मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से Show नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ छह वर्ष के पश्चात् ग्यारह या बारह वर्ष की शिक्षा को 'प्रारंभिक शिक्षा (प्राइमरी एजूकेशन या एलीमेंटरी एजुकेशन) या बालशिक्षा (चाइल्ड एजुकेशन) कहते हैं। संसार के सभी प्रगतिशील देशों में प्रारंभिक शिक्षा अनिवार्य है। अत: कहीं छह वर्ष के पश्चात् और कहीं सात वर्ष से प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षा आरंभ की जाती है जो प्राय: पाँच वर्षों तक चलती है। तत्पश्चात् बच्चे माध्यमिक शिक्षा में प्रविष्ट होते हैं। इसके पहले के शिक्षा के स्तर को शिशुशिक्षा कहते हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
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प्रारंभिक शिक्षा से क्या आशय प्रारंभिक शिक्षा की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए?प्रारंभिक शिक्षा शैक्षिक सेवा है जो छह साल से कम उम्र के लड़कियों और लड़कों को रचनात्मक, शैक्षिक और भावनात्मक अनुभवों से समृद्ध वातावरण में उनके अभिन्न और सामंजस्यपूर्ण विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है, जो उन्हें कौशल, आदतों, मूल्यों को प्राप्त करने की अनुमति देगा। , साथ ही साथ …
प्रारम्भिक शिक्षा से क्या आशय है?छह वर्ष के पश्चात् ग्यारह या बारह वर्ष की शिक्षा को 'प्रारंभिक शिक्षा (प्राइमरी एजूकेशन या एलीमेंटरी एजुकेशन) या बालशिक्षा (चाइल्ड एजुकेशन) कहते हैं। संसार के सभी प्रगतिशील देशों में प्रारंभिक शिक्षा अनिवार्य है।
प्रारंभिक शिक्षा की आवश्यकता क्या है?प्राथमिक शिक्षा विकासशील देशों के विकास में अहम भूमिका निभाती है। प्राथमिक शिक्षा बालक की भौतिक, मानसिक, सामाजिक, भावात्मक, नैतिक आवश्यकताओं को पूरा करके उसके व्यक्तित्व का विकास करती है। यह शिक्ष बालकों में नैतिक गुणों को उत्पन्न करती है तथा देश प्रेम की भावना जाग्रत करती है।
पूर्व प्राथमिक शिक्षा क्या है इसके महत्व और आवश्यकता की व्याख्या करें?पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्राप्त बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा सरलता से सीख पाते हैं। उनकी शैक्षणिक उपलब्धि बढ़ जाती है तथा फेल होने की संभावना न के बरावर होती है। पूर्व प्राथमिक शिक्षा 4-6 वर्ष के बच्चों की शिक्षा के प्रति अभिभावकों और समुदाय को जागरूक बनाती है।
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