(एक) 9 months ago पतंग कविता के कवि का क्या नाम है?इस कविता के रचयिता आलोक धन्वा हैं। इस कविता में कवि ने प्रकृति में आने वाले परिवर्तनों व बालमन की सुलभ चेष्टाओं का सजीव चित्रण किया है। व्याख्या-कवि कहता है कि आकाश में अपनी पतंगों को उड़ते देखकर बच्चों के मन भी आकाश में उड़ रहे हैं।
पतंग कविता में बच्चों के पैरों को क्या कहा गया है?'पतंग' कविता में कवि ने सवेरे की तुलना खरगोश की आँखों से की है क्योंकि खरगोश की आँखों में सवेरे जैसी लालिमा होती है। प्रश्न 14. कवि ने रूपक के रूप में बच्चों को कपास की तरह कोमल कहा है क्योंकि बच्चों का शरीर भी कपास की तरह मुलायम और कोमल होता है। बच्चे कहीं भी टिक कर नहीं बैठते, इसलिए कवि ने उनके पैरों को बेचैन कहा है।
पतंग कविता में कौन से जानवर की आंखों की बात की है?उनके बारे में लिखिए।
पतंग कविता में डाल का लचीला बैग किसका बताया गया है?बालसुलभ इच्छाओं एवं उमंगों से ओत-प्रोत 'पतंग' कविता कवि आलोक धन्या की एक लंबी कविता का अंश है, जिसमें कवि ने बताया है कि यह पतंग बच्चों की उमंगों का रंगीन सपना है। आसमान में ऊँची उड़ती पतंगें बालमन को आकर्षित करती हैं, साथ ही उन्हें ऊँचाइयाँ छूने के लिए प्रेरित भी।
|