और साफ-सफाई का विशेष ध्यान न रखने की वजह से हो सकता है। यह बैक्टीरियल वजिनोसिस की तरह ज्यादा जोखिम भरा नहीं होता है। घरेलू उपचारों की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है।

क्या अन्य कारणों से भी वजायनल यीस्ट इंफेक्शन (योनि संक्रमण) का खतरा हो सकता है?

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि वजायनल यीस्ट इंफेक्शन का खतरा योनि सेक्स के माध्यम से ही बढ़ सकता है। हालांकि, सेक्स के अलावा अन्य कारण भी हैं जिनकी वजह से योनि में इंफेक्शन की समस्या हो सकती है, जिनमें शामिल हैं :

  • तंग या गीले या पसीनेदार अंडरगारमेंट्स पहनना
  • योनि को साफ करने के लिए किसी तरह के कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करना
  • योनि में परफ्यूम का इस्तेमाल करना
  • योनि की उचित साफ-सफाई न रखना
  • बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल करना
  • एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करना
  • कोर्टिकोस्टेरोइड दवा का सेवन करना
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होना
  • हाई ब्लड शुगर की समस्या
  • प्रेग्नेंसी
  • ब्रेस्टफीडिंग

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ओरल सेक्स से भी हो सकता है योनि में इंफेक्शन (vaginal infection)

कई कपल्स को लगता है कि सिर्फ इंटरकोर्स से ही यौन रोग संक्रमण या योनि में इंफेक्शन का खतरा हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि ओरल सेक्स की वजह से भी योनि में इंफेक्शन हो सकता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि ओरल सेक्स के दौरान आपके साथी मुंह का इस्तेमाल करते हैं, जो कई तरह के बैक्टीरिया या फंगस पैदा करने का कारण बन सकता है।

योनि में यीस्ट संक्रमण से जुड़ी बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए

सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) (CDC) के एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका की लगभग 75 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में कम से कम एक बार यौन संचारित रोगों या संक्रमण के जोखिम से जरूर गुजरती हैं। इनमें से 40 से 45 प्रतिशत महिलाएं दो या इससे अधिक बार योनि में इंफेक्शन की समस्या से ग्रस्त होती हैं।

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योनि में इंफेक्शन(vaginal infection) होने के अन्य कारण

  • गीले या पसीना न सोखने वाले अंडरगारमेंट्स पहनना
  • गुप्तांग की साफ-सफाई न करना
  • गुप्तांग या उसके आसपास सुगंधित क्लींजर का इस्तेमाल करना
  • गर्भनिरोधक गोलियां, एंटीबायोटिक्स या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का अधिक इस्तेमाल करना
  • हाई ब्ल्ड प्रेशर या डायबिटीज होना
  • प्रेग्नेंसी
  • ब्रेस्टफीडिंग

योनि में इंफेक्शन से बचने के लिए क्या करें

आप कुछ बातों का ध्यान रखकर योनि में संक्रमण की समस्या से बच सकती हैं, जैसे कि :

  • वजाइना को साफ और सूखा रखें। प्राइवेट पार्ट में वजाइनल स्प्रे का इस्तेमाल करने से बचें।
  • ऐसे कपड़े पहनने से बचें जो नमी या गर्मी पैदा करते हों। नाइलोन के कपड़े, टाइट जींस, जिम शॉर्ट्स और लैगिंग वगैरह न पहनें।
  • सेक्शुअल पार्टनर्स के बीच इंफेक्शन फैलने से बचने का सबसे अच्छा तरीका कंडोम हैं।

इस बारे में जब हमने डॉक्टर श्रुति श्रीधर से बात की तो, उन्होंने इसका समाधान देते हुए बताया ”आपको हमेशा सेक्स के बाद पेशाब करना चाहिए। इसके अलावा, योनि भाग को सामान्य और साफ पानी से धोना चाहिए। ऐसा करने से सेक्स के बाद वजायनल इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।”

इसके अलावा, कई बार इस्तेमाल किए गए कंडोम की वजह से भी योनि में इंफेक्शन की समस्या देखी जा सकती है। इसलिए, हमेशा अच्छी क्वालिटी और सेहत के लिए भरोसेमंद कंडोम का ही इस्तेमाल करें। संभोग करने से पहले दोनों ही साथी अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य करवाएं। साथ ही, सेक्स के दौरान और बाद में हाइजीन का भी विशेष ध्यान रखें।

प्राइवेट पार्ट इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?

वेजाइना में खुजली, सूजन, जलन और लाली: वेजाइना के बाहरी हिस्से में दर्द। पेशाब करते समय जलन महसूस होना : पेशाब करते समय दर्द होना। गाढ़ा, सफेद या भूरे रंग का और पनीर जैसा दिखने वाला वेजाइनल डिस्चार्ज होना: आमतौर पर इसमें गंध नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में यीस्ट इंफेक्शन डिस्चार्ज में दुर्गंध भी हो सकती है

प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन होने पर क्या करें?

रुक्मिणी नायर का कहना है कि नीम में ऐसे गुण होते हैं जो प्राइवेट पार्ट एरिया कि खुजली, फंगल इंफेक्शन को दूर करते है। नीम की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर प्राइवेट पार्ट को इससे साफ करें। 2 से 3 मिनट तक अच्छे से साफ करें। ऑफिस से वापस आने के बाद गर्म पानी से फिर से प्राइवेट पार्ट को साफ करें

महिला के प्राइवेट पार्ट में खुजली के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है?

​टी ट्री ऑइली इस तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे खुजली में आराम मिलता है। इसे इस्‍तेमाल करने के लिये टी ट्री ऑइल की 4 से 6 बूंद ले कर नहाने के पानी में मिक्‍स करें। यही नहीं आप चाहें तो इसे एलोवेरा जेल के साथ मिक्‍स कर के अपने प्राइवेट पार्ट में लगा सकती हैं।