पर्वतीय क्षेत्र में कौन कौन रहते हैं? - parvateey kshetr mein kaun kaun rahate hain?

निम्नलिखित में से कौन-से विशिष्ट लक्षण पर्वतीय क्षेत्र के वृक्षों के हैं?(A) तिरछी शाखाएँ(B) सुईनुमा पत्तियाँ(C) मोमी, मोटा तना(D) लम्बी गहरी जड़ें

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CTET Paper 2 Maths & Science 1st Jan 2022 (English-Hindi)

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  1. तथा B
  2. B तथा C
  3. C तथा D
  4. A तथा C

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तथा B

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CTET Paper 1 - 16th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)

150 Questions 150 Marks 150 Mins

अवधारणा:

  • अनुकूलन विशिष्ट विशेषताओं और आदतों की उपस्थिति को संदर्भित करता है जो एक पौधे या जानवर को एक विशेष आवास और उसकी भौगोलिक परिस्थितियों में रहने में सक्षम बनाता है।
  • अनुकूलन, दीर्घकालिक क्रमिक और सतत प्रक्रिया है। 
  • आवास उस परिवेश को संदर्भित करता है जहां पौधे और जानवर रहते हैं।
  • पौधे या पेड़ अपने वातावरण में जीवित रहते हैं जैसे पानी के भीतर, रेगिस्तान में, घास के मैदान में, पर्वत श्रृंखला पर आदि 
  • उदाहरण के लिए समुद्री शैवाल पानी के नीचे के वातावरण के लिए अनुकूलित  पौधा है, नागफनी, रेगिस्तानी वातावरण के लिए अनुकूलित है, शंकुधारी पौधे बर्फीले वातावरण के लिए अनुकूलित होते हैं, आदि।

व्याख्या:

  • पर्वत श्रृंखला में पेड़ों की विशेषता विशेषताएं :
    • पौधे या पेड़ जैसे कि चीड़, देवदार, स्प्रूस आदि पहाड़ी वातावरण के लिए अनुकूलित होते हैं।
    • ये पेड़ ऊँचे होते हैं। सीधे और शंकु के आकार के होते हैं।
    • इनमें ढलान वाली शाखाएं हैं ताकि बर्फ आसानी से शाखाओं और पत्तियों को नुकसान पहुंचाए बिना नीचे फिसल जाए।
    • पत्तियां सुईनुमा आकार की होती हैं, जिस पर मोम जैसी परत होती है।
    • पेड़ों में मोटी छाल होती है जो पेड़ को ठंड से बचाती है।
  • जबकि मरुस्थलीय पौधे के तने पर मोम जैसी परत होता है जो पानी को बनाए रखने में मदद करती है और साथ ही पानी को अवशोषित करने के लिए जड़ों को लंबे समय तक भेदने में मदद करती है।

इसलिए, उपरोक्त चर्चा से हम कह सकते हैं कि सही उत्तरA तथा B है।

    Last updated on Dec 28, 2022

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    Wildlife & Biodiversity

    एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्वत दुनिया के 85 फीसदी से अधिक प्रजातियों का घर हैं, कई प्रजातियां ऐसी है जो केवल पहाड़ों में ही पाई जाती हैं।

    By Dayanidhi
    Published: Friday 13 September 2019

    पर्वतीय क्षेत्र में कौन कौन रहते हैं? - parvateey kshetr mein kaun kaun rahate hain?
    Photo: GettyImages

    पृथ्वी पर अलग-अलग तरह के जीव रहते हैं, जो जैव विविधता के अद्भुत भौगोलिक पैटर्न को प्रदर्शित करते हैं। पर्वतीय क्षेत्र, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय इलाकों में निराली और चौंका देने वाली विविधता आकर्षण के केंद्र होते हैं।  हालांकि, पर्वतीय क्षेत्र पृथ्वी के केवल 25 फीसदी भू-भाग को ही कवर करते हैं। पर्वत दुनिया की उभयचरों, पक्षियों और स्तनधारियों की 85 फीसदी  से अधिक प्रजातियों का घर हैं, और इनमें से कई प्रजातियां केवल पहाड़ों में ही पाई जाती हैं। पहाड़ों पर पाई जाने वाली उच्चस्तरीय जैव विविधता परिकल्पनाओं से भी बाहर है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

    साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर कार्स्टन राहबेक कहते हैं कि पहाड़ों पर बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं, और हम इन सभी जैव विविधता के वैश्विक हॉटस्पॉट के बारे में जानने और इन्हें स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।

    पहाड़ों में इतनी जैव विविधता क्यों हैं, इस सवाल का हल ढूंढ़ने के लिए कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के ग्लोब इंस्टीट्यूट में सेंटर फॉर मैक्रोइकोलॉजी, इवोल्यूशन एंड क्लाइमेट (सीएमईसी) के वैज्ञानिकों ने मैक्रोकोलॉजी, विकासवादी जीव विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और भूविज्ञान को समझकर उनके असमान क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

    अध्ययन से पता चला कि विषम उष्णकटिबंधीय पर्वतीय क्षेत्रों की जलवायु समीपवर्ती तराई क्षेत्रों की तुलना में काफी अलग और जटिल होती है। विशिष्ट रूप से विषम पर्वतीय जलवायु सबसे अधिक विविधता को उत्पन्न करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

    सह-अध्ययनकर्ता माइकल के. बोरेगार्ड कहते हैं कि लोग अक्सर पहाड़ की जलवायु को कठोर मानते हैं, लेकिन दुनिया में सबसे अधिक प्रजातियां पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं, उत्तरी एंडीज का उदाहरण लिया जाए तो इस छोटे से क्षेत्र में दुनिया की लगभग आधी जलवायु के प्रकार पाए जाते हैं। जो कि अमेजन से अधिक हैं, जबकि अमेजन इस क्षेत्र से 12 गुना अधिक बड़ा है।

    पहाड़ की जलवायु की एक और अनूठी विशेषता बताते हुए माइकल कहते हैं कि उष्णकटिबंधीय पर्वत, उपजाऊ और गीली भूमध्यरेखीय तराई क्षेत्रों में स्थित हैं और ये आर्कटिक की तरह विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में फैले हुए हैं। कुछ पर्वतों मे पाई जाने वाली उच्च जैव विविधता का एक अन्य हिस्सा पहाड़ के निर्माण और भूगर्भीय गतिशीलता (जियोलाजिकल डायनामिक्स ) से जुड़ा हुआ है। भूमि के अंदर होने वाली प्रक्रियाएं, समयानुसार जटिल जलवायु परिवर्तनों के साथ परस्पर प्रभाव डालती हैं और विकास-क्रम को आगे बढ़ाती हैं। 

    जैव विविधता के वैश्विक पैटर्न से पता चलता है कि पहाड़ों में प्राचीन प्रजातियां लगातार रहती आ रही हैं, पहाड़ों का वातावरण उन्हें जीवन जीने का मौका देते रहे हैं। तराई क्षेत्रों की तुलना में, यहां नई प्रजातियां बहुत अधिक तेजी से उत्पन्न हुई हैं। अध्ययन में कहा गया है कि पहाड़ की समृद्धि भूविज्ञान और जीव विज्ञान के बीच में निहित हो सकती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि उच्च विविधता अधिकांश उष्णकटिबंधीय पहाड़ों में भूविज्ञान से जुड़ी हुई है। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों के साथ, जो कि प्राचीन समुद्री सतहों से जुड़ी है।

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    पर्वत दुनिया की उभयचरों, पक्षियों और स्तनधारियों की 85 फीसदी से अधिक प्रजातियों का घर हैं, और इनमें से कई प्रजातियां केवल पहाड़ों में ही पाई जाती हैं। पहाड़ों पर पाई जाने वाली उच्चस्तरीय जैव विविधता परिकल्पनाओं से भी बाहर है।

    पर्वतीय क्षेत्रों क्या है?

    जिनमें प्रमुख रूप से पर्वतीय भू-प्रदेश शामिल हैं। भारत के पर्वतीय क्षेत्रों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है (1) उत्तरी पर्वत जिसमें हिमालय तथा उत्तर-पूर्व की पर्वत शृंखलाएँ शामिल हैं। (2) केन्द्रीय उच्च भूमि- इस पर्वतीय भू-प्रदेश के पश्चिम में अरावली की पहाड़ियाँ हैं तथा दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़िया हैं।

    भारत के पर्वतीय क्षेत्र कौन कौन से हैं?

    Uttar Bharat Ka Parvatiya Kshetra | उत्तर भारत का पर्वतीय क्षेत्र.
    ट्रांस/ तिब्बत हिमालय.
    हिमालय पर्वत श्रेणी महान या वृहत हिमालय (आंतरिक/ हिमाद्री) मध्य हिमालय या लघु हिमालय (हिमाचल) शिवालिक हिमालय (बाह्य).
    पूर्वी हिमालय (पूर्वांचल की पहाड़ियाँ).
    हिमालय का प्रादेशिक वर्गीकरण पंजाब हिमालय कुमायूँ हिमालय ... .
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