डेस्क। आपने कई लोगो के हाथ में पीतल, तांबे या लोहे का कड़ा देखा होगा। कलाई में कड़ा पहनने का प्रचलन सदियों से रहा है। कड़ा पहनने के फायदे हैं प्राचीन समय से ही 'हाथ में कड़ा पहनने' का अपना एक अलग ही धार्मिक महत्व रहा है। हाथ में कड़ा पहनने का चलन बहुत पहले से है। सिख धर्म में कड़े को धारण करना आवश्यक है। कलाई में कड़ा पहनने का प्रचलन सदियों से रहा है। कड़ा पहनने के फायदे हैं लेकिन यदि इसे नियम से नहीं पहना जाए तो नुकसान भी है। आओ जानते हैं फायदे और नुकसान Show
हाथ में कड़ा पहनने के फायदे कुछ लोग तांबे का पहनते हैं ऐसा माना जाता हैं की तांबे का बना कड़ा रक्त की विषाक्तता को कम कर इसे शुद्ध करने का काम करता है। अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो आपको शनिवार के दिन अष्टधातु के बने कड़े को हनुमानजी के चरणों में रखकर सिंदूर से उसकी पूजा करनी चाहिए और फिर उसे धारण करना चाहिए। -कुछ लोग पीतल और तांबे का मिश्रित कड़ा पहनते हैं। ऐसी मान्यता है कि पीतल से गुरु, तांबे से मंगल और चांदी से चंद्र बलवान होता है।
-कड़ा हनुमानजी का प्रतीक है। पीतल और तांबा मिश्रित धातु का कड़ा पहनने से सभी तरह के भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है। -हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए। मंगलवार को अष्टधातु का कड़ा बनवाएं। इसके बाद शनिवार को वह कड़ा लेकर आएं। शनिवार को ही किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर कड़े को बजरंग बली के चरणों में रख दें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद कड़े में हनुमानजी का थोड़ा सिंदूर लगाकर बीमार व्यक्ति स्वयं सीधे हाथ में पहन लें। हाथ में कड़ा पहनने के नुकसान -धार्मिक कड़ा पहनने के नियम उसी तरह हैं जिस तरह की यज्ञोपवीत पहनने के नियम हैं। बहुत से लोग कड़ा पहनने के बाद किसी भी प्रकार का नशा करते हैं या अन्य कोई अनैतिक कार्य करते हैं तो इससे उसको नुकसान होगा। - लोहे का कड़ा, स्टील का कड़ा या जर्मन का कड़ा पहना है तो यह शनि का कड़ा माना जाएगा। इसके फायदे भी हैं और नुकसान भी। शनि कुंडली में कहीं भी होगा तो वह पराक्रम में माना जाएगा। पराक्रम में यदि पहले से चंद्र या शनि के शत्रु ग्रह है तो नुकसान होगा। -इसी तरह सोने का कड़ा सूर्य, तांबें का कड़ा मंगल का, चांदी का कड़ा चंद्र का और पीतल का कड़ा गुरु का होगा। अत: किसी ज्योतिष से पूछकर ही कड़ा पहने अन्यथा सूर्य और गुरु बुरे फल दे सकते हैं। ये खबर भी पढ़े: कई आप तो नहीं करते शरीर के इन 5 अंगों को बार-बार टच, जान ले वरना... जयपुर में प्लॉट मात्र 289/- प्रति sq. Feet में बुक करें 9314166166 Authored by Priyanka Pandey| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 29, 2022, 12:45 AM आपने अक्सर ही लोगों को हाथ में कड़ा पहने हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे यूं ही नहीं पहनना चाहिए। इसे पहनने के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं। कहा जाता है कि अगर इनका पालन करते हुए इसे धारण किया जाए तो यह किस्मत बदल देता है। आइए जानते हैं।
हाथ में पीतल का कड़ा पहनने से क्या होता है?पीतल और तांबा मिश्रित धातु का कड़ा पहनने से सभी तरह के भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है। 3. हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए।
पीतल का कड़ा पहनने से क्या फायदा है?10 फायदे :. पीतल से शरीर शक्तिशाली बनता है।. इससे गुरु, मंगल, बुध बलवान होता है।. इससे शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो दूर होता है।. चर्म रोग में भी यह लाभदायक है।. यह व्यक्ति को सेहतमंद बनाता है।. यह सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है।. इससे आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है।. यह मानसिक सुदृढ़ता प्रदान करता है।. पीतल का कड़ा कब पहनना चाहिए?मंगलवार के दिन ये कड़ा बनवाना चाहिए और शनिवार के दिन इस कड़े को खरीद कर हनुमान मंदिर में बजरंगबली के चरणों पर रखकर दें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके बाद कड़े में हनुमानजी का थोड़ा सिंदूर लगाकर बीमार व्यक्ति को पहना दें. पीतल से गुरु, तांबे से मंगल,और चांदी से चंद्र बलवान होता है.
स्टील का कड़ा पहनने से क्या होता है?यह रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। जो कि शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में कारगर साबित होता है। इसके अलावा कहते हैं कि इसे पहनने से कार्यक्षेत्र में आर्थिक लाभ तो होता ही है साथ ही कारोबार को भी विस्तार मिलता है।
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