ज़ोर से चिल्लाने वाले तुम अब चुप क्यों हो रेखांकित पदबंध का भेद है? - zor se chillaane vaale tum ab chup kyon ho rekhaankit padabandh ka bhed hai?

शब्द- 

भाषा की सबसे छॊटी इकाई वर्ण हैं । वर्णों के मेल से सार्थक या निरर्थक शब्द बनते हैं। भाषा में सार्थक शब्दों का ही महत्त्व है । अत: सरल शब्दों में —

वर्णों के स्वतंत्र व सार्थक मेल को ही शब्द कहते है।
जैसे- कमल, फूल, तालाब, पेड़ , चिड़िया, आकाश, खिलना, बहुत आदि।

पद-

व्याकरणिक नियमों में बंधकर जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है तब वह पद बन जाता है।
जैसे- “गुलाब का फूल बहुत सुंदर है। ” इस वाक्य में प्रत्येक शब्द एक पद है क्योंकि वह एक व्याकरणीय नियम के अनुसार वाक्य में जुड़ा है । प्रत्येक शब्द का वाक्य में एक विशेष ्स्थान है जो कि अधिकांशतः अपरिवर्तनीय होता है ।

स्पष्ट है कि वाक्य की रचना अनेक पदों के मेल से होती है ।

जब किसी शब्द का वाक्य में व्याकरणिक नियमों के अनुसार प्रयोग किया जाता है तब वह पद बन जाता है।

अर्थात शब्द वाक्य में संज्ञा पद , सर्वनाम पद, विशेषण पद, क्रिया पद, क्रिया विशेषण पद के तरह जुड़े होते हैं । कई बार कुछ शब्दों का समूह मिलकर किसी विशेष पद का कार्य करते हैं। जैसे – बगीचे में खिलने वाला गुलाब का फ़ूल बहुत सुँदर है ।

यहाँ पर रेखांकित वाक्यांश संज्ञा पद की तरह कार्य कर रहा है ।

दरवाजे पर कोई खड़ा है ।

उपरोक्त वाक्य में रेखांकित वाक्यांश सर्वनाम पद की तरह कार्य कर रहा है ।

ऐसे वाक्यांश जो मिलकर किसी एक पद विशेष का कार्य कर रहे होते हैं , पदबंध कहलाते हैं।

एक से अधिक पद मिलकर जब एक इकाई का काम करते है तो वे पदबंध कहलाते है।

“वाक्य के उस भाग को, जिसमें एक से अधिक पद परस्पर संबद्ध हो कर अर्थ तो देते हैं ,किंतु पूरा अर्थ नहीं देते , पदबंध या वाक्यांश कहते हैं ।”

डॉ हरदेव बाहरी

हिंदी भाषा में पदबंध के अध्ययन का प्रचलन अंग्रेजी भाषा के फ्रेज़ (Phrase) के अनुवाद के रूप में किया गया है । इससे पूर्व पदबंध का स्वतंत्र अध्ययन हिंदी व्याकरण में प्रचलित नहीं था । उपरोक्त जानकारी से आपको पदबंध का सामान्य परिचय हो चुका होगा। अब पदबंध की विशेषताएँ पढ़िए ।

पदबंध की विशेषताएँ-

पदबंध की पहचान के लिए कुछ बातों का ध्यान देना अति आवश्यक है-

  1. पदबंध वाक्य का एक अंश है अर्थात् वाक्यांश है इसलिए पदबंध को पूरा वाक्य समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
  2. पदबंध में प्रयुक्त सभी पदों का एक भाषिक इकाई (a single unit)के रूप में प्रयोग होता है ।
  3. पदबंध में एक से अधिक पद होते है और ये सभी पद आपस में बंधकर एक इकाई का काम करते है इसीलिए ये पदबंध कहलाते है।
  4. प्रत्येक पदबंध में एक मुख्यपद या शीर्षपद होता है और बाकी पद उस मुख्य पद पर आश्रित होते है।
  5. पदबंध की पहचान इस मुख्य पद या शीर्ष पद के आधार पर करनी चाहिए ।
  6. पदबंध में शब्दों का क्रम सुनिश्चित होता है ।
  7. पदबंध एक वाक्यांश है , जो वाक्य का कुछ अर्थ तो बताता है किंतु संपूर्ण अर्थ नहीं।
  8. मुहावरे भी वाक्यांश होते हैं , अतः मुहावरे भी पदबंध होते हैं , किंतु सभी पदबंध मुहावरे नहीं होते ।
  9. समस्त पदों के विग्रह भी पदबंध होते है । यथा- राजा का पुत्र, चक्रधारण करने वाला।
  10. पदबंध चुंकि वाक्यांश होते हैं इसलिए वे किसी वाक्यांश का हिस्सा होते हैं , वे वाक्य के बिना स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त नहीं होते।
  11. किसी पद के स्थान पर पदबंध का प्रयोग हो सकता है । यथा – “चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर राम अयोध्या के राजा बने । ” यहाँ पर राम एक पद है । चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर दशरथनंदन राम अयोध्या के राजा बने । ” यहाँ पर राम एक पदबंध है ।पद की जगह पदबंध प्रयुक्त किया गया है ।
  12. पदबंध पद से अधिक बड़ा और शब्दों का समूह है । अत: इसके अर्थ में पद से अधिक स्पष्टता और निश्चितता होती है ।

पदबंध के भेद

पदबंध 5 प्रकारकेहोते हैं

1. संज्ञा पदबंध –

वाक्य में संज्ञा -पद की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध संज्ञा पदबंध कहलाता है। उदाहरणार्थ –

(1) सामने के मकान में रहने वाला आदमी आज देहरादून चला गया।
(2) स्वागत के लिए आए हुए लोगों से घिरे हुए भगवान राम ने अयोध्या नगरी में प्रवेश किया।
(3) पास के घर में रहने वाला व्यक्ति मेरा भाई है।
(4) देश के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति देशभक्त होता है।
(5) दशरथ पुत्र राम ने रावण को मार डाला।
(6) वह कमजोर और बूढ़ा सा दिखने वाला आदमी राधा का पिता है।

2. सर्वनाम पदबंध –

वाक्य में सर्वनाम पद का कार्य करने वाले पदबंध ’सर्वनाम’ पदबंध कहलाते हैं।
(1) शेर की तरह दहाड़ने वाले तुम काँप क्यों रहे हो ?
(2) बड़ी शेखियाँ बघारने वाला वह आज मुँह की खाए बैठा है।
(3) है यहाँ ऐसा कोई ? जो इस साँप को पकड़ ले।
(4) तकदीर का मारा मैं दर -दर भटक रहा था?
(5) चोट खाए हुए साँप की तरह वह क्रोध से फुफ़कार उठी ।

3. विशेषण पदबंध –

जो पदबंध संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं उन्हें विशेषण पदबंध कहा जाता है। विशेषण पदबंध में एक पदबंध शीर्ष पद पर स्थित होता है तथा शेष पद प्रविशेषण बनकर प्रयुक्त हो सकते हैं। जैसे – राहुल द्रविड़ बहुत अच्छा खिलाड़ीहै। यहाँ ’बहुत अच्छा’ विशेषण पदबंध है क्योंकि यह खिलाङी की विशेषता प्रकट करता है। ’अच्छा’ शीर्ष पद है तथा ’बहुत’ प्रविशेषण ’अच्छा’ की विशेषता प्रकट कर रहा है। कभी -कभी दो विशेषण पद और, एवम, तथा आदि योजक शब्दों से जुड़कर भी विशेषण पदबंध बनाते हैं ।

उदाहरण

(1)मोहन का पुत्र सुँदर और आज्ञाकारी है ।
(2) जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम अब चुप क्यों हो?
(3) सिर्फ़ खयाली पुलाव बनाने वाले लोग असफल होते हैं।
(4) वह लड़का बहुत कामचोर है ।
(5) सस्ता खरीदा हुआ कपड़ा नहीं चलता।

नोट – उद्देश्य विशेषण पदबंध संज्ञा पदबंध या सर्वनाम पदबंध के ही अंग होते हैं।

जैसे-

सस्ता खरीदा हुआ कपड़ा (संज्ञा पदबंध)
सस्ता खरीदा हुआ कपड़ा (विशेषण पदबंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम (सर्वनाम पदबंध)
जोर-जोर से चिल्लाने वाले तुम (विशेषण पदबंध)

विधेय विशेषण पदबंध अवश्य ही स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त होते हैं।

जैसे –

(1) मोहन सबसे अधिक परिश्रमी छात्र है।
(2) यह लड़का परिश्रमी, प्रतिभावान तथा गुणवान हैं।

4. क्रिया पदबंध –

एक से अधिक क्रिया-पद मिलकर जहाँ क्रिया का कार्य समाप्त करते हैं, वहाँ क्रिया पदबंध होता है।
जैसे – ’मुझे सुनाई पड़ रहा है।’
यहाँ ’सुनाई पड़ रहा है’ पदबंध ’क्रिया पदबंध’ का कार्य कर रहा है।
अतः क्रिया पदबंध है।

उदाहरण

(1) वह लिख सकता है ।
(2) विद्यार्थी पढ़कर सो गए हैं
(3) आज चाँद पूरा दिखाई दे रहा है।
(4) नाव पानी में डूबती चली गई।
(5)रमेश खाना खा कर सो गया होगा।

क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया शीर्ष पद पर होती है। शेष पद जैसे – रंजक क्रिया, समापिका क्रिया तथा संयोजी क्रिया उस पर आश्रित होते है। क्रिया विशेषण भी मुख्य क्रिया का आश्रित बनकर प्रयोग होता है। अतः क्रिया पर आधारित होता है।

जैसे-
(1) राधिका नाचती है
(2) मैं चल सकती हूँ
(3) बच्चा खेलकर थक गया।
(4) अब तो पहाड़ पर चढ़ा ही नहीं जाता ।
(5) देखो, कहीं गिर न जाओ।

5. क्रियाविशेषण /अव्यय पदबंध –

’’क्रिया विशेषण के स्थान पर प्रयोग होने वाले एकाधिक पदों का समूह क्रिया विशेषण पदबंध कहलाता है।’’
जैसे – सोहन बहुत धीरे-धीरे बोलता है। यहाँ बहुत धीरे-धीरे क्रिया विशेषण पदबंध है क्योंकि यह बोलना क्रिया की विशेषता बतलाता है। इसमें धीरे-धीरे क्रिया विशेषण शीर्ष पद है तथा बहुत आश्रित पद है।

(1) आज गर्मी बहुत अधिक है।
(2) तुम्हारे जाने के बाद वह बहुत देर तक रोती रही।
(3) श्याम पहले की अपेक्षा बहुत तेज दौड़ा ।

पदबंध जो एक अव्यय पद की तरह कार्य करते हैं , वे अव्यय पदबंध कहलाते हैं ।

उदाहरण

(1) वह बहुत देर तक तुम्हारी प्रतीक्षा करती रही ।
(2) रेलवे मार्ग के चारों ओर प्रकाश का प्रबंध है।
(3) कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।
(5) वह चारों तरफ़ देखता हुआ धीरे-धीरे दुकानदार के पास पहुँचा।

पदबंध और उपवाक्य में भिन्नता –

उपवाक्य भी पदबंध के समान पदों का समूह है लेकिन पदबंध में अपूर्ण भाव ही प्रकट होता है।अर्थात पदबंध में पूरा भाव प्रकट नहीं होता हैं।इसमें उद्देश्य-विधेय आदि नहीं होते यानी वाक्य के सभी अंग नहीं होते हैं।उपवाक्य में आंशिक भाव प्रकट होता है।इसमें उद्देश्य एवं विधेय दोनों होते हैं।पदबंध में क्रिया होना आवश्यक नहीं है , जबकि उपवाक्य में क्रिया रहती है।

उदाहरण- बहुत देर तक तुम्हारी प्रतीक्षा करती रही । इस वाक्य बहुत देर तक पदबंध है।

 वह लड़का चला गया जिसने लाल स्कार्फ़ पहना हुआ था। ”

उपरोक्त वाक्य में ‘ वह लड़का चला गया ‘ प्रधान वाक्य है।

”  जिसने लाल स्कार्फ़ पहना हुआ था। ” आश्रित उपवाक्य है। 

चुप रहने वाले तुम गड़बड़ क्यों रहे हो चुप रहने वाले तुम वाक्यांश में पदबंध है?

क्रिया पदबंध है। ।

चुप रहने वाले तुम बड़बड़ा क्यों रहे हो?

स) निम्नलिखित में से कौन-सा रेखांकित पदबंध संज्ञा पदबंध है :(1) (गंदे कपड़ों वाला )मजदूर चिल्लाने लगा। (2) (चुप रहने वाले तुम) बड़बड़ा क्यों रहे हो ? (3) (भूरी आँखों वाली लड़की) सुंदर लग रही है । (4) नैना (पढ़कर सो गई है)।

विशेषण पदबंध का उचित उदाहरण कौन सा है?

(ञ) जो छात्र परिश्रम करते हैं वे ही सफल होते हैं। 3. विशेषण पदबंध - विशेषण का कार्य करने वाले पदों को विशेषण पदबंध कहते हैं। यहाँ काले मोटे अक्षरों वाले पद विशेषण पदबंध हैं।

पदबंध किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं?

Padbandh in Hindi Grammar. परिभाषा – वाक्य में जब एक से अधिक पद मिलकर एक व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं तब उस बंधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि वाक्य का वह सार्थक अंश, जिसमें समापिका क्रिया न हो, पदबंध कहलाता है। पदबंध को वाक्यांश भी कहा जाता है।