प्रिज्म से गुजरने पर श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का क्या कारण है? - prijm se gujarane par shvet prakaash ke vikshepan ka kya kaaran hai?

श्वेत प्रकाश के सात रंगों में विभाजित होने की परिघटना को _________ के रूप में जाना जाता है।

  1. कुल आंतरिक परावर्तन
  2. परावर्तन
  3. विक्षेपण
  4. इनमें से कोई भी नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विक्षेपण

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Electric charges and coulomb's law (Basic)

10 Questions 10 Marks 10 Mins

अवधारणा:

प्रकाश का विक्षेपण:

प्रिज्म से गुजरने पर श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का क्या कारण है? - prijm se gujarane par shvet prakaash ke vikshepan ka kya kaaran hai?

  • प्रकाश का विक्षेपण एक प्रिज्म से गुजरने पर सफेद प्रकाश की किरण को उसके घटक रंगों में विभाजित करने की परिघटना है।
  • इस प्रकार प्राप्त सात रंगों के बैंड को (दृश्यमान) वर्णक्रम कहा जाता है।
  • श्वेत प्रकाश का विक्षेपण इसलिए होता है क्योंकि श्वेत प्रकाश के रंग कांच के प्रिज्म से अलग-अलग गति से यात्रा करते हैं।

व्याख्या:

  • उपरोक्त से स्पष्ट है कि श्वेत प्रकाश के सात रंगों में विभाजित होने की परिघटना को प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं।

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Last updated on Sep 22, 2022

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प्रिज्म से गुजरने पर श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का क्या कारण है? - prijm se gujarane par shvet prakaash ke vikshepan ka kya kaaran hai?

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण (dispersion of light)
जब कोई सफ़ेद प्रकाश (श्वेत प्रकाश) किसी भी पारदर्शी प्रिज्म से गुजरता है तो वह सात अलग अलग रंगों म बट जाता है और इसी प्रक्रिया को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते है

या

जब श्वेत प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी प्रिज्म पर डाली जाती है तो वह प्रकाश की किरण अपने अवयवी रंगो मे विभक्त हो जाती है इस घटना को प्रकाश वर्ण विक्षेपण कहते है

इस घटना को सबसे पहले सर आईजैक न्यूटन ने देखा था

न्यूटन ने यह देखा की जब सूर्य के श्वेत प्रकाश को प्रिज्म मे से गुजारा जाता है तो प्रिज्म के दूसरी ओर रखे सफेद पर्दे पर प्रकाश की रंगीन पट्टी (band) बन जाती है इस पट्टी का एक सिरा लाल व दुसरा बैंगनी है तथा इसके बीच मे असंख्य रंग अविरवता से फैले रहते है

इन्ही रंगों की इस बैंड को स्पेक्ट्रम (spectrum) कहते है तथा सात रंगों से बनने वाले order ऑफ़ कलर को अगर नीचे से उनके कलर अनुसार पड़े तो वह VIBGYOR बनता है

इन सात रंगों को याद करने के लिए VIBGYOR शब्द का निर्माण करते है जिसमें से
V से बैंगनी (violet)
I से आसमानी (indigo)
B से नीला (blue)
G से हरा (green)
Y से पीला (yellow)
O से नारंगी (orange)
R से लाल (red)
सर isaac newton का यह बहुत पहले से ही मानना था की सफ़ेद रंग सफेद नही होता उसके अंदर और भी कई रंग होते है और यह चीज उन्होंने कांच के prism से स्थापित करदी

लाल प्रकाश की किरण मे विचलन सबसे कम तथा बैंगनी की सबसे ज्यादा होती है , प्रकाश की किरण मे विचलन भिन्न-भिन्न होता है

न्यूटन के बाद कई वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया की सूर्य का प्रकाश केवल लाल रंग तक ही सीमित नही है बल्कि लाल रंग के ऊपर तथा बैंगनी रंग के नीचे भी काफी विस्तार से फैला है इन्हे प्रकाश न कहकर अवरक्त विकिरण ( intra-red-radiation) तथा पराबैंगनी विकिरण (ultraviolet radiationl) कहते है

प्रकाश के वर्ण विक्षेपण के कारण-

जिस प्रकार हम जानते है कि प्रकाश का वर्ण विक्षेपण एक सफ़ेद रंग के अंदर होने वाले सात अलग अलग रंग होते है हर रंग जब किसी कांच के prism से गुजरता है तो उनका जो विचलन के कोण(angle of deviation) अलग अलग होते है

इन्ही सात रंगों में विचलन के कोण ( angle of deviation) की वजह से सबसे ऊपर जो रंग होता है वो है लाल ( red) और जो सबसे नीचे होता है वो है बैंगनी ( violet) क्योंकि लाल (red) रंग की जो चिरने की क्षमता होती है वह सारे रंगों में सबसे ज्यादा होती है
(उदाहरण) रोड पर लगे सिग्नल्स और रेलवे में लगे सिग्नल में रोकने के लिए लाल बत्ती का उपयोग करते है क्योंकि यह कितना भी कोहरा हो उसमे भी दिख जाता है

वही बैंगनी (violet) रंग हलके से अँधेरे में भी नहीं दिखता इसलिए लाल रंग को ऊपर और बैंगनी को सबसे नीचे रखा है

प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का उदाहरण

प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का सबसे अच्छा उदाहरण आकाश में बनने वाला इंद्रधनुष (rainbow) होता है यह nuture अपने आप बनाती है जब वर्षा और सूरज एक साथ होते है जैसे के वर्षा होने के बाद पानी की बूंदे nuture में रह जाती है और ऐसे में जब सूर्य की किरणें उसके पार निकलती है तो वह बूंदे prism का काम करती है और सूर्य से आने वाली किरण साथ अलग अलग रंगों में बट जाती है इसी वजह से इंद्रधनुष(rainbow) नजर आता है