पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता short answer - patr jaisa santosh phon ya esemes ka sandesh kyon nahin de sakata short answair

Solution : पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का सन्देश नहीं दे सकता, क्योंकि पत्रों का स्थायी अस्तित्व होता है। उन्हें पढ़ने के बाद सहेज कर रखा जा सकता है, जबकि फोन या एसएमएस का सन्देश केवल सुना जा सकता है। पत्र में भावनाओं की प्रधानता होती है। उसे बार-बार पढ़ा जा सकता है। उन्हें एकत्र करके पुस्तक रूप भी दिया जा सकता है, जबकि फोन या एसएमएस में ऐसा नहीं होता।

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पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता short answer - patr jaisa santosh phon ya esemes ka sandesh kyon nahin de sakata short answair

NCERT Class 8 Hindi Chapter wise Solutions

  • पाठ-01 ध्वनि
  • पाठ-02 लाख की चूड़ियाँ
  • पाठ-03 बस की यात्रा
  • पाठ-04 दीवानों की हस्ती
  • पाठ-05 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
  • पाठ-06 भगवान के डाकिए
  • पाठ-07 क्या निराश हुआ जाए
  • पाठ-08 यह सब से कठिन समय नहीं
  • पाठ-09 कबीर की साखियाँ
  • पाठ-10 कामचोर
  • पाठ-11 जब सिनेमा ने बोलना सिखा
  • पाठ-12 सुदामा चरित
  • पाठ-13 जहाँ पहिया है
  • पाठ-14 अकबरी लोटा
  • पाठ-15 सूरदास के पद
  • पाठ-16 पानी की कहानी
  • पाठ-17 बाज और साँप
  • पाठ-18 टोपी
1. पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

उत्तर:- पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश नहीं दे सकता क्योंकि फोन, एसएमएस द्वारा केवल कामकाजी बातों को संक्षिप्त रूप से व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों द्वारा हम अपने मनोभावों को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों से आत्मीयता झलकती है। इन्हें अनुसंधान का विषय भी बनाया जा सकता है। ये कई किताबों का आधार हैं। पत्र राजनीति,साहित्य तथा कला क्षेत्र में प्रगतिशील आंदोलन के कारण बन सकते हैं। यह क्षमता फोन या एसएमएस द्वारा दिए गए संदेश में नहीं।


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2. पत्र को खत, कागद, उत्तरम्‌, जाबू, लेख, कडिद, पाती, चिट्ठी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।

उत्तर:- 1. खत – उर्दू
2. कागद – कन्नड़
3. उत्तरम्‌ – तेलूगु
4. जाबू – तेलूगु
5. लेख – तेलूगु
6. कडिद – तमिल
7. पाती – हिन्दी
8. चिट्ठी – हिन्दी
9. पत्र – संस्कृत


3. पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए।

उत्तर:- पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए दुनिया के सभी देशों द्वारा पाठयक्रमों में पत्र लेखन का विषय शामिल किया गया। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का कार्यक्रम सन्‌ 1972 से शुरू किया गया।


4. पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।

उत्तर:- पत्र व्यक्ति की स्वयं की हस्तलिपि में होते हैं, जो कि प्रियजन को अधिक संवेदित करते हैं। हम जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में समेट कर रख सकते हैं जबकि एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा समय तक नहीं होती है। एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता है। पत्र देश, काल, समाज को जानने का साधन रहा है। दुनिया के तमाम संग्रहालयों में जानी-मानी हस्तियों के पत्रों का अनूठा संकलन भी है।


5. क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?

उत्तर:- पत्रों का चलन न कभी कम हुआ था, न कभी कम होगा। चिट्ठियों की जगह कोई नहीं ले सकता है। पत्र लेखन एक साहित्यिक कला है परन्तु फेक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल जैसे तकनीकी माध्यम केवल काम-काज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। आज ये आवश्यकताओं में आते हैं फिर भी ये पत्र का स्थान नहीं ले सकते हैं।


6. किसी के लिए बिना टिकट सादे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।

उत्तर:- बिना टिकट सादे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर पत्र को पाने वाले व्यक्ति को टिकट की धनराशि जुर्माने के रूप में देनी होगी।


7. पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?

उत्तर:- पिन कोड किसी खास क्षेत्र को संबोधित करता है कि यह पत्र किस राज्य के किस क्षेत्र का है। इसके साथ व्यक्ति का नाम और नंबर आदि भी लिखना पड़ता है।
पिन कोड का पूरा रूप है पोस्टल इंडेक्स नंबर। यह 6 अंको का होता है। हर एक का खास स्थानीय अर्थ होता है, जैसे – १ अंक राज्य, २ और ३ अंक उपक्षेत्र, अन्य अंक क्रमशः डाकघर आदि के होते है। इस प्रकार पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है।


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8. ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र ‘महात्मा गांधी-इंडिया’ पता लिखकर आते थे?

उत्तर:- महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र ‘महात्मा गांधी-इंडिया’ पता लिखकर आते थे क्योंकि महात्मा गांधी अपने समय के सर्वाधिक लोकप्रिय व प्रसिद्ध व्यक्ति थे। वे भारत गौरव थे। गाँधी जी देश के किस भाग में रह रहे हैं यह देशवासियो को पता रहता था। अत: उनको पत्र अवश्य मिल जाता था।


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भाषा की बात
9. किसी प्रयोजन विशेष से संबंधित शब्दों के साथ पत्र शब्द जोड़ने से कुछ नए शब्द बनते हैं, जैसे – प्रशस्ति पत्र, समाचार पत्र। आप भी पत्र के योग से बननेवाले दस शब्द लिखिए।

उत्तर:- 1. प्रार्थना पत्र
2. मासिक पत्र
3. छः मासिक पत्र
4. वार्षिक पत्र
5. दैनिक पत्र
6. साप्ताहिक पत्र
7. पाक्षिक पत्र
8. सरकारी पत्र
9. साहित्यिक पत्र
10. निमंत्रण पत्र


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10. ‘व्यापारिक’ शब्द व्यापार के साथ ‘इक’ प्रत्यय के योग से बना है। इक प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्दों को अपनी पाठ्यपुस्तक से खोजकर लिखिए।

उत्तर:- इक प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्द –
1. स्वाभाविक
2. साहित्यिक
3. व्यवसायिक
4. दैनिक
5. प्राकृतिक
6. जैविक
7. प्रारंभिक
8. पौराणिक
9. ऐतिहासिक
10.सांस्कृतिक


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11. दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं;जैसे – रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ + इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं – दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण।
ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं;जैसे – संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा = महात्मा।
इस प्रकार के कम-से-कम दस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका/शिक्षक को दिखाइए।

उत्तर:- 1. गुरूपदेश = गुरू + उपदेश (उ + उ)
2. संग्रहालय = संग्रह + आलय (अ + आ)
3. हिमालय = हिम + आलय (अ + आ)
4. भोजनालय = भोजन + आलय (अ + आ)
5. स्वेच्छा= सु + इच्छा( उ + इ)
6. अनुमति = अनु + मति (उ + अ)
7. रवीन्द्र = रवि + इंद्र (इ + इ)
8. विद्यालय = विद्या + आलय (आ + आ)
9. सूर्य + उदय = सूर्योदय (अ + उ)
10. सदा + एव = सदैव (आ + ए)

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पत्र जैसा संतोष भवन या SMS का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का सन्देश क्यों नहीं दे सकता? Solution : पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का सन्देश नहीं दे सकता, क्योंकि पत्रों का स्थायी अस्तित्व होता है। उन्हें पढ़ने के बाद सहेज कर रखा जा सकता है, जबकि फोन या एसएमएस का सन्देश केवल सुना जा सकता है। पत्र में भावनाओं की प्रधानता होती है।

पत्र धरोहर हो सकते हैं लेदकन एसएमएस क्यों नहीं तकम सनहत अपना उत्तर दीनजए?

Solution : पत्र धरोहर हो सकते हैं, पर एसएमएस नहीं। इसका कारण है कि पत्रों को हम संभाल कर रख सकते हैं। उपयोगी और शिक्षाप्रद पत्रों को हम पुस्तक के रूप में रख सकते हैं

पत्र और एस एम एस में क्या अंतर है?

सभी प्रकार के बैंकों की शाखाओं के बड़े नेटवर्क के माध्यम से अखिल भारतीय कवरेज। लाभार्थी के खाते में जमा होने पर एसएमएस / ई-मेल द्वारा धन-विप्रेषक को सकारात्मक पुष्टि। जमा अथवा लेनदेन की वापसी में देरी के लिए दंडात्मक ब्याज का प्रावधान। आरबीआई द्वारा बैंकों से कोई प्रभार नहीं लिया जाता है।

एस एम एस पत्र के समान क्या नहीं दे सकता है?

यह योजना 1 जनवरी 2006 से लागू है ।