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आंतों में टीबी होने पर पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता है, (image- Shutterstock)Intestinal Tuberculosis: आंतों की टीबी पाचन तंत्र के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है और ज्यादातर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित करती है.
Tuberculosis In Intestine: आतों की टीबी (Intestinal Tuberculosis) वैसे तो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन युवा और मध्यम आयु के लोगों में इसके संक्रमण की आंशका अधिक रहती है. इसके अलावा डाइबिटीज (Diabetes) और एचआईवी पॉजिटिव रोगियों में भी इसका संक्रमण जल्दी होता है. दैनिक जागरण में छपी ऑनली माई हेल्थ.डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक खाते ही उल्टी आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आंतों की टीबी के लक्षण हो सकते हैं. जानकार बताते हैं कि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टिरिया से दूषित खाने की चीजों और फेंफड़ों की टीबी के संक्रमण से आतों तक पहुंचने के कारण भी होती है. रिपोर्ट के अनुसार आंतों की टीबी पाचन तंत्र (Digestive Track) के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है और ज्यादातर ये छोटी और बड़ी आंत को प्रभावित करती है. आंतों की टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) और माइकोबैक्टीरियम बोविस (Mycobacterium bovis) के कारण होती है. यह भी पढ़ें- कोरोना काल और मॉनसून में इन्फेक्शन से खुद को बचाने के लिए कारगर हैं ये उपाय रिपोर्ट में लिखा है कि टीबी के अन्य संक्रमणों की तुलना में आंतों की टीबी के लक्षण कुछ कम दिखाई देते हैं. इसलिए कई बार इसका पता चलने में देरी हो जाती है. दरअसल, आंतों की टीबी वैसे तो आम टीबी की तरह ही है और इसका इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन इलाज में देरी से आंतें बुरी तरह खराब हो जाती है. शरीर का वजन कम होना हल्का बुखार रहना यह भी पढ़ें- आधी रात को उठकर खाते हैं ये 5 चीजें तो आज ही बदल लें ये आदत खान-पान की आदतों में बदलाव लगातार हल्का पेट दर्द पेट में ऐंठन का होना दस्त-उल्टी होना ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Health News, TB FIRST PUBLISHED : September 01, 2021, 09:53 IST
आंतों में भी हो सकती है टीबी:दस्त-बुखार करता है आंतों में टीबी होने का इशारा, ज्यादातर मरीजों में पानी की कमी हो जाती है; जानिए इससे कैसे निपटेंज्यादातर लोगों को लगता है, टीबी सिर्फ फेफड़ों में ही होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। टीबी आंतों में भी हो सकती है। आंतों की टीबी के ज्यादातर मामलों की वजह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम का बैक्टीरिया होता है। कुछ मामलों यह माइकोबैटीरियम बोविस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी होता है। आज वर्ल्ड टीबी-डे है, SMS हॉस्पिटल, जयपुर के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर महर्षि से जानिए क्या है आंतों की टीबी और इससे बचने का तरीका.... सबसे पहले जानिए, कब होता है आंतों में टीबी तीन तरह की होती है आंतों की टीबी
ये लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं जांच और इलाज डॉ. सुधीर कहते हैं, आंतों में टीबी के मरीज ज्यादातर दस्त से परेशान होते हैं। ऐसे में सबसे शरीर में लिक्विड और मिनरल्स की कमी पूरी करने के लिए ओआरएस घोल देते हैं। इसके बाद एंटीमाइक्रोबियल दवाएं दी जाती हैं ताकि बैटीरिया नष्ट हों और संक्रमण खत्म किया जा सके। ऐसे मरीज जो उल्टी के कारण दवाएं नहीं ले पाते उन्हें इंजेक्शन के जरिए दवाइयां दी जाती हैं। ऐसा हो खानपान: प्रोटीन वाली चीजें अधिक
लें आंतों की टीबी की जांच कैसे होती है?डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक खाते ही उल्टी आना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आंतों की टीबी के लक्षण हो सकते हैं. जानकार बताते हैं कि ये बीमारी संक्रमित थूक के संपर्क में आने, टीबी वाले बैक्टिरिया से दूषित खाने की चीजों और फेंफड़ों की टीबी के संक्रमण से आतों तक पहुंचने के कारण भी होती है.
आंतों में टीबी के क्या लक्षण है?आंतों में टीबी के लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. बेवजह वजन कम होना जिस व्यक्ति को आंतों में टीबी के संक्रमण की शिकायत होती है उसे खाना पचाने तक में दिक्कत होती है और उसकी पाचन क्रिया भी खराब हो जाती है। ... . हल्का बुखार ... . खाने की आदतों में करें बदलाव ... . लगातार पेट दर्द रहना ... . पेट में ऐंठन रहना. पेट की टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?अगर छोटी आंत (स्मॉल इंटेस्टाइन) में टीबी है तो एंडोस्कोपी में पता लगता है, वहीं बड़ी आंत, कोलन और रेक्टम का टीबी कोलोनोस्कोपी में पता लगता है। डायग्नोज़ होने के बाद स्टैण्डर्ड टीबी का इलाज चलता है जो 6 महीने से लेकर 12 महीने तक का हो सकता है।
पेट की टीबी में क्या होता है?यह रोग सामान्यत: टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित खाना खाने या फेफड़ों के टीबी की अवस्था मेंं मरीज द्वारा खुद का संक्रमित बलगम निगलने से होता है। इसमें आंतों में अल्सर की स्थिति बनती है। यह ६० प्रतिशत मरीजों मेंं पाई जाती है। आंतों की वॉल का मोटा व सख्त होने से रुकावट आना।
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