प्रकाश के वर्ण विक्षेपण क्या है स्पेक्ट्रम कैसे बनता है? - prakaash ke varn vikshepan kya hai spektram kaise banata hai?

Solution : श्वेत प्रकाश के अपने विभिन्न अवयवों में विभाजन को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते (dispersion of light) हैं। <br> <img src="https://doubtnut-static.s.llnwi.net/static/physics_images/KP_HIN_MHM_TYS_PHY_X_C03_E01_070_S01.png" width="80%"> <br> रंगीन पट्टी (स्पेक्ट्रम) इस कारण उत्पन्न होती है कि प्रिज्म द्वारा (विभिन्न तरदैर्ध्य) के प्रकाश का विचलन अलग-अलग होता है-लाल वर्ण (रंग) का विचलन सबसे कम और बैंगनी (रंग) का विचलन सबसे अधिक। प्रिज्म द्वारा विभिन्न वर्णों (रंगों) के अलग-अलग विचलन का कारण यह है कि विभिन्न वर्गों (विभिन्न तरंगदैर्ध्या) का प्रकाश काँच के विभिन्न चाल में चलता है।

हेलो दोस्तों हमारे पास एक प्रश्न है प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है स्पेक्ट्रम कैसे बनते हैं तो आइए एक चित्र के माध्यम से हम प्रकाश का वर्ण विक्षेपण को समझते हैं चित्र में एक कांच के ब्रिज में द्वारा वेद प्रकाश का विक्षेपण यानी कि वर्ण विच्छेद की घटना को दर्शाई गई है जैसे कि दिखाया गया है ए बी सी डी प्रकार का ब्रिज में है जिसमें से हम एक श्वेत प्रकाश को गुजारते हैं तो इस स्थिति में हम देखते हैं जबसे प्रकाश किसी विरेंद्र माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करता है यानी कि पहले जब यह सही प्रकार से विरल माध्यम में प्रवेश कर रहा है यानी कि इस वेद प्रकाश के आसपास किसी प्रकार का वायु या निर्माण का स्थान होगा तुझे भी ऐसे ही प्रकाश किसी विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश कर रहे हैं तो इसे प्रकाश के लिए सघन माध्यम यह ब्रिज में होगा तो हम देखते हैं किसी प्रकाश के विरोध से

सघन माध्यम में जाने पर यश वेद प्रकाश अपने सात रंगों में विभक्त हो जाती है तो इसका मुख्य कारण यह है कि हमें पता है कि किसी भी पदार्थ का अपवर्तनांक का मांग मान प्रकाश की तरंग धैर्य पर भी निर्भर करता है अतः हम कह सकते हैं कि अलग-अलग रंगों के लिए अपवर्तनांक का मान अलग-अलग होते हैं क्योंकि प्रत्येक रंग का तरंग धैर्य भी भिन्न-भिन्न होता है अब से चित्र के अनुसार अगर हम देखें तो हमें लाल रंग का चोला रंग प्राप्त हो रहा है ऊपर की ओर और बैगनी रंग जो प्राप्त होगा हमें नीचे की ओर प्राप्त होगा ऐसा इसलिए है क्योंकि लाल रंग का तरंग धैर्य सर्वाधिक होता है यानी कि सबसे लंबा होता है और उसका अपवर्तनांक कम होता है अपवर्तनांक कम होने से तात्पर्य है कि यह प्रकाश जो है अभी अपने मार्ग में या जो लाल रंग होगा अपने मार्ग से कम विचलित होगा तो जिस रंग का तरंग धैर्य जितना लंबा होगा उसका

बिग भी उतना ही अधिक होगा और यह अधिक दूरी पर गति कर पाएगा इसी प्रकार जो बैगनी रंग है उसका तरंग धैर्य बहुत ही छोटा होता है क्योंकि उसका प्रॉपर तनांग अधिक होते हैं इस कारण अपने मार्ग से भी अधिक विचलित होती है या मुड़ जाती है तो इस प्रकार किसी प्रकार का किसी विरल माध्यम से सघन माध्यम में जैसे जाती है तो वह अपने साथ अलग-अलग रंगों में विभक्त हो जाती है तो इस प्रकार से प्रकाश का सात रंगों में विभक्त होना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण चलाता है और इन सात रंगों का एक समूह में स्पेक्ट्रम के रूप में प्राप्त होते हैं धन्यवाद

Contents

  • 1 Chromatic aberration, Light Beam and Spectrum
  • 2 वर्णक्रम अथवा स्पेक्ट्रम
  • 3 वर्ण-विक्षेपण
  • 4 प्रकाश-किरण और वर्ण-विक्षेपण

Chromatic aberration, Light Beam and Spectrum

वर्णक्रम अथवा स्पेक्ट्रम

जब कोई प्रकाश-किरण प्रिज्म में से गुजरती है, तो वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। यदि किरण सूर्य के श्वेत प्रकाश की है, तो झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित भी हो जाती है। इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूह को ‘वर्णक्रम अथवा स्पेक्ट्रम” (Spectrum) कहते हैं,

जब सूर्य के प्रकाश को प्रिज्म के भीतर से गुजारा जाता है, तो हमें श्वेत निर्गत प्रकाश के स्थान पर रंगीन प्रकाश की पट्टी (Bond) प्राप्त होती है। रंगीन प्रकाश की पट्टी को ‘स्पेक्ट्रम’ कहते हैं और इसमें रंग लाल (R). नारंगी (O), पीला (Y), हरा (G), नीला (B), जामुनी (D और बैंगनी (V) रंग के होते हैं।

वर्ण-विक्षेपण

श्वेत प्रकाश के अपने अवयवी (Component) रंगों में विभक्त होने की क्रिया को ‘वर्ण-विक्षेपण’ कहते हैं।

किसी पारदर्शी पदार्थ, जैसे कांच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। यह लाल प्रकाश के लिए सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश के लिए सबसे अधिक होता है।

प्रकाश-किरण और वर्ण-विक्षेपण

प्रकाश-किरण कांच के प्रिज्म में से गुजरती है, तो वह अपने प्रारम्भिक मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। प्रकाश-किरण में उत्पन्न यह विचलन कांच के अपवर्तनांक पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक जितना अधिक होगा, प्रकाश-किरण का विचलन भी उतना ही अधिक होगा। अत: यदि प्रिज्म में से गुजरने वाली किरण श्वेत प्रकाश की है तब इस प्रकाश में उपस्थित भिन्न-भिन्न रंगों की किरणों में विचलन भिन्न-भिन्न होगा। कांच का अपवर्तनांक लाल प्रकाश के लिए सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश के लिए सबसे अधिक है। अत: लाल प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे कम झुकेगी तथा बैंगनी प्रकाश की किरण सबसे अधिक झुकेगी। इस प्रकार श्वेत प्रकाश का प्रिज्म में गुजरने पर वर्ण-विक्षेपण हो जाएगा।

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है स्पेक्ट्रम कैसे बनता है?

प्रिज्म द्वारा विभिन्न वर्णों (रंगों) के अलग-अलग विचलन का कारण यह है कि विभिन्न वर्गों (विभिन्न तरंगदैर्ध्या) का प्रकाश काँच के विभिन्न चाल में चलता है। Step by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams.

प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं?

जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है, तो वह अपवर्तन के पश्चात प्रिज्म के आधार की ओर झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों के प्रकाश में बँट जाता है। इस प्रकाश से प्राप्त रंगों के समूह को वर्णक्रम कहते है तथा श्वेत प्रकाश को अपने अवयवी रंगों में विभक्त होने की क्रिया को वर्ण विक्षेपण कहते हैं

स्पेक्ट्रम कैसे बनता है?

Answer. Answer: वस्तुत: ऐतिहासिक रूप से दृष्य प्रकाश का किसी प्रिज्म से गुजरने पर अलग-अलग आवृत्तियों का अलग-अलग रास्ते पर जाना ही स्पेक्ट्रोस्कोपी कहलाता था। किसी राशि का आवृत्ति के फलन के रूप में आलेख (प्लॉट) वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) कहलाता है।

प्रकाश वर्ण क्या है?

Solution : प्रकाश का वर्ण विक्षेपण-प्रिज्म के भीतर से गुजरने पर श्वेत या सूर्य के प्रकाश के अपने विभिन्न अवयवों में विभाजन को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।