हिंदी न्यूज़ बिजनेसपैतृक संपत्ति को कानूनी तरीके से अपने नाम कराना जरूरी, पढ़ें इससे जुड़ी 7 खास बातें Show
विरासत में मिली संपत्ति को हम कानूनी रूप से अपने नाम तब तक दर्ज नहीं कराते, जब तक किसी विवाद की आशंका न हो। विशेषज्ञों के मुताबिक, अचल संपत्ति के मालिक की मृत्यु होने के बाद की कानूनी उत्तराधिकारियों...Pankajनई दिल्ली। हिटीWed, 16 Jan 2019 12:12 PM विरासत में मिली संपत्ति को हम कानूनी रूप से अपने नाम तब तक दर्ज नहीं कराते, जब तक किसी विवाद की आशंका न हो। विशेषज्ञों के मुताबिक, अचल संपत्ति के मालिक की मृत्यु होने के बाद की कानूनी उत्तराधिकारियों को इसे कानूनी रूप से अपने नाम कराना जरूरी है। यहां जानें इससे जुड़ी 7 खास बातें 1. संपत्ति हस्तांतरण की यह प्रक्रिया 2. संपत्ति अपने नाम ऐसे कराएं 3. वसीयत न होने पर समस्याएं ज्यादा 4. वसीयत न होने पर हलफनामा दें 5. दाखिल-खारिज भी कराना चाहिए 6. प्रापर्टी पर होम लोन है तो चुकाना
होगा 7. प्रापर्टी लीज पर है तो शर्तों का पालन जरूरी पैतृक संपत्ति को कानूनी तरीके से अपने नाम कराना जरूरी, 7 खास बातेंशेयर बायबैक की व्यवस्था होगी खत्म, निवेशकों पर कैसे पड़ेगा असर, समझेंदो IPO, ग्रे मार्केट में दोनों ही मुनाफे के ट्रैक पर, जानें रिस्पॉन्स2 दिन का रिटर्न 10%, दिसंबर में निवेशकों को मालामाल कर रहा ये स्टॉकIPO ने लिस्टिंग डे पर कराया था नुकसान, अब धड़ाधड़ चढ़ रहा शेयर20 मिनट में पिज्जा डिलीवर करेगी Domino's, 14 शहरों में होगी शुरुआत5 दिन में 50% चढ़े सरकारी खाद कंपनी के शेयर, 1 महीने में पैसा डबल₹912 का यह शेयर ₹145 में मिल रहा, अब शेयर बना रॉकेट, ये है वजहभारत के ड्रगमेकर्स पर नेपाल सख्त, रामदेव की कंपनी समेत 16 को किया बैनएयर इंडिया समेत 10 कंपनियों को बेचकर सरकार ने जुटाए ₹4.04 लाख करोड़भारत में पैतृक संपत्ति का दावा कौन कर सकता है?इसको लेकर किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में वह दीवानी न्यायालय में जा सकता है. वह इस संपत्ति का ठीक वैसे ही हकदार होता है जैसे पिता या दादा का अपने पूर्वजों से मिली पैतृक संपत्ति के हकदार होते हैं. वह संपत्ति जो अपने पूर्वजों से विरासत में मिलती है उसे पैतृक संपत्ति कहते हैं.
क्या बेटा भारत में पिता के जीवित होने पर पिता की संपत्ति का दावा कर सकता है?कानून के हिसाब से माता-पिता की खुद की कमाई संपत्ति पर उनके बेटे का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है। लेकिन वह अपना हिस्सा मांग सकता है अगर वह यह साबित कर दें कि उस संपत्ति को बनाने में उसका भी योगदान था। एक बेटे का अपने माता-पिता द्वारा खुद की कमाई गई संपत्ति में हिस्सा पाने का कोई अधिकार नहीं होता है।
जमीन का आपसी बटवारा कैसे करें?अगर परिवार के सदस्य आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा चाहते हैं, तो जिला प्रशासन भी उनकी मदद करते हुए बंटवारा कराएगा। इसके तहत एक खातेदार की जगह जमीन का बंटवारा कर अलग-अलग सह-खातेदारों के नाम पर ऋण पुस्तिका (बंदी) बनाई जाएगी। इसके लिए मात्र 11 रु. का शुल्क सरकार की ओर से तय किया गया है।
पैतृक संपत्ति से मिला हुआ क्या कहलाता है?- पिता, दादा या परदादा से मिली संपत्ति पैतृक संपत्ति कहलाती है। बच्चा जन्म के साथ ही पैतृक संपत्ति का अधिकारी हो जाता है। - खुद की कमाई से खड़ी की गई संपत्ति स्वर्जित संपत्ति कहलाती है। वहीं विरासत में मिली संपत्ति पैतृक संपत्ति कहलाती है।
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